उत्तर प्रदेश में सड़कों द्वारा जुड़ाव की आवश्यकता को स्पष्ट कीजिए। इस विषय में उत्तर प्रदेश सरकार के हाल के प्रयास किस सीमा तक सफल हो सकेंगे?

उत्तर की संरचनाः

भूमिका:

  • उत्तर प्रदेश में सड़कों से जुड़ाव को इसके सामान्य महत्व के साथ बताइए।

मुख्य भाग:

  • एक परिदृश्य दीजिए कि कैसे सड़कें उत्तर प्रदेश में विकास ला सकती हैं।
  • हाल के उत्तर प्रदेश की सड़क विकास परियोजनाओं के सशक्त पक्ष व सीमाओं को बताइए।

निष्कर्ष:

  • आगे सुधार के बारे में सुझाव देकर निष्कर्ष दीजिए।

उत्तर

भूमिकाः

एक क्षेत्र के आर्थिक व सामाजिक, सांस्कृतिक विकास के लिए सड़कों द्वारा जुडाव अत्यन्त महत्वपूर्ण है। ये हमें मौसम में द्वार से द्वार तक सयोजन प्रदान करती है जो सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता के लिए आवश्यक है। फिर में विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में सड़कों के द्वारा जुड़ाव पिछड़ी स्थिति में है।

उत्तर प्रदेश में 60 राष्ट्रीय राजमार्ग, कुल 8483 किमी. लम्बाई व 34.87 किमी./100 वर्ग किमी. सड़क घनत्व के साथ उपस्थित है। इसमें 70 प्रतिशत सड़क संजाल 2-लेन वाली सड़कों का है।

मुख्य भागः

सड़कों के जुड़ाव की आवश्यकता विशेषकर तराई क्षेत्र, बुन्देलखंड क्षेत्र व पर्वी उत्तर प्रदेश में निम्न फार देखा जा सकती है

  • इससे सड़कों से जुड़ा की कमी से बाधित स्वास्याने रोजगार उत्पादन में कमी के कारण होने वाले प्रवसन को रोका जा सकता है। .
  • ग्रामीण आर्थिक गतिविधियां व एमएसएमई उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है क्योंकि ये परिवहन के अन्य साधन जैसे- वायुमार्ग का प्रयोग कीमत-सीमाओं के कारण नहीं कर पाते हैं।
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश में सड़कों की कमी के कारण पर्यटन संभावनाओं का भी दोहन नहीं हो पा रहा है। जैसे- वाराणसी, कुशीनगर आदि।
  • सड़कों की कमी की वजह से ही, विशेषकर उ.प्र. के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की भौतिक उपस्थिति नहीं हो पाती है। यह कानून व्यवस्था व सार्वजनिक सेवाओं के वितरण को भी बाधित करती है।

इन रिक्तियों को भरने हेतु उ.प्र. सरकार ने विभिन्न परियोजनाएं चालू की हैं

  • पूर्वाचल एक्सप्रेस वेः यह लखनऊ से शुरू होकर बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, आजमगढ़ से गाजीपुर तक संयोजन करता है। यह 2021 तक संपूर्ण होने वाला 341 किमी. लंबा 4-लेन सड़क मार्ग होगा।
  • बुन्देलखंड एक्सप्रेस वे/अटल पथ: यह झासी, चित्रकूट, बांदा, जालौन को जोड़ते हुए लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे में जुड़ने पर लक्षित है। यह 4 लेन वाला 293 किमी. लंबा एक्सप्रेस वे होगा।
  • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे: यह गोरखपुर को आजमगढ़ से जोड़ते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे संयोजन स्थापित करेगा।
  • हाल ही में महेसरा पुल का उद्घाटन किया गया है जो गोरखपुर से नेपाल को जोड़ता है।
  • इन राजमार्गों के अलावा उ.प्र. राज्य राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बरेली-अमरोहा से उत्तराखंड सीमा तक, वाराणसी शक्तिनगर सड़क, गढ़-मेरठ सड़क भी बनाई जा रही है।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भी अन्तिम बिंदु तक संयोजन प्रदान कर रही है। फिर भी इन परियोजनाओं की पूर्ण प्रभाविता के लिए कुछ चुनौतियों से भी निपटना होगा। इसमें समयबद्ध भूमि अधि ग्रहण, सरकार द्वारा विभिन्न मंजूरियों को दिया जाना, इन परियोजनाओं द्वारा विस्थापित लोगों को पुर्नस्थापन, समयबद्ध फण्ड वित्त का भुगतान सम्मिलित है जिससे परियोजना बिना रूकावट चलती रहे।

निष्कर्षः

हाल की ये परियोजनाएँ संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए वास्तविक रूप से बेहतर हैं। फिर भी, समयबद्ध व | गुणवत्तापरक सड़कों का निर्माण करना आवश्यक है ताकि उत्तर प्रदेश का वास्तविक विकास हो सके।

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