प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत : पुराचुम्बकत्व

प्रश्न: पुराचुम्बकत्व क्या है? व्याख्या कीजिए कि यह किस प्रकार प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के प्रमाण हेतु एक सेतु के रूप में कार्य करता है?

दृष्टिकोण:

  • पुराचुम्बकत्व को परिभाषित कीजिए। 
  • प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  • चर्चा कीजिए कि पुराचुम्बकत्व किस प्रकार प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के प्रमाण हेतु एक सेतु के रूप में कार्य करता है?

उत्तर:

पुराचुम्बकत्व पृथ्वी के विभिन्न भूगर्भिक कालों में निर्मित शैलों और अवसादों में निहित पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के रिकॉर्ड (अभिलेख) का अध्ययन है। कुछ चट्टानों में ऐसे खनिज पाए जाते हैं जो चुम्बकीय क्षेत्र के प्रति अनुक्रिया करते हैं। इन चट्टानों के निर्माण के समय इनमें पाए जाने वाले खनिज उस समय के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के साथ संरेखित हो गए हैं। इनके अध्ययन से पुराचुम्बकत्व विज्ञानियों को चट्टानों के निर्माण का समय जानने तथा निर्माण के समय चुम्बकीय क्षेत्र की अवस्थिति का मानचित्रण करने में मदद मिलती है।

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी के स्थलमंडल को सात प्रमुख और कुछ लघु स्थलमंडलीय (लिथोस्फेरिक) प्लेटों में विभाजित किया गया है जो मैग्मा में संवहनीय धाराओं के कारण दृढ़ खंड के रूप में दुर्बलतामंडल के ऊपर क्षैतिज संचलन करती हैं।

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के समर्थन हेतु पुराचुम्बकत्व प्रमाण

  • ध्रुवीय परिभ्रमण (Polar wandering): एक महाद्वीप पर स्थित चुम्बकीय खनिज समान ध्रुव स्थिति (pole position) की ओर संकेत नहीं करते हैं। जबकि भिन्न-भिन्न महाद्वीपों के अलग-अलग खनिज (एक ही समयावधि में निक्षेपित) समान ध्रुव स्थिति की ओर संकेत करते हैं, इसलिए सम्भावना उत्पन्न होती है कि या तो एक ही समयावधि के दौरान अनेक उत्तरी ध्रुव विद्यमान थे अथवा महाद्वीपों द्वारा एक ही उत्तरी ध्रुव के सापेक्ष संचलन किया गया था। भूभौतिकीविदों ने यह निष्कर्ष दिया है कि चुम्बकीय ध्रुव स्थिर बने रहे तथा महाद्वीप पृथक होने के पश्चात् विभिन्न मार्गों के सहारे अपसरित होते गए।
  • पुराचुम्बकत्व का प्रयोग एक समय पर परस्पर संबद्ध भू-भागों (जो वर्तमान में पृथक हो चुके हैं) के मध्य मिलान करने हेतु भी किया जाता है। उदाहरणार्थ- दक्षिण अमेरिका के पूर्वी तट के चुंबकीय खनिजों के अभिविन्यास अफ्रीका के पश्चिमी तट पर समान खनिजों के साथ अत्यंत घनिष्ठ रूप से समानता प्रदर्शित करते हैं।
  • ध्रुवीय उत्क्रमण (Polar reversal): मध्य-महासागरीय कटकों के समीप की चट्टानों में सामान्य चुम्बकत्व ध्रुवण (normal polarity) पाया जाता है और ये चट्टानें नवीनतम हैं। महासागरीय कटक के प्रत्येक किनारे पर अवस्थित प्लेटें अपसरित होती हैं, इनके मध्य से लावा का उद्गार होता है तथा तत्पश्चात वह ठोस रूप लेता है और विद्यमान चुम्बकीय क्षेत्र को दर्ज करता है। औसतन प्रत्येक पांच लाख वर्षों में पृथ्वी की चुम्बकीय ध्रुवीयता उत्क्रमित होती है जिसके कारण महासागरीय नितल पर बेसाल्टिक चट्टानों की प्रत्येक परत किसी अन्य चुम्बकीय ध्रुवीयता के एक युग का प्रतिनिधित्व करती है। यह पर्यवेक्षण सागरीय अधःस्तल विस्तार और प्लेट विवर्तनिकी दोनों के अनुरूप था।

पुराचुम्बकत्व प्रमाण, उत्क्रमण और ध्रुवीय परिभ्रमण दोनों से संबंधित आंकड़े, प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के सत्यापन में सहायक रहे हैं।

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