संयुक्त एवं एकल परिवारों के मध्य अंतर

प्रश्न: यह इंगित किया गया है कि हाल के समय में, जहाँ शहरी क्षेत्रों में एकल परिवारों की आनुपातिक हिस्सेदारी में कमी आई है, वही ग्रामीण क्षेत्रों में यह बढ़ी है। इस प्रवृत्ति के पीछे उत्तरदायी कारणों का विश्लेषण कीजिए।

दृष्टिकोण

  • संयुक्त एवं एकल परिवारों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  • प्रश्न में दिए गए कथन के समर्थन में प्रासंगिक आँकड़ों का उल्लेख कीजिए।
  • शहरी क्षेत्रों में एकल परिवारों में गिरावट के कारणों का विस्तार से उल्लेख कीजिए।
  • ग्रामीण भारत में एकल परिवारों में वृद्धि के कारणों का विस्तार से उल्लेख कीजिए।

उत्तर

एकल परिवारों का आशय एक विवाहित दम्पति या अकेले अथवा अविवाहित बच्चों के साथ रहने वाले एक पुरुष अथवा एक महिला से है। वहीं संयुक्त परिवार एक विस्तृत बहु-पीढ़ी वाली इकाई है जिसमें माता-पिता, बच्चे, बच्चों के पति/पत्नी तथा उनकी संतानें भी शामिल होती हैं।

वर्ष 2001 और 2011 की जनगणना के आंकड़ों की तुलना में परिवारों के विभाजन के प्रतिशत के संदर्भ में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि शहरी क्षेत्रों में एकल परिवारों के प्रतिशत में गिरावट आई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत इसमें वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में संयुक्त परिवारों के प्रतिशत में तीव्रता से गिरावट दर्ज की गई है।

यह तीव्र शहरीकरण के साथ एकल परिवारों में वृद्धि की सामान्य अवधारणा के साथ असंगत है। एकल परिवारों में गिरावट तथा शहरी क्षेत्रों में संयुक्त परिवारों में वृद्धि के कारण निम्नलिखित हैं:

  • प्रवास में वृद्धि की चुनौती के कारण आवास का अभाव, विशेषतः श्रमिकों को एक साथ रहने के लिए बाध्य करता है।
  • शहरी जीवन शैली के व्यय में वृद्धि।
  • महिलाओं द्वारा नौकरी/रोजगार प्राप्त करने के परिणामस्वरूप बच्चों की देखभाल करने के लिए दम्पति का माता-पिता के साथ रहना।
  • वृद्धजनों की सुभेद्यता तथा बच्चों के समाजीकरण में उनका योगदान।
  • जीवन प्रत्याशा में वृद्धि होना।

ग्रामीण क्षेत्रों में एकल परिवारों में वृद्धि तथा संयुक्त परिवारों में गिरावट के कारण:

  • विखंडित भू-जोतें।
  • नौकरियों की तलाश में बाह्य प्रवास।
  • समाजशास्त्रियों का तर्क है कि मानव समाजीकरण प्रक्रिया सामान्यतः शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तृत होती है एवं परिवारों के एकल होने की प्रक्रिया (nuclearization) भी यही प्रवृत्ति प्रदर्शित करती है।

अतः यह कहा जा सकता है कि रोजगार, सुविधाएं, प्रवास, रहन-सहन की लागत एवं जीवनशैली विकल्पों की समकालीन वास्तविकताओं की अंतःक्रिया इस बात का निर्धारण करती है कि परिवारों का रहन-सहन तथा गठन किस प्रकार का होना चाहिए।

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