“प्रधानमंत्री जी-वन योजना” : जैव ईंधन राष्ट्रीय नीति, 2018
प्रश्न: “प्रधानमंत्री जी-वन योजना” की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए, विश्लेषण कीजिए कि यह जैव ईंधन राष्ट्रीय नीति, 2018 की दृष्टि और लक्ष्यों को प्राप्त करने में किस प्रकार सहायक हो सकती है।
दृष्टिकोण
- प्रधानमंत्री जी-वन योजना का संक्षिप्त परिचय देते हुए इसकी मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- जैव-ईंधन संबंधी राष्ट्रीय नीति, 2018 की दृष्टि तथा लक्ष्य का उल्लेख कीजिए।
- विश्लेषण कीजिए कि किस प्रकार प्रधानमंत्री जी-वन योजना, जैव-ईंधन संबंधी राष्ट्रीय नीति, 2018 की दृष्टि और लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक हो सकती है।
उत्तर
प्रधानमंत्री जी-वन योजना, देश में द्वितीय पीढ़ी (2G) की एथेनॉल क्षमता सृजित करने तथा इस नवीन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की एक पहल है।
इसकी मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित सम्मिलित हैं:
- “इस योजना के तहत वाणिज्यिक स्तर पर 12 परियोजनाओं को और प्रदर्शन के स्तर पर दूसरी पीढ़ी की 10 इथेनॉल परियोजनाओं को व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण (VGF) सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- भारत में द्वितीय पीढ़ी (2G) का एथेनॉल जैव तेलशोधक संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया को गति प्रदान करना तथा परियोजनाओं में आर्थिक व्यवहार्यता लाना।
- लिग्नोसेलुलोसिक जैव-भार पर आधारित वाणिज्यिक तथा प्रदर्शन परियोजना के चयन तथा कार्यान्वयन हेतु आवश्यक नीतिगत ढांचा तथा तंत्र उपलब्ध कराना।
- इस योजना के लाभार्थियों द्वारा उत्पादित एथेनॉल की आपूर्ति अनिवार्य रूप से तेल विपणन करने वाली कंपनियों को की जाएगी ताकि एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के अंतर्गत मिश्रण प्रतिशतता को और अधिक विस्तृत किया जा सके।
जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018 गन्ने के रस, चीनी युक्त पदार्थ जैसे चुकंदर, मीठा सोरगम (ज्वार) आदि के उपयोग की अनुमति देकर एथेनॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल के दायरे को विस्तारित करती है। यह नीति उन्नत जैव-ईंधन पर बल देते हुए प्रथम पीढ़ी के जैव-ईंधन की तुलना में अधिक खरीद मूल्य, अतिरिक्त कर लाभ के साथ-साथ 26 जैव-ईंधन तेल-शोधक संयंत्रों हेतु 6 वर्ष में 5,000 करोड़ रूपए की व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण सहायता प्रदान करने का संकेत देती है। इसके अतिरिक्त, यह नीति E10 के आयात पर निर्भरता में कमी, अधिक स्वच्छ वातावरण, MSW प्रबंधन, रोज़गार सृजन के साथ-साथ किसानों को अतिरिक्त आय के स्रोत भी प्रदान करती है।
“प्रधानमंत्री जी-वन योजना” इस दिशा में एक प्रमुख पहल है तथा यह निम्न प्रकार से जैव-ईंधन संबंधी राष्ट्रीय नीति, 2018 को सुदृढ़ता प्रदान करेगी:
- प्रधानमंत्री जी-वन योजना के लक्ष्य तथा प्रत्याशित परिणाम, जैव-ईंधन संबंधी राष्ट्रीय नीति- 2018, विशेषकर द्वितीय पीढ़ी के जैव-ईंधन के अनुरूप हैं।
- ध्यातव्य है कि जी-वन योजना का लक्ष्य भी द्वितीय श्रेणी की विभिन्न एथेनॉल परियोजनाओं को व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण (VGF) सहायता उपलब्ध कराना है।
- द्वितीय पीढ़ी के एथेनॉल क्षेत्र में शोध तथा विकास पर ध्यान देकर, यह योजना देश में जैव-ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देगी।
- यह योजना आयात पर निर्भरता को कम कर तथा CO2 संबंधी उत्सर्जन में कमी लाकर स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के माध्यम से नीति के लक्ष्यों को पूरा करने में सहयोग करेगी।
- यह किसानों को मिलने वाले पारिश्रमिक मूल्य में वृद्धि करेगी, क्योंकि इस योजना के अंतर्गत उत्पादित एथेनॉल की अनिवार्य रूप से तेल विपणन कंपनियों (OMC) यथा इन्डियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम तथा हिंदुस्तान पेट्रोलियम आदि को आपूर्ति की जाएगी।
पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 2022 तक पेट्रोल में 10% एथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकारी प्रयासों यथा- उच्च अधिप्राप्ति मूल्यों, तथा एथेनॉल खरीद प्रणाली के सरलीकरण के बावजूद एथेनॉल की खरीद निम्न ही रही है। इसलिए मांग-आपूर्ति के मध्य के अन्तराल में कमी हेतु वैकल्पिक मार्ग जैसे बायोमास और अन्य अपशिष्टों के माध्यम से दूसरी पीढ़ी के एथेनॉल की प्राप्ति के उपायों की खोज की जानी चाहिए।
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