वायु, जल एवं मृदा प्रदूषण से निपटने के लिए नैनो प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगों का परिचय
प्रश्न: अपने संबंधित जोखिमों के बावजूद, नैनो प्रौद्योगिकी वायु, जल और मृदा प्रदूषण से निपटने के लिए वर्तमान प्रौद्योगिकियों में सुधार लाने के कई सुअवसर भी प्रदान करती है। विश्लेषण कीजिए।
दृष्टिकोण
- वायु, जल एवं मृदा प्रदूषण से निपटने के लिए नैनो प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगों का परिचय दीजिए।
- इसके लाभ और हानियों का परीक्षण कीजिए।
- उपयुक्त समाधान प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर
नैनो प्रौद्योगिकी मौजूदा पर्यावरणीय प्रौद्योगिकियों में सुधार करने और वायु, जल एवं मृदा प्रदूषण के समाधान जैसे विभिन्न लाभ प्रदान करती है। नैनो प्रौद्योगिकी की तीने मुख्य क्षमताएं हैं: स्वच्छता (उपचार) और शुद्धिकरण, संदूषकों का पता लगाना और प्रदूषण की रोकथाम।
लाभ
- नैनो प्रौद्योगिकी नैनोस्केल पर नियंत्रण की क्षमता प्रदान करती है।
- नैनो पदार्थों के उच्च आयतन-पृष्ठीय क्षेत्रफल अनुपात के कारण, इसका उपयोग अतिसंवेदनशील संदूषकों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।
- नैनो पदार्थों से उच्च प्रतिक्रियाशीलता, उच्च पृष्ठ संपर्क और बेहतर निपटान क्षमता जैसे प्रमुख लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। इसलिए यह परंपरागत पद्धतियों से अधिक प्रभावी होता है।
- जैवसक्रिय नैनोकण जल कीटाणुशोधन के लिए एक वैकल्पिक समाधान प्रदान करते हैं।
- इस तकनीक से सुदृढ़ता में वृद्धि, प्रणालीगत लागत एवं पूर्ण प्रतिस्थापन लागत में कमी तथा पर्यावरण पर प्रभावों में कमी जैसे लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। उदाहरण के लिए:
- जल प्रदूषण के उपचार में उपयोग होने वाले सिल्वर नैनोकण सस्ते होते हैं, उन्हें किसी मिश्रण पर लेपित किया जाता है और पेयजल के उत्पादन के लिए ‘इलेक्ट्रिसिटी या हाइड्रोस्टैटिक प्रेशर’ की आवश्यकता नहीं होती है।
- समुद्री घास (seaweeds) जैसी वनस्पतियों का भी जल उपचार में उपयोग किया जाता है।
- समुद्री घास से प्राप्त नैनो संमिश्रण में विभिन्न धनायनित और ऋणयानी वर्गों के साथ-साथ लेड और क्रोमियम को अवशोषित करने की अत्यधिक क्षमता पायी गयी है।
- नैनो पदार्थों ने अवशोषण की उच्चतम क्षमता प्रदर्शित की है और इनका उपयोग वायु से कार्बनिक और अकार्बनिक, दोनों प्रकार के प्रदूषकों को हटाने के लिए भी किया जा सकता है।
- इसके अतिरिक्त, नैनो प्रौद्योगिकी प्रेरित उपचार का उपयोग भारी धातुओं से प्रदूषित मृदा के उपचार में भी किया जा सकता है। नैनोकणों में प्रदूषित मृदा में स्थित भारी धातुओं को स्थिर (immobilize) करने की क्षमता होती है।
जोखिम:
- इसके संभावित जोखिमों में पर्यावरणीय, स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी मुद्दे सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त एक जोखिम संक्रमणकारी प्रभाव यथा पारंपरिक उद्योगों का विस्थापन हो जाना भी है क्योंकि नैनो प्रौद्योगिकी के उत्पादों का प्रभाव बढ़ जाता है।
- स्थूल रूप में हानि रहित पदार्थ भी नैनोपैमाने पर अत्यधिक विषाक्त बन सकते हैं। अर्थात यदि वे पेयजल आपूर्ति और खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर, वृद्धि करते हैं तथा जैवनिम्नीकृत नहीं होते हैं तो हानिकारक हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, वायुमंडलीय कण श्वसन व फेफड़ों से संबंधित रोगों के कारण बन सकते हैं।
उपर्युक्त के अतिरिक्त, नैनो प्रौद्योगिकी को महँगा भी माना जाता है और इस प्रकार यह उन विकासशील देशों के लिए बाधा बन जाती है जो जल, मृदा और वायु प्रदूषणों का सामना कर रहे हैं।
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