पेरिस समझौते का संक्षिप्त विवरण

प्रश्न: पेरिस समझौता, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने हेतु आवश्यक महत्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करता है। इस संदर्भ में, इस समझौते के कुछ प्रमुख पहलुओं की पहचान कीजिए।

दृष्टिकोण:

  • पेरिस समझौते का एक संक्षिप्त विवरण दीजिए। 
  • इस समझौते द्वारा संबोधित जलवायु परिवर्तन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को रेखांकित करते हुए इस समझौते के प्रमुख पहलुओं की पहचान कीजिए।
  • तदनुसार निष्कर्ष प्रदान कीजिए।

उत्तरः

पेरिस समझौता (2016 में COP 21 पर हस्ताक्षर किए गए) ग्रीनहाउस-गैस-उत्सर्जन के शमन, अनुकूलन और वित्त से संबंधित यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के अंतर्गत एक वैश्विक समझौता है। यह संधारणीय और निम्न कार्बन भविष्य के लिए आवश्यक निवेश एवं कार्यवाहियों को त्वरित और सुदृढ़ करने हेतु 196 सदस्य देशों का आह्वान करता है।

जलवायु परिवर्तन के  महत्वपूर्ण क्षेत्र     ( दीर्घकालिक तापमान  )         

इस संबंध में पेरिस समझौते के मुख्य पहलू महत्वपूर्ण क्षेत्र

  • दीर्घकालिक तापमान                                      

पेरिस समझौते का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया को सुदृढ़ (Long-Term करने हेतु इस सदी में वैश्विक औसत तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तर की तुलना में 2 डिग्री Temperature) सेल्सियस अधिक से नीचे बनाए रखना और इससे भी आगे बढ़ते हुए प्रयास करना कि वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जा सके।

  • ग्रीनहाउस उत्सर्जन गैस 

इस तापमान लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु पक्षकारों का लक्ष्य अतिशीघ्र ही वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (GHGs) के उच्चतम स्तर तक पहुंचना है, क्योंकि इस स्तर तक पहुँचने में विकासशील देशों के पक्षकारों को अधिक समय लगेगा।

  • शमन

पेरिस समझौता राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) को तैयार करने, उन्हें सूचित करने और बनाए रखने तथा उन्हें प्राप्त करने हेतु घरेलू उपायों को आगे बढ़ाने के लिए सभी पक्षकारों पर बाध्यकारी प्रतिबद्धताएं आरोपित करता है।

  • अनुकूलन

पेरिस समझौता अनुकूलन पर एक वैश्विक लक्ष्य को निर्धारित करता है जिसके अंतर्गत सभी पक्षकारों को अनुकूलन योजना में संलग्न होना चाहिए। पक्षकारों से यह अपेक्षित है कि वे अपनी प्राथमिकताओं, कार्यान्वयन और समर्थन आवश्यकताओं, योजनाओं और कार्रवाहियों पर अनुकूलन सम्बन्धी सूचनाओं (adaptation communication) को समय-समय पर अद्यतित और प्रस्तुत करें।

  • लॉस एंड डैमेज

यह समझौता लॉस एंड डैमेज पर वारसा अंतरराष्ट्रीय तंत्र ( Warsaw International Mechanism) को उल्लेखनीय रूप से उन्नत बनाता है, जो सुभेद्य देशों में चरम मौसमी घटनाओं और मंद गति से घटित होने वाली घटनाओं जैसे समुद्री जल स्तर को समाविष्ट करने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने हेतु दृष्टिकोणों को विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा। यह लॉस एंड डैमेज के संबंध में समझ, कार्रवाई और समर्थन को बढ़ाने हेतु पक्षकारों को एक रूपरेखा प्रदान करता है।

  • वित्त, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण का समर्थन

पेरिस समझौता पहली बार अन्य पक्षकारों द्वारा स्वैच्छिक योगदान को प्रोत्साहित करते हुए, क्षमता निर्माण का | विकासशील देश पक्षकारों के स्वच्छ, जलवायु-प्रत्यास्थ भविष्य के निर्माण के प्रयासों को समर्थन समर्थन प्रदान करने हेतु विकसित देशों के दायित्वों की पुनः पुष्टि करता है।

  • कार्यान्वयन की प्रगति का आकलन

2023 में एक “वैश्विक आकलन (global stocktake)” किया जाएगा और उसके पश्चात् प्रत्येक 5 का आकलन वर्ष में समझौते के उद्देश्य को पूरा करने हेतु सामूहिक प्रगति का आकलन किया जाएगा।

पेरिस जलवायु समझौता जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में एक महत्वपूर्ण सफलता है; यद्यपि अभी भी विकासशील और विकसित देशों को सभी पहलुओं पर एक साथ लाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने की आवश्यकता है, जैसे कि हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस समझौते से अपने आप को अलग कर लिया है। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय हितों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, वित्त पोषण आदि मुद्दों का समाधान करने हेतु एक अधिक उपयुक्त तंत्र को तैयार किया जाना चाहिए।

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