सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ : आयुष्मान भारत योजना का महत्त्व और चुनौती

प्रश्न: सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज़ एक सार्थक लक्ष्य है, यद्यपि भारत जैसे देश में इस लक्ष्य को प्राप्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। विश्लेषण कीजिए। इस सन्दर्भ में आयुष्मान भारत योजना के महत्त्व की चर्चा कीजिए।

दृष्टिकोण

  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) का संक्षिप्त विवरण देते हुए उत्तर आरंभ कीजिए। 
  • सार्वभौमिक कवरेज (UHC) के महत्व पर संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
  • भारत के संदर्भ में इसे प्राप्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। प्रकाश डालिए।
  • आयुष्मान भारत योजना किस प्रकार सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा।
  • आगे की राह बताते हुए उत्तर समाप्त कीजिए।

उत्तर

WHO के अनुसार,सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) से तात्पर्य है सभी लोग एवं समुदाय अपनी आवश्यकतानुसार प्रचारक, निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वास और उपशामक स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही इन सेवाओं को प्रभावी होने के लिए पर्याप्त रूप से गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ता को इन सेवाओं का उपयोग करते समय वित्तीय कठिनाई का सामना ना करना पड़े।

ब्राजील, मैक्सिको, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे कई विकासशील देशों के अतिरिक्त कई विकसित देशों (अमेरिका को छोड़कर सभी OECD देशों सहित) ने पहले ही UHC के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है, और कुछ देश इसे प्राप्त करने के निकट है। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज उन सभी सामाजिक प्रणालियों को शामिल करता है, जिनके द्वारा चिकित्सा और गैर-चिकित्सा सेवाएं एवं चिकित्सा संबंधी अवसंरचना प्रदान की जाती हैं जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सभी स्वास्थ्य से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में शामिल है।

UHC प्राप्त करना एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है और यह मानव प्रगति के एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में कार्य करता है। हाल के दिनों में भारत, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) सहित कई कार्यक्रमों के माध्यम से इसे प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है, परन्तु अभी भी निम्नलिखित चुनौतियों के कारण भारत इसे प्राप्त करने में विफल रहा है: 

  • स्वास्थ्य अवसंरचना और मानव संसाधन : लगभग 1/6 से कम PHCs और CHCs भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों को पूरा करते हैं, जिनके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित उपलब्धता, अपर्याप्त-उप-इष्टतम या गुणवत्ता होती है।
  • स्वास्थ्य वित्तपोषण :भारत का कुल स्वास्थ्य व्यय (63 %) विश्व में सर्वाधिक है जो वैश्विक औसत (20.5%) का लगभगतीन गुना है।
  • स्वास्थ्य संबंधी व्यय : स्वास्थ्य देखभाल पर कुल व्यय (सार्वजनिक और निजी दोनों एक साथ) सकल घरेलू उत्पाद का 3.9प्रतिशत है, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय जीडीपी के वैश्विक औसत 6% की तुलना में केवल 1.3 प्रतिशत है।
  • सेवा वितरण : भारत में सुचारू रूप से कार्य करने वाली सरकारी सुविधाओं के अभाव में, लगभग 75% रोगियों द्वारा लिया जाने वाला परामर्श एवं अस्पतालों में भर्ती होने वाले रोगियों का 65% निजी क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
  • रोग भार के प्रतिरूप में परिवर्तन : गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ के साथ जनसंख्या की बदलती महामारी विज्ञान प्रोफ़ाइल भारत में एक अन्य चुनौती है।

आयुष्मान भारत – राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन

यह विश्व की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा योजना है जिसमें 10 करोड़ से अधिक परिवारों और 50 करोड़ लोगों को माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा हेतु प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है। इस योजना से भारत में स्वास्थ्य बीमा कवरेज को मौजूदा 34% से बढ़ाकर 50% करना अपेक्षित है, जिसे UHC प्राप्त करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जाता है। हालाँकि कुछ चिंताएँ बनी हुई हैं :

  • योजना के लिए प्रारंभिक बजट आवंटन रु 10,000 करोड़ है, जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए 2.5-3 लाख करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किए जाने की आवश्यकता है।
  • इसके अलावा, भारत में अधिकांश स्वास्थ्य व्यय, अस्पताल में रोगी की देखभाल पर नहीं किया जाता बल्कि अस्पताल के बाहर से प्राप्त की जाने वाली सेवाओं एवं दवाओं पर किया जाता है जो इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं है।
  • इसके अलावा, पैकेज की दरें सभी प्रमुख बीमारियों को कवर करने के लिए अपर्याप्त हैं, जिसमें बीमा धोखाधड़ी, अत्यधिक नैदानिक परीक्षण और निजी क्षेत्र द्वारा हस्तक्षेप, अत्यधिक कीमत वसूल करना आदि से पर्याप्त सुरक्षा संबंधी उपायों का अभाव है।

हालांकि, कुछ शुरुआती समस्याओं के बावजूद, यह मिशन भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के लिए एक संभावित//सक्षम मंच सिद्ध हो सकता है। इस मिशन के अतिरिक्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि, प्राथमिक स्वास्थ्य अवसंरचना में सुधार, इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड का उपयोग, टेलीमेडिसिन सिस्टम आदि जैसे उपायों से भारत की सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्य की प्राप्ति की ओर गति तीव्र हो सकती है।

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