मिखाइल गोर्बाचेव : USSR का रूपांतरण

प्रश्न: यद्धपि, मिखाइल गोर्बाचेव द्वारा प्रारंभ किए गए सुधारों का उद्देश्य USSR का रूपांतरण करना था, तथापि अंततः इससे उसके विघटन का मार्ग प्रशस्त हुआ। टिप्पणी कीजिए।

दृष्टिकोण

  • मिखाइल गोर्बाचेव द्वारा प्रारंभ किए गए प्रमुख सुधारों के साथ उत्तर की शुरुआत कीजिए।
  • चर्चा कीजिए कि ये सुधार किस प्रकार सुविचारित थे, परंतु USSR के लिए नकारात्मक सिद्ध हुए।

उत्तर

गोर्बाचेव का उद्देश्य इन सुधारों के माध्यम से कम्युनिस्ट पार्टी का आधुनिकीकरण और उसे सुव्यवस्थित करना था। साथ ही वह खुश्चेव के पतन के पश्चात् के परवर्ती निष्क्रियता के वर्षों के दौरान USSR का रूपांतरण और पुनर्गठन करना चाहते थे। घरेलू स्तर पर, गोर्बाचेव की नीति मुख्य रूप से तीन कार्यक्रमों के तहत संचालित की गई थी:

पेरेस्त्रोइका (Perestroika) 

  • पेरेस्त्रोइका, गोर्बाचेव द्वारा प्रारंभ सोवियत संघ के आर्थिक और सामाजिक पुनर्संरचना या नवीनीकरण कार्यक्रम था। इसने सोवियत संघ की गतिहीन, अकुशल नियंत्रित अर्थव्यवस्था को एक लोकतांत्रिक बाजार-उन्मुख अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित करने का प्रयास किया। आर्थिक नियंत्रणों का विकेंद्रीकरण किया गया और पार्टी नेतृत्व की भागीदारी कम की गई।

ग्लासनोस्त (Glasnost)

  • “ग्लासनोस्त” अर्थात मानव अधिकारों और सांस्कृतिक मामलों के संदर्भ में खुलापन प्रदान किया गया। यह एक क्रांतिकारी परिवर्तन था, क्योंकि अभिव्यक्ति पर नियंत्रण और सरकार की आलोचना करने वालों का दमन पूर्व में सोवियत व्यवस्था का एक केंद्रीय पहलू था। सरकारी नीतियों से असहमति रखने वाले व्यक्तियों को रिहा कर दिया गया, प्रेस पर नियंत्रण को कम कर दिया गया साथ ही प्रेस को USSR में स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गयी गई।

राजनीतिक सुधार (Political reforms)

  • गोर्बाचेव द्वारा पार्टी के आंतरिक लोकतंत्रीकरण हेतु प्रयास किए गए। नई व्यवस्था के तहत स्थानीय सोवियतों (local soviets: सोवियत पार्टी की स्थानीय इकाइयां) के सदस्यों को नियुक्त किये जाने के स्थान पर निर्वाचित किए जाने का प्रावधान किया गया। सुप्रीम सोवियत (Supreme Soviet: सोवियत पार्टी की शीर्ष इकाई) को कांग्रेस ऑफ़ पीपुल्स डेप्यूटीज द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया और कम्युनिस्ट पार्टी के लिए आरक्षित सीटों को समाप्त कर दिया गया।

सुधारों का मूल्यांकन:

  • ग्लासनोस्त के तहत किए गए सुधारों द्वारा सोवियत अतीत की भयावहता और उसकी समकालीन अक्षमताओं दोनों को प्रकट किया गया।
  • गोर्बाचेव के आर्थिक सुधारों के परिणामस्वरूप अत्यधिक सरकारी व्यय और सोवियत ऋण के कारण विपरीत प्रभाव दृष्टिगत हुए तथा श्रमिकों को उच्च मजदूरी प्रदान करने के कारण मुद्रास्फीति एक खतरनाक स्तर पर पहुँच गई।
  • गोर्बाचेव के अन्य सुधारों, यथा राजनीतिक दलों के निर्माण की अनुमति के कारण उनके स्वयं के समर्थन के आधार को कमजोर कर दिया क्योंकि इससे कम्युनिस्ट पार्टी का विशाल सोवियत संघ में राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार समाप्त हो गया।

पेरेस्त्रोइका एवं ग्लासनोस्त से प्रेरित और साथ ही साथ पूर्वी यूरोप में साम्यवाद के पतन के कारण, 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध में USSR में राष्ट्रवादी स्वतंत्रता आंदोलन प्रारंभ हो गए। दिसंबर 1991 में रूसी क्रांति के लगभग 75 वर्षों के पश्चात, कम्युनिस्ट पार्टी के युग में सोवियत संघ का विघटन हो गया।

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