निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा, जिम्मेदारी

प्रश्न: नीतिशास्त्र खेलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस संदर्भ में, निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा, जिम्मेदारी और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान के महत्व के सद्गुणों की व्याख्या कीजिए।

दृष्टिकोण:

  • परिचय में खेलों में नीतिशास्त्र के महत्व का वर्णन कीजिए।
  • तत्पश्चात प्रश्न को चार भागों में विभाजित कीजिए अर्थात् निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा, जिम्मेदारी और सम्मान का महत्व।
  • सर्वप्रथम निर्दिष्ट सदगुणों को संक्षेप में परिभाषित कीजिए तत्पश्चात उनके महत्व के संबंध में लिखिए।

उत्तर:

खेल के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण कारण मानवीय प्रयत्नों की सीमाओं का परीक्षण करना है। प्रतिस्पर्धी खेलों में न केवल भौतिक क्षमताओं बल्कि मानसिक सामर्थ्यता का भी परीक्षण किया जाता है। कोई खेल किसी खिलाड़ी के लिए, शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक उत्कृष्टता का माध्यम होता है। एक दर्शक के लिए खेल भावनात्मक लगाव के साथ-साथ मनोरंजन का माध्यम भी होता है। खेलों में हम रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करते हैं क्योंकि खिलाड़ियों द्वारा पूर्व स्थापित मान्यताओं को चुनौती दी जाती है। इस प्रकार निष्पक्षता और ईमानदारी खेल का एक प्रमुख घटक है। यह समग्र प्रक्रिया को निरर्थक सिद्ध हो जाती है जब किसी खिलाड़ी द्वारा ख्याति प्राप्त करने हेतु धोखाधड़ी का सहारा और अनैतिक साधनों का उपयोग करने का प्रयास किया जाता है।

खेल भावना को बनाए रखने में न केवल खेल के नियम, बल्कि नैतिक संहिता का अनुपालन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा, जिम्मेदारी, अनुशासन और दिनचर्या तथा खिलाड़ियों के प्रति सम्मान और खेल भावना जैसे कुछ सद्गुण खेलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

  • निष्पक्षता (Fairness) – इसका आशय है कि सभी एथलीटों और कोचों को संबंधित खेल के स्थापित नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। साथ ही जाति, लिंग या लैंगिक अभिविन्यास के आधार पर किसी खेल में भाग लेने में किसी प्रकार का भेदभाव या अपवर्जन नहीं होना चाहिए। यह खेलों में न्याय सुनिश्चित करने में सहायता करता है।
  • ईमानदारी (Integrity) – इसका अर्थ है कि खेल से संबंधित कौशल का ही परीक्षण किया जाना चाहिए। खिलाड़ियों को अनुचित लाभ नहीं उठाना चाहिए। यह व्यक्तिगत और खेल, दोनों स्तरों पर हो सकता है। यह खेल और रेफरी की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए अति महत्वपूर्ण है।
  • जिम्मेदारी (Responsibility) – इसका तात्पर्य है कि कोच सहित खिलाड़ी मैदान पर अपने क्रियाकलापों, प्रदर्शन और भावनाओं के लिए उत्तरदायी हैं। यह सद्गुण स्वयं, टीमों और खेल के नियमों के संबंध में जागरुकता के लिए अति महत्वपूर्ण है। यह गुण समाज के लिए रोल मॉडलों के उद्भव में भी सहायता करता है।
  • सम्मान (Respect) – इसका आशय है कि खिलाड़ियों को अपने टीम के साथी खिलाड़ियों, प्रतिद्वंद्वियों, अधिकारियों और खेल में शामिल सभी लोगों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए। यह प्रतियोगियों को समान अवसर प्रदान (level playing field) करने में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त, प्रशंसकों को भी अन्य प्रशंसकों के साथ-साथ खिलाड़ियों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए।
  • अनुशासन (Discipline) – खेलों में न केवल निरंतर कठोर परिश्रम की आवश्यकता होती है बल्कि एक नियमित दिनचर्या, अभ्यास में अनुशासन, नींद की नियमितता तथा आहार और जीवन में अन्य प्रकार के भटकाव से दूर रहने की आवश्यकता होती है।

खेल और समाज के विकास हेतु स्वस्थ प्रतिस्पर्धा एक प्रमुख लक्षण है। खेल के प्रति एक नैतिक दृष्टिकोण चुनौतीपूर्ण और निष्पक्ष खेल के माध्यम से खेल तथा प्रतिद्वंद्वी का सम्मान करता है।

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