स्वास्थ्य के लिए सामुदायिक प्रयास

‘स्वास्थ्य के लिए सामुदायिक प्रयास’, जिसे पहले समुदाय आधारित निगरानी और नियोजन (CBMP) के नाम से जाना जाता था, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की मुख्य रणनीति है। यह जन सामान्य को समुदाय की स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं और अधिकारों की पूर्ति सुनिश्चित करने की प्रक्रिया के केंद्र में रखती है। यह उन्हें उनके क्षेत्रों में NHM से संबंधित पहलों की प्रगति पर सक्रिय और नियमित रूप से निगरानी करने की अनुमति देती है। इसके फलस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं को सुदढ़ करने में सामुदायिक भागीदारी और योगदान में वृद्धि हुई है। अतः इसका उद्देश्य जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में जन सामान्य की भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम सम्मिलित हैं

मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (ASHA)

  • प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय के और निकट ले जाने तथा उसके सुदृढ़ीकरण के वर्तमान प्रयासों में अब ASHA कार्यकर्ताओं को उप केंद्र स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में देखा जा रहा है। ये आशा कार्यकर्ता विशेषकर प्रजनन और बाल स्वास्थ्य एवं संक्रामक रोगों के क्षेत्रों में समुदाय को स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के अनुसार ASHA कार्यकर्ता गैर-संक्रामक रोगों के साथ-साथ प्रशामक देखभाल (palliative care) और मानसिक स्वास्थ्य इत्यादि मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
  • हालांकि ASHA कार्यकर्ताएं विभिन्न कार्यों में कुशल होती हैं तथापि विभिन्न रिपोर्टों में समस्याओं के लक्षणों की पहचान करने, पोषण संबंधी परामर्श, परिवार नियोजन, सुरक्षित गर्भपात सेवाओं और किशोरावस्था स्वास्थ्य संबंधी कौशल अंतराल को कम करने हेतु आशा कार्यकर्ताओं के पुनः प्रशिक्षण की अनुशंसा की गयी है।
  • भुगतान में देरी की समस्या के समाधान हेतु हाल के वर्षों में विभिन्न पहले प्रारंभ की गई हैं। तथापि विशेषकर राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) और संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (RNTCP) के अंतर्गत प्रोत्साहनों के भुगतान से संदर्भित मामलों में इस मुद्दे को पूर्णतः हल नहीं किया जा सका है।
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत ASHA कार्यकर्ताओं को प्रदान की जाने वाली आवश्यक दवाइयों/उपकरणों का अभाव और ASHAs से संबंधित सुरक्षा उपायों की सीमित उपलब्धता जैसे कुछ महत्वपूर्ण घटक हैं जो ASHA कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
  • राज्य द्वारा ASHA कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन के लिए उन्हें चिकित्सा और जीवन बीमा के रूप में सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। हालांकि ASHAs से सम्बंधित महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे शिकायत निवारण तंत्र को आरम्भ करना और उनके लिए आराम कक्ष बनाने पर समुचित ध्यान नहीं दिया गया है।
  • ASHA कार्यकार्ताओं के कार्य छोड़ने की दर (ड्रॉपआउट रेट) ग्रामीण क्षेत्रों में कम (4-5% तक) रही है। हालांकि, बेहतर रोजगार के अवसर और प्रवासन के उच्च स्तर के कारण कर्नाटक में बंगलौर और हरियाणा में गुरुग्राम के शहरी क्षेत्रों में यह दर
    अधिक है।

महत्वपूर्ण मुद्दे :

हालांकि, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की सेवाओं केउपयोगकर्ताओं में लगभग 90% महिलाएं और बच्चे हैं, 100% मुख्य कार्यकर्ता महिलाएं (ASHAs और ANMs) हैं और कुल श्रमिकों में लगभग 50% महिलाएं सम्मिलित हैं, इसके बावजूद अनेक राज्यों में लैंगिक मुद्दे पर उचित ध्यान नहीं दिया गया है।

ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति (village health sanitation and nutrition committee: VHSNC)

  • यह राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के प्रमुख घटकों में से एक है। इसका गठन ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य और उसके सामाजिक निर्धारकों से संबंधित मुद्दों पर सामूहिक कार्यवाही करने के लिए किया गया है। इसे विकेंद्रीकृत स्वास्थ्य योजना की प्रक्रिया को सहायता प्रदान करने हेतु मुख्य भूमिका प्रदान की गयी है।
  • यह समिति स्वास्थ्य जागरूकता में सुधार एवं स्वास्थ्य सेवाओं तक समुदाय की पहुंच में वृद्धि, स्थानीय स्तर की विशिष्ट आवश्यकताओं की पहचान करने और समुदाय आधारित योजना एवं उसकी निगरानी के लिए एक तंत्र के रूप में कार्य करने हेतु एक मंच प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाएगी।
  • विभिन्न राज्यों के संयुक्त व्ययों के पैटर्न को देखने से यह स्पष्ट होता है कि ये व्यय मुख्य रूप से स्वच्छता, सफाई सम्बन्धी मुद्दे, आपातकालीन परिस्थितियों में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने हेतु निर्धन परिवारों को परिवहन सुविधा प्रदान करने, कुछ मामलों में दवाइयों को खरीदने में सहायता करने, और अत्यधिक निर्धन परिवारों को चिकित्सा लागत के लिए ऋण प्रदान करने आदि
    पर केन्द्रित होते हैं।

महिला आरोग्य समिति (mahila arogya samiti: MAS)

  • यह मलिन बस्तियों की महिलाओं का एक समूह है जो सामाजिक स्वास्थ्य प्रतिबद्धता और नेतृत्व कौशल की भावना के साथ
    समुदाय के कल्याण में योगदान देने की इच्छुक हैं ताकि वे समग्र रूप से उनके स्वास्थ्य और उसके निर्धारक तत्वों की देखभाल कर सकें।
  • यह स्वास्थ्य संबंधित योजनाओं और कार्यवाही के लिए स्थानीय संस्थानों के रूप में कार्य करती है। ये समितियां सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (ASHAs) या सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करती हैं।
  • अनेक राज्यों ने अपने यहाँ MAS की स्थापना की है किन्तु उन MAS की संख्या तुलनात्मक रूप से कम हैं जिनके पास कोई बैंक खाता है। कुछ राज्यों जैसे बिहार में लगभग सभी लक्षित MAS का गठन कर लिया गया है किन्तु उनमें से केवल 50% MAS के पास ही बैंक खाते हैं। केवल कुछ राज्यों द्वारा MAS की क्षमता निर्माण हेतु प्रयास किये गए हैं। MAS के गठन एवं उसके समर्थन हेतु सहायता प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करना, MAS के सदस्यों को नियमित रूप से प्रशिक्षण देना तथा MAS लक्ष्यों
    की उपयुक्तता का आकलन करना आवश्यक है।

रोगी कल्याण समिति (RKS)/अस्पताल प्रबंधन सोसाइटी (hospital management society: HMS)

  • यह समिति एक पंजीकृत सोसायटी है। यह अस्पतालों से संबंधित मामलों के प्रबंधन के लिए ट्रस्टियों के एक समूह के रूप में कार्य करती है। इसमें स्थानीय पंचायती राज संस्थानों (PRIs), गैर सरकारी संगठनों (NGO) के सदस्य, स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधि और सरकारी क्षेत्र के अधिकारी सम्मिलित होते हैं जो अस्पतालों/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के समुचित संचालन और प्रबंधन के लिए उत्तरदायी होते हैं।
  • RKS/HMS अपने कार्यों एवं सेवाओं की गुणवत्ता को बनाए रखने हेतु वित्त के निर्धारण, उसे प्राप्त करने और उसका उपयोग करने के लिए स्वतंत्र है।
  • लगभग सभी राज्यों ने सुविधाओं के सभी स्तरों पर RKS का गठन कर लिया है। हालांकि ब्लॉक स्तर पर RKS में निम्न कार्यात्मकता और RKS कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में अल्प निवेश चिंता के मुख्य कारण हैं।
  • RKS कोष से व्यय मुख्य रूप से मानव संसाधन (मुख्य रूप से सहायक कर्मचारियों) के अन्तराल को भरने तथा सफाई एवं मामूली मरम्मत जैसी सेवाओं के अनुबंध के सन्दर्भ में किये जाते हैं।
  • रोगी की प्रतिपुष्टि या शिकायत निवारण RKSs की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है जो राज्यों में ऐसी प्रणालियों की
    अनुपस्थिति से भी स्पष्ट होता है।

अनुशंसाएँ

  • चूंकि ASHAS प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (PHC) टीम की प्रमुख सदस्य हैं जो संयुक्त रूप से सेवाओं के विस्तृत पैकेज के वितरण की प्रक्रिया में समुदाय के सर्वाधिक निकट हैं। यह आवश्यक है कि मंद और विविध गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण, भुगतान में देरी, दवा और उपकरण किट की अनुपलब्धता जैसी चुनौतियों का निवारण किया जाए।
  • ASHA हेतु नियमित रूप से नए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और प्रति वर्ष कम से कम 15 दिन के लिए पीरियाडिक मोडुलर ट्रेनिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए।
  • शहरी क्षेत्रों में, अत्यधिक प्रवासन और बेहतर रोजगार के अवसरों के कारण उच्च संघर्षण दर (अट्रिशन रेट) का मुद्दा, ASHAs को कार्य में संलग्न बनाए रखने के लिए नए प्रोत्साहनों से सम्बंधित शहरी संदर्भ-आधारित कार्यों को डिजाइन करने की आवश्यकता को चिन्हित करता है। कार्यक्रम के सभी मौजूदा घटकों, जैसे प्रशिक्षण, गैर-मौद्रिक प्रोत्साहन का विस्तार और शहरी ASHAs के लिए समर्थन उपायों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  • ASHAS को प्रोत्साहनों के भुगतान में विलम्ब (हालाँकि अधिकांश राज्यों में सभी भुगतान लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली या सरल शब्दों में PFMS के मार्ग से किए जाते हैं) के समाधान हेतु तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP), संशोधित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम (RNTCP), राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NLEP) से संबंधित गतिविधियों के लिए प्रोत्साहनों के भुगतान में अधिक विलम्ब होता है।
  • अधिकांश राज्यों में सीमित क्षमता निर्माण के कारण VHSNCs, RKS और MAS की अप्रयुक्त क्षमताओं ने सामाजिक निर्धारकों के समाधान और सामूहिक सामुदायिक कार्यवाही करने के इन समुदाय आधारित प्लेटफार्मों के प्रभावी उपयोग के अंतर को उजागर किया है। NGO के साथ सक्रिय सहभागिता और VHSNCs, RKS और MAS की प्रभावी निगरानी हेतु सहायक संरचनाओं की क्षमताओं का निर्माण जैसी रणनीतियों को अपनाकर इस अंतर को कम किया जा सकता है।

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