औद्योगिक क्रांति का एक संक्षिप्त विवरण
प्रश्न: इंग्लैंड में हुई औद्योगिक क्रांति के लिए उत्तरदायी कारणों की चर्चा कीजिए। साथ ही, इस परिवर्तन से संबद्ध सामाजिक -आर्थिक राजनीतिक परिवर्तनों की भी पहचान कीजिए।
दृष्टिकोण
- औद्योगिक क्रांति का एक संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- यूरोप के अन्य भागों से पूर्व इंग्लैंड में हुई औद्योगिक क्रांति के लिए उत्तरदायी कारकों की चर्चा कीजिए
- इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के कारण हुए सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
औद्योगिक क्रांति वस्तुओं के उत्पादन की आर्थिक प्रक्रियाओं में तकनीकी नवाचारों द्वारा समर्थित एक क्रांति थी। यह क्रांति पहली बार 1750 के दशक में इंग्लैंड में प्रारम्भ हुई थी।
इंग्लैंड में हुई औद्योगिक क्रांति के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारक निम्नलिखित थे:
इंग्लैंड की भौगोलिक अवस्थिति:
- एक द्वीपीय राष्ट्र होने के कारण इंग्लैंड के पास शेष यूरोप के विपरीत किसी भी दिशा से होने वाले आक्रमण से सुरक्षा करने हेतु प्राकृतिक अवरोध विद्यमान था। इस प्रकार इसकी भौगोलिक अवस्थिति ने नवाचार, व्यापार और समृद्धि हेतु आवश्यक पर्याप्त शांतिपूर्ण परिस्थितियां प्रदान की।
- ब्रिटेन के पास बेहतर प्राकृतिक बंदरगाह विद्यमान थे, जिसने समुद्री पत्तनों के विकास को सुगम बनाया जो कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन की सुविधा प्रदान करते थे।
- इसके पास सुगम परिवहन प्रदान करते वाली नौवहन योग्य नदियों का एक बेहतर नेटवर्क विद्यमान था।
- इंग्लैंड में भौगोलिक दृष्टि से अनुकूलतः अवस्थित कोयले और लौह के निक्षेप थे जो एक दूसरे के काफी निकट अवस्थित थे।
इंग्लैंड में राजनीतिक परिवर्तन:
- आक्रमणों के विरुद्ध सुरक्षा ने यूरोप के अन्य हिस्सों के शासकों की तुलना में इंग्लैंड के शासकों को अपेक्षाकृत अधिक लोकतांत्रिक बना दिया था।
- 1688 की गौरवशाली क्रांति (रक्तहीन क्रांति) ने इंग्लैंड में लोकतंत्र को बढ़ावा दिया और साथ ही उत्पादन के तरीकों को भी विकेंद्रीकृत किया।
इंग्लैंड में सामाजिक परिवर्तन:
- ग्रामीणों को कारखाना श्रमिकों के रूप में कस्बों की ओर प्रवासन की अधिक स्वायत्तता प्राप्त हुई।
- तर्कों पर केन्द्रित पुनर्जागरण और सुधार आंदोलनों ने उन लोगों को पूर्व में ही प्रभावित कर दिया था जो नवीन विचारों की खोज हेतु प्रयास कर रहे थे।
आर्थिक कारण:
- उपर्युक्त कारणों के परिणामस्वरूप इंग्लैंड में व्यापार अधिशेष की स्थिति उत्पन्न हुई और इस प्रकार वैज्ञानिक नवाचार में निवेश हेतु पर्याप्त पूंजी प्राप्त हुई।
- भाप के इंजन, रेल, सड़क अवसंरचना इत्यादि की उन्नति के फलस्वरूप वस्तुओं के उत्पादन को बढ़ावा मिला।
औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप हुए सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक परिवर्तनों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- अर्थव्यवस्था में सामंती से पूंजीवादी प्रणाली विकसित हुई जिसने पूंजीपतियों के एक नए वर्ग को जन्म दिया, जो उत्पादन प्रणाली को नियंत्रित करते थे।
- रोजगार की खोज में गांवों से शहरों की ओर प्रवासन में वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक भीड़, जनसंख्या वृद्धि, रहन-सहन की अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों, अनियंत्रित अपराध इत्यादि की स्थितियां उत्पन्न हुईं।
- महिलाएं और बच्चे कार्यबल में शामिल हो गए और पारिवारिक संबंधों में परिवर्तन हुआ।
- पूंजीवाद के नकारात्मक पहलुओं ने समाजवाद की ओर तीव्र वृद्धि को प्रोत्साहित किया। कार्ल मार्क्स ने इंग्लैंड में श्रमिकों की दयनीय स्थितियों को देखते हुए अपने विचारों को विकसित किया।
- औद्योगिक क्रांति ने इंग्लैंड में लोकतंत्र की पहुंच में वृद्धि की। अंततः मताधिकार को श्रमिकों सहित समाज के अन्य वर्गों तक विस्तारित किया गया।
- कच्चे माल और निर्यात बाजारों की मांग ने औपनिवेशीकरण को बढ़ावा दिया।
इस प्रकार, औद्योगिक क्रांति ने न केवल आर्थिक क्षेत्र बल्कि समाज के सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भी सुधार किया।
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