“इच्छा” एवं “आवश्यकता” स्पष्ट भेद के साथ “नैतिकता” और “शिष्टाचार”

प्रश्न: उदाहरणों के साथ निम्नलिखित के बीच भेद कीजिए:

  1. इच्छाएँ एवं आवश्यकताएँ
  2.  नैतिकता और शिष्टाचार

दृष्टिकोण

  • उदाहरण सहित, स्पष्ट भेद के साथ “इच्छा” एवं “आवश्यकता” को परिभाषित कीजिए।
  • उदाहरण सहित, स्पष्ट भेद के साथ “नैतिकता” और “शिष्टाचार” को परिभाषित कीजिए।

उत्तर

(i)इच्छाएँ एवं आवश्यकताएँ

आवश्यकता कुछ ऐसी है जो किसी व्यक्ति के सफलता के लिए होनी चाहिए। इसके बिना, वह व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रूप से पीड़ित होगा। अतः यह केवल वांछनीय होने की अपेक्षा अनिवार्य है। मास्लो का आवश्यकता पदानुक्रम मॉडल, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं को उनके सापेक्ष महत्व के अनुसार व्यवस्थित करने वाला सबसे स्वीकार्य वर्गीकरण है। सामान्यतः ये आवश्यकताएं सार्वभौमिक होती है अर्थात् लगभग प्रत्येक व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए ये आवश्यकताएँ होती है। इच्छाएं एक विकल्प होती हैं। यह एक इच्छा या आकांक्षा है जिसे एक व्यक्ति प्राप्त करने में सक्षम हो भी सकता है और नहीं भी। यदि कोई व्यक्ति अपनी इच्छाएं पूरी नहीं करता, तो जीवन जारी रहेगा। इच्छाएं व्यक्तिगत होती हैं, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति की कुछ समान आवश्यकताएं हो सकती हैं, परन्तु प्रत्येक व्यक्ति के पास समान इच्छाएं नहीं होंगी। आवश्यकताएं किसी व्यक्ति के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश, पृष्ठभूमि और उसके व्यक्तित्व पर निर्भर करती हैं।

आवश्यकता की कमी शारीरिक या मनोवैज्ञानिक अनियमितता के रूप में स्पष्ट प्रतिकूल परिणाम का कारण बनती है लेकिन अपूरित इच्छाओं के मामले में ऐसे परिणाम इतने प्रत्यक्ष नहीं होते हैं। हालांकि, किसी एक की इच्छा, किसी दुसरे की आवश्यकता हो सकती है। उदाहरणस्वरूप किसी के लिए कार एक कार्यात्मक आवश्यकता हो सकती है जबकि अन्य के लिए यह केवल वांछनीय हो सकती है।

(ii) नैतिकता और शिष्टाचार

नैतिकता, आचरण का विज्ञान है अर्थात् क्या होना चाहिए। यह हमें बताता है कि किसी दी गयी परिस्थिति में सही या गलत व्यवहार क्या है। सामान्यत:, नैतिकता अपने दृष्टिकोण में सार्वभौमिक होती है, जैसे झूठ बोलना सभी संस्कृतियों में गलत माना जाता है। इसलिए, इसके पीछे नैतिक तर्क है।

शिष्टाचार एक प्रथागत संहिता (customary code) है जो समाज में उचित और विनम्र तरीके से व्यवहार करने को इंगित करता है। यह समाज में या किसी विशेष पेशे या समूह के सदस्यों के मध्य विनम्र व्यवहार की प्रथागत संहिता है। नैतिकता और शिष्टाचार के बीच मुख्य अंतर यह है कि नैतिकता सिद्धांतों या अंतःकरण से संबंधित है जबकि शिष्टाचार व्यवहार से संबंधित है। सामान्यतः वे किसी सांस्कृतिक परंपरा में गहराई से जुड़े होते हैं। उदाहरण के लिए, पश्चिमी प्रकार के शिष्टाचार में, बाएं हाथ में एक कांटे के साथ खाने की सराहना की जाती है, जबकि इसे इस्लामी परंपरा में शिष्टाचार के विरुद्ध माना जाता है। इसलिए, शिष्टाचार के पास अनिवार्य रूप से नैतिक तर्कों पर आधारित तार्किकता नहीं होती है।

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