1. मुगल प्रशासन के दौरान जिले को किस नाम से जाना जाता था?
(a) अहर
(b) विश्यास
(c) सूबा
(d) सरकार
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2004]
उत्तर- (d) सरकार
- अकबर ने साम्राज्य का प्रबंधन आसान बनाने के लिए उसे छोटे-छोटे भागों में संगठित किया।
- यह 12 प्रांतों से बना था, जो बाद में औरंगजेब के शासन के दौरान बढ़कर 18 और अंततः 20 हो गया।
- इन्हें आगे जिलों (सरकारों) और उप-जिलों (परगना) में विभाजित किया गया था।
- कई गाँव मिलकर एक परगना बनाते थे। प्रत्येक जिले में फौजदार, अमलगुजार, काजी, कोतवाल, बिटीखी और खजानदार जैसे एक मुख्य अधिकारी होते थे।
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2. मुगलकाल में सेना का प्रधान निम्न में से कौन था?
(a) शहना-ए-पील
(b) मीर बख्शी
(c) वजीर
(d) सवाहेनिगार
[U.P. P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (b) मीर बख्शी
- मुगलों के समय में सेना के नेता को मीर बख्शी कहा जाता था।
- उन्हें मुख्य दरबारी सरदारों द्वारा चुना गया था।
- मीर बख्शी जानकारी एकत्र करने और सम्राट को यह सुझाव देने के लिए जिम्मेदार था कि सेना में किसे नियुक्त किया जाए या पदोन्नत किया जाए।
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3. मुगल शासन में मीर बख्शी का कर्तव्य था-
(a) किसानों से टैक्स वसूल करना
(b) आय-व्यय का लेखा रखना
(c) न्याय देना
(d) भू-राजस्व अधिकारियों का पर्यवेक्षण
[U.P. P.C.S. (Spl) Pre 2004]
उत्तर- (d) भू-राजस्व अधिकारियों का पर्यवेक्षण
- मुगल साम्राज्य के दौरान, मीर बख्शी उन लोगों की देखरेख के लिए जिम्मेदार थे जो भूमि कर और सेना के वेतन एकत्र करते थे।
- सर जदुनाथ सरकार ने मीर बख्शी को पे मास्टर कहा था।
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4. नीचे दो कथन दिए गए हैं, जिसमें से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को कारण (R) कहा गया है-
अभिकथन (A): मुगल साम्राज्य मूल रूप से एक सैनिक राज्य था।
कारण (R): केंद्रीय शासन व्यवस्था के विकास की प्राणशक्ति उसकी सैनिक शक्ति पर निर्भर थी।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सत्य हैं, किंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सत्य है, किंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, किंतु (R) सत्य है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- इतिहासकार आम तौर पर इस बात से सहमत हैं कि मुगल साम्राज्य एक सैन्य राज्य था, जिसमें सैन्य कर्तव्यों का पालन करने के लिए मनसबदारों को नियुक्त किया जाता था।
- मुगलों के पास एक बड़ी सेना भी थी, जिससे उन्हें अपने साम्राज्य का विस्तार करने और मजबूत करने में मदद मिली।
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5. निम्नलिखित में से किसे मुगल सेना में चिकित्सक नियुक्त किया गया था?
(a) बर्नियर को
(b) करेरी को
(c) मनूची को
(d) टैवर्नियर को
[U. P. P. C. S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर- (c) मनूची को
- एक इतालवी यात्री निकोलो मनुची को 1653 में मुगल सेना में डॉक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था।
- उन्होंने पहले दारा शिकोह के लिए एक तोपची के रूप में काम किया और फिर 1659 में दारा शिकोह की मृत्यु के बाद एक डॉक्टर बन गए।
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6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए, अहदी वे घुड़सवार सिपाही थे-
1. जिन्होंने अपनी सेवाएं एकाकी प्रदान की
2. जिन्होंने किसी सरदार के साथ अपने को संलग्न नहीं किया
3. सम्राट ही जिनका आसन्न कर्नल था
4. जिन्होंने अपने को मिर्जाओं के साथ संलग्न किया इन कथनों में से-
(a) 1, 3 और 4 सही हैं।
(b) 1, 2 और 3 सही हैं।
(c) 2 और 3 सही हैं।
(d) 1 और 4 सही है।
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (b) 1, 2 और 3 सही हैं।
- अकबर की सेना कुछ हज़ार अहादियों से बनी थी, जो महान धनुर्धर माने जाते थे।
- उनमें से प्रत्येक के पास कई घोड़े थे लेकिन उन्हें अपने साथ किसी और को सवार करने की अनुमति नहीं थी।
- इन योद्धाओं पर सम्राट का नियंत्रण होता था।
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7. मुगल प्रशासन में ‘मुहतसिब’ था-
(a) सेना अधिकारी
(b) विदेश विभाग का मुख्य
(c) लोक आचरण अधिकारी
(d) पत्र-व्यवहार विभाग का अधिकारी
[47 B.P.S.C. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) लोक आचरण अधिकारी
- मुहतासिब एक पुलिस अधिकारी और न्यायाधीश दोनों के रूप में कार्य करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार था कि लोग इस्लामी कानूनों का पालन करें।
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8. मध्यकालीन भारत में मनसबदारी प्रथा खासतौर पर इसलिए चालू की गई थी, ताकि-
(a) सेना में भर्ती की जा सके
(b) राजस्व संग्रह में सुविधा हो
(c) धार्मिक सामंजस्य सुनिश्चित हो
(d) साफ-सुथरा प्रशासन लागू हो सके
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (d) साफ-सुथरा प्रशासन लागू हो सके
- अकबर ने मुग़ल साम्राज्य की सेना और सरकार के लिए एक संरचित प्रणाली बनाई, जिसे मनसबदारी प्रणाली कहा जाता था।
- यह व्यवस्था शीघ्र ही मुगल सेना और सरकार का मुख्य आधार बन गई।
- मनसबदारी व्यवस्था का उद्देश्य प्रशासन को सुधारना तथा व्यवस्थित करना था।
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9. निम्नलिखित बातों में से कौन एक मुगल मनसबदारी व्यवस्था के विषय में सत्य नहीं है?
(a) इसमें 33 वर्ग थे।
(b) उन्हें ‘मशरुत’ अथवा सशर्त पद प्राप्त होते थे।
(c) उनका ‘सवार’ पद ‘जात’ पद से अधिक हो सकता था।
(d) समस्त कार्यकारी एवं सैन्य अधिकारियों को मनसब प्रदान किए जाते थे।
[U. P. P. C. S. (Mains) 2009]
उत्तर- (c) उनका ‘सवार’ पद ‘जात’ पद से अधिक हो सकता था।
- मनसब एक शब्द था जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के पद या स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता था।
- मनसबदारों या पदाधिकारियों के 33 अलग-अलग वर्ग थे, जिन्हें उनके पद के आधार पर अलग-अलग धनराशि का भुगतान किया जाता था।
- कुछ मामलों में, जैसे कि जब मनसबदार विद्रोहियों से घिरे हुए कठिन इलाके में थे, तो राज्य उन्हें उनकी ज़ात रैंक में बदलाव किए बिना, एक उच्च पद दे देता था।
- यह प्रणाली पत्थर की लकीर नहीं थी और वर्तमान स्थिति के अनुरूप इसमें बदलाव किया गया।
- कभी-कभी सलवार रैंक में अस्थायी वृद्धि को सुधार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, जिसे मश्रुत कहा जाता था।
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10. मुगल मनसबदारी व्यवस्था के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए एवं नीचे दिए कूट से सही उत्तर चुनिए-
1. ‘जात’ एवं ‘सवार’ पद प्रदान किए जाते थे।
2. मनसबदार आनुवांशिक अधिकारी होते थे।
3. मनसबदारों के तीन वर्ग थे।
4. दीवान कार्यालय द्वारा इनको वेतन दिया जाता था।
कूट :
(a) चारों कथन सही हैं।
(b) चारों कथन गलत हैं।
(c) केवल 1, 2 एवं 3 सही हैं।
(d) केवल 1 एवं 3 सही हैं।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010, U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010]
उत्तर- (d) केवल 1 एवं 3 सही हैं।
- राजा मनसबदारों को स्वयं चुनता था।
- वह उनकी स्थिति को बढ़ा, घटा या छीन सकता था।
- इन लोगों को नागरिक और सैन्य कार्य करने पड़ते थे।
- मनसबदारों की 33 विभिन्न श्रेणियाँ थीं।
- सबसे निचले रैंक के पास 10 सैनिक थे जबकि सबसे ऊंचे रैंक के पास 10,000 सैनिक थे।
- मनसबदार का वेतन सैनिकों के वेतन से पूरक होता था।
- पद विरासत में नहीं मिला था. मनसबदार को अपने वेतन का उपयोग घोड़ों, हाथियों, ऊँटों, खच्चरों और गाड़ियों के भुगतान के लिए करना पड़ता था।
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11. मुगल भारत के संदर्भ में, जागीरदार और जमींदार के बीच क्या अंतर है/हैं?
1. जागीरदारों के पास न्यायिक और पुलिस दायित्वों के एवज में भूमि आबंटनों का अधिकार होता था, जबकि जमींदारों के पास राजस्व अधिकार होते थे तथा उन पर राजस्व उगाही को छोड़कर अन्य कोई दायित्व पूरा करने की बाध्यता नहीं होती थी।
2. जागीरदारों को किए गए भूमि आवंटन वंशानुगत होते थे और जमींदारों के राजस्व अधिकार वंशानुगत नहीं होते थे।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (d) न तो 1, न ही 2
- अकबर के समय में भूमि को दो भागों खलीसा और जागीर में विभाजित किया गया था।
- खलिसा से प्राप्त राजस्व सरकार को जाता था, जबकि जागीर से प्राप्त राजस्व जागीरदारों को उनके वेतन के रूप में दिया जाता था।
- उन्हें इस राजस्व को एकत्र करने और इसे अपने वेतन और अपने सैन्य कर्तव्यों को पूरा करने के लिए उपयोग करने का अधिकार था।
- स्थानीय अदालतें और पुलिस जमींदारों द्वारा चलाई जाती थीं।
- जागीरदारों को अत्यधिक व्यवस्थित होने से बचाने के लिए उन्हें एक जागीर से दूसरे जागीर में स्थानांतरित किया जा सकता था।
- जमींदार आमतौर पर विरासत में मिलते थे और पूरे मुगल साम्राज्य में पाए जाते थे।
- मुगलकालीन भारत की कृषि व्यवस्था में इनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी।
- ‘ज़मींदार’ शब्द दो फ़ारसी शब्दों से बना है – ज़मीन (भूमि) और दार (धारक)।
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12. मुगलकालीन भारत में राज्य की आय का प्रमुख स्रोत क्या था?
(a) लूट
(b) राजगत संपत्ति
(c) भू-राजस्व
(d) कर
[U.P. P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (c) भू-राजस्व
- मुगल शासन के दौरान खेती का मुख्य हिस्सा यह था कि किसानों को अपने द्वारा उगाए गए अतिरिक्त भोजन (अपनी आवश्यकता से अधिक) को राज्य को कर के रूप में देना पड़ता था।
- यह सरकार का पैसा कमाने का मुख्य तरीका था।
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13. मुगल प्रशासनिक शब्दावली में ‘माल’ प्रतिनिधित्व करता है-
(a) भू-राजस्व का
(b) वेतन का
(c) भत्तों का
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]
उत्तर- (a) भू-राजस्व का
- इसका संबंध भूमि के उपयोग के लिए भुगतान किये गये धन से था।
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14. मुगल सम्राट जिसने तंबाकू के प्रयोग पर निषेध लगाया था-
(a) अकबर
(b) बाबर
(c) जहांगीर
(d) औरंगजेब
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005, Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) जहांगीर
- 1605 में पुर्तगाली भारत में तम्बाकू लाए और जल्द ही यह सभी के बीच लोकप्रिय हो गया।
- हालाँकि, मुगल बादशाह जहाँगीर ने तम्बाकू के बुरे प्रभावों को देखा और 1617 में इस पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।
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15. मुगल प्रशासन में ‘मदद-ए-माश’ इंगित करता है-
(a) चुंगी कर (Toll Tax)
(b) विद्वानों को दी जाने वाली राजस्व मुक्त अनुवत्त भूमि
(c) सैन्य अधिकारियों को दी जाने वाली पेंशन
(d) बुवाई कर (Cultivation Tax)
[46th B.P.S.C. (Pre) 2003]
उत्तर- (b) विद्वानों को दी जाने वाली राजस्व मुक्त अनुवत्त भूमि
- मुगल सरकार कभी-कभी ऐसे लोगों को दान देती थी जो या तो धार्मिक थे या योग्य थे, जिन्हें मदद-ए-मश के नाम से जाना जाता था।
- इसने एकता और शांति का विचार दिखाया और इसका उपयोग करों का भुगतान किए बिना धार्मिक लोगों, स्थानों और संगठनों की मदद करने के लिए किया गया।
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16. मध्यकालीन भारत के ऐतिहासिक स्रोतों में चकला शब्द का प्रयोग हुआ है। यह –
(a) परगना के समानार्थी था।
(b) सरकार के समानार्थी था।
(c) सूबा और परगना के बीच की क्षेत्रीय इकाई था, लेकिन सरकार के समानार्थी नहीं था।
(d) उपर्लिखित में से कोई भी नहीं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (c) सूबा और परगना के बीच की क्षेत्रीय इकाई था, लेकिन सरकार के समानार्थी नहीं था।
- मुगल साम्राज्य के दौरान, विशेषकर शाहजहाँ के शासन के दौरान, चकला भारतीय उपमहाद्वीप में जिला स्तर पर एक प्रशासनिक प्रभाग था।
- इसका प्रयोग बंगाल और अवध दोनों प्रांतों में किया जाता था।
- चकला इन प्रांतों में मुख्य प्रशासनिक प्रभाग था और इसे आगे परगना में विभाजित किया गया था।
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17. मनसबदारी व्यवस्था के संदर्भ में, कौन-सा कथन सही है/हैं?
1. मनसबदारी व्यवस्था राज्य के कुलीन वर्ग से संबंधित थी, जिसे अकबर ने प्रारंभ किया।
2. मनसबदारी का पद पैतृक था।
नीचे दिए गए कूटों से सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) 1 और 2 दोनों
(c) केवल 2
(d) न तो 1 और न ही 2
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) केवल 1
- राजा उन लोगों को चुनता था जो मनसबदार होते थे।
- वह उन्हें अधिक शक्ति दे सकता था, शक्ति छीन सकता था, या हटा सकता था।
- मनसबदार किसी भी नागरिक या सैन्य कर्तव्यों के लिए जिम्मेदार थे।
- मनसबदारों के 33 स्तर थे, सबसे निचले स्तर पर 10 सैनिकों का प्रभारी और सबसे ऊंचे पर 10,000 सैनिकों का प्रभारी होता था।
- सैनिकों के वेतन का एक भाग मनसबदार के व्यक्तिगत वेतन में जोड़ दिया जाता था।
- मनसबदारी व्यवस्था विरासत में नहीं मिली थी। मनसबदार को अपने स्वयं के खर्चों का भुगतान करना पड़ता था और एक निश्चित मात्रा में घोड़े, हाथी, ऊँट, खच्चर और गाड़ियाँ भी रखनी पड़ती थीं।
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18. कथन (A): मुगलकाल में मनसबदारी प्रथा विद्यमान थी।
कारण (R): मनसबदारों का चयन योग्यता के आधार पर होता था।
(a) कथन और कारण दोनों सही है तथा कारण, कथन को स्पष्ट करता है।
(b) कथन और कारण दोनों सही हैं, परंतु कारण, कथन को स्पष्ट नहीं करता है।
(c) कथन सही है, परंतु कारण गलत है।
(d) कथन गलत है, परंतु कारण सही है।
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (b) कथन और कारण दोनों सही हैं, परंतु कारण, कथन को स्पष्ट नहीं करता है।
- मनसबदारी प्रणाली वह तरीका थी जिससे मुगल साम्राज्य अपनी सरकार चलाता था।
- इसने एक सार्वजनिक अधिकारी का पद तय किया।
- साम्राज्य के शासक मनसबदारों को उनकी कुशलता के आधार पर नियुक्त करते थे।
- कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, लेकिन कारण (R) कथन (A) की व्याख्या नहीं करता है।
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19. निम्न में दिए गए कथन (A) एवं (B) के व्याख्यान को पढ़ें और निम्न के कूट में से सही उत्तर का चयन करें-
(A) सभी मनसबदार सेना के पदाधिकारी नहीं होते थे।
(B) मुगल शासन के अधीन उच्च पदाधिकारी भी मनसबदार होते थे और उनका वर्गीकरण होता था।
(a) (A) एवं (B) दोनों ही गलत हैं।
(b) (A) एवं (B) दोनों ही सही हैं।
(c) (A) सही है, जबकि (B) गलत है।
(d) (A) गलत है, जबकि (B) सही है।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) (A) एवं (B) दोनों ही सही हैं।
- अकबर के शासन के तहत मुगल साम्राज्य में प्रशासन की एक प्रणाली थी जिसे मनसबदारी प्रणाली कहा जाता था।
- इस प्रणाली का उपयोग सैन्य और नागरिक दोनों सेवाओं के लिए किया जाता था।
- अबुल फज़ल ने कहा कि मनसबदारों के 66 स्तर थे, लेकिन वे सभी नहीं थे।
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20. सूची I को सूची II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए –
सूची – I |
सूची – II |
(अधिकारी) |
(विहित कर्तव्य) |
A. दीवान – ए – तन – |
1. कार्यालय को संभालने के लिए |
B. मुस्तार्फी |
2. प्रमुख घटनाओं व फरमानों को सूचीबद्ध करना |
C. मुशरिफ |
3. जागीर व वेतन को देखना |
D. चकियानवीस |
4. राज्य की आय-व्यय का निरीक्षण करना |
कूट :
A B C D
(a) 2, 4, 1, 3
(b) 3, 4, 1, 2
(c) 1, 3, 2, 4
(d) 4, 1, 2, 3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (b) 3, 4, 1, 2
- सही मिलान इस प्रकार है –
सूची – I (अधिकारी) |
सूची – II (विहित कर्तव्य) |
दीवान-ए- तन |
जागीर व वेतन को देखना |
मुस्ताफी |
राज्य की आय-व्यय का निरीक्षण करना |
मुशरिफ |
कार्यालय को संभालने के लिए |
वकियानवीस |
प्रमुख घटनाओं व फरमानों को सूचीबद्ध करना |
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21. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
सूची-I |
सूची-II |
(बादशाह) |
(दीवान) |
A. अकबर |
1. गियास वेग एतमाद-उद्दौला |
B. जहांगीर |
2. असद खान |
C. शाहजहां |
3. मुजफ्फर खान |
D. औरंगजेब |
4. सादुल्ला खान |
कूट :
A B C D
(a) 1, 4, 3, 2
(b) 2, 3, 1, 4
(c) 3, 2, 1, 4
(d) 3, 1, 4, 2
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2021]
उत्तर- (d) 3, 1, 4, 2
- सही सूची इस प्रकार है –
सूची-I (बादशाह) |
सूची-II (दीवान) |
अकबर |
मुजफ्फर खान |
जहांगीर |
गियास बेग एतमाद्-उद्दौला |
शाहजहां |
सादुल्ला खान |
औरंगजेब |
असद खान |
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22. नीचे दो कथन दिए गए हैं, जिनमें एक को कथन (A) और दूसरे को कारण (R) कहा गया है।
कथन (A): अकबर ने शेरशाह की तरह राज्य के सिक्कों के प्रचलन को नियमित करने का प्रयास किया।
कारण (R): शेरशाह की मुद्रा पद्धति के समान, अकबर के समय का ताम्र का प्रमुख सिक्का दाम था।
नीचे दिए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए –
कूट :
(a) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(b) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(d) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
- अकबर ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि उसके राज्य में धन का प्रबंधन उसी तरह किया जाए जैसे शेरशाह ने किया था।
- अकबर के शासनकाल के दौरान और उसके बाद, व्यापार के लिए सोने के सिक्के, चांदी के रुपये और तांबे के बांधों का व्यापक रूप से उपयोग और विनियमन किया गया था।
- जब अकबर सत्ता में था, तब भी तांबे के बांध मुद्रा का मुख्य रूप थे और राज्य की आय और व्यय की गणना बांधों में की जाती थी।
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23. निम्नलिखित राजाओं में से किसने रामसीता की आकृतियों और ‘रामसीय’ देवनागरी लेख से युक्त कुछ सिक्के चलाए ?
(a) भोज
(b) सिद्धराज जयसिंह
(c) जैन उल आबिदीन
(d) अकबर
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (d) अकबर
- अकबर ने राम और सीता के चित्र और देवनागरी शब्द “राम सिया” वाले सिक्के चलवाये।
- उन्होंने सिक्कों में फूल, बिंदु और चार-तरफा आकृतियाँ जैसी सजावट जोड़ीं।
- सिक्के गोल और चौकोर दोनों थे और उनमें शानदार सुलेख के साथ एक विशेष “मिहराब” आकार था।
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24. मुगल शासन में तांबे का सिक्का कहलाता था-
(a) रुपया
(b) दाम
(c) टंका
(d) शम्सी
[U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]
उत्तर- (b) दाम
- अकबर के शासनकाल के दौरान, मुगल मुद्रा प्रणाली में तीन सिक्कों का उपयोग किया गया था: मोहर सोने से, रुपया चांदी से, और दाम तांबे से।
- लेन-देन में इस्तेमाल होने वाले पैसे और उसके मूल्य के लिए तांबे को चुना गया।
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25. निम्नलिखित में से किस शासक ने ‘शाहरुख’ नामक चांदी का सिक्का चलाया?
(a) अकबर
(b) बाबर
(c) हुमायूं
(d) शाहजहां
[U.P.R.O/A.R.O. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) बाबर
- बाबर ने चांदी और तांबे का सिक्का चलाया था।
- चांदी के सिक्के को ‘शाहरुख’ कहा जाता था।
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26. मध्यकाल में बंटाई शब्द का अर्थ था-
(a) धार्मिक कर
(b) लगान निर्धारण का तरीका
(c) धन कर
(d) संपत्ति कर
[48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]
उत्तर- (b) लगान निर्धारण का तरीका
- मध्य युग के दौरान, ‘बंटाई’ शब्द का इस्तेमाल कराधान के लिए राज्य और किसानों के बीच फसलों को विभाजित करने की एक विधि को संदर्भित करने के लिए किया जाता था।
- शेर शाह सूरी ने कराधान के लिए तीन अलग-अलग प्रणालियाँ पेश कीं: नस्क/मुक्ताई/कंकुट नाकदी या जबती गल्ला बख्शी या बंटाई, जिसके तीन रूप थे: खेत बंटाई, लंक बंटाई और रासी बंटाई।
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27. अकबर के शासनकाल में दक्कन में निम्न पद्धतियों में से कौन-सा भू-राजस्व वसूली का प्रचलित आधार था?
(a) कनकूत
(b) हल की संख्या
(c) जब्त
(d) गल्लाबख्शी
[U.P. P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) हल की संख्या
- जे.एन. सरकार की ‘औरंगजेब का इतिहास’ पुस्तक में पृष्ठ संख्या 190 पर यह उल्लेख किया गया है कि अकबर के शासनकाल में उत्तर भारत में दीवान टोडरमल द्वारा भू-राजस्व वसूली की व्यवस्थित पद्धति स्थापित की गई थी, लेकिन दक्कन में इस प्रकार की व्यवस्थित पद्धति का अभाव था।
- इस दौरान दक्कन के किसान प्रति हल (हल की संख्या) के आधार पर राज्य को भू-राजस्व का भुगतान करते थे।
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28. निम्नलिखित में से किस मुगलकालीन नहर का निर्माण फिरोज शाह की रजबवाह को पुनर्जीवित करके किया गया?
(a) शेखनू-नी
(b) शहाब नहर
(c) नहर-ए-बिहिश्त
(d) नहर-ए-आगरा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (b) शहाब नहर
- शहाब नहर का निर्माण फ़िरोज़ शाह की रजबवाह नहर को पुनः जीवित करके किया गया था।
- अकबर के शासनकाल के दौरान, सिहाबुद्दीन खान और नूरुद्दीन मुहम्मद तार दोनों ने सिंचाई उद्देश्यों के लिए नहर के पुनर्निर्माण पर काम किया और इसका नाम बदलकर शहाब नहर रखा।
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