A. हाइड्रोकार्बन
1. अनुकारित आदिम भूमि परिस्थितियों में निम्नलिखित के प्रादुर्भाव का सही अनुक्रम कौन-सा है?
(a) मीथेन, हाइड्रोजन सायनाइड, नाइट्राइल, एमीनो अम्ल
(b) हाइड्रोजन सायनाइड, मीथेन, नाइट्राइल, एमीनो अम्ल
(c) एमीनो अम्ल, नाइट्राइल, हाइड्रोजन सायनाइड, मीथेन
(d) नाइट्राइल, एमीनो अम्ल, मीथेन, हाइड्रोजन सायनाइड
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (a) मीथेन, हाइड्रोजन सायनाइड, नाइट्राइल, एमीनो अम्ल
- ‘अनुकारित आदिम भूमि परिस्थितियों’ (Stimulated Primitive Earth Conditions) में निम्न रसायनों के प्रादुर्भाव का सही क्रम है: मीथेन, हाइड्रोजन सायनाइड, नाइट्राइल, एमीनो अम्ला
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2. सभी जैव यौगिक का अनिवार्य मूल तत्व है-
(a) नाइट्रोजन
(b) ऑक्सीजन
(c) कार्बन
(d) गन्धक
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001, 56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]
उत्तर – (c) कार्बन
- संसार के सभी जैव पदार्थ कार्बनिक यौगिकों से बने होते हैं।
- कार्बनिक यौगिकों में कार्बन अनिवार्यतः पाया जाता है।
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3. सभी जैव-यौगिकों में सर्वाधिक आवश्यक मूल तत्व है-
(a) गंधक
(b) कार्बन
(c) ऑक्सीजन
(d) नाइट्रोजन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (b) कार्बन
- कार्बन सभी जैव-यौगिकों में सर्वाधिक आवश्यक मूल तत्व है।
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4.निम्नलिखित तत्व समूहों में से कौन-सा एक पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिए मूलतः उत्तरदायी था?
(a) हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, सोडियम
(b) कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन
(c) ऑक्सीजन, कैल्शियम, फॉस्फोरस
(d) कार्बन, हाइड्रोजन, पोटैशियम
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (b) कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन
- जीवविज्ञानी जीवन के लिए जिन छः पदार्थों को जरूरी मानते हैं, वे हैं- कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फॉस्फोरस और सल्फर।
- जीवन से जुड़े सभी आधारभूत रसायन (प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, हॉर्मोन इत्यादि) इन्हीं मूल तत्वों से बने होते हैं।
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5. हाइड्रोकार्बनों के अणुमारों के बढ़ते अनुक्रम के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा सही क्रम है?
(a) मीथेन, एथेन, प्रोपेन और ब्यूटेन
(b) प्रोपेन, ब्यूटेन, एथेन और मीथेन
(c) ब्यूटेन, एथेन, प्रोपेन और मीथेन
(d) ब्यूटेन, प्रोपेन, एथेन और मीथेन
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर – (a) मीथेन, एथेन, प्रोपेन और ब्यूटेन
- हाइड्रोकार्बनों के अणुभारों का बढ़ता अनुक्रम है- मीथेन (CH), एथेन (C,H), प्रोपेन (C,H), ब्यूटेन (CH)।
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6. एक हाइड्रोकार्बन, जिसमें कार्बन के दो परमाणु द्विबंध द्वारा जुड़े हों, कहलाता है-
(a) एल्केन
(b) एल्कीन
(c) एल्काइन
(d) आयनिक बंध
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर – (b) एल्कीन
- केवल कार्बन तथा हाइड्रोजन युक्त यौगिक ‘हाइड्रोकार्बन’ कहलाते हैं।
- कार्बन-कार्बन द्विआबंध वाली असंतृप्त श्रृंखला को एल्कीन कहते हैं।
- ऐल्केन कार्बन-कार्बन एकल आबंधयुक्त संतृप्त विवृत श्रृंखला वाले हाइड्रोकार्बन हैं।
- एल्काइन त्रिआबंध वाले असंतृप्त हाइड्रोकार्बन हैं।
- परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से जो बंध बनते हैं, उन्हें विद्युत संयोजक बंध या आयनिक बंध कहते हैं।
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7. प्रथम विश्व युद्ध में निम्नलिखित में से किस एक का रासायनिक आयुध के रूप में प्रयोग किया गया था?
(a) कार्बन मोनोऑक्साइड
(b) हाइड्रोजन सायनाइड
(c) मस्टर्ड गैस
(d) भाप-अंगार गैस
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (c) मस्टर्ड गैस
- प्रथम विश्व युद्ध में मस्टर्ड गैस (C4H8Cl2S), को रासायनिक आयुध के रूप में प्रयोग किया गया था।
- इसका रासायनिक नाम डाइक्लोरो डाई एथिल सल्फाइड है।
- यह एक जहरीली गैस है।
- यह खुली त्वचा पर फफोले डाल सकती है।
- शुद्ध मस्टर्ड गैस कमरे के तापमान पर एक रंगहीन, गाढ़ा, चिपचिपा द्रव है।
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8. मस्टर्ड गैस का उपयोग किया जाता है-
(a) ईंधन गैस के रूप में
(b) रासायनिक युद्ध में
(c) सरसों के तेल के स्रोत के रूप में
(d) निर्गन्धीकरण के रूप में
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर – (b) रासायनिक युद्ध में
- प्रथम विश्व युद्ध में मस्टर्ड गैस (C4H8Cl2S), को रासायनिक आयुध के रूप में प्रयोग किया गया था।
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9. विषाक्त मस्टर्ड गैस होती है-
(a) गैस
(b) द्रव
(c) ठोस
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Jharkhand P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (b) द्रव
- कमरे के तापमान पर मस्टर्ड गैस मूलतः द्रव (Liquid) रूप में होती है।
- इसे शक्तिशाली रासायनिक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- इस विषाक्त रसायन से त्वचा, आंख एवं फेफड़े आदि सर्वाधिक प्रभावित होते हैं।
- इसके लक्षण प्रयोग के 1-6 घंटे बाद दृष्टिगत होने लगते हैं।
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10. सिगरेट लाइटर में निम्नलिखित में से कौन-सी गैस प्रयुक्त होती है?
(a) ब्यूटेन
(b) मीथेन
(c) प्रोपेन
(d) रेडॉन
[56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]
उत्तर – (a) ब्यूटेन
- ब्यूटेन एक ज्वलनशील हाइड्रोकार्बन है, जिसका आणविक सूत्र CH होता है।
- इसका उपयोग सिगरेट लाइटरों में किया जाता है।
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11. भोपाल गैस त्रासदी निम्नलिखित में से किसके रिसाव के कारण हुई?
(a) मिथाइल आइसोसायनेट
(b) कार्बन मोनोऑक्साइड
(c) नाइट्रिक ऑक्साइड
(d) सल्फर डाइऑक्साइड
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (a) मिथाइल आइसोसायनेट
- भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से मेथिल आइसोसाइनेट (C,H,NO) गैस के रिसाव के कारण भोपाल गैस त्रासदी हुई थी।
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12. छपाई में प्रयोग की जाने वाली स्याही निम्नलिखित में से किसके अपघटन से प्राप्त होती है?
(a) एसीटिलीन
(b) मीथेन
(c) कार्बन टेट्राक्लोराइड
(d) बेन्जीन
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (b) मीथेन
- मीथेन एक रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधहीन गैस है, जो दलदली क्षेत्रों में पाई जाती है।
- इसके अतिरिक्त यह कार्बनिक पदार्थ के विघटन से तथा कोयले से निकलने वाली गैसों में भी विद्यमान रहती है।
- यह काले रंग, मोटर टायर, छापेखाने की स्याही, पेंट तथा कार्बन की छड़े बनाने में प्रयुक्त होती है।
- इसे 100°C तापमान पर जलाने से कार्बन ब्लैक प्राप्त होता है, जो छपाई के काम में आता है।
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13. मीथेन गैस उत्पादन करने वाला क्षेत्र है-
(a) गेहूं का खेत
(b) धान का खेत
(c) कपास का खेत
(d) मूंगफली का खेत
[U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर – (b) धान का खेत
- धान के खेत, कोयले की खदानें एवं घरेलू पशु वातावरण में मीथेन उत्सर्जन के मानवीय स्रोत हैं, जबकि आर्द्रभूमि तथा समुद्र, मीथेन उत्सर्जन के प्राकृतिक स्रोत हैं।
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14. निम्न में से कौन सुमेलित है?
सूची-1 |
सूची-II |
(1) बायोगैस |
कीटनाशी |
(2) इलैक्ट्रो कार्डियोग्राफी |
हृदय विकार |
(3) डी.डी.टी. |
गोबर |
(4) निकोटिन |
तम्बाकू |
कूट :
(a) 1, 2 एवं 4
(c) 2 एवं 3
(b) 2, 3 एवं 4
(d) 2 एवं 4
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]
उत्तर – (d) 2 एवं 4
- बायोगैस संयंत्रों द्वारा गांवों में प्रकाश एवं भोजन पकाने वाली गैस की व्यवस्था होती है।
- इलेक्ट्रो कार्डियोग्राफी से हृदय विकार का पता लगाया जाता है।
- डी.डी.टी. एक कीटनाशक है।
- तम्बाकू में निकोटिन पाया जाता है।
- जो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है।
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15. निम्नलिखित में से कौन-सा रसायन फल पकाने में सहायता करता है?
(a) इथेफॉन
(b) एट्राजिन
(c) आइसोप्रोटूरॉन
(d) मैलेथियान
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005, U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre.) 2010]
उत्तर – (a) इथेफॉन
- इथेफॉन रसायन का उपयोग कच्चे फलों को पकाने के लिए किया जाता है।
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16. निम्नलिखित में से कौन-सा रसायन फल पकाने के लिए उपयोग में लाया जाता है?
(a) सोडियम क्लोराइड
(b) कैल्शियम कार्बाइड
(c) पोटैशियम क्लोराइड
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S (Mains) 2011]
उत्तर – (b) कैल्शियम कार्बाइड
- फलों को पकाने में कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग किया जाता है।
- इसका रासायनिक सूत्र CaC, होता है।
- यह ऐसीटिलीन के एजेण्ट के रूप में कार्य करता है।
- फलों को पकाने की प्रक्रिया में कैल्शियम कार्बाइड नमी (जल) के साथ अभिक्रिया कर ऐसीटिलीन गैस बनाता है।
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17. हरे फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह उत्पन्न करता है-
(a) मेथिलीन
(b) ऑक्सिन
(c) ऐसीटिलीन
(d) फ्लोरिजन
[R.A.S/R.T.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (c) ऐसीटिलीन
- फलों को पकाने की प्रक्रिया में कैल्शियम कार्बाइड नमी (जल) के साथ अभिक्रिया कर ऐसीटिलीन गैस बनाता है।
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18. निम्नलिखित में से कौन फलों के पकने में बढ़ावा देता है?
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) सल्फर डाइऑक्साइड
(c) नाइट्रोजन
(d) एथिलीन
[U.P.R.O./A.R.O (Pre) 2014]
उत्तर – (d) एथिलीन
- दिए गए विकल्पों में से एथिलीन गैस का उपयोग कच्चे फलों को पकाने में किया जाता है।
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19. निम्नलिखित गैस मिश्रणों में से कौन-सा गैस वेल्डिंग के लिए प्रयुक्त किया जाता है?
(a) एसिटिलीन तथा हाइड्रोजन
(b) ऑक्सीजन तथा एसिटिलीन
(c) हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन
(d) हाइड्रोजन तथा हीलियम
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (b) ऑक्सीजन तथा एसिटिलीन
- गैस वेल्डिंग के लिए ऑक्सीजन एवं एसिटिलीन का मिश्रण सर्वाधिक प्रचलित है।
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20. वेल्डिंग में प्रयोग होने वाली गैसें हैं –
(a) ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन
(b) ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन
(c) ऑक्सीजन तथा एसीटिलीन
(d) हाइड्रोजन तथा एसीटिलीन
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63 B.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर – (c) ऑक्सीजन तथा एसीटिलीन
- गैस वेल्डिंग के लिए ऑक्सीजन एवं एसिटिलीन का मिश्रण सर्वाधिक प्रचलित है।
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21. ऐसीटिलीन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. वेल्डन उद्योग में उसका उपयोग होता है।
2. यह प्लास्टिक का निर्माण करने में उपयुक्त एक कच्चा माल है।
3. सिलिकॉन कार्बाइड और पानी का मिश्रण कर इसकी सुगमता से प्राप्ति होती है।
इन कथनों में से
(a) 1 और 2 सही हैं
(c) 2 और 3 सही हैं
(b) 1 और 3 सही हैं
(d) 1,2 और 3 सही है
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर – (a) 1 और 2 सही हैं
- ऐसीटिलीन को ‘एथीन’ (C₂H₂) भी कहते हैं।
- इसका उपयोग वेल्डिंग में किया जाता है।
- इसके द्वारा क्लोरो इथेन का निर्माण किया जाता है, जो प्लास्टिक निर्माण हेतु कच्चे माल के रूप में प्रयोग होता है।
- कैल्शियम कार्बाइड और पानी का मिश्रण कर ऐसीटिलीन की सुगमता से प्राप्ति होती है।
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22. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सुमेलित नहीं है?
(a) फुलरीन्स फ्लोरीनयुक्त कार्बनिक यौगिक
(b) शुष्क बर्फ ठोस कार्बन डाइऑक्साइड
(c) किरोटिन मानव त्वचा की बाहरी परत में पाया जाने वाला प्रोटीन
(d) मस्टर्ड गैस-रासायनिक युद्ध में प्रयुक्त होने वाला विषैला द्रव
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001, U.P. Lower Sub. (Pre) 2002, U.P.P.C.S. (Pre) 2001,2003, U.P. Lower Sub. (Pre) 2003]
उत्तर – (a) फुलरीन्स फ्लोरीनयुक्त कार्बनिक यौगिक
- शुष्क बर्फ (Dry ice) का निर्माण ठोस कार्बन डाइऑक्साइड से किया जाता है।
- निर्माण में यह प्रक्रिया कार्बन डाइऑक्साइड गैस से तरल, तत्पश्चात ठोस में परिवर्तित करके की जाती है, जबकि ठोस कार्बन डाइऑक्साइड का ऊर्ध्वपातन तरल में न होकर सीधे गैस रूप में होता है।
- मस्टर्ड गैस (Mustard gas) को शक्तिशाली रासायनिक हथियार के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- इस प्राणघातक रसायन से त्वचा, आंख के अतिरिक्त फेफड़े एवं डी.एन.ए. कोशिकाएं सर्वाधिक प्रभावित होती हैं।
- प्रयोग के 1-6 घंटे बाद इसके लक्षण दृष्टिगत होने लगते हैं।
- टेफ्लॉन (Teflon) पॉलीटेट्राफ्लोरोएथलीन का व्यापारिक नाम है, जिसे वर्ष 1944 में रजिस्टर्ड कराया गया था।
- यह संश्लेषित फ्लोरोपॉलीमर है जिसमें फ्लोरीन के अणु मिले रहते हैं।
- अतः टेफ्लॉन फ्लुओरीन युक्त बहुलक है।
- फुलरीन (Fullerene) कार्बन (Carbon allotropes) परिवार का अपररूप है जिसमें पूर्ण रूप से कार्बन के अणु संघटित रहते हैं। इसे C से व्यक्त किया जाता है।
- फुलेरीन की खोज राइस विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने वर्ष 1985 में की थी।
- वैज्ञानिक रिचर्ड बकमिन्स्टर फुलर के नाम पर कार्बन के इस अपररूप का नाम फुलरीन दिया गया।
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23. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सुमेलित नहीं है?
(a) शुष्क बर्फ ठोस कार्बन डाइऑक्साइड
(b) मस्टर्ड गैसः रासायनिक युद्ध में प्रयुक्त होने वाला विषैला द्रव
(c) टेफ्लॉन फ्लुओरीन युक्त बहुलक
(d) फुलरीन: फ्लुओरीन युक्त कार्बनिक यौगिक
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर – (d) फुलरीन: फ्लुओरीन युक्त कार्बनिक यौगिक
- टेफ्लॉन (Teflon) पॉलीटेट्राफ्लोरोएथलीन का व्यापारिक नाम है, जिसे वर्ष 1944 में रजिस्टर्ड कराया गया था।
- यह संश्लेषित फ्लोरोपॉलीमर है जिसमें फ्लोरीन के अणु मिले रहते हैं।
- अतः टेफ्लॉन फ्लुओरीन युक्त बहुलक है।
- फुलरीन (Fullerene) कार्बन (Carbon allotropes) परिवार का अपररूप है जिसमें पूर्ण रूप से कार्बन के अणु संघटित रहते हैं।
- इसे C से व्यक्त किया जाता है।
- फुलेरीन की खोज राइस विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने वर्ष 1985 में की थी।
- वैज्ञानिक रिचर्ड बकमिन्स्टर फुलर के नाम पर कार्बन के इस अपररूप का नाम फुलरीन दिया गया।
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24. निम्नलिखित पदार्थों को उनके पहली बार प्रयोगशाला में संश्लेषण के कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए –
1. ब्लैक गोल्ड
2. फुलेरीन
3. ग्रैफीन
4. केवलार
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर चुनिए- कूट :
(a)1,2,3,4
(b)4,2,3,1
(c)2,4,3,1
(d)4,1,2,3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (b) 4,2,3,1
- अमेरिका स्थित ड्यूपॉट लेबोरेटरीज में वर्ष 1965 में केवलार का संश्लेषण सर्वप्रथम स्टेफनी क्वोलेक ने किया था।
- सर्वप्रथम फुलेरीन की खोज वर्ष 1985 में ब्रिटेन के हैरोल्ड डब्ल्यू. क्रोटो तथा अमेरिकी वैज्ञानिकों रिचर्ड ई. स्मैली तथा रॉबर्ट एफ. कर्ल जूनियर द्वारा की गई थी।
- ग्रैफीन को सर्वप्रथम वर्ष 2004 में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में दो अनुसंधानकर्ताओं आंद्रे गीम तथा कोस्त्या नोवेसेलोव द्वारा संश्लेषित किया गया था।
- वर्ष 2019 में मुंबई स्थित टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने नैनो प्रौद्योगिकी की तकनीकों का प्रयोग कर सुनहरे गोल्ड को ब्लैक गोल्ड में रूपांतरित करने में सफलता प्राप्त की।
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25. अधोलिखित युग्मों में से कौन सही सुमेलित नहीं है?
(a) पाइरीन |
अग्निशामक |
(b) सल्फर डाइऑक्साइड |
अम्ल वर्षा |
(c) फ्रेऑन |
प्रशीतक |
(d) फुलरीन |
फ्लुओरीन युक्त बहुलक |
[UPPCS (Mains) 2016]
उत्तर – (d) फुलरीन – फ्लुओरीन युक्त बहुलक
- फुलरीन (Fullerene) कार्बन का एक उपयोगी अपररूप (Allotropes) है।
- इसकी खोज वर्ष 1985 में प्रोफेसर आर.ई. स्मैली, सर हेरोल्ड डब्ल्यू. क्रोटो एवं रॉबर्ट एफ. कर्ल द्वारा की गई थी, जिसके लिए इन्हें वर्ष 1996 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- फुलरीन का सबसे साधारण रूप बकमिन्सटर फुलरीन है।
- यह एक रवेदार बहुरूप है जिसका प्रत्येक अणु 60 कार्बन परमाणुओं का गोलाकार समूह होता है।
- इसे C द्वारा निरूपित करते हैं।
- इसके अतिरिक्त C2,C30 C767 C आदि फुलरीन छोटे-बड़े गोलाकार रचनाओं के रूप में पाए जाते हैं।
- उपर्युक्त अन्य विकल्प सही सुमेलित हैं।
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26. बेंजीन के लिए निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है?
(a) इसमें छः सिग्मा एवं छः पाई बंध होते हैं।
(b) इसमें बारह सिग्मा एवं छः पाई बंध होते हैं।
(c) इसमें बारह सिग्मा एवं तीन पाई बंध होते हैं।
(d) इसमें छः सिग्मा और तीन पाई बंध होते हैं।
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर – (c) इसमें बारह सिग्मा एवं तीन पाई बंध होते हैं।
- बेंजीन एक हाइड्रोकार्बन है जिसका सूत्र CH है।
- इसमें छः कार्बन परमाणु और छः हाइड्रोजन परमाणु होते हैं।
- प्रत्येक कार्बन परमाणु एक बंध से हाइड्रोजन से और दो से अन्य निकटवर्ती कार्बन परमाणुओं से संबद्ध रहता है।
- कार्बन का चौथा बंध युग्म बंध के रूप में उपस्थित माना गया है।
- इसमें बारह सिग्मा एवं तीन पाई बंध होते हैं।
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27. बेंजीन में सिग्मा और पाई बंध की संख्या होती है
(a) 3, 3
(b) 3, 6
(c) 12, 3
(d) 12, 6
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66 B.P.S.C. (Pre) 2020]
उत्तर – (c) 12, 3
- बेंजीन में बारह सिग्मा एवं तीन पाई बंध होते हैं।
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28. CO समूह का आबंध क्रम क्या है?
(a) 1
(b) 2.5
(c) 3.5
(d) 3
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2019]
उत्तर – (d) 3
- आबंध क्रम (Bond Order) एक संख्या है, जो हमें यह बताती है कि अणु या समूह बनाने वाले दो परमाणुओं के मध्य उपस्थित बंधन कितना मजबूत है।
- आबंध क्रम का अधिक होना अधिक मजबूती तथा आबंध क्रम का कम होना कम मजबूती प्रदर्शित करता है।
- CO समूह का आबंध क्रम 3 है।
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B. एल्कोहॉल
1. एथिल एल्कोहॉल में निम्न को मिलाकर पीने के अयोग्य बनाया जाता है-
(a) पोटैशियम सायनाइड
(b) मीथेनॉल एवं पिरीडीन
(c) एसिटिक अम्ल एवं पिरीडीन
(d) नैफ्थेलीन
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (b) मीथेनॉल एवं पिरीडीन
- एथिल एल्कोहॉल में मीथेनॉल एवं पिरीडीन मिला देने से यह जहर बन जाता है और इसको पीने से पीने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
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2. उन शराब त्रासदियों में जिनके परिणामस्वरूप अंधता आदि होती है, हानिकर पदार्थ है-
(a) एथिल एल्कोहॉल
(b) ऐमिल एल्कोहॉल
(c) बेंजिल एल्कोहॉल
(d) मेथिल एल्कोहॉल
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (d) मेथिल एल्कोहॉल
- मेथिल एल्कोहॉल एक रंगहीन द्रव है, जो कि जल में हर अनुपात में घुलनशील है।
- यह शराब की भांति तीखी अप्रिय गंध तथा तीव्र स्वाद वाला विषैला होता है।
- इसके अत्यधिक सेवन से अन्धता या पागलपन तथा आवश्यकता से अधिक मात्रा सेवन से मृत्यु भी हो जाती है।
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3. निम्नलिखित में से किसको ‘वुड स्पिरिट’ भी कहा जाता है?
(a) मेथिल एल्कोहॉल
(c) इथिलीन ग्लाइकाल
(b) एथिल एल्कोहॉल
(d) ग्लिसरॉल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (a) मेथिल एल्कोहॉल
- मीथेनॉल या मेथिल एल्कोहॉल को वुड स्पिरिट के नाम से भी जाना जाता हैं।
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4. शक्कर के किण्वन से क्या बनता है?
(a) इथाइल एल्कोहॉल
(b) मिथाइल एल्कोहॉल
(c) एसिटिक एसिड
(d) क्लोरोफिल
[47th B.P.S.C. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) इथाइल एल्कोहॉल
- ग्लूकोज और फ्रक्टोज से बनी गन्ने की शर्करा, जिसका आणविक सूत्र CHO है, के किण्वन से इथाइल (एथिल) एल्कोहॉल बनता है।
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5. ग्लूकोज को एथिल अल्कोहल में किस एंजाइम द्वारा बदल दिया जाता है?
(a) माल्टेज
(b) इन्वर्टेज
(c) जाइमेज
(d) डायस्टेज
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) 2020]
उत्तर – (c) जाइमेज
- जाइमेज एंजाइम ग्लूकोज को एथिल अल्कोहल (एथेनॉल) में परिवर्तित करता है और इस परिवर्तन की प्रक्रिया को फर्मेंटेशन कहते हैं।
- CHO (aq.) Zymase 2C,H,OH (aq) + 2CO, (ग्लूकोज) एथेनॉल कार्बन डाइऑक्साइड
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6. शीरा (Molasses) किसके उत्पादन के लिए अति उत्तम कच्चा माल है?
(a) ग्लिसरीन
(b) यूरिया
(c) एल्कोहॉल
(d) पैराफीन
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (c) एल्कोहॉल
- शराब एक एल्कोहॉलीय पेय है, जो भिन्न-भिन्न पदार्थों के किण्वन से बनाई जाती है।
- इसमें एल्कोहॉल की मात्रा भी अलग-अलग होती है।
- बीयर, शैम्पेन, साइडर, पोर्ट एवं शेरी, ह्विस्की, ब्राण्डी, रम, जिन आदि कुछ प्रमुख शराब हैं।
- बीयर में एल्कोहॉल की मात्रा सबसे कम तथा रम में सबसे ज्यादा होती है।
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7. जौ के अंकुरित बीजों के किण्वन से बने शराब को कहते हैं
(a) बियर
(c) वोका
(b) वाइन
(d) रम
[U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर – (a) बियर
- अधिकतर बियर जौ (Barley) के किण्वन से बनती है, इसलिए इसे भारतीय उपमहाद्वीप में जौ की शराब या आब-जौ के नाम से बुलाया जाता है।
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8. पुलिस द्वारा नशे में गाड़ी चलाने वाले की सांस की जांच के लिए फिल्टर पेपर पर क्या होता है?
(a) पोटैशियम डाइक्रोमेट-सल्फ्यूरिक अम्ल
(b) पोटैशियम परमैग्नेट-सल्फ्यूरिक अम्ल
(c) सिल्वर नाइट्रेट लेपित सिलिका जेल
(d) हल्दी
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre)2020]
उत्तर – (a) पोटैशियम डाइक्रोमेट-सल्फ्यूरिक अम्ल
- पुलिस द्वारा नशे में गाड़ी चलाने वाले की सांस की जांच के लिए ब्रेथ एनेलाइजर (Breath analyzer) या ब्रीथलाइजर (Breathalyzer) नामक उपकरण का प्रयोग किया जाता है।
- इस उपकरण के माध्यम से किसी संदेहास्पद व्यक्ति द्वारा छोड़ी गई सांस (Exhaled breath) को पोटैशियम डाइक्रोमेट (K,Cr₂O,) तथा सल्फ्यूरिक अम्ल (H.SO) के विलयन से गुजारा जाता है।
- ब्रेथलाइजर में लाल-भूरा पोटैशियम डाइक्रोमेट विलयन, एल्कोहल से अभिक्रिया कर हरे रंग में परिवर्तित हो जाता है।
- इस हरे रंग की तीव्रता (Intensity) के माध्यम से छोड़ी गई सांस में एल्कोहल की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है।
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C. बहुलक
1. प्राकृतिक रबर का बहुलक है-
(a) एथलीन
(b) आइसोप्रिन
(c) ऐसीटिलिन
(d) हैक्सेन
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (b) आइसोप्रिन
- बहुलकीकरण वह अभिक्रिया है, जिसमें एक ही प्रकार के एक से अधिक अणु आपस में जुड़कर कोई अधिक अणुभार वाला बड़ा अणु बनाते हैं।
- बहुलकीकरण में भाग लेने वाले अणुओं को एकलक एवं उत्पाद को बहुलक (Polymer) कहा जाता है।
- आइसोप्रिन प्राकृतिक रबर का बहुलक है।
- आइसोप्रिन एक रंगीन द्रव है, जो पेट्रोलियम के मंजक आसवन से प्राप्त होता है।
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2. प्राकृतिक रबड़ निम्नलिखित में से एक का बहुलक है-
(a) ब्यूटाडाइन
(b) एथिलीन
(c) आइसोप्रिन
(d) स्टाइरीन
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (c) आइसोप्रिन
- प्राकृतिक रबड़ आइसोप्रिन का बहुलक है।
- आइसोप्रिन एक कार्बनिक पदार्थ है, जिसका सूत्र CH, C (CH) CH=CH, है।
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3. प्राकृतिक रबर किसका बहुलक है?
(a) आइसोप्रीन
(b) विनाइल ऐसीटेट
(c) स्टाइरीन
(d) प्रोपीन
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (a) आइसोप्रीन
- प्राकृतिक रबड़ आइसोप्रिन का बहुलक है।
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4. निम्नांकित में कौन एक प्राकृतिक बहुलक नहीं है?
(a) ऊन
(c) चमड़ा
(b) रेशम
(d) नाइलोन
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001, U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (d) नाइलोन
- ऊन, रेशम, चमड़ा सभी प्राकृतिक बहुलक हैं, परंतु नाइलोन प्राकृतिक बहुलक नहीं है।
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5. निम्नलिखित में से कौन-सा एक पदार्थ प्राकृतिक बहुलक है?
(a) बैकेलाइट
(b) रेशम
(c) केवलार
(d) लेक्सान
[U.P. P.C.S. (Pre) Exam. 2017]
6. निम्नलिखित में से कौन-सा एक गैर-सेल्युलोजी रेशे का उदाहरण है?
(a) रेयॉन
(b) लिनन
(c) जूट
(d) नायलॉन
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (d) नायलॉन
- रेयॉन, कॉटन, सन, जूट, लिनन आदि सेल्युलोज के बने होते हैं, जबकि नायलॉन, पॉलिएस्टर आदि एक गैर-सेल्युलोजी रेशे का उदाहरण हैं।
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7. निम्नलिखित में से कौन-सा बहुलक, एक थोप्लास्टिक नहीं है?
(a) टेफ्लान
(b) नियोप्रीन
(c) पॉलिस्टीरीन
(d) पॉलिथीन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर – (b) नियोप्रीन
- नियोप्रीन एक थर्मोप्लास्टिक नहीं है। नियोप्रीन (Neoprene) क्लोरोप्रीन (Chloroprene) का उच्च बहुलक है।
- यह एक प्रकार का कृत्रिम रबर है।
- इसका उपयोग पाइप, बेल्ट आदि बनाने में होता है।
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8. निम्नलिखित में से कौन बहुलक नहीं है?
(a) घी
(b) स्टार्च
(c) प्रोटीन
(d) रुई (कपास)
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]
उत्तर – (a) घी
- घी बहुलक नहीं है, जबकि अन्य सभी बहुलक हैं।
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9. निम्न में से किसका उपयोग पॉलिथीन के संश्लेषण में किया जाता है?
(a) मीथेन
(b) ऐथेन
(c) प्रोपेन
(d) ब्यूटेन
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (*)
- पॉलिथीन, एथिलीन के बहुलकीकरण द्वारा बनाया जाता है।
- अतः पॉलिथीन, एथिलीन का बहुलक होता है।
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10. प्लास्टिक से कौन-सी गैस उत्पन्न होती है?
(a) पोलिनाइट्रोजन
(c) पोलिक्लोरिन
(b) पोलिहाइड्रोजन
(d) पोलिएथिलीन
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (d) पोलिएथिलीन
- प्लास्टिक से पोलिएथिलीन गैस उत्पन्न होती है।
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11. निम्नलिखित में से कौन-सा बहुलक बुलेट प्रूफ वस्त्र बनाने में उपयोग किया जाता है?
(a) बैकेलाइट
(b) पॉलिएमाइड
(c) टेफ्लॉन
(d) पॉलियूरिथेन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर – (b) पॉलिएमाइड
- बुलेट प्रूफ जैकेट के निर्माण में पॉली पैराफेनीलीन टेरेप्योलैमाइड (पॉलिएमाइड) (Poly-Paraphenylene Terephtholamide) नामक बहुलक का प्रयोग होता है।
- यह एक सिंथेटिक फाइबर है।
- इसका ब्रांड नाम केवलर है।
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12. बुलेट प्रूफ पदार्थ बनाने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा बहुलक प्रयुक्त होता है?
(a) पॉलिविनाइल क्लोराइड
(b) पॉलिएमाइड
(c) पॉलिएथिलीन
(d) पॉलिकार्बोनेट्स
[I.A.S. (Pre) 1995, U.P.P.S.C. (GIC) 2010, U.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2005, U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर – (b) पॉलिएमाइड
- बुलेट प्रूफ पदार्थ के निर्माण में पॉलिएमाइड का उपयोग किया जाता है।
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13. निम्नलिखित में से कौन-सा बहुलक बुलेट प्रूफ खिड़की बनाने में उपयोग किया जाता है?
(a) पॉलिकार्बोनेट
(c) पॉलिस्टाइरीन
(b) पॉलियूरिथेन
(d) पॉलिएमाइड
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर – (a) पॉलिकार्बोनेट
- बुलेट प्रूफ खिड़की के निर्माण में पॉलिकार्बोनेट नामक बहुलक का प्रयोग होता है।
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14. बुलेट प्रूफ जैकेट के निर्माण में किस बहुलक पदार्थ का प्रयोग होता है?
(a) नायलॉन 6,6
(b) रेयॉन
(c) केवलर
(d) डेक्रॉन
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (c) केवलर
- बुलेट प्रूफ जैकेट के निर्माण में केवलर नामक बहुलक का प्रयोग होता है।
- केवलर एक सिंथेटिक फाइबर है।
- यह पॉली-पैराफेनीलीन टेरेप्योलैमाइड (Poly Paraphenylene Terephtholamide) का ट्रेडमार्क नाम है।
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15. निम्नांकित में से कौन एक ‘बूलेट प्रूफ जैकेट’ बनाने में प्रयोग किया जाता है?
(a) रेशेदार कांच
(c) सीसा
(b) गन मेटल
(d) लैमिनेटेड (पटलित) कांच
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (d) लैमिनेटेड (पटलित) कांच
- बुलेट प्रूफ कांच मूल रूप से साधारण कांच की अनेक पर्तों के बीच पॉली-कार्बोनेट की एक परत डालकर बनाया जाता है।
- इस प्रक्रिया को आमतौर पर लैमिनेशन कहा जाता है।
- इस लैमिनेटेड कांच का बुलेट प्रूफ जैकेट निर्माण में प्रयोग हो सकता है।
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16. निम्नलिखित में से किन बहुलकों का उपयोग बुलेट प्रूफ वस्तुओं को बनाने में किया जाता है?
1. केवलर II. ग्लिप्टाल III. लेक्सान
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
कूट :
(a) I तथा II
(b) II तथा III
(c) I तथा III
(d) उपरोक्त में कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर – (c) I तथा III
- केवलर तथा लेक्सान बहुलकों का उपयोग बुलेट प्रूफ सीसा, डी.वी. डी., किचन के बर्तन आदि बनाने में किया जाता है।
- जबकि ग्लिप्टाल एक थर्मोसेटिंग प्लास्टिक है।
- इसमें तन्यता नहीं होती, इसलिए इसका इस्तेमाल पेंट बनाने में किया जाता है।
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17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. टेफ्लॉन तथा डेक्रॉन बहुलक हैं।
2. नियोप्रीन संश्लेषित रबर है।
3. पॉलिथीन, पॉलिएथिलीन का बहुलक है।
4. प्राकृतिक रबर क्लोरोप्रीन हैं।
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) 1, 2 तथा 3|
(c) 2, 3 तथा 4
(b) 1, 2 तथा 4
(d) 1, 3 तथा 4
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002, U.P. P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (a) 1, 2 तथा 3|
- प्राकृतिक रबर ‘आइसोप्रीन’ का बहुलक है, जो रबर के वृक्ष से लैटेक्स के रूप में प्राप्त किया जाता है।
- कृत्रिम स्रोतों से प्राप्त रबर को संश्लिष्ट रबर कहा जाता है।
- संश्लिष्ट रबर (Synthetic Rubber) के उदाहरण हैं-पॉलीस्टाइरीन (Polystyrene), ड्यूप्रीन रबर (Duprene Rubber) नियोप्रीन रबर (Neoprene Rubber), थायोकॉल रबर (Thiokol Rubber)। पॉलिएथिलीन, टेफ्लॉन तथा डेक्रॉन बहुलक के उदाहरण हैं। पॉलिथीन, पॉलिएथिलीन का बहुलक है।
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18. टेफ्लॉन का सामान्य नाम है-
(a) पॉलिटेट्राफ्लुरो एथीलीन
(b) पॉलिविनाइल क्लोराइड
(c) पॉलिविनाइल फ्लुओराइड
(d) डाईक्लोरो डाईफ्लुओरो मिथेन
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (a) पॉलिटेट्राफ्लुरो एथीलीन
- पॉलीटेट्राफ्लुरो एथिलीन (Polytetrafluoro Ethylene- PTFE) एक संश्लेषित फ्लुरो बहुलक है।
- इसका साधारण नाम टेफ्लॉन (Teflon) है।
- PIFE एक ठोस फ्लोरोकार्बन है।
- इसका घनत्व 2.2g/cm³ होता है एवं इसका गलनांक 327°C होता है।
- यह अनेक कार्यों के लिए उपयोगी है।
- मुख्यतः इसका उपयोग बर्तनों पर न चिपकने वाली (Non-Stick) सतह के रूप में होता है।
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19. नॉन-स्टिक फ्राइंग कड़ाही में लेप लगा होता है-
(a) आरलान
(b) टेफ्लॉन
(c) पॉलीस्टाइरिन
(d) पॉलीप्रोपाइलिन
[Jharkhand P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (b) टेफ्लॉन
- टेफ्लॉन का उपयोग बर्तनों पर न चिपकने वाली (Non-Stick) सतह के रूप में होता है।
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20. टेफ्लॉन निम्नलिखित में से किस एकलक का बहुलक है?
(a) टेट्राफ्लोरोएथिलीन
(b) विनाइल क्लोराइड
(c) क्लोरोप्रिन
(d) ऐसीटिलीन डाइक्लोराइड
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) Exam, 2016]
उत्तर – (a) टेट्राफ्लोरोएथिलीन
- पॉलीटेट्राफ्लुरो एथिलीन (Polytetrafluoro Ethylene- PTFE) एक संश्लेषित फ्लुरो बहुलक है।
- इसका साधारण नाम टेफ्लॉन (Teflon) है।
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21. टेफ्लॉन क्या है?
(a) फ्लोरोकार्बन
(c) रोगाणुनाशक
(b) हाइड्रोकार्बन
(d) कीटनाशक
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (a) फ्लोरोकार्बन
- PIFE(टेफ्लॉन) एक ठोस फ्लोरोकार्बन है।
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22. निम्नलिखित में से किस पदार्थ का उपयोग बर्तनों को चमकीला बनाने के लिए किया जाता है?
(a) ऐलम
(c) जिंक क्लोराइड
(b) कैलोमेल
(d) जिंक ऑक्साइड
[U.P.P.C.S (Mains) 2015]
उत्तर – (d) जिंक ऑक्साइड
- जिंक ऑक्साइड का उपयोग बर्तनों को चमकीला बनाने के लिए किया जाता है।
- वस्तुओं को चमकीला बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य ऑक्साइड इस प्रकार हैं- सिलिकॉन डाइऑक्साइड, एल्युमीनियम ऑक्साइड, बेरियम ऑक्साइड, सोडियम ऑक्साइड इत्यादि।
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23. निम्नलिखित में से कौन-सा पॉलीमर नहीं है ?
(a) नायलॉन
(b) टेफ्लॉन
(c) कैप्रोलेक्टम
(d) पॉलीस्टाइरीन
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (c) कैप्रोलेक्टम
- कैप्रोलैक्टम एक कार्बनिक यौगिक है, जिसका सूत्र (CH),C(O) NH होता है।
- यह नायलॉन के लिए कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है।
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24. निम्नलिखित में से कौन-सा कृत्रिम पदार्थ नहीं है?
(a) फाइब्रोइन
(c) निओप्रीन
(b) लेक्सान
(d) टेफ्लान
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर – (a) फाइब्रोइन
- प्रश्नगत विकल्पों में फाइब्रोइन (Fibroin) एक प्राकृतिक पदार्थ है।
- ये अविलेय प्रोटीन होते हैं, जो कि रेशम तंतुओं (Silk Fibers) के घटक हैं।
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25. निम्नलिखित में से किसके निर्माण में फीनॉल का प्रयोग किया जाता है?
(a) पी.वी.सी. के
(b) नायलॉन के
(c) पालीस्टाइरीन के
(d) बेकेलाइट के
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (d) बेकेलाइट के
- वर्ष 1907 में लियो बैकलैंड ने फीनॉल और फार्मएल्डिहाइड की अभिक्रिया के फलस्वरूप बेकेलाइट का निर्माण किया था।
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26. बैकेलाइट निम्नलिखित के संघनन से बनता है-
(a) यूरिया एवं फॉर्मेल्डिहाइड
(b) फिनॉल तथा फॉर्मेल्डिहाइड
(c) फिनॉल तथा ऐसीटैल्डिहाइड (d) मेलामिन एवं फॉर्मेल्डिहाइड
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) Exam, 2016]
उत्तर – (b) फिनॉल तथा फॉर्मेल्डिहाइड
- बैकेलाइट एक आरंभिक प्लास्टिक है।
- इसका रासायनिक नाम ‘पॉलीऑक्सीबेंजाइल मेथिलीन ग्लाइको एनहाइड्राइड’ (C,H,O. CH₂O) है।
- यह थर्मोसेटिंग फिनॉल फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन होता है जो फिनॉल और फॉर्मेल्डिहाइड से संघनन प्रतिक्रिया (Condensation reactions) के फलस्वरूप बनता है।
- इसकी खोज वर्ष 1907 से 1909 के मध्य बेल्जियम के रसायनज्ञ लियो बैकलैंड (Leo Baekeland) ने की थी।
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27. निम्नलिखित में से कौन-सा बहुलक जैव-निम्नीकृत नहीं किया जा सकता ?
(a) सेलुलोज
(b) स्टार्च
(c) प्रोटीन
(d) पी.वी.सी.
[R.O./A.R.O. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (d) पी.वी.सी.
- जैव-निम्नीकृत (Biodegradable) बहुलक वे हैं जिनका विखंडन जैविक प्रक्रियाओं द्वारा समय के साथ प्राकृतिक एवं पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित तरीके से हो जाता है।
- सेलुलोज, स्टार्च एवं प्रोटीन जैव निम्नीकृत बहुलक हैं।
- पी.वी.सी. (PVC: Polyvinyl Chloride) जैव- निम्नीकृत बहुलक नहीं है।
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D. कार्बनिक अम्ल
1. कथन (A): फॉर्मिक एसिड, एसीटिक एसिड से अधिक तेज अम्ल है।
कारण (R): फॉर्मिक एसिड ऑरगेनिक एसिड है।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर – (b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
- फॉर्मिक अम्ल (HCOOH) और एसीटिक अम्ल दोनों ऑरगेनिक (कार्बनिक) अम्ल हैं।
- HCOOH, CH, COOH से अधिक तेज अम्ल है क्योंकि इसमें (H) प्रोटॉन आसानी से मुक्त होता है-
H-C-O-H CH-C-O-H
H-C-O+H 11 CH-C-O+H
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2.लम्बे समय तक कठोर शारीरिक कार्य के पश्चात मांसपेशियों (Muscles) में थकान अनुभव होने का कारण होता है-
(a) ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी
(b) पेशी-तंतुओं की थोड़ी बहुत टूट-फूट
(c) ग्लूकोज का अवक्षय
(d) लैक्टिक एसिड का संचय
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (d) लैक्टिक एसिड का संचय
- लम्बे समय तक कठोर शारीरिक कार्य के पश्चात मांसपेशियों (Muscles) में लैक्टिक अम्ल (Lactic acid) के संचय हो जाने के कारण शरीर में थकान का अनुभव होता है।
- लैक्टिक अम्ल का संचय त्वरित न होकर एक कालिक प्रक्रिया है।
- थकान को मिटाने के लिए आराम की आवश्यकता होती है।
- इसके अलावा शरीर की मालिश करने पर थकान से राहत मिलती है।
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3. किस द्रव के एकत्रित होने पर मांसपेशियां थकान का अनुभव करने लगती हैं?
(a) लैक्टिक एसिड
(b) पाइरूविक एसिड
(c) बेंजोइक एसिड
(d) यूरिक एसिड
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992, U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2008, U.P. P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (a) लैक्टिक एसिड
- लम्बे समय तक कठोर शारीरिक कार्य के पश्चात मांसपेशियों (Muscles) में लैक्टिक अम्ल (Lactic acid) के संचय हो जाने के कारण शरीर में थकान का अनुभव होता है।
|
4. नींबू खट्टा किस कारण से होता है?
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के कारण
(b) एसीटिक अम्ल के कारण
(c) टारटेरिक अम्ल के कारण
(d) साइट्रिक अम्ल के कारण
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर – (d) साइट्रिक अम्ल के कारण
- नींबू में साइट्रिक अम्ल पाया जाता है।
- यह शरीर में विटामिन-सी की कमी को पूरा करता है।
- विटामिन-सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो जाता है।
- एसीटिक अम्ल, सिरके में पाया जाता है, जबकि टास्टेरिक अम्ल इमली में पाया जाता है।
|
5. नींबू में मुख्यतः कौन-सा अम्ल होता है?
(a) एसीटिक अम्ल
(b) एस्कॉर्बिक अम्ल
(c) साइट्रिक अम्ल
(d) नाइट्रिक अम्ल
[M.P.P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (c) साइट्रिक अम्ल
- नींबू में साइट्रिक अम्ल पाया जाता है।
|
6. सूची-1 तथा सूची-II का सुमेल कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 |
सूची-II |
(A) लैक्टिक अम्ल |
1. नींबू |
(B) एसीटिक अम्ल |
2. दुर्गंधयुक्त मक्खन |
(C) साइट्रिक अम्ल |
3. दूध |
(D) व्यूटाइरिक अम्ल |
4. सिरका |
कूट :
A B C D
(a)1,4,3,2
(b)3,1,4,2
(c)2,3,4,1
(d)3,4,1,2
[U.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (d) 3,4,1,2
- दूध में लैक्टिक अम्ल, सिरके में एसीटिक अम्ल तथा नींबू में साइट्रिक अम्ल पाया जाता है।
- मक्खन में ब्यूटाइरिक अम्ल पाया जाता है।
|
7. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
(a) एस्कॉर्बिक अम्ल नींबू
(b) माल्टोस माल्ट
(c) एसीटिक अम्ल दही
(d) फॉर्मिक अम्ल लाल चींटी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (c) एसीटिक अम्ल दही
- एस्कॉर्बिक अम्ल (विटामिन सी) ताजी सब्जियों एवं साइट्रस फलों जैसे- नींबू में पाया जाता है, माल्टोस माल्ट में उपस्थित होता।
- किसी अन्न को अंकुरित कराकर, फिर उसे गरम हवा की सहायता से सुखाने से प्राप्त उत्पाद को माल्ट कहते हैं।
- दही में एसीटिक अम्ल नहीं बल्कि लैक्टिक अम्ल मिलता है।
- लाल चींटियों में फॉर्मिक अम्ल उपस्थित होता है।
|
8. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 |
सूची-II |
A. अचार |
1. कार्बोनिक अम्ल |
B. खट्टा दूध |
2. एसीटिक अम्ल |
C. सेब |
3. लैक्टिक अम्ल |
D. शीतल पेय एवं सोडा वाटर |
4. मैलिक अम्ल |
कूट :
A B C D
(a)1,2,3,4
(b)2,3,4,1
(c)4,3,1,2
(d)3,4,2,1
[U.P.P.C.S. (Mains) 2003]
उत्तर – (b) 2,3,4,1
- सही सुमेल इस प्रकार है-
अचार |
एसीटिक अम्ल |
खट्टा दूध |
लैक्टिक अम्ल |
सेब |
मैलिक अम्ल |
शीतल पेय एवं सोडा वाटर |
कार्बोनिक अम्ल |
|
9. निम्नलिखित में से कौन-सा कार्बनिक अम्ल अंगूर, इमली तथा केला में प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहता है?
(a) एसीटिक अम्ल
(b) सिट्रिक अम्ल
(c) लैक्टिक अम्ल
(d) टारटेरिक अम्ल
[U.P. P.C.S. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (d) टारटेरिक अम्ल
- अंगूर, इमली तथा केला में प्रचुर मात्रा में टास्टेरिक अम्ल विद्यमान होता है।
- यह अम्लता नियामक और खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में उपयोग किया जाता है।
|
10. अंगूर में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला आर्गेनिक अम्ल है-
(a) एसीटिक अम्ल
(b) साइट्रिक अम्ल
(c) मैलिक अम्ल
(d) टारटेरिक अम्ल
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर – (d) टारटेरिक अम्ल
- अंगूर में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला आर्गेनिक अम्ल टारटेरिक अम्ल है।
|
11. फोटोग्राफी में कौन-सा अम्ल प्रयोग किया जाता है?
(a) फॉर्मिक अम्ल
(b) ऑक्जेलिक अम्ल
(c) साइट्रिक अम्ल
(d) एसीटिक अम्ल
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2003]
उत्तर – (b) ऑक्जेलिक अम्ल
- ऑक्जेलिक अम्ल का फेरस ऑक्जलेट के रूप में फोटोग्राफी में उपयोग किया जाता है।
- फॉर्मिक अम्ल, चींटियों में पाया जाता है।
- साइट्रिक अम्ल, नींबू में पाया जाता है।
- एसीटिक अम्ल, सिरका में पाया जाता है।
|
12. निम्नलिखित अम्लों में से किसको बेकिंग पाउडर के निर्माण में उपयोग करते हैं?
(a) ऑक्जेलिक अम्ल
(b) लैक्टिक अम्ल
(c) टार्टरिक अम्ल
(d) बेंजोइक अम्ल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर – (c) टार्टरिक अम्ल
- टार्टरिक अम्ल का प्रयोग बेकिंग पाउडर के निर्माण में किया जाता है।
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13. सिरका निम्न में से किस एक का जलीय घोल है?
(a) ऑक्जेलिक अम्ल का
(b) साइट्रिक अम्ल का
(c) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का
(d) एसीटिक अम्ल का
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009, I.A.S. (Pre) 1993, 42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर – (d) एसीटिक अम्ल का
- एसीटिक अम्ल (CH,COOH) या एथेनोइक अम्ल एक कार्बनिक अम्ल है, जो सिरके के खट्टे स्वाद तथा तीखी गंध के लिए उत्तरदायी है।
- सिरके के भौतिक एवं रासायनिक गुणों से इस बात की पुष्टि होती है कि वह एसीटिक अम्ल का जलीय घोल है।
- इसका निर्माण ऐथेनाल के किण्वन से किया जाता है।
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14. सिरके का रासायनिक नाम है –
(a) मेथेनॉल
(b) एथेनॉल
(c) एसीटिक अम्ल
(d) एथिल ऐसीटेट
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर – (c) एसीटिक अम्ल
- सिरके के भौतिक एवं रासायनिक गुणों से इस बात की पुष्टि होती है कि वह एसीटिक अम्ल का जलीय घोल है।
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15. सिरके में कौन-सा अम्ल पाया जाता है?
(a) लैक्टिक अम्ल
(b) साइट्रिक अम्ल
(c) मैलेइक अम्ल
(d) एसीटिक अम्ल
[M.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (d) एसीटिक अम्ल
- किसी भी शर्करायुक्त विलयन के मदिराकरण के अनंतर अम्लीय किण्वन से सिरका प्राप्त होता है।
- सिरके में मुख्यतः एसीटिक अम्ल पाया जाता है।
- यह एक परिरक्षक के रूप में प्रयुक्त होता है।
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16. निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?
A. गन्ने के रस को किण्वित करने पर सिरका बनता है।
B. सिरके में एसीटिक अम्ल उपस्थित होता है।
C. सिरके में उपस्थित अम्ल, बेंजोइक अम्ल होता है।
D. सिरका एक परिरक्षक के रूप में प्रयुक्त होता है।
(a) A, B, D
(b) B, C, D
(c) A, C, D
(d) A, B, C
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (a) A, B, D
- किसी भी शर्करायुक्त विलयन के मदिराकरण के अनंतर अम्लीय किण्वन से सिरका प्राप्त होता है।
- सिरके में मुख्यतः एसीटिक अम्ल पाया जाता है।
- यह एक परिरक्षक के रूप में प्रयुक्त होता है।
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17. सिरका का रासायनिक नाम है-
(a) एसीटिक अग्ल
(c) फॉर्मिक अम्ल
(b) ब्यूटिरिक अम्ल
(d) टार्टरिक अम्ल
[M.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (a) एसीटिक अग्ल
- सिरका का निर्माण फलों के शर्करायुक्त रस के किण्वन (Fermentation) के फलस्वरूप होता है।
- सिरका एसीटिक अम्ल का तनु विलयन होता है।
- भोजन के लिए प्रयुक्त सिरके में 4 से 8 प्रतिशत तक एसीटिक अम्ल होता है।
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E. विस्फोटक पदार्थ
1. निम्नलिखित गैस-युग्मों में से किसका मिश्रण खानों में अधिकतर होने वाले विस्फोटों का कारण है?
(a) हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन
(b) ऑक्सीजन एवं एसीटिलीन
(c) मीथेन एवं वायु
(d) कार्बन डाइऑक्साइड एवं मीथेन
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (c) मीथेन एवं वायु
- खानों में सामान्यतः कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन आदि गैसें पाई जाती हैं।
- इन्हीं में वायु की मात्रा मिश्रित होकर विस्फोट का कारण बनती है।
- वायु के साथ 5.15 प्रतिशत मीथेन की मात्रा विस्फोटक होती है। वायु में 12.5 से 74 प्रतिशत कार्बन मोनोऑक्साइड की उपस्थिति विस्फोटक होती है।
- वायु में 4 से 74 प्रतिशत तक कार्बन एवं हाइड्रोजन का मिश्रण कर विस्फोट कराया जा सकता है।
- स्पष्ट है कि प्रश्नगत विकल्पों में खानों में अधिकतर मीथेन एवं वायु का मिश्रण विस्फोट का कारण होता है।
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2. खानों में अधिकतम विस्फोट निम्न में से किसके मिलने से होते हैं?
(a) कार्बन डाइऑक्साइड के साथ मीथेन
(b) मीथेन के साथ वायु
(c) ऑक्सीजन के साथ एसीटिलीन
(d) हाइड्रोजन के साथ ऑक्सीजन
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (b) मीथेन के साथ वायु
- खानों में अधिकतर मीथेन एवं वायु का मिश्रण विस्फोट का कारण होता है।
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3. निम्नलिखित में से कौन-सा विस्फोटक नहीं है?
(a) ट्राईनाइट्रो टॉलूईन (टी.एन.टी.)
(b) ट्राईनाइट्रो ग्लिसरीन
(c) साइक्लो ट्राइमेथिलीन ट्राइनाइट्रैमीन (आर.डी.एक्स.)
(d) नाइट्रो क्लोरोफार्म
[U.P.P.C.S. (Pre) 2003, U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002, U.P.P.C.S. (Pre) 2001, U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर – (d) नाइट्रोक्लोरोफार्म
- नाइट्रो क्लोरोफार्म का प्रयोग सूक्ष्मजीवरोधी, कीटनाशी आदि के रूप में किया जाता है।
- अन्य प्रश्नगत विकल्प विस्फोटक पदार्थ हैं।
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4. निम्नलिखित में से कौन एक विस्फोटक नहीं है?
(a) नाइट्रोक्लोरोफॉर्म
(b) टी.एन.जी.
(c) टी.एन.टी.
(d) पोटैशियम क्लोरेट
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (a) नाइट्रोक्लोरोफॉर्म
- नाइट्रो क्लोरोफार्म का प्रयोग सूक्ष्मजीवरोधी, कीटनाशी आदि के रूप में किया जाता है।
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5. निम्नलिखित में से किस विस्फोटक का नाम ‘नोबेल तेल’ है?
(a) टी.एन.जी.
(b) टी.एन.पी.
(c) टी.एन.ए.
(d) टी.एन.टी.
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर – (a) टी.एन.जी.
- ट्राईनाइट्रो ग्लिसरीन (टी.एन.जी.) एक विस्फोटक द्रव है।
- इसे ‘नोबेल तेल’ भी कहा जाता है।
- रासायनिक रूप से यह एक कार्बनिक नाइट्रेट यौगिक है।
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6. आर.डी.एक्स. आविष्कृत हुआ-
(a) एल्फ्रेड नोबेल द्वारा
(b) सॉडी द्वारा
(c) बर्जीलियस द्वारा
(d) हैनिंग द्वारा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर – (d) हैनिंग द्वारा
- आर.डी.एक्स. अनुसंधान विभाग विस्फोटक या रॉयल विध्वंस विस्फोटक (Research Department Explosive or Royal Demolition Explosive) का संक्षिप्त नाम है।
- इसे औपचारिक रूप से साइक्लोट्राइमेथिलीन ट्राइनाइट्रामीन या साइक्लोनाइट भी कहा जाता है।
- यह एक शक्तिशाली विस्फोटक है, जिसकी खोज जर्मनी के जॉर्ज फ्रेडरिक हैनिंग द्वारा की गई थी।
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7. निम्नांकित कथनों में से कौन-सा सत्य है?
(a) डी.डी.टी. एक रोगाणुनाशक है।
(b) टी.एन.टी. एक कीटनाशक है।
(c) आर.डी.एक्स. एक विस्फोटक है।
(d) एल.एस.डी. एक विषाणुनाशक है।
[U.P. P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (c) आर.डी.एक्स. एक विस्फोटक है।
- RDX (Research Department Explosive) एक अति विस्फोटक ठोस होता है, जिसका रासायनिक सूत्र C3H6N6O6होता है।
- RDX वास्तव में साइक्लोट्राई मेथिलीन ट्राइनाइट्राएमिन है।
- इसे अन्य कई नामों जैसे- साइक्लोनाइट, हेक्सोजेन एवं 14 से भी जाना जाता है।
- यह टी.एन.टी. से भी अधिक विस्फोटक होता है।
- इसके विस्फोट का वेग 8750 m/sec होता है।
- इसकी उच्च विस्फोटकता के कारण इसका प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध के अवसर पर व्यापक रूप में किया गया था।
- आरडीएक्स एक रंगहीन ठोस पदार्थ है, जो हैक्सामाइन पर सघन नाइट्रिक अम्ल डालकर बनाया जाता है।
- अन्य प्रश्नगत कथन सही नहीं हैं।
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8. निम्नलिखित में से कौन-सा एक, RDX का अन्य नाम है?
(a) साइएनोहाइड्रिन
(b) डेक्सट्रॉन
(c) साइक्लोहेक्सेन
(d) साइक्लोनाइट
[I.A.S. (Pre) 2007, U.P.P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर – (d) साइक्लोनाइट
- RDX का अन्य नाम साइक्लोनाइट है।
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9. निम्नलिखित में से किस एक को विस्फोटक की तरह से प्रयोग किया जाता है?
(a) फॉस्फोरस ट्राइक्लोराइड
(b) मरक्यूरिक ऑक्साइड
(c) ग्रेफाइट
(d) नाइट्रोग्लिसरीन
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर – (d) नाइट्रोग्लिसरीन
- नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin) एक भारी (Heavy), रंगहीन (Colourless), तेलीय (Oily) विस्फोटक तरल पदार्थ है।
- इसे ग्लिसरिल ट्राइनाइट्रेट या 1, 2, 3- ट्राइनाइट्रॉक्सीप्रोपेन के नाम से भी जाना जाता है।
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10. निम्नलिखित विस्फोटकों में से किसमें नाइट्रोग्लिसरीन एक आवश्यक संघटक के रूप में नहीं पाया जाता है?
(a) कॉर्डाइट में
(b) ब्लास्टिंग जिलेटिन में
(c) डायनामाइट में
(d) ऐमाटोल में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (d) ऐमाटोल में
- कॉर्डाइट, ब्लास्टिंग जिलेटिन एवं डायनामाइट में नाइट्रोग्लिसरीन एक आवश्यक संघटक है, जबकि ऐमाटोल एक अत्यधिक विस्फोटक तत्व है जो ट्राईनाइट्रो टालूईन (TNT) तथा अमोनियम नाइट्रेट के मिश्रण से निर्मित होता है।
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11. डायनामाइट के निर्माण में प्रयुक्त होने वाला रासायनिक (Chemical) है-
(a) ग्लाइसेराल
(b) ग्लाइसेराल ट्राईएसीटेट
(c) ग्लाइसेराल ट्राईनाइट्रेट
(d) ग्लाइसेराल ट्राईआयोडेट
[Jharkhand P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (c) ग्लाइसेराल ट्राईनाइट्रेट
- ग्लाइसेराल ट्राइनाइट्रेट को नाइट्रोग्लिसरीन भी कहा जाता है।
- यह एक भारी रंगहीन, तैलीय विस्फोटक तरल पदार्थ है।
- यह डायनामाइट का एक आवश्यक संघटक है।
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12. निम्नलिखित में से किसका उपयोग विस्फोटक के उत्पादन में किया जाता है?
(a) ग्लिसरॉल
(b) मेर्थनॉल
(c) यूरिया
(d) ऑक्जेलिक एसिड
[U.P.R.O/A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर – (a) ग्लिसरॉल
- ग्लिसरॉल एक कार्बनिक यौगिक है।
- यह सांद्र नाइट्रिक अम्ल व सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में नाइट्रोग्लिसरीन बनाता है।
- नाइट्रोग्लिसरीन एक रंगहीन, भारी, तैलीय, विस्फोटक पदार्थ है।
- इसे ट्राइ नाइट्रोग्लिसरीन (टी.एन.जी.) या ग्लिसरॉल ट्राइ नाइट्रेट या नोबेल तेल (Nobel’s Oil) भी कहा जाता है।
- इसका उपयोग डायनामाइट जैसे विस्फोटक पदार्थ बनाने में किया जाता है।
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F. ईंधन
1. निम्न में से कौन प्राकृतिक ईंधन है?
(a) कोल गैस
(c) कोक
(b) टार
(d) पेट्रोलियम
[U.P.P.C.S. (Pre) 1990]
उत्तर – (d) पेट्रोलियम
- पेट्रोलियम पदार्थ प्राकृतिक ईंधन के अंतर्गत आते हैं।
- ये पृथ्वी के भीतर दबे जीवाश्मों से निर्मित होते हैं।
- अन्य विकल्पों में कोक तथा टार कोयले या लकड़ी के भंजन आसवन से प्राप्त कर लेते हैं, जबकि कोल गैस को कृत्रिम तरीके से बनाया जा सकता है।
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2. निम्नलिखित जीवाश्म ईंधनों में से कौन स्वच्छतम ईंधन है?
(a) कोयला
(b) पेट्रोल
(c) प्राकृतिक गैस
(d) डीजल
[U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]
उत्तर – (c) प्राकृतिक गैस
- कोयला, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस व डीजल जीवाश्म ईंधनों में प्राकृतिक गैस स्वछतम ईंधन है, क्योंकि प्राकृतिक गैस बहुत कम मात्रा में प्रदूषणकारी गैसें उत्सर्जित करती है।
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3. निम्नलिखित में से कौन जीवाश्म ईंधन है?
(a) एल्कोहल
(c) वाटर गैस
(b) ईथर
(d) प्राकृतिक गैस
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर – (d) प्राकृतिक गैस
- प्राकृतिक गैस (Natural Gas) एक महत्वपूर्ण जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) है।
- यह आसानी से जलती है और अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न करती है।
- इसमें मुख्य रूप से मीथेन (लगभग 95%) तथा थोड़ी मात्राओं में एथेन, प्रोपेन आदि गैसें होती हैं।
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4. कौन प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है?
(a) मीथेन
(b) इथेन
(c) प्रोपेन
(d) बेंजीन
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chattishgarh P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (a) मीथेन
- प्राकृतिक गैस (Natural gas) एक रंगहीन, गंधहीन पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत है।
- यह कई गैसों का मिश्रण होता है जिसमें मुख्य रूप से मीथेन शामिल होता है।
- प्राकृतिक गैस में मीथेन की मात्रा लगभग 80 प्रतिशत तक होती है।
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5. निम्नलिखित में कौन प्राकृतिक गैस का मुख्य भाग है?
(a) ईथेन
(b) ब्यूटेन
(c) कार्बन मोनो-ऑक्साइड
(d) मीथेन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (d) मीथेन
- प्राकृतिक गैस में मीथेन की मात्रा लगभग 80 प्रतिशत तक होती है।
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6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. कोयले की राख (Coal-ash) में आर्सेनिक, सीसा और पारद अंतर्विष्ट होते हैं।
2. कोयला संचालित विद्युत संयंत्र पर्यावरण में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं।
3. भारतीय कोयले में राख की अधिक मात्रा पाई जाती है। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर – (d) 1, 2 और 3
- कोयले के दहन के पश्चात शेष अपशिष्ट ही कोयले की राख है।
- भारत में कोयले की निम्न गुणवत्ता के पाए जाने के कारण इनमें राख की अधिक मात्रा पाई जाती हैं।
- सामान्यतः भारतीय कोयले में राख की मात्रा 25%-45% तक होती है जबकि आयतित कोयले में राख की मात्रा 10%-20% तक होती है।
- सामान्यतः राख में भारी धातुएं जैसे आर्सेनिक, सीसा, पारद, कैडनियम, क्रोमियम एवं सिलीनियम आदि अंतर्विष्ट होते हैं, जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
- कोयला संचालित विद्युत संयंत्र पर्यावरण में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं।
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7. निम्नलिखित में से किस एक का अधिकतम ईंधन मान होता है?
(a) हाइड्रोजन
(c) प्राकृतिक गैस
(b) चारकोल
(d) गैसोलीन
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (a) हाइड्रोजन
- किसी ईधन का ऊष्मीय मान ऊष्मा की वह मात्रा है, जो उस ईधन के एक ग्राम को वायु या ऑक्सीजन में पूर्णतः जलाने के पश्वात प्राप्त होती है।
- सभी इचनों में हाइड्रोजन का ऊष्मीय मान सबसे अधिक होता है।
- हाइड्रोजन का उपयोग रकिट ईंधन के रूप में तथा उच्च ताप उत्पन्न करने वाले ज्वालकों में किया जाता है।
- हाइड्रोजन गैस का 150, चारकोल का 33, प्राकृतिक गैस का 33-50 तथा गैसोलीन का 50 ईंधन मान होता है।
|
8. ‘ऑक्टेन संख्या’ गुणवत्ता का माप है-
(a) खाद्य तेलों की
(b) पेट्रोल की
(c) केरोसीन तेल की
(d) सुगंधित तेलों की
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]
उत्तर – (b) पेट्रोल की
- ऑक्टेन संख्या से पेट्रोल के प्रत्यापस्फोटन (anti-knock) गुण का पता लगता है।
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9. पेट्रोल की गुणवत्ता को व्यक्त किया जाता है –
(a) सीटेन संख्या द्वारा
(b) ऑक्टेन संख्या द्वारा
(c) ब्यूटेन संख्या द्वारा
(d) रेनॉल्ड्स संख्या द्वारा
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66 B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (b) ऑक्टेन संख्या द्वारा
- ऑक्टेन संख्या से पेट्रोल के प्रत्यापस्फोटन (anti-knock) गुण का पता लगता है।
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10. निम्नलिखित में से मुख्यतः किसके लिए सीटेन संख्या गुणता प्राचल के रूप में प्रयुक्त होती है?
(a) पेट्रोल
(b) मिट्टी का तेल
(c) डीजल
(d) तारपीन तेल
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर – (c) डीजल
- जिस प्रकार ऑक्टेन संख्या गैसोलीन (Gasoline) के ज्वलन स्थिरता (Ignition Stability) के मापन में प्रयुक्त की जाती है, सीटेन संख्या का प्रयोग भी इसी संदर्भ में डीजल ईंधन की गुणवत्ता परीक्षण हेतु किया जाता है।
- डीजल का दहन बिना स्पार्क किए संपीडन द्वारा कराया जाता है।
- अतः जब डीजल ईंधन संपीड़ित किए जाने पर जितना जल्दी प्रज्जवलित होता है, उसकी सीटेन संख्या उतनी ही अधिक होती है।
- यह अच्छे डीजल की पहचान है।
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11. डीजल इंजन में प्रयुक्त ईंधन है-
(a) डीजल की वाष्प और वायु
(b) केवल डीजल
(c) डीजल और पेट्रोल का मिश्रण
(d) डीजल, वायु तथा पेट्रोल का मिश्रण
[U.P.P.C.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (a) डीजल की वाष्प और वायु
- डीजल इंजन एक अंतर्दहन इंजन है, जो बंद स्थान में वायु को संपीडित करने से उत्पन्न ऊष्मा का उपयोग करके ईंधन में ज्वलन उत्पन्न करता है।
- डीजल इंजन में दहन के लिए पेट्रोल इंजन की तरह कार्बुरेटर नहीं होता, अतः इसमें सिलिन्डर के भीतर की हवा को इतना संपीडित कर दिया जाता है कि वायु का तापमान 80°F तक पहुंच जाता है।
- यही तापमान स्फुलिंग (दहन) का कार्य करता है।
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12. खाना बनाने में प्रयोग की जाने वाली गैस मुख्यतः है-
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) कार्बन मोनोक्साइड
(c) मीथेन
(d) नाइट्रोजन व ऑक्सीजन गैस मिश्रण
[44 B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर – (c) मीथेन
- घरेलू उपयोग में लाई जाने वाली बायो गैस या गोबर गैस का मुख्य घटक मोधेन है।
- मीथेन एक रंगहीन, गंधहीन एवं स्वादहीन गैस है।
- यह गैस अधिकतर दलदली क्षेत्रों में पाई जाती है जिसके कारण इसे मार्स गैस भी कहा जाता है।
- बायो गैस या गोबर गैस में 50-75 प्रतिशत तक मीथेन होता है।
|
13. बायोगैस संयंत्र से निष्कासित निम्नलिखित में से कौन-सी गैस ईंधन गैस के रूप में उपयोग में आती है?
(a) ब्यूटेन
(b) प्रोपेन
(c) मीथेन
(d) एथेन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (c) मीथेन
- बायोगैस संयंत्र से उत्पादित बायोगैस का मुख्य घटक मीथेन गैस होती है जिसे जीवाश्म ईंधन के स्थान पर ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।
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14. बायोगैस में मुख्यतः होती है-
(a) कार्बन डाइऑक्साइड एवं हाइड्रोजन
(b) हाइड्रोजन एवं मीथेन
(c) कार्बन डाइऑक्साइड एवं मीथेन
(d) हाईड्रोजन एवं ऑक्सीजन
[U.P. U.D.A.L.D.A. (Pre) 2010]
उत्तर – (c) कार्बन डाइऑक्साइड एवं मीथेन
- ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में किसी कार्बनिक पदार्थ के जैविक विखण्डन से उत्पन्न गैस बायोगैस कहलाती है।
- बायोगैस के मुख्य संघटक मीथेन एवं कार्बन डाइऑक्साइड हैं।
- इसमें बहुत ही कम मात्रा में हाइड्रोजन सल्फाइड, नमी तथा सिलाक्सेन उपस्थित हो सकते हैं।
- गोबर गैस या बायोगैस में मीथेन 50-75 प्रतिशत तक पाई जाती है।
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15. बायोगैस का मुख्य घटक है-
(a) हाइड्रोजन
(b) मीथेन
(c) ब्यूटेन
(d) एसिटीलीन
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (b) मीथेन
- बायोगैस के मुख्य संघटक मीथेन एवं कार्बन डाइऑक्साइड हैं।
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16. गोबर गैस में मुख्य तत्व होता है-
(a) मीथेन
(c) प्रोपेन
(b) एथेन
(d) क्लोरीन
[M.P.P.C.S. (Pre) 1999, U.P.P.S.C. (GIC) 2010]
उत्तर – (a) मीथेन
- गोबर गैस या बायोगैस में मीथेन 50-75 प्रतिशत तक पाई जाती है।
|
17. एक बायो गैस संयंत्र में निम्न में से कौन-सी प्रक्रिया होती है?
(a) किण्वन
(b) अपचयन
(c) हाइड्रोजनीकरण
(d) बहुलकीकरण
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]
उत्तर – (a) किण्वन
- गोबर में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा होती है, जिसे बायो गैस संयंत्र में ‘किण्वन प्रक्रिया’ द्वारा निकाला जा सकता है।
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18. निम्नलिखित में से किसने ‘गोबर गैस’ प्रणाली का आविष्कार किया?
(a) सी.वी. रमन
(b) जे.सी. बोस
(c) सी.बी. देसाई
(d) एच. खुराना
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर – (*)
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के वैज्ञानिक डॉ. एस. वी. देसाई ने वर्ष 1941-42 में गोबर गैस प्रणाली का आविष्कार किया था।
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19. लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG) के मुख्य अवयव हैं-
(a) मीथेन, इथेन और हेक्सेन
(b) मीथेन, पेंटेन और हेक्सेन
(c) इथेन, प्रोपेन और ब्यूटेन
(d) मीथेन, कार्बन मोनोक्साइड और हाइड्रोजन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर – (c) इथेन, प्रोपेन और ब्यूटेन
- तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) हाइड्रोकार्बन गैसों का एक ज्वलनशील मिश्रण है, जिसे ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- एलपीजी मुख्यतः प्रोपेन, ब्यूटेन तथा इथेन का मिश्रण है।
|
20. तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी.) का मुख्य आधार घटक क्या है?
(a) मीथेन
(c) प्रोपेन
(b) इथेन
(d) ब्यूटेन
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (d) ब्यूटेन
- तरलीकृत पेट्रोलियम गैस का मुख्य आधार घटक ब्यूटेन है।
- द्रवित पेट्रोलियम गैस प्रोपेन, ब्यूटेन तथा आइसो ब्यूटेन हाइड्रोकार्बनों का मिश्रण है।
- घरों में यह रसोई गैस के रूप में प्रयुक्त होती है।
- इसमें अत्यन्त उच्च दाब पर प्रोपेन, ब्यूटेन एवं आइसोब्यूटेन जैसी गैसें द्रवित होती है।
- इन्हीं द्रवित हाइड्रोकार्बनों के मिश्रण को द्रवित पेट्रोलियम गैस या एल.पी.जी. कहते हैं।
- यह प्राकृतिक गैस तथा पेट्रोलियन के प्रभाजी आसवन से प्राप्त होती है।
- एल.पी.जी. के रिसाव की पहचान के लिए उसमें कुछ दुर्गन्धयुक्त पदार्थ जैसे मरकेप्टन आदि मिला दिया जाता है।
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21. निम्न में से कौन-सा एल.पी.जी. का मुख्य अवयव है?
(a) हेक्सेन
(b) पेंटेन
(c) ब्यूटेन
(d) मीथेन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (c) ब्यूटेन
- (एल.पी.जी.)तरलीकृत पेट्रोलियम गैस का मुख्य आधार घटक ब्यूटेन है।
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22. घरेलू ईंधन के रूप में प्रयुक्त एलपीजी में मुख्यतः होती है-
(a) मीथेन
(b) प्रोपेन
(c) एथिलीन
(d) ब्यूटेन
(c) उपरोक्त में से कोई नहीं। उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) Exam, 2016]
उत्तर – (e) उपरोक्त में से कोई नहीं। उपरोक्त में से एक से अधिक
- घरेलू ईंधन के रूप में प्रयुक्त एलपीजी अर्थात ‘तरलीकृत पेट्रोलियम गैस’ हाइड्रोकार्बन गैसों का एक ज्वलनशील मिश्रण है।
- इसमें मुख्यतः प्रोपेन (C₂H₂) तथा ब्यूटेन (CH) का मिश्रण होता है।
- एलपीजी के रिसाव की पहचान के लिए उसमें कुछ गंधयुक्त पदार्थ जैसे मरकेप्टन आदि मिला दिया जाता है।
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23. घरेलू ईंधन के रूप में प्रयुक्त एलपीजी में मुख्यतः होता है-
(a) मीथेन
(c) एथिलीन
(b) एसिटिलीन
(d) ब्यूटेन
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर – (d) ब्यूटेन
- घरेलू ईंधन के रूप में प्रयुक्त एलपीजी में मुख्यतः ब्यूटेन होता है।
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24. इण्डेन गैस एक (L..P.G.) मिश्रण है-
(a) ब्यूटेन एवं हाइड्रोजन का
(b) ब्यूटेन एवं ऑक्सीजन का
(c) ब्यूटेन एवं प्रोपेन का
(d) मीथेन एवं ऑक्सीजन का
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011, Jharkhand P.C.S. (Pre) 2010, R.A.S/R.T.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (c) ब्यूटेन एवं प्रोपेन का
- घरेलू ईंधन के रूप में प्रयुक्त एलपीजी अर्थात ‘तरलीकृत पेट्रोलियम गैस’ हाइड्रोकार्बन गैसों का एक ज्वलनशील मिश्रण है।
- इसमें मुख्यतः प्रोपेन (C₂H₂) तथा ब्यूटेन (CH) का मिश्रण होता है।
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25. सूची-1 को सूची-11 से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूटों का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए-
सूची-1(ईंधन गैसें) |
सूची-11(प्रमुख घटक) |
(A) CNG (सी. एन.जी.) |
(1) कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन |
(B) LPG (एल.पी.जी.) |
(ii) व्यूटेन, प्रोपेन |
(C) कोल गैस |
(iii) मीथेन, इथेन |
(D) वाटर (जल) गैरा |
(iv) हाइड्रोजन, मीचेन, कार्बन मोनोऑक्साइड |
कूट :
A B C D
(a)ii,i,iii,iv
(b)ii,iv,iii,i
(c)iii,ii,iv,i
(d)iii,ii,i,iv
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (c) iii,ii,iv,i
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
सीएनजी |
मीथेन, इथेन |
एलपीजी |
ब्यूटेन, प्रोपेन |
कोल गैस |
हाइड्रोजन, मीथेन, कार्बन मोनोऑक्साइड |
वाटर गैस |
कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन |
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26. कथन (A):वरलीकृत पेट्रोलियम गैस का प्रमुख घटक मीथेन होता है।
कारण (R ): मीथेन घरों तथा कारखानों में जलाने के लिए सीचे प्रयोग में लाई जा सकती है, जहां वह पाइपलाइनों से उपलब्ध कराई जा सकती है।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
- प्रश्नगत कथन गलत है, जबकि कारण सही है।
- तरलीकृत पेट्रोलियम गैस एल.पी.जी. के प्रमुख घटक प्रोपेन और ब्यूटेन हैं।
- बायोगैस में उपस्थित मीथेन ईंधन के रूप में सीधे प्रयुक्त होती है।
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27. घरेलू एल.पी.जी. सिलेंडरों में दाब मापक नहीं प्रदान किए जाते हैं, क्योंकि-
(a) ये बहुत महंगे होते हैं।
(b) ये एल.पी.जी. सिलेंडरों में गैस की मात्रा को प्रदर्शित नहीं कर सकते।
(c) इनका प्रयोग निरापद नहीं है।
(d) ये एल.पी.जी. द्वारा चौक हो जाते हैं।
[42 B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर – (b) ये एल.पी.जी. सिलेंडरों में गैस की मात्रा को प्रदर्शित नहीं कर सकते।
- ऑक्सीजन या अन्य गैस के सिलेंडरों में गैस गैसीय अवस्था में विद्यमान रहती है, जबकि घरेलू एल.पी.जी. सिलेंडरों में गैस तरल अवस्था में होती है इस कारण दाब मापक यंत्रों को लगाने पर एल. पी. जी. सिलेंडरों में गैस की मात्रा को प्रदर्शित नहीं किया जा सकता।
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28. सिलिंडरों में भरकर खाना पकाने वाली गैस की आपूर्ति किस रूप में की जाती है?
(a) तरल
(c) ठोस
(b) गैस
(d) घोल
[Uttarakhand Lower Sub. (Pre) 2010]
उत्तर – (a) तरल
- ऑक्सीजन या अन्य गैस के सिलेंडरों में गैस गैसीय अवस्था में विद्यमान रहती है, जबकि घरेलू एल.पी.जी. सिलेंडरों में गैस तरल अवस्था में होती है इस कारण दाब मापक यंत्रों को लगाने पर एल. पी. जी. सिलेंडरों में गैस की मात्रा को प्रदर्शित नहीं किया जा सकता।
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29. सी.एन.जी. है-
(a) कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस
(b) साइनोजन नेचुरल गैस
(c) कडेंस्ड नाइट्रोजन गैस
(d) कंट्रोल्ड नेचुरल गैस
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर – (a) कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस
- सी.एन.जी. का पूर्णरूप है: कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस अर्थात संपीडित प्राकृतिक गैसा मानक बायुमंडलीय दाब पर प्राकृतिक गैस जितना आयतन घेरती है, उसके । प्रतिशत से भी कम आयतन तक प्राकृतिक गैस को संपीड़ित कर सी.एन.जी. का उत्पादन किया जाता है।
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30. स्वचालित वाहनों में प्रदूषण नियंत्रण हेतु प्रयुक्त सी.एन.जी. में मुख्यतः उपस्थित है-
(a) CH
(c) N
(b) CO.
(d) H,
[U.P. P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) CH
- सी.एन.जी. धरती के भीतर पाए जाने वाले हाइड्रोकार्बन का मिश्रण है।
- और इसमें 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत मात्रा मीथेन गैस (CH) की होती है।
- मीथेन गैस पेट्रोल एवं डीजल की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड को 70 प्रतिशत, नाइट्रोजन ऑक्साइड को 87 प्रतिशत और जैविक गैसों को लगभग 89 प्रतिशत कम उत्सर्जित करती है।
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31. संपीडित प्राकृतिक गैस (सी.एन.जी.) मुख्यतः है –
(a) एथेन
(b) प्रोपेन
(c) मीथेन
(d) ब्यूटेन
[R.A.S/R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (c) मीथेन
- संपीडित प्राकृतिक गैस (सी.एन.जी.) में मुख्यतः 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत मात्रा मीथेन गैस (CH) की होती है।
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32. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. द्रवित प्राकृतिक गैस को अत्यधिक शीत ताप तथा उच्च दाव में द्रवित किया जाता है जिसमें विशेष रूप से अभिकल्पित पात्रों में उसका संग्रहण अथवा परिवहन सुसाध्य हो सके।
2. भारत में प्रथम एल.एन.जी. टर्मिनल हासन में निर्मित हुआ।
3. द्रवित पेट्रोलियम गैस से प्राकृतिक गैस द्रव्यों का पृथक्करण किया जाता है और इनमें इथेन, प्रोपेन, व्यूटेन तथा प्राकृतिक गैसोलीन सम्मिलित हैं।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 3
(c) 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) केवल 1
- कथन 1 सही है, जबकि कथन 2 एवं 3 असत्य हैं, क्योंकि पेट्रोलियम कुओं में द्रव की सतह पर पाए जाने वाले हल्के हाइड्रोकार्बन्स के गैसीय मिश्रण को प्राकृतिक गैस कहते हैं जिसका संगठन इस प्रकार है-
- 1. मोथेन 80 प्रतिशत, 2. ईथेन 7 प्रतिशत, 3. प्रोपेन 6 प्रतिशत, 4. नार्मल ब्यूटेन 4 प्रतिशत, 5. आइसो ब्यूटेन 3 प्रतिशत प्रोपेन एवं ब्यूटेन को इस मिश्रण से पृथक करके उच्च दाब पर द्रवित कर लिया जाता है, जिसे तरलीकृत पेट्रोलियम गैस कहते हैं।
- यह रसोई गैस के रूप में प्रयुक्त की जाती है।
- भारत का प्रथम एलएनजी टर्मिनल दाहेज, गुजरात में स्थापित किया गया था।
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33. गैसोहॉल है-
(a) एथिल एल्कोहल + पेट्रोल
(b) प्राकृतिक गैस + एथिल एल्कोहल
(c) एल्कोहल में विलायित कोई गैस
(d) एथिल एल्कोहल मिट्टी का तेल
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) एथिल एल्कोहल + पेट्रोल
- गैसोहोल ईंधन 10 प्रतिशत एनहाइड्रस एथेनाल (एथिल एल्कोहल) तथा 90 प्रतिशत गैसोलीन (पेट्रोल) का मिश्रण है।
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34. गैसोहॉल एक मिश्रण है-
(a) गैसोलिन और मीथेनॉल का
(b) गैसोलिन और एथेनॉल का
(c) गैसोलिन और प्रोपेनॉल का
(d) मीथेनॉल और एथेनॉल का
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर – (b) गैसोलिन और एथेनॉल का
- गैसोहोल ईंधन 10 प्रतिशत एनहाइड्रस एथेनाल (एथिल एल्कोहल) तथा 90 प्रतिशत गैसोलीन (पेट्रोल) का मिश्रण है।
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35. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईंधन हैं।
2. गैसोहॉल, वेन्जीन तथा एल्कोहल का मिश्रण है।
3. भूतापीय ऊर्जा एक अपारम्परिक ऊर्जा स्रोत है।
4. गोबर गैस में मुख्यतः मीथेन होती है।
इन कथनों में-
(a) केवल 1 तथा 2 सही हैं।
(b) केवल 2 तथा 3 सही हैं।
(c) 1,2 तथा 3 सही हैं।
(d) 1, 3 तथा 4 सही हैं।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर – (d) 1, 3 तथा 4 सही हैं।
- कोयला, खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस, ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं।
- इन्हें जीवाश्म ईंधन भी कहा जाता है।
- गैसोहॉल या E10 एक ईंधन है, जो 10 प्रतिशत निर्जल एथेनॉल तथा 90 प्रतिशत गैसोलीन का मिश्रण है।
- पृथ्वी की भूतापीय ऊर्जा ग्रह के मूल गठन से, खनिजों के रेडियोधर्मी क्षय से और सतह पर अवशोषित सौर ऊर्जा से उत्पन्न होती है।
- यह एक गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत है।
- गोबर गैस या बायोगैस में मुख्यतः मीथेन तथा कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
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36. कार के इंजन में नाकिंग से बचने के लिए निम्न में से कौन प्रयोग में लाया जाता है?
(a) एथिल एल्कोहल
(b) ब्यूटेन
(c) लेड टेट्रा एथिल
(d) श्वेत पेट्रोल
[U.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर – (c) लेड टेट्रा एथिल
- पेट्रोल में टेट्रा एथिल लेड (CH,CH) Pb इसलिए मिलाया जाता है ताकि इसकी एन्टीनाकिंग दर बढ़ जाए।
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37. टेट्राइथाइल लेड पेट्रोल में मिलाया जाता है-
(a) इसे जमने से बचाने के लिए
(b) इसका स्फुलिंगबिन्दु बढ़ाने के लिए
(c) इसकी एन्टीनाकिंग रेटिंग (अपस्फोटन दर) को बढ़ाने के लिए
(d) इसका क्वचनांक बढ़ाने के लिए
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (c) इसकी एन्टीनाकिंग रेटिंग (अपस्फोटन दर) को बढ़ाने के लिए
- पेट्रोल में टेट्रा एथिल लेड (CH,CH) Pb इसलिए मिलाया जाता है ताकि इसकी एन्टीनाकिंग दर बढ़ जाए।
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38. ऑटोमोबाइल इंजनों में प्रतिहिम के रूप में निम्नलिखित में से किस एक का प्रयोग किया जाता है?
(a) प्रोपिल एल्कोहल
(c) मेथेनॉल
(b) ऐथेनॉल
(d) एथिलीन ग्लाइकॉल
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (d) एथिलीन ग्लाइकॉल
- एथिलीन ग्लाइकॉल (C₂H₂O₃) एक कार्बनिक पदार्थ है, जिसका प्रयोग 6 ऑटोमोबाइल प्रशीतक के रूप में किया जाता है।
- इसका गलनांक-12.9°C होता है।
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39. भारी वाहन में डीजल का उपयोग इसलिए किया जाता है-
(a) अधिक माइलेज और इंजन की सुरक्षा
(b) कम खर्च और ईंधन की बचत
(c) उच्च क्षमता और आर्थिक बचत
(d) पेट्रोल की अपेक्षा सस्ता होने के कारण
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (c) उच्च क्षमता और आर्थिक बचत
- डीजल इंजन का प्रयोग भारी वाहनों में होता है, क्योंकि यह भारी बोझ को खींचने के लिए अधिक शक्ति प्रदान करता है, जो कि इन भारी वाहनों की कुल ईंधन खपत में कमी लाता है।
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40. मोटरकारों के अपेक्षाकृत नए मॉडलों की निम्नलिखित विशिष्टताओं पर विचार कीजिए-
1. रेडियल टायर
2. सुप्रवाही ढांचा
3. बहुबिन्दु ईंधन अंतःक्षेप
4. उत्प्रेरक परिवर्तक रेचक सहित
इनमें से कौन-कौन सी विशिष्टताएं मोटरकारों के अपेक्षाकृत नए मॉडलों को अधिक ईंधन दक्ष बनाती हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 2, 3 और 4
(d) 1, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (d) 1, 3 और 4
- रेडियल टायर के कारण घर्षण बल कम कार्य करेगा, जिससे मोटरकार की कार्यक्षमता (गति) बढ़ जाएगी।
- बहुबिन्दु ईंधन अंतःक्षेप से ईंधन कम खर्च होगा और गति भी बढ़ जाएगी।
- उत्प्रेरक परिवर्तन रेचक सहित कार्य प्रणाली मोटर को गर्म होने से बचाएगी जिससे उसकी कार्यक्षमता और बढ़ जाएगी।
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41. गाड़ियों को चलाने के लिए हाइड्रोजन गैस सुविधाजनक रूप से ईंधन के रूप में प्रयोग में लाई जा सकती है। यदि वह कम ताप पर किसी पदार्थ द्वारा शोषित हो ताकि वह निर्वातक द्वारा उत्पन्न तापमान पर मुक्त हो सके। वह पदार्थ कौन-सा है जो भारत में पाया जाता है?
(a) हाइड्राइड
(c) सोप स्टोन
(b) कोयला
(d) रेजिन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (a) हाइड्राइड
- हाइड्रोजन गैस बहुत कम तापमान पर पैलेडियम हाइड्राइड द्वारा अवशोषित कर ली जाती है, ताकि वह निर्वातक द्वारा उत्पन्न तापमान पर मुक्त हो सके।
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42. शैवाल आधारित जैव-ईंधनों का उत्पादन संभव है लेकिन इस उद्योग के संवर्धन में विकासशील देशों की क्या संभावित सीमा/ सीमाएं है/हैं?
1. शैवाल आधारित जैव-ईंधनों का उत्पादन केवल समुद्रों में ही संभव है, महाद्वीपों पर नहीं।
2. शैवाल आधारित जैव-ईंधन उत्पादन को स्थापित करने और इंजीनियरी करने हेतु निर्माण पूरा होने तक उच्चस्तरीय विशेषज्ञता/प्रौद्योगिकी की जरूरत होती है।
3. आर्थिक रूप से व्यवहार्य उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर सुविधाओं की स्थापना की आवश्यकता होती है जिससे पारिस्थितिक एवं सामाजिक सरोकार उत्पन्न हो सकते हैं।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre), 2017]
उत्तर – (b) केवल 2 और 3
- शैवाल आधारित जैव-ईंधनों का उत्पादन समुद्रों एवं महाद्वीपों दोनों में संभव है।
- अतः कथन । असत्य है।
- इन ईंधनों के उत्पादन एवं अभियांत्रिकी करने हेतु उच्च स्तर की विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, साथ ही अधिक उत्पादन के लिए नवाचार हेतु भी ज्ञान एवं अनुभव की आवश्यकता होती है।
- दुर्बल निवेश स्थिति वाले विकासशील देशों में इस प्रकार के ईंधन का उत्पादन कठिन है, क्योंकि इस हेतु अधिक पूंजी निवेश की जरूरत पड़ती है, साथ ही आर्थिक रूप से व्यवहार्य उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर सुविधाओं की स्थापना से पारिस्थितिकी एवं समाज प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकते हैं।
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