कृषि बाजार आसूचना : महत्व, समस्या व सुधार हेतु उपायों का सुझाव
प्रश्न: भारत में किसानों के लिए कृषि बाजार आसूचना के महत्व पर प्रकाश डालिए। वर्तमान प्रणाली में निहित समस्याओं की पहचान करते हुए, भारत में कृषि बाजार आसूचना में सुधार लाने हेतु कुछ उपायों का सुझाव दीजिए।
दृष्टिकोण
- कृषि बाजार आसूचना की अवधारणा को संक्षिप्त में समझाइए।
- किसानों के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
- भारत में वर्तमान कृषि बाजार आसूचना प्रणालियों की कमियों की पहचान कीजिए।
- इसमें सुधार लाने हेतु कुछ उपायों का सुझाव देने के साथ ही उचित निष्कर्ष भी प्रदान कीजिए।
उत्तर
कृषि बाजार आसूचना मौजूदा बाजार की कीमतों, घरेलू और वैश्विक कृषि आपूर्ति और मांग की स्थिति, नीतिगत परिवेश और अन्य सम्बंधित कारकों से संबंधित प्रासंगिक जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया है। यह बाजार डेटा वैज्ञानिक मॉडलिंग के माध्यम से उपयोग योग्य रूप में परिवर्तित किया जाता है तथा प्रभावी साधनों के माध्यम से संप्रेषित किया जाता है ताकि किसानों और अन्य हितधारकों द्वारा सूचित और प्रभावी निर्णय लिया जा सके।
कृषि बाजार आसूचना निम्नलिखित कारकों के कारण महत्वपूर्ण हो जाती है :
- यह किसानों को क्या उपजाना है, फसलों की कटाई कब करनी है, उत्पादित फसल को किन बाजारों में भेजना है, और इसे भंडारित करना है या नहीं आदि के संबंध में सूचित निर्णय लेने में मदद करता है।
- यह प्रौद्योगिकी के उपयोग के संदर्भ में प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करता है और बाजार के अवसरों के दोहन में सहायता करता है, जिसके परिणामस्वरूप प्राप्त लाभ में वृद्धि हो सकती है। यह शुरुआती बाजार में गिरावट, आपदा के कारण उत्पन्न अभाव, कुछ फसलों से संबन्धित किसी भी प्रकार के जोखिम आदि की भविष्यवाणी करने में सहायक हो सकता है, इसलिए कृषि हानि को रोका या कम किया जा सकता है।
- यह खरीद, विपणन, भंडारण, परिवहन आदि से संबंधित कृषि मूल्य नीति के निर्माण, कार्यान्वयन और समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।
वर्तमान में एगमार्कनेट सम्पूर्ण देश के सभी प्रमुख विनियमित बाजारों से संपर्क स्थापित करके वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करने वाला भारत का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसके साथ ही APMCS और कमोडिटी एक्सचेंज जैसे NCDEX और MCX (हाजिर और वायदा बाजार दोनों को सम्मिलित करते हैं) भी बाजार की जानकारी प्रदान करते हैं जो कृषि बाजार आसूचना के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हालाँकि, भारत में बाजार आसूचना प्रणाली विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है, उनमें से कुछ निम्नलिखित है :
- कई मामलों में, प्रदान की गई जानकारी किसानों और व्यापारियों के लिए प्रासंगिक नहीं होती है, क्योंकि यह मुख्य रूप से नीति निर्माताओं के लिए लक्षित होती है।
- अधिकांश प्रयास समय पर विश्लेषण और बोधगम्य सूचनाओं के प्रसार की अपेक्षा सूचनाओं को एकत्रित करने पर केन्द्रित होते हैं।
- राज्य और केंद्र सरकारों के कई सूचना सेवा कार्यक्रमों में बाजार आसूचना घटक नहीं होता है, जिसकि परिणति किसानों को कम कीमतों की प्राप्ति के रूप में होती है।
- कुछ वर्षों में, आसूचना इकाइयों में कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी आई है, जिसके परिणामस्वरूप उनका प्रदर्शन खराब हुआ है।
- आसूचना गतिविधियों की उचित दिशा और उनपर नियंत्रण के अभाव के कारण विभिन्न बाजार आसूचना इकाइयां अपने कार्यों का निर्वहन करने में अप्रभावी हो गयी है।
कृषि बाजार आसूचना तंत्र को सुदृढ़ करने हेतु निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
- IT क्षेत्र में हुई हालिया उन्नति और सामान्य प्रसार प्लेटफार्मों का उपयोग आसूचना को एक रूप में संप्रेषित करने के लिए किया जाना चाहिए, जो किसान के अनुकूल हो तथा उन्हें आसानी से सुलभ हो।
- मूल्य व्यवहार के संबंध में आंकलन/पूर्वानुमान करने हेतु कृषि जिंसों की कीमतों में और भी अधिक व्यापक कालिक अस्थिरता और स्थानिक परिवर्तनशीलता को ध्यान में रखकर कृषक समुदाय के सामने आने वाले जोखिम को कम करना।
- आंकड़ों के सर्जन के लिए कृषि सम्बद्ध विभागों और बाजार के मध्य बेहतर संबंध स्थापित किया जाना चाहिए।
- इकाइयों के कार्यकरण को बेहतर बनाने हेतु बाजार आसूचना इकाइयों के कार्यों, गतिविधियों और कर्मचारियों की आवश्यकताओं का पुनर्मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित बाजार आसूचना नेटवर्क परियोजना जैसी पहलों से सीखना और कार्य करना। इस प्रकार की अन्य पहले भी प्रारम्भ की जा सकती हैं।
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