केस स्टडीज- शिक्षा एवम उसके नैतिक आधार

प्रश्न: आप एक प्रतिष्ठित कॉलेज में विज्ञान विभाग में एक शिक्षक हैं। आपके विभागाध्यक्ष आपके अच्छे परामर्शदाता रहे हैं और आपके करियर की प्रगति में उन्होंने आपका मार्गदर्शन किया है। आपको अपने एक छात्र से पता चलता है कि विभागाध्यक्ष अपने निवास पर निजी ट्यूशन प्रदान करते हैं, जिसे विभाग में कई अन्य लोगों द्वारा नापसंद किया जाता है। इस बात की भी अफवाहें हैं कि वह अपना ट्यूशन लेने वाले छात्रों को अतिरिक्त अंक दे रहे हैं। पूछे जाने पर उनका उत्तर है कि वह अकेले नहीं है और साथ ही कुछ अन्य शिक्षक भी निजी ट्यूशन दे रहे हैं। वह आपको आश्वस्त करते हैं कि यह छात्रों के लिए लाभदायक है क्योंकि उनमें से कुछ पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है। वे आपको इस संदर्भ में हंगामा न मचाने का परामर्श देते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से आपको मूल्यांकन रेंटिंग के संबंध में याद दिलाते है, जो इसी सप्ताह नियत है। आप जानते हैं कि अच्छी रेटिंग से निश्चित रूप से आपको उचित पदोन्नति मिलेगी। विभागाध्यक्ष चार महीने रिटायर्ड होने वाले हैं।

(a) इस स्थिति में आप किन दुविधाओं का सामना कर रहे हैं।

(b) उस कार्यवाही पर प्रकाश डालिए जिसे आप अपनाएंगे और इसके कारण बताइए।

दृष्टिकोण

  • केस स्टडी के नैतिक आधार का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  • आपके द्वारा अनुभव की जाने वाली दुविधाओं की व्याख्या कीजिए।
  • आपके द्वारा की जाने वाली कार्यवाही का कारणों सहित उल्लेख कीजिए।

उत्तर

दिया गया मामला कुछ बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता के चलते उनकी सहायता के बहाने अधिकार प्राप्त लोगों द्वारा आर्थिक लाभ हेतु शक्ति के दुरूपयोग की ओर ध्यान आकृष्ट करता है। इसमें कुछ छात्रों की अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करके परीक्षा उत्तीर्ण करवाने का ‘संभावित’ अनुचित कार्य भी शामिल हो सकता है। यह पूर्ण रूप से संगठनात्मक नैतिकता के विरुद्ध है और निम्नस्तरीय कार्य संस्कृति का कारक है। इसके अतिरिक्त, यह विभागाध्यक्ष या अन्य अध्यापकों से ट्यूशन नहीं लेने वाले छात्रों को प्रतियोगिता संबंधी समान अवसर से वंचित करता है।

(a) मेरे द्वारा अनुभव की जाने वाली दुविधाओं में शामिल हैं:

  • व्यक्तिगत बनाम सार्वजनिक हित: निजी ट्यूशन की जारी गतिविधियों के सन्दर्भ में शिकायत करना व्यापक सार्वजनिक हितों के लिए उचित होगा लेकिन यह मेरे स्वयं के करियर की प्रगति को हानि पहुंचा सकता है।
  • अफवाह बनाम तथ्यों की निश्चितता: जबकि विभागाध्यक्ष निश्चित रूप से निजी ट्यूशन दे रहे हैं जिसकी वैधता अस्पष्ट है, वहीं यह पूर्णतः अज्ञात है कि वह अपने ट्यूशन के छात्रों को अतिरिक्त अंक दे रहे हैं या नहीं।
  • सत्य बनाम निष्ठा: विभागाध्यक्ष के प्रति मेरी निष्ठा, जो मेरे परामर्शदाता रहे हैं और उनकी नौकरी के केवल चार माह शेष  हैं जबकि दूसरी तरफ कॉलेज अध्यापकों के द्वारा निजी ट्यूशन के संबंध में सत्य प्रकट करने का मेरा कर्तव्य।
  • कार्यवाही बनाम निष्क्रियता: व्यापक लाभ हेतु कार्यवाही करने या स्वयं के लाभ हेतु चुप रहने के मध्य चयन का विकल्प।
  • हितों का संघर्ष: कॉलेज के छात्रों को कॉलेज शिक्षकों के द्वारा निजी शिक्षण देना निम्नलिखित कारणों से नैतिक रूप से अनुचित है।
  • शिक्षकों को कॉलेज में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनी चाहिए जिसके लिए वे नियोजित हैं।
  • शिक्षक आर्थिक लाभ के लिए अपनी प्राधिकार युक्त स्थिति का दुरुपयोग करते हैं।
  • शिक्षक उन छात्रों का अधिक पक्ष लेते हैं जो उनसे ट्यूशन लेते हैं।

(b) कारणों सहित कार्यवाही

सर्वप्रथम, कॉलेज के नियमों तथा शिक्षकों द्वारा निजी ट्यूशन से सम्बंधित पूर्व के दृष्टान्तों के आधार पर इसकी वैधता की जाँच की जानी चाहिए। इससे स्थिति से प्रभावी रूप से निपटने में सहायता मिलेगी। अधिकांश संगठित संस्थानों में छात्रों से फीस लेना स्पष्ट रूप से वर्जित होता है, किन्तु शिक्षक के कर्तव्य के रूप में मार्गदर्शन प्रदान किया जा सकता है।

चूंकि इस सन्दर्भ में स्पष्ट रूप से हितों का संघर्ष निहित है; अतः इस मुद्दे के सन्दर्भ में उन साथी शिक्षकों से चर्चा की जानी चाहिए जो निजी ट्यूशन के विरुद्ध हैं। इसके साथ ही कॉलेज शिक्षकों के द्वारा ऐसे ट्यूशन को विनियमित करने सम्बन्धी प्रार्थना पत्र पर उनके हस्ताक्षर लेने का प्रयास करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, कुछ छात्रों का अधिक पक्ष लेने के संबंध में साक्ष्य एकत्र करने के लिए जांच की आवश्यकता है।

चूँकि विभागाध्यक्ष एक अच्छे परामर्शदाता और मार्गदर्शक रहे हैं एवं उनकी नौकरी के केवल 4 माह शेष हैं, इसलिए कॉलेज के शिक्षकों द्वारा निजी ट्यूशन के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्णय से उन्हें अवगत कराने के लिए उनके साथ इस मुद्दे पर पुनः चर्चा करना बेहतर होगा। यह उनके तरीकों को सुधारने के लिए गंभीर चेतावनी हो सकती है और वे इस समस्या को जड़ से समाप्त करने में सहायता कर सकते हैं।

यदि वह मेरे द्वारा दिए गये सुझाव से सहमत नहीं हैं, केवल तब, इस मुद्दे की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के अनुरोध के साथ स्कूल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए। समर्थन में अन्य शिक्षकों के द्वारा हस्ताक्षरित निजी ट्यूशन के विरुद्ध आवेदन को प्रदर्शित किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, स्कूल बोर्ड को जांच पूरी होने तक आगामी मूल्यांकन रेटिंग को रोकना चाहिए क्योंकि यह इस मामले में शामिल नैतिक एजेंट के पेशेवर करियर को खतरे में डाल सकता है। बोर्ड से मूल्यांकन रेटिंग की पद्धति को बदलने के लिए भी अनुरोध किया जा सकता है क्योंकि वरिष्ठ शिक्षकों द्वारा कनिष्ठ शिक्षकों को ब्लैकमेल करने के लिए इसका उपयोग किए जाने की भी संभावना है। मूल्यांकन रेटिंग के लिए 360 डिग्री पद्धति का उपयोग करना एक बेहतर दृष्टिकोण हो सकता  है।

सबसे महत्वपूर्ण, ऐसे छात्रों की देखभाल के लिए एक समाधान खोजा जाना चाहिए जिन्हें अपनी पढ़ाई में अतिरिक्त ध्यान और प्रयास की आवश्यकता होती है। एक उचित समाधान कॉलेज के निर्धारित समय के बाद ऐसे छात्रों को व्यक्तिगत रूप से अतिरिक्त कक्षाएं प्रदान करना हो सकता है। ऐसी कक्षाओं को लेने के लिए शिक्षकों को कुछ वैतनिक लाभ प्रदान किया जा सकता है।

Read More 

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.