हिन्दी निबंध: विकास की ओर बढ़ता हुआ भारत देश
पुरातन काल से ही हर अच्छे शासक की आकांक्षा रही है कि उनका साम्राज्य हमेशा विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता रहे। चाहे सिंधु घाटी
सभ्यता के शासक हों या फिर मिस्र, रोमन, यूनानी या मेसोपोटामिया सभ्यताओं की बात हो, सभी जगहों पर ऐसा देखा जा सकता है। उस दौर के बाद के वक्त में अकबर, कृष्णदेव राय, चंद्रगुप्त मौर्य, टीपू सुल्तान आदि राजाओं ने भी अपने साम्राज्य के बेहतर शासन के लिए अच्छी प्रशासनिक व्यवस्था लागू करने की कोशिश की। ये सभी शासक अपने साम्राज्य की समृद्धि के लिए प्रजा के सर्वांगीण सामाजिक-आर्थिक विकास की अहमियत को समझते थे। देश के वास्तविक विकास के लिए आज कई मॉडलों पर विचार किया जा रहा है। आज विकास को सिर्फ किसी देश के आर्थिक विकास के लिहाज से नहीं आंका जाता है, बल्कि इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और किसानों के कल्याण, कौशल विकास और युवाओं के लिए रोजगार के मौके जैसे मानकों को भी शामिल किया जाता है।
भारत सरकार भी देश के विकास को बढ़ावा देने की अपनी कोशिशों में पीछे नहीं है। देश में मौजूदा मंत्र फिलहाल समग्र विकास का है, ताकि विकास का फायदा सबसे गरीब लोगों तक पहुंच सके। इस मंत्र को सुनिश्चित करने के हिसाब से ही सरकार की नीतियां भी बनाई गई हैं। अर्थव्यवस्था से शुरुआत करते हुए सरकार ने जीएसटी और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार जैसे कदमों के जरिये कर ढांचे को तर्कसंगत बनाया है। जीएसटी देश में अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार है, जो देश में कर संग्रह का दायरा बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। कर सूचना नेटवर्क (टीआईएन), इलेक्ट्रॉनिक रिटर्न मंजूरी और एकीकरण प्रणाली (ईआरएसीएस) ई-सहयोग आदि ने प्रत्यक्ष कर प्रणाली को आसान बनाया है। दुनिया का डिजिटलीकरण हो रहा है। ऐसे में क्या भारत पीछे रह सकता है? बिजनेस प्रोसेस इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और डेटा एनालिटिक्स के जरिये विभिन्न सेक्टरों में डिजिटलतकनीक को तेजी से अपनाए जाने से सरकारी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने और इसे लागू करने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली, ई-मार्केटप्लेस, भीम ऐप के जरिये डिजिटल भुगतान संबंधी लेनदेन आदि के कारण नए इंटरफेस के जरिये सरकार की सक्रियता बढ़ रही है।
स्वच्छ भारत मिशन वास्तव में जन आंदोलन की शक्ल अख्तियार कर चुका है। सरकार के इस बेहद अहम व फ्लैगशिप कार्यक्रम को लेकर प्रतिक्रिया काफी जबरदस्त रही है। 2 अक्तूबर 2014 से अब तक 7.1 करोड़ घरों में शौचालयों का निर्माण हो चुका है। अक्तूबर 2014 में जहां गांवों में साफ-सफाई की पहुंच का आंकड़ा 39 फीसदी था, वहीं अब यह दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 83 फीसदी पर पहुंच चुका है।
स्वास्थ्य सेवाएं विकास का एक और अहम पहलू हैं। वाजिब कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाली दवाएं मिलना गरीबों के लिए चुनौती रही है। देश भर में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के मौजूद केंद्रों के जरिये इस चुनौती से निपटने की कोशिश की गई है।
कमजोरों की सुरक्षा करना सरकार के एजेंडे में बेहद अहम रहा है। इसकी शुरुआत लड़कियों को लेकर लोगों का नजरिया बदलने की कोशिश के साथ की गई है। इस संबंध में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और | जेंडर चैंपियन जैसे अभियान शुरू किए गए हैं। तकलीफ के दौर से गुजर रहीं महिलाओं और बच्चियों के लिए हेल्पलाइन बनाई। गई है। साथ ही, हिंसा की शिकार लड़कियों और औरतों के लिए पुनर्वास का इंतजाम किया जा रहा है। इन तमाम पहल के जरिये सरकार ने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि भारत में हर महिला और बच्चे भयमुक्त माहौल में रह सके और राष्ट्रीय विकास में योगदान करने की हसरत रखें।
देश के विकास के लिए गांवों का विकास बेहद अहम है। सरकार ने अपनी विभिन्न योजनाओं मसलन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि के जरिये किसानों के कल्याण और उनकी आमदनी को दोगुना करने जैसे मुद्दों को हल करने की कोशिश की है। साथ ही, इन योजनाओं के जरिये गांव और शहर के बीच खाई को भी पाटने का प्रयास किया गया है।
विकास कभी संयोगवश नहीं होता, यह लोगों के साथ मिलकर काम करने का नतीजा होता है। और भारत में लोग देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
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