दबाव समूहों के संबंध में परिचय : लोकतंत्र को सहभागी और अनुक्रियाशील बनाने में दबाव समूहों की भूमिका
प्रश्न: उदाहरण प्रस्तुत करते हुए समझाइए कि किस प्रकार दबाव समूह, लोकतंत्र को सहभागी और अनुक्रियाशील बनाने हेतु एक सुदृढ़ तंत्र के रूप में उभरे हैं।
दृष्टिकोण
- दबाव समूहों के संबंध में संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- लोकतंत्र को सहभागी और अनुक्रियाशील बनाने में दबाव समूहों की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
उत्तर
दबाव समूह एक ऐसा हित समूह होता है, जो सरकार की औपचारिक शक्तियों का प्रयोग किए बिना अपने सदस्यों के हितों को बढ़ावा देते हैं तथा सरकार की नीतियों को प्रभावित करते हैं। इसके लिए वे लॉबीइंग, अभियान तथा मत-संग्रह जैसे साधनों का उपयोग करते हैं।
लोकतंत्र को सहभागी बनाने में दबाव समूहों की भूमिका:
- लोकतंत्र नागरिकों को चुनावों में भाग लेने हेतु सक्षम बनाता है, हालांकि यह सरकार के गठन के पश्चात् नागरिक सहभागिता को सीमित भी करता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में इस प्रकार की शून्यता की पूर्ति सिविल सोसाइटी तथा दबाव समूहों द्वारा की जाती है।
- दबाव समूह विभिन्न हितों तथा विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उल्लेखनीय है कि सामाजिक-राजनीतिक बाध्यताओं के कारण आधुनिक राजनीतिक दल प्रायः विभिन्न हितों तथा विचारों का प्रतिनिधित्व करने में विफल रहते हैं।
- दबाव समूह दो चुनावों के बीच की अवधि में सरकार को जनता की राय से अवगत कराने का कार्य करते हैं। उदाहरणार्थवर्ष 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के परिणामस्वरूप लोकपाल अधिनियम पारित किया गया था।
- ये अल्पसंख्यक समूहों को अपने राजनीतिक विचारों एवं चिंताओं को व्यक्त करने में सक्षम बनाते हैं, जैसे- नाज़ फाउंडेशन द्वारा LGBT समुदाय के अधिकारों हेतु संघर्ष करना।
लोकतंत्र को अनुक्रियाशील बनाने में दबाव समूहों की भूमिका:
- दबाव समूह नागरिकों को अपनी शिकायतों के निवारण एवं सरकार के उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने हेतु एक वैकल्पिक मंच प्रदान करते हैं।
- एकल मुद्दे की राजनीति ने दबाव समूहों एवं जनसामान्य को पर्यावरण एवं पारदर्शिता इत्यादि जैसे मुद्दों पर संगठित किया है। उदाहरणार्थ- मजदूर किसान शक्ति संगठन द्वारा जनांदोलन को नेतृत्व प्रदान करने के परिणामस्वरूप सरकार ने ‘सूचना का अधिकार’ संबंधी कानून निर्मित किया।
- जमीनी स्तर पर सक्रिय एवं विकेन्द्रीकृत समूह परंपरागत राजनीति से निराश/निरुत्साहित युवाओं को एक विकल्प प्रदान करते हैं।
- प्रतिस्पर्धी दबाव समूह यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई समूह या हित स्थायी रूप से वर्चस्वशाली या निष्क्रिय न बना रहे।
इसके अतिरिक्त, दबाव समूह राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक परिपक्वता तथा सामंजस्य के भी द्योतक होते हैं। अतः केवल वास्तविक लोकतांत्रिक राष्ट्रों में ही इस प्रकार के समूहों को सरकार की नीतियों हेतु अपना मत (पक्ष या विपक्ष) अभिव्यक्त करने का अधिकार प्राप्त होता है।
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