एनईजीपी (NeGP) : ई-क्रांति कार्यक्रम

प्रश्न: नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने, प्रक्रियाओं को रूपांतरित करने और एनईजीपी (NeGP) के कार्यान्वयन में सुधार लाने से संबंधित कई मुद्दों से निपटने की आवश्यकता है। चर्चा कीजिए। साथ ही, ई-क्रांति कार्यक्रम (NeGP 2.0) के डिजाईन (रूप रेखा) और कार्यान्वयन का मार्गदर्शन करने वाले सिद्धांतों को भी सूचीबद्ध कीजिए।

दृष्टिकोण

  • NeGP को संक्षेप में परिभाषित कीजिए।
  • अलग-अलग उप-शीर्षकों के अंतर्गत इन तीनों मद्दों पर चर्चा कीजिए।
  • मार्गदर्शक सिद्धांतों को सूचीबद्ध करते हुए ई-क्रांति कार्यक्रम को समझाइए।
  • उपयुक्त रूप से उत्तर की समाप्ति कीजिए।

उत्तर

2006 में आरंभ की गई राष्ट्रीय ई-गवर्नेस योजना का लक्ष्य ,सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में सुधार लाने और इन सेवाओं तक पहुँच की प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु राष्ट्रीय स्तर की ई-गवर्नेस पहलों पर था। आरंभ में इसमें 27 मिशन मोड परियोजनाएँ (MMP) सम्मिलित थीं।

NeGP के अंतर्गत MeitY द्वारा सृजित मूल ICT अवसंरचना में स्टेट डेटा सेंटर, स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क, स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे, मोबाइल सर्विस और eGov ऐप स्टोर सम्मिलित थे।

NeGP ने कई क्षेत्रों में आधारभूत IT अवसंरचना को सुदृढ़ बनाया और बढ़ते राजनीतिक समर्थन ने इस सन्दर्भ में सहायता प्रदान की। फिर भी, इसे विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा।

       नई प्रौद्योगिकियाँ अपनाना          प्रक्रियाओं का रूपान्तरण       NeGP के कार्यान्वयन में सुधार
  • मोबाइल, क्लाउड आदि उभरती हुई  प्रौद्योगिकियों का लाभ नहीं उठाया परियोजनाओं आदि में गवर्नमेंट गया।
  • कमजोर निगरानी और मूल्यांकन  प्रणाली।
  • मूल IT अवसंरचना का उप-इष्टतम उपयोग।
  • सरकार की योजनाओं,परियोजनाओं प्रॉसेस रीइंजीनियरिंग का अभाव।
  • अनुचित डेटाबेस और अनुप्रयोग।
  • एकीकरण और अंतर-संक्रियता (interoperability) प्रणाली।
  • वर्तमान MMPs का सीमित दायरा
  • विभिन्न MMPs की गैर समावेशिता
  • तय समयसीमा में कार्य समाप्त न  होता । 
  • अंतिम बिंदु तक जुड़ाव या संपर्क  की समस्या

 इन मुद्दों का समाधान करने के लिए, 2014 में ई-क्रांति फ्रेमवर्क (या NeGP 2.0) आरम्भ किया गया। ई-क्रांति का लक्ष्य “गवर्नेस के कायाकल्प के लिए ई-गवर्नेस का कायाकल्प करना” है। ई-क्रांति कार्यक्रम के अंतर्गत 44 MMP शामिल हैं, जिनका केंद्रीय, राज्य और एकीकृत परियोजनाओं के रूप में समूहीकरण किया गया है। )

ई-क्रांति के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं:

  • कायाकल्प करना, न कि पुराने ढर्रे पर चलना 
  • अलग-अलग सेवाओं के बजाय एकीकृत सेवाएँ
  • प्रत्येक MMP में गवर्नमेंट प्रॉसेस रीइंजीनियरिंग (GPR) को अनिवार्य किया जाना
  • डिफ़ॉल्ट के तौर पर क्लाउड प्रौद्योगिकी का प्रयोग
  • मोबाइल फर्स्ट
  • भाषा का स्थानीयकरण
  • माँग के आधार पर ICT अवसंरचना ।
  • अनुमोदन की प्रक्रिया को त्वरित करना)
  • स्टैण्डर्ड और प्रोटोकॉल का अधिदेश तय करना
  • राष्ट्रीय भू-स्थानिक सूचना प्रणाली (Geo spatial information system:GIS )
  • सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक डेटा संरक्षण ।

सोशल मीडिया के साथ-साथ नेशनल ई-गवर्नेस एकेडमी और ई-गवर्नेस नॉलेज पोर्टल जैसी संस्थाएँ भी ई-क्रांति का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करेंगी। ई-गवर्नेस इम्पैक्ट इंडेक्स के निर्माण की भी योजना बनायी गयी है।

ई-क्रांति, डिजिटल भारत कार्यक्रम का महत्वपूर्ण स्तंभ है जो नागरिकों तक सरकारी सेवाओं के वितरण में सुधार लाने के लिए ई-गवर्नेस की सम्पूर्ण क्षमता का दोहन करना चाहती है। ई-क्रांति वितरण चैनल का कायाकल्प करेगी, नया व्यापार मॉडल प्रस्तुत करेगी और साथ ही यह ई-गवर्नेस के निर्यात में भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने में भी सहायता कर सकती है।

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