पार्श्व प्रवेश(Lateral Entry) के सरकार के निर्णय का संक्षिप्त परिचय

प्रश्न: पार्श्व प्रवेश के माध्यम से नौकरशाही में वरिष्ठ स्तर के पदों को खोलने के लिए सरकार का हालिया निर्णय उच्चतर सिविल सेवाओं में अति आवश्यक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण, किन्तु केवल एक छोटा-सा कदम है। विश्लेषण कीजिए।

दृष्टिकोण

  • पार्श्व प्रवेश के सरकार के हालिया निर्णय का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  • इस संबंध में भविष्य में आवश्यक सुधारों का उचित तर्क के साथ उल्लेख कीजिए।

उत्तर

 सिविल सेवाएं प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता के बिना प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर सकती हैं। यह नई प्रतिभाओं को आकर्षित करेगा और तंत्र के भीतर प्रतिस्पर्द्धा का संचार कर प्रशासन में दक्षता लाएगा। इसे RBI और NITI आयोग में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा चुका है। हालाँकि एक पुरानी नौकरशाही प्रणाली के कारण होने वाले गंभीर प्रशासनिक घाटे को देखते हुए वरिष्ठ स्तर पर सिविल सेवाओं में आवश्यक सुधारों की दिशा में यह केवल एक छोटा-सा कदम है। इस सन्दर्भ में अन्य आवश्यक सुधार निम्नलिखित हैं:

  • जबावदेही के उपाय: द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) द्वारा सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए दो गहन समीक्षाओं से युक्त प्रणाली की अनुशंसा की गयी है। इसमें से प्रथम समीक्षा 14 वर्ष की सेवा पूरी होने पर और द्वितीय समीक्षा 20 वर्ष की सरकारी सेवा के पूर्ण होने पर की जानी चाहिए। इसके साथ ही इसने कहा है कि उन लोकसेवकों की सेवाएं समाप्त कर दी जानी चाहिए जो 20 वर्ष में दूसरी समीक्षा के बाद अनुपयुक्त पाये जाएँ।
  • निष्पादन प्रबंधन प्रणाली: सिविल सेवा में वर्तमान पदोन्नति प्रणाली काल-क्रम (टाइम-स्केल) पर आधारित है और यह कार्यकाल की सुरक्षा के साथ जुड़ी हुई है। वास्तव में पदोन्नति योग्यता आधारित होनी चाहिए और संबंधित अधिकारियों को सर्वोत्तम तौर-तरीकों का एक मानक स्थापित कर उसके आधार पर वर्तमान तौर-तरीकों का आकलन करना चाहिए।
  • विशेषज्ञ ज्ञान: पार्श्व प्रवेश के अतिरिक्त, सिविल सेवकों को स्वयं किसी क्षेत्र (डोमेन) में विशेषज्ञता प्राप्त करनी चाहिए। यहां तक कि, ARC ने अनुशंसा की है कि सिविल सेवकों को कुछ वर्षों बाद विशेषज्ञता विकसित करने के लिए किसी एक क्षेत्र का चयन करना चाहिए।
  • कार्य संस्कृति का रूपांतरण: अधिकांश सरकारी विभाग निम्नस्तरीय कार्य संस्कृति और निम्न उत्पादकता से ग्रसित हैं। लागत प्रभावी दक्ष सेवाएं प्रदान करने के लिए, सरकारी विभागों के आकार को कम करने, कार्य वातावरण में सुधार करने और कुछ सेवाओं का निजीकरण करने की आवश्यकता है।
  • वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR): सभी राज्यों में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) के गैर-पारदर्शी, व्यक्तिपरक और एकपक्षीय चरित्र ने सार्वजनिक एजेंसियों के लिए इसकी उपयोगिता को कम कर दिया है। पारदर्शी कार्यनिष्पादन मूल्यांकन आवश्यक है, ताकि मूल्यांकन में, बेहतर निष्पादन उचित और सटीक रूप से परिलक्षित हो सके।
  • कार्यकाल की स्थिरता: सामान्यतः सरकार में परिवर्तन के साथ अधिकारियों का फेरबदल होता है। स्थानांतरण का यह भय अधिकारियों के मनोबल को भी प्रभावित करता है। वार्षिक कार्यनिष्पादन लक्ष्यों के साथ उच्चतर सिविल सेवा के एक अधिकारी के लिए कम से कम तीन वर्षों का एक निश्चित कार्यकाल वर्तमान समय की आवश्यकता है।
  • मध्य और शीर्ष प्रबंधन स्तर पर तैनाती: द्वितीय ARC के अनुसार, अधिकारियों को डोमेन सौंपे जाने एवं संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के स्तर पर अधिकारियों की तैनाती सम्बन्धी मामलों पर पैनल गठित करने जैसे विषयों से निपटने के लिए एक केंद्रीय सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए।
  • अनुशासनात्मक कार्यवाही: वर्तमान मौखिक जांच प्रक्रिया को परिवर्तित किया जाना चाहिए। यह जांच एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा, कोर्ट ट्रायल जैसी प्रक्रियाओं के बिना, सारांश रूप (समरी मैनर) में सम्पन्न एक अनुशासनात्मक बैठक या साक्षात्कार के रूप में की जानी चाहिए

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