1. भारत में स्वराज पार्टी की स्थापना निम्नलिखित कारणों में से एक अथवा अधिक के लिए की गई थी-
1. गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन वापस लेना
2. काउंसिलों में प्रवेश कर तथा उन्हें काम न करने देकर 1919 के भारत शासन अधिनियम का उच्छेदन करना
3. ब्रिटिश सरकार द्वारा दमन
4. भारतीयों द्वारा इस आशय की अनुभूति कि उन्हें प्रशासन का अनुभव प्राप्त करना चाहिए
कूट :
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) 1, 2 और 3
(d) 1, 3 और 4
[U.P Lower Sub.(Pre) 1998]
उत्तर- (b) केवल 1 और 2
- गांधीजी के आदेश का पालन करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने केंद्रीय और प्रांतीय दोनों स्तरों पर विधान सभाओं के लिए 1920 के चुनावों में भाग लेने से इनकार कर दिया, जो 1919 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा स्थापित किए गए थे।
- जब असहयोग आंदोलन रोक दिया गया और गांधीजी को गिरफ्तार कर लिया गया, तो निराशा की भावना घर कर गई।
- इससे दिसंबर 1922 में गया अधिवेशन में कांग्रेस के भीतर मतभेद पैदा हो गया और परिणामस्वरूप जनवरी 1923 में कांग्रेस के भीतर एक समूह का गठन हुआ, जिसे स्वराज पार्टी कहा गया।
- स्वराजवादियों ने परिषद चुनावों में प्रवेश करने और सरकार को भीतर से बाधित करने का प्रयास करने का निर्णय लिया।
- नवंबर 1923 में विधान परिषदों के चुनाव हुए।
- स्वराज पार्टी ने भारत में एक जिम्मेदार सरकार स्थापित करने की उम्मीद में, 1919 के भारत सरकार अधिनियम को बदलने के लिए काम किया।
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2. निम्न में किसने स्वराज पार्टी निर्माण करने के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष पद से त्याग-पत्र दिया था?
(a) सी.आर. दास
(b) मोतीलाल नेहरू
(c) विट्ठलभाई पटेल
(d) फिरोजशाह मेहता
[U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर- (a) सी.आर. दास
- कांग्रेस ने गांधीजी के आदेश का पालन किया और 1920 में भारत में विधान सभाओं के चुनावों में भाग लेने से इनकार कर दिया।
- गांधीजी की गिरफ़्तारी और असहयोग आंदोलन की समाप्ति के बाद लोग हतोत्साहित महसूस करने लगे।
- इसके परिणामस्वरूप दिसंबर 1922 में गया अधिवेशन के दौरान कांग्रेस में विभाजन हो गया।
- मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास ने जनवरी 1923 में स्वराज पार्टी का गठन किया, और वे परिषद चुनावों में प्रवेश करना चाहते थे और सरकार को अंदर से गिराने की कोशिश करना चाहते थे।
- नवंबर 1923 में विधान परिषदों के चुनाव हुए।
- स्वराज पार्टी ने भारत में एक जिम्मेदार सरकार और 1919 के भारत सरकार अधिनियम में बदलाव के लिए परिषद में कड़ी मेहनत की।
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3. स्वराज पार्टी का गठन ……… की असफलता के बाद हुआ।
(a) असहयोग आंदोलन
(b) भारत छोड़ो आंदोलन
(c) सिविल नाफर्मानी आंदोलन
(d) स्वदेशी आंदोलन
[43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर- (a) असहयोग आंदोलन
- असहयोग आंदोलन सफल नहीं होने के बाद मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास ने 1923 में स्वराज पार्टी की स्थापना की।
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4. स्वराज पार्टी को संस्थापित किया था-
(a) बाल गंगाधर तिलक तथा महात्मा गांधी ने
(b) बिपिन चंद्र पाल तथा लाला लाजपत राय ने
(c) सी.आर. दास तथा मोतीलाल नेहरू ने
(d) सरदार पटेल तथा राजेंद्र प्रसाद ने
[U.P Lower Sub.(Pre) 1998, Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002, M.P. P.C.S. (Pre) 2006, Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]
उत्तर- (c) सी.आर. दास तथा मोतीलाल नेहरू ने
- 1923 में असहयोग आंदोलन सफल नहीं होने पर मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास ने स्वराज पार्टी की शुरुआत की।
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5. मोतीलाल नेहरू और सी. आर. दास द्वारा 1923 ई. में गठित पार्टी का नाम क्या था?
(a) इंडिपेंडेंस पार्टी
(b) गदर पार्टी
(c) स्वराज पार्टी
(d) इंडियन नेशनल पार्टी
[U.P.P.C.S (Pre) 2016]
उत्तर- (c) स्वराज पार्टी
- मोतीलाल नेहरू और चितरंजन दास ने स्वराज पार्टी बनाई।
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6. मोतीलाल नेहरू स्वराज दल के नेता थे। निम्न में से कौन दल में नहीं था?
(a) श्रीनिवास आयंगर
(b) चितरंजन दास
(c) विट्ठलभाई पटेल
(d) सी. राजगोपालाचारी
[U.P. P.C.S. (Pre) 1993, U.P. P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (d) सी. राजगोपालाचारी
- राजगोपालाचारी स्वराज पार्टी का हिस्सा नहीं थे।
- असहयोग आन्दोलन के बाद कांग्रेस दो गुटों में विभाजित हो गयी –
- जो लोग चीजों को बदलना चाहते थे।
- जो विधायिका का बहिष्कार करना चाहते थे।
- सीआर दास, मोतीलाल नेहरू और विट्ठलभाई पटेल के नेतृत्व में परिवर्तन समर्थकों ने 1923 में स्वराज पार्टी का गठन किया।
- श्रीनिवास अयंगर और एनसी केलकर स्वराज पार्टी के एक अन्य महत्वपूर्ण नेता थे।
- सबसे बड़ी सफलता यह थी कि विट्ठल भाई पटेल को केंद्रीय विधान सभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
- अत: यह स्पष्ट है कि राजगोपालाचारी स्वराज पार्टी के सदस्य नहीं थे।
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7. निम्न में से कौन एक स्वराज पार्टी से संबंधित नहीं थे?
(a) मोतीलाल नेहरू
(b) सी.आर. दास
(c) एन.सी केलकर
(d) राजेंद्र प्रसाद
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (d) राजेंद्र प्रसाद
- 1923 में सीआर दास और मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी की शुरुआत की।
- एनसी केलकर इसमें शामिल थे, लेकिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद महात्मा गांधी के अनुयायी थे इसलिए वे पार्टी में शामिल नहीं हुए।
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8. बिहार में स्वराज दल का गठन किसने किया ?
(a) श्रीकृष्ण सिंह
(b) रामलाल शाह
(c) बंकिम चंद्र मित्र
(d) शचीन्द्रनाथ सान्याल
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[65th B.P.S.C. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) श्रीकृष्ण सिंह
- बिहार में कुछ लोगों के एक समूह ने स्वराज दल की एक शाखा शुरू की, जिसका नेतृत्व श्रीकृष्ण सिंह ने किया।
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9. निम्नलिखित घटनाओं का सही कालक्रम चुनिए-
(i) लखनऊ समझौता
(ii) स्वराज दल की स्थापना
(iii) जलियांवाला हत्याकांड
(iv) बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु
निम्नलिखित कूट में से उत्तर चुनिए-
(a) (i), (iv), (iii) एवं (ii)
(b) (iv), (iii), (i) एवं (ii)
(c) (i), (iii), (iv) एवं (ii)
(d) (i), (ii), (iii) एवं (iv)
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (c) (i), (iii), (iv) एवं (ii)
- उपर्युक्त घटनाओं का क्रम इस प्रकार है-
- लखनऊ समझौता – 1916
- जलियांवाला हत्याकांड – 1919
- बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु – 1920
- स्वराज दल की स्थापना – 1923
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10. स्वतंत्रता पूर्व भारत में निम्नलिखित में से किसने केंद्रीय विधानसभा में स्वराज दल का समर्थन किया था?
(a) एम.ए. जिन्ना
(b) मौलाना अबुल कलाम आजाद
(c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद
(d) जवाहरलाल नेहरू
[U.P. P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) एम.ए. जिन्ना
- नवंबर 1923 के चुनावों में, स्वराजवादियों ने 101 निर्वाचित सीटों में से 42 सीटें जीतीं और केंद्रीय प्रांतीय विधानसभाओं में उनका बहुमत था।
- वे जिन्ना और मालवीय जैसे उदारवादियों और स्वतंत्र लोगों के साथ जुड़ गए।
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11. निम्नलिखित में से कौन ‘देशबंधु’ के नाम से प्रसिद्ध है?
(a) चंद्रशेखर
(b) चितरंजन दास
(c) ए.ओ. ह्यूम
(d) एनी बेसेंट
[U.P. P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर- (b) चितरंजन दास
- चितरंजन दास को प्यार से ‘देशबंधु’ (राष्ट्र का मित्र) कहा जाता था।
- वह एक वकील थे जो तब प्रसिद्ध हुए जब वह विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौटे और अदालत में श्री अरबिंदो घोष का बचाव करते हुए एक वकील के रूप में काम किया।
- असहयोग आन्दोलन असफल होने पर वे निराश हो गये और उन्होंने द्वैध शासन को समाप्त करने की योजना सुझायी, परन्तु कांग्रेस ने उसे स्वीकार नहीं किया।
- इसके बाद उन्होंने मोतीलाल नेहरू के साथ मिलकर अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई, जिसे स्वराज पार्टी कहा गया।
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12. स्वराज आम जनता के लिए होना चाहिए केवल वर्गों के लिए नहीं, के प्रसिद्ध सूत्र की घोषणा की-
(a) सी.आर. दास ने
(b) सी. राजगोपालाचारी ने
(c) मोतीलाल नेहरू ने
(d) गोपीनाथ साहा ने
[42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर- (a) सी.आर. दास ने
- सीआर दास ही थे जिन्होंने कहा था कि स्वराज आम जनता के लिए होना चाहिए, न कि सिर्फ एक खास समूह के लोगों के लिए।
- उनका मानना था कि स्वराज सरकार का एक रूप है जो लोगों द्वारा, लोगों के लिए बनाई और चलाई जाती है।
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13. कांग्रेसी नेताओं द्वारा मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड रिपोर्ट की निंदा करने पर कई नरमपंथियों ने पार्टी को छोड़कर निम्न में से कौन-सी पार्टी का गठन किया?
(a) स्वराज पार्टी
(b) इंडियन फ्रीडम पार्टी
(c) इंडिपेंडेंस फेडरेशन ऑफ इंडिया
(d) इंडियन लिबरल फेडरेशन
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर- (d) इंडियन लिबरल फेडरेशन
- प्रथम विश्व युद्ध के समापन पर, ब्रिटिश सरकार ने मोंटागु-चेम्सफोर्ड सुधार नामक परिवर्तन की एक योजना तैयार की।
- इसे 1919 के भारत सरकार अधिनियम में शामिल किया गया था।
- सुरेंद्रनाथ बनर्जी और कांग्रेस के अन्य सदस्य जो उदारवादी थे, ने मोंटेग-चेम्सफोर्ड सुधारों का समर्थन किया।
- इसके बाद लिबरल सदस्यों ने कांग्रेस छोड़ दी और इंडियन लिबरल फेडरेशन का गठन किया।
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14. निम्नलिखित में से किन लोगों ने 16 दिसंबर, 1922 को इंडिपेंडेट पार्टी बनाने का निर्णय लिया था?
1. लाला हरदयाल
2. मदन मोहन मालवीय
3. मोहम्मद अली जिन्ना कूट :
4. मोतीलाल नेहरू
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
(a) 1 तथा 2
(b) 2 तथा 3
(c) 3 तथा 4
(d) 2 तथा 4
[U.P. P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर- (d) 2 तथा 4
- 16 दिसंबर, 1922 को मदन मोहन मालवीय और मोतीलाल नेहरू ने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करने का फैसला किया।
- मदन मोहन मालवीय हिंदू महासभा का हिस्सा थे और उन्होंने 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बनाया।
- मोतीलाल नेहरू और सीआर दास ने स्वराज पार्टी की स्थापना की।
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15. ‘सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली’ का प्रथम भारतीय अध्यक्ष (स्पीकर) कौन था?
(a) सर हरीसिंह गौर
(b) विट्ठलभाई जे. पटेल
(c) वल्लभभाई जे. पटेल
(d) पुरुषोत्तम दास टंडन
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]
उत्तर- (b) विट्ठलभाई जे. पटेल
- विट्ठल भाई पटेल केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष बनने वाले पहले भारतीय व्यक्ति थे।
- 1925 में वे सभा के अध्यक्ष बने।
- उन्होंने स्वराज पार्टी बनाने में भी मदद की।
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