प्रधानमंत्री जन धन योजना :   वित्तीय समावेशन के अपने निर्धारित उद्देश्य

प्रश्न:  वित्तीय समावेशन के अपने निर्धारित उद्देश्य को प्राप्त करने में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के प्रदर्शन का आकलन कीजिए।

दृष्टिकोण

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना के उद्देश्यों को संक्षेप में सूचीबद्ध कीजिए।
  • अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में PMJDY के प्रदर्शन के बारे में चर्चा कीजिए।
  • निष्कर्ष में, सरकार द्वारा की गई हालिया पहलों के बारे में संक्षेप में विवरण दीजिए और आगे की एक उपयुक्त राह सुझाइए।

उत्तर

अगस्त 2014 में आरंभ की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) वित्तीय समावेशन पर राष्ट्रीय मिशन है। PMJDY का उद्देश्य अन्यथा वंचित वर्गों, अर्थात कमजोर वर्गों और निम्न-आय समूहों की विभिन्न वित्तीय सेवाओं जैसे- सामान्य बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आवश्यकता-आधारित क्रेडिट तक पहुंच, विप्रेषण सुविधा, बीमा और पेंशन आदि तक पहुंच सुनिश्चित करना है।

वित्तीय समावेशन प्राप्त करने में PMJDY का प्रदर्शन

  • वित्तीय सेवाओं के उपयोग में वृद्धि: PMJDY खातों में औसत खाता अधिशेष (वर्ष 2015 और 2017 के मध्य दोगुना) में वृद्धि हुई है, वर्ष 2015 और 2016 के मध्य आधे से अधिक शून्य-अधिशेष खातों में कमी और बिज़नेस करेस्पॉन्डेंट्स द्वारा क्रॉस-बैंक लेनदेन सुविधा में तीव्र वृद्धि हुई है।
  • बचत का वित्तीयकरण: कम आय वाले परिवारों को सुरक्षित निवेश उत्पाद तक पहुंच प्रदान कर बचत का वित्तीयकरण किया गया है।
  • वित्तीय उत्पादों का विविधीकरण: 13 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के कम लागत वाली दुर्घटना बीमा कवर और लगभग 5.5 करोड़ लाभार्थी जीवन बीमा कवर के माध्यम से वित्तीय उत्पादों का विविधीकरण किया गया है।

इसके अतिरिक्त, न केवल योजना वित्तीय रूप से अपवर्जित व्यक्तियों के मध्य अत्यावश्यक वित्तीय अनुशासन लाने में कामयाब रही है, बल्कि विभिन्न प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजनाओं के खातों में प्रत्यक्ष क्रेडिट को सुगम बनाकर मध्यस्थों को काफी हद तक कम किया गया है।

हालांकि, वित्तीय समावेशन केवल बैंक खाते खोलने के संबंध में नहीं है, बल्कि इन खातों का उपयोग करने और औपचारिक ऋण तक पहुंच प्रदान करने के संबंध में भी है। PMJDY की एक प्रमुख सीमा इन खातों के उपयोग में धीमी वृद्धि और निर्धन जनता के मध्य वित्तीय साक्षरता प्रदान करने के लिए एक कमजोर तंत्र की विद्यमानता है।

PMJDY खातों में वर्तमान में परिचालन प्रक्रियाओं, उत्पाद सुविधाओं और खातों के दोहराव के संबंध में सूचना का अभाव जैसे कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। तार्किक और तकनीकी चुनौतियों के कारण अभी भी रुपे कार्ड के लाभ से कई लाभार्थी वंचित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात कम या अधिक स्थिर है तथा वर्ष 2014 में 58.2% से थोड़ा कम हो गया है और वर्ष 2016 में अर्ध-शहरी जनसंख्या के लिए 57.7% हो गया है।

उपर्युक्त पहचान की गई चुनौतियों को दूर करने और अब तक प्राप्त किए गए लाभों को सुदृढ़ करने के लिए, सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) को एक ओपन-एंडेड योजना बनाने का निर्णय लिया (जिसका अर्थ है कि यह अनिश्चित काल तक जारी रहेगी)। इसने अतिरिक्त प्रोत्साहनों को भी जोड़ा, जैसे मौजूदा ओवरड्राफ्ट सुविधा की सीमा को बढ़ाना, नए RuPay कार्ड के लिए आकस्मिक बीमा कवर को बढ़ाना आदि। यह समय की आवश्यकता है कि “प्रत्येक घर से प्रत्येक वयस्क” पर ध्यान केंद्रित किया जाए और जनता के मध्य वित्तीय साक्षरता के स्तर को बढ़ाया जाए।

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