पृथ्वी की आंतरिक संरचना: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्रोतों का विवरण
प्रश्न: पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय में जानकारी प्राप्त करने में सहायता करने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्रोतों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
दृष्टिकोण
- पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय में जानकारी के वर्तमान स्रोतों का संक्षिप्त विश्लेषण कीजिए।
- पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय में जानकारी के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्रोतों की व्याख्या कीजिए।
- प्रत्येक स्रोत की सीमाओं को रेखांकित करते हुए वर्तमान में जारी शोधों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
पृथ्वी की आंतरिक संरचना की विशेषताओं के संबंध में मानव ज्ञान अधिकांशतः अनुमानों और प्रेक्षणों पर आधारित है। पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय में जानकारी के स्रोतों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है: a) प्रत्यक्ष स्रोत और b) अप्रत्यक्ष स्रोत।
प्रत्यक्ष स्रोत:
- खनन एवं ड्रिलिंग की प्रक्रिया के माध्यम से चट्टानों और खनिजों का निष्कर्षण किया जाता है जिससे यह जानकारी प्राप्त होती है कि क्रस्ट का निर्माण परतों के रूप में हुआ है।
- ज्वालामुखी विस्फोट से ज्ञात होता है कि पृथ्वी के आंतरिक भाग में एक क्षेत्र अत्यधिक तप्त एवं अर्द्ध-तरल अवस्था में है। हालांकि खनन और ड्रिलिंग से पृथ्वी की ऊपरी परतों के संबंध में केवल सीमित ज्ञान ही प्राप्त होता है। प्रत्यक्ष स्रोत अधिक विश्वसनीय नहीं हैं क्योंकि ये प्रत्यक्ष रूप से पृथ्वी की सतह की एक निश्चित गहराई के संबंध में ही जानकारी प्रदान करने में सक्षम होते हैं।
अप्रत्यक्ष स्रोत: भूकंपीय तरंगें, गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र, चुंबकीय क्षेत्र, गिरते उल्का पिंड आदि अप्रत्यक्ष स्रोतों के उदाहरण हैं।
- पृथ्वी के आंतरिक भागों में गहराई बढ़ने के साथ तापमान और दबाव में भी वृद्धि होती है एवं साथ ही गहराई बढ़ने पर पदार्थ के घनत्व में भी वृद्धि होती है।
- पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थानों पर पाई जाने वाली गुरुत्व विसंगतियां (Gravity anomalies) पृथ्वी के क्रस्ट (भूपर्पटी) में पदार्थ के द्रव्यमान के असमान वितरण के संबंध में जानकारी प्रदान करती है।
- भूकंपीय तरंगों की गति और संचरण में हुए परिवर्तनों से जानकारी प्राप्त होती है कि पृथ्वी का आंतरिक भाग तीन परतों से मिलकर बना है और प्रत्येक परत का घनत्व भिन्न है, जिसमें पृथ्वी के केंद्र की ओर जाने पर वृद्धि होती है।
- चुंबकीय सर्वेक्षण से पृथ्वी के क्रस्ट में चुंबकीय पदार्थों के वितरण के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
- उल्का पिंड भले ही पृथ्वी के आंतरिक भाग से नहीं निकलते हों, किन्तु इन्हें जानकारी का अन्य स्रोत माना जा सकता है।
उपर्युक्त वर्णित स्रोतों के अतिरिक्त, वैज्ञानिकों ने “डीप ओशन ड्रिलिंग प्रोजेक्ट” और “इंटीग्रेटेड ओशन ड्रिलिंग प्रोजेक्ट” पर भी कार्य किया है, ताकि विभिन्न गहराइयों में प्राप्त होने वाले पदार्थों के विश्लेषण के माध्यम से पृथ्वी की आंतरिक संरचना के विषय में जानकारी एकत्रित की जा सके।
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