1. निम्नलिखित में कौन-सी इलेक्ट्रॉनिक संरूपण धातु तत्वों के लिए होती है?
(a) 2, 8
(c) 2, 8, 8
(b) 2, 8, 7
(d) 2, 8, 8, 2
[43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर – (d) 2, 8, 8, 2
- इलेक्ट्रॉनिक संरूपण 2, 8 निऑन एवं 2, 8, 8 (ऑर्गन) अक्रिय गैसों के लिए तथा 2, 8, 7 क्लोरीन के लिए होती है।
- इलेक्ट्रॉनिक संरूपण 2, 8, 8, 2 कैल्शियम के लिए प्रयुक्त होता है।
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2. सबसे अधिक क्रियाशील धातु कौन-सी है?
(a) सोडियम
(c) आयरन (लोहा)
(b) कैल्शियम
(d) पोटैशियम
[56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]
उत्तर – (d) पोटैशियम
- दिए गए विकल्पों में सर्वाधिक क्रियाशील धातु पोटैशियम है।
- क्रियाशीलता के आधार पर दी गई धातुओं का क्रम निम्नवत है -पोटैशियम (K) >सोडियम (Na) > कैल्शियम (Ca) आयरन (Fe)।
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3. निम्नलिखित धातु-युग्मों में से किस एक में क्रमशः सबसे हल्की धातु तथा सबसे भारी धातु है?
(a) लिथियम एवं पारा
(b) लिथियम एवं ऑस्मियम
(c) एल्युमीनियम एवं ऑस्मियम
(d) एल्युमीनियम एवं पारा
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (b) लिथियम एवं ऑस्मियम
- विकल्प में प्रदत्त धातुओं के परमाणु क्रमांक, परमाणु भार एवं घनत्व निम्नानुसार हैं-
धातु |
परमाणु क्रमांक |
परमाणु भार (amu) |
घनत्व (g/cc) |
1. लिथियम
2. पारा
3. ऑस्मियम
4. एल्युमीनियम |
3
80
76
13 |
6.941
200.59
190.23
26.982 |
0.534
13.534
22.61
2.70 |
- स्पष्ट है कि लिथियम सबसे हल्की और ऑस्मियम सबसे भारी धातु है।
- ऑस्मियम सर्वाधिक घनत्व वाली प्राकृतिक धातु है। अतः यह सबसे भारी है।
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4. सर्वाधिक कठोर तत्व निम्न में से कौन है?
(a) हीरा
(b) सीसा
(c) टंगस्टन
(d) लोहा
[M.P.P.C.S. (Pre) 1992, 44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर – (a) हीरा
- सभी प्राकृतिक वस्तुओं में सर्वाधिक कठोर तत्व हीरा है।
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5. निम्नांकित में कौन कठोरतम धातु है?
(a) सोना
(b) लोहा
(c) प्लेटिनम
(d) टंगस्टन
[U.P. P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (d) टंगस्टन
- अधातु हीरा सभी प्राकृतिक वस्तुओं में सर्वाधिक कठोर होता है, जबकि धातुओं की कठोरता सामान्यतः रॉकवेल हार्डनेस परीक्षण’ (Rockwell Hardness Test) द्वारा परिभाषित की जाती है।
रॉकवेल हार्डनेस परीक्षण के अनुसार कुछ प्रमुख धातुओं की कठोरता का स्तर |
धातु |
कठोरता का स्तर |
लेड |
1.5 |
जस्ता |
2.5 |
स्वर्ण |
2.5-3 |
तांबा |
3 |
प्लेटिनम |
4-4.5 |
स्टील |
4-4.5 |
लोहा |
4.5 |
टाइटेनियम |
6 |
टंगस्टन |
7.5 |
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6. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सबसे कठोर पदार्थ है?
(a) ग्रेफाइट
(b) वुर्टजाइट बोरॉन नाइट्राइड
(c) लोहा
(d) हीरा
[U.P.R.O./A.R.O. (Re-exam) (Pre) 2016]
उत्तर – (d) हीरा
- पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सभी पदार्थों में सबसे कठोर हीरा (Diamond) है।
- यह कार्बन का एक अपररूप (Allotrope) है, जो कि एक अधातु है।
- वुर्टजाइट बोरॉन नाइट्राइड, संरचना में हीरे से मिलता-जुलता तत्व है और ऐसा माना जाता है कि यह हीरे की तुलना में अधिक कठोर है।
- यह हीरे की तुलना में 18% अधिक तनाव (Stress) सहन कर सकता है।
- हालांकि प्राकृतिक रूप से इसकी अत्यंत अल्प मात्राएं ही अस्तित्व में हैं।
- अभी वुर्टजाइट बोरॉन नाइट्राइड के कठोरता गुणों का प्रायोगिक रूप से परीक्षण किया जाना शेष है।
- अतः वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अभीष्ट उत्तर विकल्प (d) ही होगा।
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7. निम्नलिखित में से कौन-सा एक पदार्थ बहुत कठोर और बहुत तन्य है?
(a) कार्बोरंडम
(c) कास्ट आयरन
(b) टंगस्टन
(d) नाइक्रोम
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (d) नाइक्रोम
- कार्बोरंडम एल्युमीनियम का अयस्क होने के कारण एल्युमीनियम गुणधर्म से युक्त होता है, जो कठोर एवं तन्य नहीं है।
- कास्ट आयरन कठोर तो होता है किन्तु दबाव पर भंगुर प्रवृत्ति के कारण तन्य नहीं है।
- टंगस्टन का गलनांक बिन्दु अधिक है।
- यह तन्य धातु है किन्तु कठोर नहीं है।
- नाइक्रोम अभंगुर होने के कारण कठोर तथा उच्च गलनांक के कारण तन्य धातु है।
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8. सबसे भारी प्राकृतिक तत्व है-
(a) यूरेनियम
(b) मरकरी (पारा)
(c) सोना
(d) कैल्शियम
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर – (a) यूरेनियम
- सबसे भारी प्राकृतिक तत्व यूरेनियम है, जिसका परमाणु भार 238.03 तथा इसका घनत्व 19.05 ग्राम प्रति घन सेमी. होता है।
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9. निम्नलिखित में सबसे भारी धातु है-
(a) तांबा
(b) यूरेनियम
(c) एल्युमीनियम
(d) चांदी
[40th B.P.S.C. (Pre) 1995]
उत्तर – (b) यूरेनियम
- सबसे भारी प्राकृतिक तत्व यूरेनियम है, जिसका परमाणु भार 238.03 तथा इसका घनत्व 19.05 ग्राम प्रति घन सेमी. होता है।
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10. निम्नलिखित में से सबसे भारी धातु है-
(a) सोना
(b) चांदी
(c) पारा
(d) प्लैटिनम
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63 B.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर – (d) प्लैटिनम
- उपर्युक्त प्रश्न में ‘भारी’ का तात्पर्य ‘घनत्व’ से है।
- उपर्युक्त विकल्पों में से प्लैटिनम (Pt) सर्वाधिक घनत्व वाली धातु है, जिसका घनत्व 21.45 ग्रा./घन सेमी. होता है।
- चांदी (Ag) का घनत्व 10.5 ग्रा. घन सेमी., पारा (Hg) का 13.54 ग्रा./घन सेमी. तथा सोने का घनत्व 19.3 g/cm³ होता है।
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11. हाल ही में खोजी गई विश्व की सबसे महंगी धातु है-
(a) एंडोहेड्रल फुलरीन
(b) कैलीफोरनियम 252
(c) ट्रिटियम
(d) रोडियम
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (*)
- आधुनिक आवर्त सारणी में 118 तत्व शामिल हैं जिन्हें धातु, अधातु, अक्रिय गैसें, उपधातु (Metalloid) आदि के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- आवर्त सारणी में कैलीफोरनियम (परमाणु क्रमांक 98, कैलीफोरनियम-252, कैलीफोरनियम का समस्थानिक है) तथा रोडियम (परमाणु क्रमांक:-45) को धातु (Metal) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि एंडोहेड्रल फुलरीन तथा ट्रिटियम धातुओं की श्रेणी में शामिल नहीं है।
- कैलीफोरनियम-252 की खोज वर्ष 1950 में हुई थी तथा इसका मूल्य 27 मिलियन डॉलर प्रति ग्राम है, जबकि रोडियम की खोज 1803 ई. में हुई थी तथा इसका मूल्य 58 डॉलर प्रति ग्राम है।
- वर्ष 1985 में खोजे गए एंडोहेड्रल फुलरीन का मूल्य 167 मिलियन डॉलर प्रति ग्राम है।
- स्पष्ट है कि एंडोहेड्रल फुलरीन की खोज सबसे बाद में हुई और यह विश्व का सबसे महंगा पदार्थ (Material) है।
- हालांकि यह आवर्त सारणी में धातु के रूप में वर्गीकृत नहीं है।
- एंडोहेड्रल फुलरीन का एक ऐसा प्रकार भी अस्तित्व में है, जिसमें फुलरीन ढांचे के अंतर्गत धातु परमाणु (Metal Atom) स्थित होता है।
- आवर्त सारणी का संदर्भ लेने पर उत्तर हेतु सबसे महंगी धातु के रूप में कैलीफोरनियम-252 का चुनाव किया जा सकता है, लेकिन प्रश्न में हाल ही में खोजी गई धातु के बारे में पूछा गया है और इस दृष्टि से कैलीफोरनियम-252 प्रश्न के अभीष्ट उत्तर के रूप में उपयुक्त नहीं है।
- साथ ही एंडोहेड्रल फुलरीन के सबसे बाद में खोजे जाने, सबसे महंगे पदार्थ होने तथा एंडोहेड्रल मेटलोफुलरीन (Endohedral Metall-ofullerene) के अस्तित्व में होने के चलते इसका भी अभीष्ट उत्तर के रूप में चयन करने का विचार किया जा सकता है।
- इस प्रश्न को गलत तरह से संरचित करने और इसमें भ्रामक (Misleading) तथ्यों का समावेश होने के चलते इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इस प्रश्न को मूल्यांकन से बाहर किए जाने की अनुशंसा की गई।
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12. खनिज (मिनरल) क्या है?
(a) द्रव
(b) अकार्बनिक ठोस
(c) गैस
(d) उपर्युक्त सभी
[53 to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर – (b) अकार्बनिक ठोस
- भूगर्भशास्त्रियों के अनुसार, ‘खनिज’ (मिनरल) प्राकृतिक रूप में पाया जाने वाला अकार्बनिक ठोस है जिसकी संरचना रवाकृत होती है।
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13. मोती की रासायनिक संरचना है-
(a) कैल्शियम कार्बोनेट
(b) कैल्शियम कार्बोनेट तथा मैग्नीशियम कार्बोनेट
(c) कैल्शियम क्लोराइड
(d) कैल्शियम सल्फेट
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (a) कैल्शियम कार्बोनेट
- मोती में 85% कैल्शियम कार्बोनेट (एरागोनाइट), 2-4% जल तथा 0-10% कांचियोलिन पाया जाता है।
- कांचियोलिन एक प्रोटीन है।
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14. मोती के मुख्य अवयव हैं-
(a) कैल्शियम कार्बोनेट और मैग्नीशियम कार्बोनेट
(b) एरागोनाइट और कांचियोलिन
(c) अमोनियम सल्फेट और सोडियम कार्बोनेट
(d) कैल्शियम ऑक्साइड और अमोनियम क्लोराइड
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (b) एरागोनाइट और कांचियोलिन
- मोती में 85% कैल्शियम कार्बोनेट (एरागोनाइट), 2-4% जल तथा 0-10% कांचियोलिन पाया जाता है।
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15. मोती मुख्य रूप से बना होता है-
(a) कैल्शियम आक्जेलेट
(b) कैल्शियम सल्फेट
(c) कैल्शियम कार्बोनेट
(d) कैल्शियम ऑक्साइड
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (c) कैल्शियम कार्बोनेट
- मोती मुख्य रूप कैल्शियम कार्बोनेट से बना होता है।
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16. माणिक्य और नीलम रासायनिक रूप से कैसे जाने जाते हैं?
(a) सिलिकन डाइऑक्साइड
(b) एल्युमीनियम ऑक्साइड
(c) लेड टेट्रॉक्साइड
(d) बोरॉन नाइट्राइड
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (b) एल्युमीनियम ऑक्साइड
- माणिक्य एवं नीलम कोरण्डम के जवाहरात रूप हैं।
- कोरण्डम प्राकृतिक रूप से एल्युमीनियम ऑक्साइड के क्रिस्टलीय रूप में पाया जाता है।
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17. नीलम (रूबि) का रासायनिक सूत्र है –
(a) AL2O3
(c) N2O
(b) Al3O2
(d) NO2
(c) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (a) AL2O3
- नीलम एक रत्न श्रेणी का खनिज है।
- इसका रासायनिक सूत्र AL,O, है।
- नीलम प्रकृति में भी मिलता है एवं कृत्रिम भी बनाया जाता है।
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18. कथन (A): सोडियम धातु का संचयन किरोसिन में होता है।
कारण (R): धातु सोडियम वायु प्रभाव्य होने पर गल जाती है।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर – (c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
- सोडियम एक नरम, चांदी के समान सफेद धातु है।
- यह इतनी नरम होती है कि इसे एक सिक्के के किनारे से काटा जा सकता है।
- सोडियम अत्यंत सक्रिय यानी क्रियाशील धातु है।
- ये मुक्त अवस्था में नहीं रखी जा सकती तथा इसको मिट्टी के तेल (किरोसिन) में रखा जाता है।
- हवा में खुला रखे जाने पर यह ऑक्सीजन से क्रिया कर लेती है और ऑक्साइड बनाती है।
- सोडियम धातु की जल से अधिक बंधता होती है। यह जल से प्रतिक्रिया करके हाइड्रोजन और ऊष्मा की पर्याप्त मात्रा उत्पन्न करती है।
- इस ऊष्मा से हाइड्रोजन गैस में आग लग जाती है।
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19. निम्नलिखित में से किस तत्व को मिट्टी के तेल में सुरक्षित रखा जाता है?
(a) सोडियम
(b) कॉपर
(c) मरकरी
(d) सिल्वर
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर – (a) सोडियम
- सोडियम अत्यंत सक्रिय यानी क्रियाशील धातु है।
- ये मुक्त अवस्था में नहीं रखी जा सकती तथा इसको मिट्टी के तेल (किरोसिन) में रखा जाता है।
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20. आजकल सड़क की रोशनी में पीले लैम्प बहुतायत में प्रयुक्त हो रहे हैं। इन लैम्पों में निम्न में से किसका उपयोग करते हैं?
(a) सोडियम
(b) नियॉन
(c) हाइड्रोजन
(d) नाइट्रोजन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (a) सोडियम
- सामान्यतः तीन तरह के रंग स्रोतों का प्रयोग किया जाता है-
- (i) सोडियम लैम्प (Sodium Lamp): इससे पीली रोशनी निकलती है।
- (ii) मरकरी लैम्प (Mercury Lamp): इससे श्वेत-नीलाभ रोशनी निकलती है।
- (iii) प्रतिदीप्त लैम्प (Fluorescent lamp): इससे एक ऐसी मिश्रित रोशनी निकलती है, जो लगभग सूर्य के प्रकाश के समान होती है।
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21. सोडियम वाष्प लैम्प प्रायः सड़क प्रकाश के लिए प्रयुक्त होते हैं क्योंकि
(a) ये सस्ते होते हैं।
(b) इनका प्रकाश एकवर्णी है और पानी की बूंदों से गुजरने पर विभक्त नहीं होता।
(c) ये आंखों के लिए शीतल हैं।
(d) ये चमकदार रोशनी देते हैं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (b) इनका प्रकाश एकवर्णी है और पानी की बूंदों से गुजरने पर विभक्त नहीं होता।
- सोडियम वाष्प लैम्प प्रायः सड़क प्रकाश के लिए प्रयुक्त होते हैं क्योंकि इनका प्रकाश एकवर्णी है और पानी की बूंदों से गुजरने पर विभक्त नहीं होता।
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22. प्रतिदीप्ति नली में सर्वाधिक सामान्यतः प्रयोग होने वाली वस्तु है-
(a) सोडियम ऑक्साइड तथा ऑर्गन
(b) सोडियम वाष्प तथा नियॉन
(c) पारा-वाष्प तथा ऑर्गन
(d) मरक्यूरिक ऑक्साइड तथा नियॉन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर – (c) पारा-वाष्प तथा ऑर्गन
- प्रतिदीप्ति नली (Fluorescent Lamp) में सर्वाधिक सामान्यतः निम्नदाब युक्त पारा-वाष्प (Mercury Vapour) और ऑर्गन गैस भरी जाती है।
- कभी-कभी जीनॉन, नियॉन अथवा क्रिप्टॉन का भी प्रयोग किया जाता है।
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23. निम्नलिखित धातुओं में से कौन स्वतंत्र अवस्था में पाई जाती है?
(a) एल्युमीनियम
(b) सोना
(c) क्रोमियम
(d) जस्ता
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर – (b) सोना
- धातुओं में सोना (Gold) की रासायनिक सक्रियता सबसे कम होती है जिसके कारण यह स्वतंत्र अवस्था में पाई जाती है।
- धातुओं की घटती हुई (ऊपर से नीचे की ओर) रासायनिक सक्रियता का क्रम निम्नलिखित है- लिथियम (Li), पोटैशियम (K), बेरियम (Ba), स्ट्रांशियम (Sr), सोडियम (Na), कैल्शियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg), एल्युमीनियम (Al), मैंगनीज (Mn), जिंक (Zn), क्रोमियम (Cr), आयरन (Fe), कैडमियम (Cd), कोबॉल्ट (Co), निकेल (Ni), टिन (Sn), लेड (Pb), कॉपर (Cu), मरकरी (Hg), सिल्वर (Ag), प्लेटिनम (Pt), गोल्ड (Au)|
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24. सोने को घोला जा सकता है-
(a) सल्फ्यूरिक एसिड में
(b) नाइट्रिक एसिड में
(c) सल्फ्यूरिक तथा नाइट्रिक एसिडों के मिश्रण में
(d) हाइड्रोक्लोरिक एसिड में
[47th B.P.S.C. (Pre) 2005]
उत्तर – (*)
- स्वर्ण नाइट्रिक, सल्फ्यूरिक और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से प्रभावित नहीं होता, परंतु अम्लराज (Aqua regia) (3 भाग सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा ।
- भाग सांद्र नाइट्रिक अम्ल का सम्मिश्रण) में घुलकर ‘क्लोरोऑरिक अम्ल’ (HAuCl4) बनाता है।
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25. शुद्ध सोना कितने कैरेट का होता है?
(a) 22
(b) 24
(c) 28
(d) 20
[M.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर – (b) 24
- स्वर्ण की शुद्धता डिग्री अथवा कैरेट में मापी जाती है। विशुद्ध स्वर्ण 1000 डिग्री अथवा 24 कैरेट का होता है।
- चूंकि यह बहुत ही मुलायम होता है इसलिए इसका उपयोग आभूषण बनाने के लिए नहीं किया जाता।
- साधारणतः आभूषण बनाने के लिए 10 से 22 कैरेट तक का सोना अच्छा माना जाता है।
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26. अति मुलायम खनिज, टाल्क (सोप स्टोन) मुख्यतः है-
(a) मैंगनीज सिलिकेट
(c) सोडियम फॉस्फेट
(b) सोडियम सिलिकेट
(d) मैग्नीशियम सिलिकेट
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (d) मैग्नीशियम सिलिकेट
- अति मुलायम खनिज, टाल्क (सोप स्टोन) मुख्यतः मैग्नीशियम सिलिकेट है।
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27. निम्नलिखित में से किस पदार्थ में कैल्शियम विद्यमान है?
(a) चीनी मिट्टी
(b) कोरंडम
(c) जिप्सम
(d) टैल्क
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (c) जिप्सम
- जिप्सम एक खनिज है, जिसमें सूक्ष्म तत्व गंधक एवं कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्शियम का सल्फेट है, जिसमें जल के भी दो अणु उपस्थित होते हैं।
- इसका रासायनिक सूत्र है-CaSO 2H₂O |
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28. चूना पत्थर का रासायनिक नाम है-
(a) कैल्शियम कार्बोनेट
(c) सोडियम क्लोराइड
(b) मैग्नेशियम क्लोराइड
(d) सोडियम सल्फाइड
[U.P.P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (a) कैल्शियम कार्बोनेट
- चूना पत्थर एक अवसादी चट्टान है, जिसमें अधिकांश मात्रा कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) की होती है।
- साथ ही इसमें सिलिका, एल्युमिना और लोहा आदि अपद्रव्य अंतर्मिश्रित रहते हैं।
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29. ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ रासायनिक रूप से है-
(a) कैल्शियम सल्फेट
(b) कैल्शियम कार्बोनेट
(c) कैल्शियम ऑक्साइड
(d) कैल्शियम ऑक्सलेट
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (a) कैल्शियम सल्फेट
- अर्द्ध जलयोजित कैल्शियम सल्फेट को सामान्यतया प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं।
- यह एक सफेद चूर्ण है।
- इसका उपयोग शल्य क्रिया में पट्टियों के रूप में होता है।
- इससे मूर्तियां तथा मूर्तियों के सांचे भी बनाए जाते हैं।
- इसका सूत्र CaSOHO (कैल्शियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट) है।
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30. ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ बना होता है –
(a) मार्बल
(b) सीमेंट
(c) जिप्सम
(d) चूना पत्थर
[Chhattisgarch P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (c) जिप्सम
- ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ का रासायनिक सूत्र कैल्शियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट (CaSO 1/2 H₂O) है।
- यह जिप्सम (Gypsum) का बना होता 4 है।
- इसका उपयोग शल्य क्रिया में पट्टियों के रूप में होता है।
- इससे मूर्तियां तथा मूर्तियों के सांचे भी बनाए जाते हैं।
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31. टूटी हुई हड्डियों की रक्षा के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस का प्रयोग होता है। यह है –
(a) बुझा चूना
(b) कैल्शियम कार्बोनेट
(c) कैल्शियम ऑक्साइड
(d) जिप्सम
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर – (d) जिप्सम
- ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ का रासायनिक सूत्र कैल्शियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट (CaSO4. 1/2 H₂O) है।
- यह जिप्सम (Gypsum) का बना होता 4 है।
- इसका उपयोग शल्य क्रिया में पट्टियों के रूप में होता है।
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32. प्लास्टर ऑफ पेरिस का सूत्र है-
(a) CaSO4
(b) CaSO4.H2O
(c) CaSO4.1/2H2O
(d) CaSO4.2H2O
42d B.P.S.C. (Pre) 1997, 39th B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर – (b) CaSO4.H2O
- ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ का रासायनिक सूत्र कैल्शियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट (CaSO4. 1/2 H₂O) है।
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33. डॉक्टर, कलाकार एवं मूर्तिकार कैल्शियम सल्फेट का उपयोग करते हैं, जिसका लोकप्रिय नाम है-
(a) कल्ली का चूना (अनबुझा चूना)
(b) चूना पत्थर
(c) ब्लीचिंग पाउडर
(d) प्लास्टर ऑफ पेरिस
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर – (d) प्लास्टर ऑफ पेरिस
- ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ का रासायनिक सूत्र कैल्शियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट (CaSO 1/2 H₂O) है।
- यह जिप्सम (Gypsum) का बना होता 4 है।
- इसका उपयोग शल्य क्रिया में पट्टियों के रूप में होता है।
- इससे मूर्तियां तथा मूर्तियों के सांचे भी बनाए जाते हैं।
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34. मोनाजाइट किसका अयस्क है?
(a) जर्कोनियम
(b) थोरियम
(c) टाइटेनियम
(d) लौह
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (b) थोरियम
- मोनाजाइट थोरियम, लैंथेनम और सीरियम का मिश्रण है।
- भारत में यह केरल तट पर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
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35. माइका……. है।
(a) ऊष्मा का चालक तथा विद्युत का कुचालक
(b) ऊष्मा तथा विद्युत दोनों का कुचालक
(c) ऊष्मा तथा विद्युत दोनों का चालक
(d) ऊष्मा का कुचालक तथा विद्युत का चालक
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (a) ऊष्मा का चालक तथा विद्युत का कुचालक
- अभ्रक एक महत्वपूर्ण गैर-धात्वीय खनिज है।
- यह ऊष्मा का चालक तथा विद्युत का कुचालक होता है।
- इसका उपयोग मुख्यतः विद्युत उद्योगों में किया जाता है क्योंकि इसमें विद्युत-रोधन क्षमता अधिक होती है।
- यह उच्च वोल्टेज को भी सह सकता है तथा इसमें ऊर्जा क्षय भी कम होता है।
- अभ्रक की पारद्युतिक शक्ति (Dielectric Strength) तथा रासायनिक स्थिरता अधिक होती है, अतः इसे संधारित्र (Capacitors) तथा अधिक वोल्टेज के वैद्युत उपकरणों के लिए इन्सुलेटर के निर्माण में प्रयुक्त किया जाता है।
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36. निम्न में से किस उद्योग में अभ्रक कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होता है?
(a) लोहा और इस्पात
(c) ग्लास और कुम्हारी
(b) खिलौने
(d) वैद्युत
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (d) वैद्युत
- अभ्रक एक महत्वपूर्ण गैर-धात्वीय खनिज है।
- यह ऊष्मा का चालक तथा विद्युत का कुचालक होता है।
- इसका उपयोग मुख्यतः विद्युत उद्योगों में किया जाता है क्योंकि इसमें विद्युत-रोधन क्षमता अधिक होती है।
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37. निम्नलिखित द्रवों में कौन-सा ऊष्मा का बहुत अच्छा चालक है?
(a) पारा
(c) ईथर
(b) पानी
(d) बेन्जीन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) पारा
- धातुएं ऊष्मा की अच्छी चालक होती हैं।
- धातुएं अधिकांशतः ठोस होती हैं परंतु पारा एक ऐसी धातु है, जो साधारण ताप पर द्रव अवस्था में विद्यमान रहती है।
- अतः दिए गए विकल्पों में पारा द्रव अवस्था में धातु होने के कारण ऊष्मा का चालक है।
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38. निम्नलिखित में से कौन ऊष्मा का सर्वाधिक उत्तम चालक है ?
(a) जल
(b) पारा
(c) बेन्जीन
(d) चमड़ा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर – (b) पारा
- पारा द्रव अवस्था में धातु होने के कारण ऊष्मा का चालक है।
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39. निम्न में से कौन-सा ऊष्मा का सबसे अधिक कुचालक है?
(a) तांबा
(b) सीसा
(c) पारा
(d) जस्ता
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) 2020]
उत्तर – (c) पारा
- कोई भी ऐसा पदार्थ जिससे विद्युत धारा या ऊष्मा प्रवाहित न हो, कुचालक कहते हैं।
- जैसे लकड़ी, कांच इत्यादि।
- सभी धातुएं ऊष्मा की चालक होती हैं, लेकिन अन्य धातुओं की तुलना में लेड (सीसा) एवं पारा की ऊष्मा चालकता कम (Poor Conductors) होती है।
- लेड की ऊष्मा चालकता लगभग 34.7 W/mK जबकि पारा की ऊष्मा चालकता लगभग 8.31 W/mK होती है।
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40. निम्नलिखित में से कौन-सी धातु सामान्य तापमान पर द्रव अवस्था में है?
(a) लेड
(b) निकेल
(c) पारा
(d) टीन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर – (c) पारा
- पारा, चांदी जैसी सफेद और चमकीली धातु है।
- यह साधारण ताप पर द्रव अवस्था में विद्यमान रहता है।
- यह ऊष्मा एवं विद्युत का सुचालक होता है।
- जबकि अन्य विकल्पों में दिए गए तत्व ठोस अवस्था में पाए जाते हैं।
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41. निम्न धातुओं में से कौन सामान्य ताप पर द्रव है?
(a) सीसा
(b) पारा
(c) निकेल
(d) टिन
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर – (b) पारा
- पारा,यह साधारण ताप पर द्रव अवस्था में विद्यमान रहता है।
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42. पारे का साधारणतया तापमापी यंत्रों में उपयोग किया जाता है क्योंकि इसकी विशेषता है-
(a) उच्च घनत्व
(b) उच्च द्रवता
(c) उच्च संचालन शक्ति
(d) उच्च विशिष्ट ऊष्मा
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2003]
उत्तर – (c) उच्च संचालन शक्ति
- पारे का साधारणतया तापमापी यंत्रों में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसके ऊष्मीय प्रसार की दर उच्च होती है।
- अतः जब इसे तापमापी यंत्रों में प्रयोग किया जाता है तब यह तापमान में होने वाले अल्प से अल्प परिवर्तनों को भी दर्ज कर लेता है।
- साथ ही इसका क्वथनांक भी उच्च (लगभग 356.6°C) होता है, जिसके कारण यह उच्च तापमानों को मापने हेतु सर्वथा उपयुक्त है।
- तापमापी में पारे के प्रयोग के मुख्य कारण निम्न हैं-
- (i) यह अपारदर्शी एवं चमकदार है, अतः अंकित ताप के पठन में सुविधा होती है।
- (ii) इसकी ऊष्मीय चालकता उच्च होती है, अतः शीघ्र ही ताप को अंकित करता है।
- (iii) पारा कांच पर नहीं चिपकता तथा अधिक वाष्पशील नहीं है, अतः ताप को शुद्धता से अंकित कर पाता है।
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43. निम्न में से कौन जल के साथ बिल्कुल अभिक्रिया नहीं करता है?
(a) आयरन
(b) लेड
(c) मैग्नीशियम
(d) एल्युमीनियम
(c) उपरोक्त में से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर – (b) लेड
- धातुएं जैसे लेड, कॉपर, सिल्वर, गोल्ड एवं प्लैटिनम जल या भाप से बिल्कुल अभिक्रिया नहीं करतीं।
- मैग्नीशियम ठंडे जल से अभिक्रिया नहीं करता हालांकि यह गर्म जल से अभिक्रिया कर मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन उत्पन्न करता है।
- धातुएं जैसे एल्युमीनियम, लौह एवं जस्ता ठंडे एवं गर्म जल दोनों से अभिक्रिया नहीं करतीं, हालांकि ये भाप (Steam) से अभिक्रिया कर धातु ऑक्साइड एवं हाइड्रोजन का निर्माण करती हैं।
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44. तब कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है जब भाप गुजरती है ऊपर से-
(a) एल्युमीनियम के
(b) तांबे के
(c) कार्बन के
(d) लोहे के
[38th B.P.S.C. (Pre) 1992]
उत्तर – (b) तांबे के
- धातुएं जैसे लेड, कॉपर, सिल्वर, गोल्ड एवं प्लैटिनम जल या भाप से बिल्कुल अभिक्रिया नहीं करतीं।
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45. लोहा जिससे प्राप्त किया जाता है, वह है-
(a) चूने का पत्थर
(b) पिंच-ब्लैंड
(c) मोनाजाइट रेत
(d) हेमेटाइट
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (d) हेमेटाइट
- हेमेटाइट से लोहा प्राप्त होता है, जबकि मोनाजाइट रेत से थोरियम प्राप्त होता है।
- पिच ब्लैंड से यूरेनियम प्राप्त होता है।
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46. निम्नलिखित लौह अयस्कों में से बैलाडिला में किसका खनन होता है?
(a) हेमेटाइट
(b) सिडेराइट
(c) लिमोनाइट
(d) मैग्नेटाइट
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) Exam, 2016]
उत्तर – (a) हेमेटाइट
- बैलाडिला खान, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित है।
- यहां हेमेटाइट लौह अयस्क का खनन किया जाता है।
- हेमेटाइट, उच्च गुणवत्ता वाला लौह अयस्क है।
- यह मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, असम, बिहार आदि राज्यों में पाया जाता है।
- जबकि अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता वाले मैग्नेटाइट लौह अयस्क की प्राप्ति गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल एवं तमिलनाडु आदि राज्यों में होती है।
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47. तंत्रिका अपहास (न्यूरोडीजेनेरेटिव) समस्याओं के लिए उत्तरदायी माने जाने वाले मैग्नेटाइट कण पर्यावरणीय प्रदूषकों के रूप में निम्नलिखित में से किनसे उत्पन्न होते हैं?
1. मोटरगाड़ी के ब्रेक
2. मोटरगाड़ी के इंजन
3. घरों में प्रयोग होने वाले माइक्रोवेव स्टोव
4. बिजली संयंत्र
5. टेलीफोन लाइन
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 2 और 4
(c) केवल 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (d) 1, 2, 3, 4 और 5
- तंत्रिका अपहास (न्यूरोडीजेनेरेटिव) समस्याओं के लिए उत्तरदायी माने जाने वाले मैग्नेटाइट कण पर्यावरणीय प्रदूषकों के रूप में प्रश्न में दिए गए सभी कारकों से उत्पन्न होते हैं-
- मोटरगाड़ी के ब्रेक में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम होते हैं, जो उपयोग करने पर चुंबकीय कण उत्पन्न करते हैं।
- मोटरगाड़ी के इंजन में उच्च शक्ति के चुंबक का प्रयोग होता है, जो चुंबकीय कण उत्पन्न करते हैं।
- माइक्रोवेव स्टोव में एक चुंबकीय स्टिरर का उपभोग किया जाता है, जो चुंबकीय कण उत्पन्न करता है।
- बिजली संयंत्रों में उपभोग होने वाला कोयला दहन से जुड़े मैग्नेटाइट महीन कणों का एक प्रमुख स्रोत है।
- टेलीफोन लाइन कम आवृत्ति एवं कम ऊर्जा के विद्युत चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं, जो मैग्नेटाइट कणों के स्रोत हैं।
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48. सूची 1 को सूची II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
सूची – 1(धातु) |
सूची – II(गुणधर्म) |
A. सोडियम |
1. विद्युत का अच्छा सुचालक |
B. पारा |
2. कमरे के ताप पर द्रव |
C. चांदी |
3. ऊष्मा का कुचालक |
D. सीसा (लेड) |
4. चाकू से आसानी से काटा जा सकता है |
कूट :
ABCD
(a)2,3,1,4
(b)1,4,3,2
(c)4,2,1,3
(d)4,1,2,3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर – (c) 4,2,1,3
- सही सुमेलन है –
सूची – 1(धातु) |
सूची – II(गुणधर्म) |
सोडियम |
चाकू से आसानी से काटा जा सकता है |
पारा |
कमरे के ताप पर द्रव |
चांदी |
विद्युत का अच्छा सुचालक |
सीसा (लेड) |
ऊष्मा का कुचालक |
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49. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 |
सूची-II |
(A) ऊष्मा तथा विद्युत का सर्वोत्तम संचालक |
1. स्वर्ण |
(B) सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु |
2. सीसा |
(C) सबसे अधिक लचीली तथा पीटकर बढ़ाए जाने योग्य धातु |
3. एल्युमीनियम |
(D) ऊष्मा का न्यूनतम संचालक |
4. चांदी |
कूट :
ABCD
(a)1,3,2,4
(b)2,3,4,1
(c)3,2,4,1
(d)4,3,1,2
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]
उत्तर – (d) 4,3,1,2
- चांदी ऊष्मा तथा विद्युत की सर्वोत्तम संचालक होती है।
- भूपर्पटी में सबसे अधिक मात्रा में पाई जाने वाली धातु एल्युमीनियम है।
- स्वतंत्र अवस्था (शुद्ध) में सोना मुलायम, बहुत तन्य तथा अघातवर्द्ध (धातु का वह गुण जिसके कारण उसे आसानी से पतली से पतली चादरों में पीटकर परिवर्तित किया जा सकता है) होता है।
- सीसा ऊष्मा का न्यूनतम संचालक है।
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50. निम्न में से किस पदार्थ की विद्युत चालकता सर्वाधिक है?
(a) हीरा
(b) चांदी
(c) ग्रेफाइट
(d) लकड़ी
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2006]
उत्तर – (b) चांदी
- चांदी ऊष्मा तथा विद्युत की सर्वोत्तम संचालक होती है।
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51. एल्युमीनियम बनाने के लिए कौन-से मुख्य खनिज का प्रयोग होता है?
(a) हेमाटाइट
(b) लिग्नाइट
(c) बॉक्साइट
(d) मैग्नेटाइट
[M.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (c) बॉक्साइट
- बॉक्साइट (Al₂O3.2H₂O) एल्युमीनियम का मुख्य अयस्क है, जो एल्युमीनियम के जलयोजित ऑक्साइड के रूप में पाया जाता है।
- यह प्रधानतया गिब्साइट, बोह्माइट एवं डायस्पोर का सम्मिलित रूप है।
- यह सर्वप्रथम दक्षिणी फ्रांस में ‘लेस बाक्स’ नामक स्थल पर पाया गया।
- इसलिए इसका नामकरण बॉक्साइट किया गया।
- एल्युमीनियम धातु का निष्कर्षण मुख्यतः बॉक्साइट अयस्क से विद्युत अपघटन विधि द्वारा किया जाता है।
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52. निम्न में से किस धातु को प्राप्त करने हेतु बॉक्साइट अयस्क है?
(a) लोहा
(b) तांबा
(c) एल्युमीनियम
(d) चांदी
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2007, U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]
उत्तर – (c) एल्युमीनियम
- बॉक्साइट (Al₂O3.2H₂O) एल्युमीनियम का मुख्य अयस्क है।
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53. बॉक्साइट अयस्क है-
(a) लोहे का
(b) एल्युमीनियम का
(c) तांबे का
(d) सोने का
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re. Exam) 2015]
उत्तर – (b) एल्युमीनियम का
- बॉक्साइट (Al₂O3.2H₂O) एल्युमीनियम का मुख्य अयस्क है।
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54. एल्युमीनियम धातु को प्राप्त किया जाता है-
(a) पिच ब्लैंड से
(b) ग्रेफाइट से
(c) बॉक्साइट से
(d) अर्जेन्टाइट से
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2006]
उत्तर – (c) बॉक्साइट से
पिच ब्लैंड से |
यूरेनियम |
ग्रेफाइट से |
कार्बन |
बॉक्साइट से |
एल्युमीनियम |
अर्जेन्टाइट से |
चांदी |
|
55. निम्नलिखित में से कौन-सा उद्योग बॉक्साइट को मुख्य कच्चा माल के रूप में उपयोग करता है?
(a) एल्युमीनियम
(b) सीमेंट
(c) उर्वरक
(d) फेरोमैगनीज
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (a) एल्युमीनियम
- बॉक्साइट (Bauxite) एल्युमीनियम का प्रमुख अयस्क है।
- इसका रासायनिक सूत्र Al₂O, nH₂O है।
- एल्युमीनियम उद्योग में बॉक्साइट मुख्य कच्चा माल के रूप में प्रयुक्त होता है।
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56. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
(a) एल्युमीनियम |
बॉक्साइट |
(b) कॉपर |
सिनेबार |
(c) जिंक |
कैलामाइन |
(d) आयरन |
हेमैटाइट |
[R.O./A.R.O. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (b) कॉपर – सिनेबार
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
एल्युमीनियम |
बॉक्साइट |
कॉपर (तांबा) |
क्यूप्राइट |
पारा (मरकरी) |
सिनेबार |
जिंक (जस्ता) |
कैलामाइन |
आयरन (लोहा) |
हेमैटाइट |
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57. निम्न में से कौन-सा एक कथन सही है?
(a) न्यूक्लियर रिएक्टर में द्रव सोडियम शीतलक के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
(b) कैल्शियम कार्बोनेट दंत-पेस्ट का एक अवयव होता है।
(c) बोर्दो मिश्रण में सोडियम सल्फेट तथा चूना होते हैं।
(d) यशद सम्मिश्रणों का प्रयोग दंत पूरक धातु के रूप में किया जाता है।
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (b) कैल्शियम कार्बोनेट दंत-पेस्ट का एक अवयव होता है।
- सामान्यतः टूथपेस्ट में 20-42% जल उपस्थित होता है।
- टूथपेस्ट के अन्य प्रमुख अवयव हैं: अपघर्षक, फ्लोराइड एवं आर्द्रका सामान्यतः टूथपेस्ट में अपघर्षक (Abrasives) की मात्रा 50% तक होती है।
- अपघर्षकों में एल्युमीनियम हाइड्रॉक्साइड (Al(OH),) एवं कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) के अविलेय कण शामिल होते हैं।
- सामान्यतः नाभिकीय रिएक्टरों में उच्च दाब पर सामान्य जल या ड्यूटीरियम ऑक्साइड का शीतलक के रूप में प्रयोग किया जाता है, जबकि फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर (FBTR) में शीतलक के रूप में गलित सोडियम का प्रयोग होता है।
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58. सूची-1 (औद्योगिक प्रक्रम) को सूची-2 (किस उद्योग से संबंधित) के साथ सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 |
सूची-2 |
(A) भंजन |
1. रबर |
(B) प्रगलन |
2. पेट्रोलियम |
(C) हाइड्रोजनीकरण |
3. ताम्र |
(D) वल्कनीकरण |
4. खाद्य वसा |
कूट :
A B C D
(a)3,2,1,4
(b)2,3,4,1
(c)2,3,1,4
(d)3,2,4,1
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (b) 2,3,4,1
- भंजन (cracking) की क्रिया में उच्च तापमान पर कार्बन के बड़े अणु छोटे अणुओं में टूट जाते हैं।
- इस प्रक्रिया से पेट्रोलियम प्राप्त किया जाता है।
- प्रगलन (smetting) तांबे के अयस्क से शुद्ध तांबा प्राप्त करने की रासायनिक विधि में प्रयुक्त एक प्रक्रिया है।
- हाइड्रोजनीकरण प्रक्रिया में (Hydrogenation) खाद्य तेलों पर निकेल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन प्रवाहित करने पर वह वनस्पति घी में परिवर्तित हो जाता है।
- वल्कनीकरण एक रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें गंधक या इसी प्रकार का कोई दूसरा पदार्थ मिला देने से रबर या संबंधित बहुलकों को अपेक्षाकृत अधिक टिकाऊ पदार्थ में बदल दिया जाता है।
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59.ताम्र प्रगलन संयंत्रों के बारे में चिंता का कारण क्या है?
1. वे पर्यावरण में कार्बन मोनोक्साइड को घातक मात्राओं में निर्मुक्त कर सकते हैं।
2. ताउम्र मल (कॉपर स्लैग) पर्यावरण में कुछ भारी धातुओं के निक्षालन (लीचिंग) का कारण बन सकता है।
3. वे सल्फर डाइऑक्साइड को एक प्रदूषक के रूप में निर्मुक्त कर सकते हैं।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (b) केवल 2 और 3
- कथन (1) असत्य है।
- ताम्र प्रगलन संयंत्रों (Copper Smelting Plants) से कार्बन मोनोक्साइड तथा अन्य वायु प्रदूषक गैसें निर्मुक्त हो सकती हैं, लेकिन वे पर्यावरण में घातक मात्राओं में कार्बन मोनोक्साइड निर्मुक्त नहीं करते।
- अधिकतर कॉपर अयस्क (Copper ores) सल्फर आधारित होते हैं और उनके प्रगलन (Smelting) के फलस्वरूप सल्फर डाइऑक्साइड निर्मुक्त होती है, जो एक हानिकारक वायु प्रदूषक है।
- अतः कथन (3) सत्य है।
- प्रगलन का एक अन्य उप-उत्पाद ताम्र मल (Copper slag) है।
- यह ताम्र मल भूमिगत जल में भारी धातुओं (आर्सेनिक, कैडमियम, लेड या मरकरी) के निक्षालन (Leaching) का कारण बन सकता है।
- अतः कथन (2) सत्य है।
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60. सूची-1 (प्राकृतिक रूप से घटित होने वाले पदार्थ) को सूची-2 (तत्व) से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 |
सूची-2 |
(A) हीरा |
1. कैल्शियम |
(B) संगमरमर |
2. सिलिकन |
(C) बालू |
3. एल्युमीनियम |
(D) माणिक्य |
4. कार्बन |
कूट :
ABCD
(a)3,1,2,4
(b)4,2,1,3
(c)2,1,3,4
(d)4,1,2,3
[I.A.S. (Pre) 1999, U.P.P.C.S. (Pre) 2010, U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010]
उत्तर – (d) 4,1,2,3
- हीरा प्राकृतिक रूप से प्राप्त सबसे कठोर पदार्थ है।
- हीरे में कार्बन परमाणु एक दूसरे से ‘चतुष्फलकीय जालीय व्यवस्था’ (Tetrahedral Lattice Arrangement) द्वारा बंधे होते हैं।
- मार्बल एक रूपांतरित पत्थर है, जो शुद्ध कैल्साइट (कैल्शियम कार्बोनेट का क्रिस्टलीय रूप) से बना होता है।
- रेत का प्रमुख संघटक सिलिका (SiO₂) है।
- माणिक्य या रूबी, गुलाबी या लाल रंग का एक रत्न है।
- मुख्यतः क्रोमियम तत्व की उपस्थिति के कारण इसका रंग लाल होता है।
- रूबी का मुख्य संघटक एल्युमिना (AIO) है, साथ ही इसमें अल्प मात्रा में क्रोमियम आयन (Cr3++) भी उपस्थित होते हैं।
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61. निम्नलिखित में से क्या जल से हल्का होता है?
(a) एल्युमीनियम
(b) सोडियम
(c) मैग्नीशियम
(d) मैंगनीज
[Uttarakhand U.D.A. /L.D.A. (Pre) 2003]
उत्तर – (b) सोडियम
- सोडियम का आपेक्षिक घनत्व 0.97 होता है।
- जल से हल्का होने के कारण यह जल पर तैरने लगता है।
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62. नीचे दिए गए पदार्थों का उनके घनत्व के अवरोही क्रमानुसार, सही अनुक्रम कौन-सा है?
(a) इस्पात पारा > सोना
(b) सोना > पारा > इस्पात
(c) इस्पात > सोना > पारा
(d) सोना इस्पात > पारा
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (b) सोना > पारा > इस्पात
पदार्थ |
घनत्व |
ग्राम / सेमी. 3 |
किग्रा./मी.3 |
सोना |
19.3 |
19,300 |
पारा |
13.6 |
13,534 |
इस्पात |
7.8 |
7,870 |
- इस प्रकार विकल्प में दिए गए पदार्थों के घनत्व का अवरोही क्रम सोना > पारा > इस्पात है।
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63. निम्नलिखित में से किसका गलनांक सबसे उच्च होता है?
(a) बोरॉन
(b) लोहा
(c) सिलिकॉन
(d) एल्युमीनियम
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (a) बोरॉन
- किसी ठोस पदार्थ का गलनांक वह तापमान होता है जिस पर वह अपनी ठोस अवस्था से पिघलकर द्रव अवस्था में पहुंच जाता है।
- गलनांक पर ठोस और द्रव प्रावस्था साम्यवस्था में होती है।
- बोरॉन का गलनांक 2453 K, एल्युमीनियम 933 K, सिलिकॉन 1693 K तथा लोहा का गलनांक 1808 K है।
- अतः बोरान का गलनांक सबसे उच्च है।
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