I. मानसून
1. ‘मानसून’ शब्द की व्युत्पत्ति हुई-
(a) अरबी भाषा से
(b) स्पेनिश भाषा से
(c) हिंदी भाषा से
(d) आंग्ल भाषा से
[M.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) अरबी भाषा से
- ‘मानसून’ शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के मौसिम’ (Mausim) शब्द से हुई है, जिससे तात्पर्य मौसम (ऋतु) से है।
|
2. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (A): भारत मूलतः एक मानसूनी देश है।
कारण (R): उच्च हिमालय उसे जलवायु संबंधी विशिष्टता प्रदान करता है।
उपर्युक्त के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा एक सही उत्तर है?
कूट:
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही है, परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.Lower Sub. (Pre) 1998, U.P.P.C.S. (Pre) 1996, 1998]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- भारत मूलतः मानसूनी देश है। यहां की जलवायु में मानसूनी जलवायु की लगभग सभी विशेषताएं पाई जाती हैं।
- अतः कथन (A) सही है।
- हिमालय पर्वत भारतीय जलवायु को इस मायने में विशिष्टता प्रदान करता है, क्योंकि यह मानसूनी हवाओं के लिए भौतिक अवरोध उत्पन्न करता है जिसके फलस्वरूप भारत में मानसूनी हवाओं का पूर्णतः प्रसार संभव हो पाता है और मानसून की भरपूर वर्षा हो पाती है।
- साथ ही यह मध्य एशिया से आने वाली शीत हवाओं को रोककर भारत की पूरी तरह रक्षा भी करता है।
- इस प्रकार यह दो भिन्न जलवायु वाले भागों को पृथक करता है।
- अतः कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या भी है।
|
3. नीचे दिए हुए भारत के मानचित्र पर ध्यान दीजिए, दिए गए निर्देशों के साथ मानचित्र को देखकर बताएं कि वह किसके वितरण के संदर्भ में है?
(a) शीतकालीन वर्षा
(b) दाब
(c) वार्षिक वर्षा के दिनों की संख्या
(d) माध्य ताप
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (d) माध्य ताप
- उपर्युक्त मानचित्र को देखने से यह स्पष्ट हो रहा है कि उपर्युक्त रेखाएं समताप रेखाएं हैं अर्थात मानचित्र माध्य ताप को दिखा रहा है।
|
4. निर्देश दिए गए प्रत्येक प्रश्न में अमिकथन या दावा (A) एवं उससे संबंधित तर्क या कारण (R) दिए गए हैं। आप अपने उत्तर के रूप में निम्नलिखित विकल्पों में से किसी एक को चुनें –
अभिकथन (दावा) (A): भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसून की तरह है।
तर्क (कारण) (R): भारत उष्णकटिबंधीय अक्षांशों के बीचों-बीच अवस्थित है।
(a) यदि (A) तथा (R) दोनों ही सही हैं एवं (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) यदि (A) सही है एवं (R) गलत है।
(c) यदि (A) और (R) दोनों ही सही हैं, किंतु (A) की सही व्याख्या (R) नहीं है।
(d) यदि (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) यदि (A) सही है एवं (R) गलत है।
- भारत एक उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु वाला देश है।
- भारत उष्णकटिबंधीय अक्षांशों (23°30′ उत्तरी से 23°30′ दक्षिणी अक्षांशों) के बीचों-बीच अवस्थित नहीं है, बल्कि इसके मुख्य भूमि का विस्तार 8°4′ से 37-6′ उत्तरी अक्षांशों के मध्य है।
|
5. भारत के किस राज्य में मानसून का आगमन सबसे पहले होता है?
(a) असम
(b) पश्चिम बंगाल
(c) महाराष्ट्र
(d) केरल
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (d) केरल
- दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रारंभ भारत के केरल राज्य से शुरू होता है।
- भारतीय कृषि का अधिकांश भाग अभी भी वर्षा पर ही निर्भर है।
|
6. भारत में ग्रीष्म कालीन मानसून के प्रवाह की सामान्य दिशा है-
(a) दक्षिण से उत्तर
(b) दक्षिण-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व
(c) दक्षिण-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम
(d) दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006, M.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (d) दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व
- भारत में ग्रीष्म कालीन मानसून के प्रवाह की सामान्य दिशा दक्षिण- पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर होती है।
- शीत काल में इसकी दिशा उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर होती है।
- भारत में अधिकांश वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून से ही प्राप्त होती है।
|
7. भारतीय उपमहाद्वीप पर ग्रीष्म ऋतु में उच्च ताप और निम्न दाब, हिंद महासागर से वायु का कर्षण (Draws) करते हैं, जिसके कारण प्रवाहित होती है-
(a) दक्षिण-पूर्वी मानसून
(b) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
(c) व्यापारिक हवाएं
(d) पश्चिमी हवाएं
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (b) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
- ग्रीष्म ऋतु में भारत में उच्च तापमान के कारण उ.प. भारत में निम्न दाब की स्थिति बनती है, जिस कारण दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी हवाएं भारत में प्रवेश करती हैं।
|
8. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सबसे सूखा स्थान है?
(a) मुंबई
(b) दिल्ली
(c) लेह
(d) बंगलुरू
[B.P.S.C.56th to 59th (Pre) 2015]
उत्तर- (c) लेह
- लेह भारत में सबसे कम वर्षा का क्षेत्र है।
- यह भारत का सबसे शुष्क स्थल है।
|
9. भारत को उष्णकटिबंम और उपोष्ण कटिबंध में विभाजन करने के आधार के रूप में मानी गई जनवरी की समताप रेखा है-
(a) 21°C
(b) 18°C
(c) 12°C
(d) 15°C
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (b) 18°C
- भारत को उष्णकटिबंध और उपोष्ण कटिबंध में विभाजन करने के आधार के रूप में मानी गई जनवरी की समताप रेखा 18°C है।
|
10.
ऊपर दिए गए मानचित्र के छायांकित क्षेत्र में जुलाई माह के लिए माध्य तापमान परिवर्तित होता है-
(a) 22.5″ C-25.0°C के बीच
(b) 25.0° C-27.5° C के बीच
(c) 27.5″ C-30.0° C के बीच
(d) 30.0° C-32.5° C के बीच
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (b) 25.0° C-27.5° C के बीच
- मानचित्र में प्रदर्शित छायांकित क्षेत्र जुलाई माह के लिए 25-27.5°C माध्य तापमान के परिवर्तन को दर्शाता है।
|
11. भारत के किस भाग में सर्वाधिक दैनिक-तापान्तर पाया जाता है?
(a) पूर्वी तटीय प्रदेश
(b) छत्तीसगढ़ मैदान के आन्तरिक क्षेत्रों में
(c) अंडमान द्वीपों में
(d) राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (d) राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में
- भारत में राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में सर्वाधिक दैनिक तापान्तर पाया जाता है।
- यहां का तापमान असामान्य रूप से दिन की अपेक्षा रात में कम होता है।
- दैनिक तापान्तर मरुस्थलीय जलवायु की विशेषताओं में से एक है।
|
12. तमिलनाडु में मानसून के सामान्य महीने कौन-से हैं?
(a) मार्च-अप्रैल
(b) जून-जुलाई
(c) सितंबर-अक्टूबर
(d) नवंबर-दिसंबर
[M.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (d) नवंबर-दिसंबर
- अक्टूबर से दिसंबर माह के मध्य दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्व मानसून का मौसम रहता है, जो मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, रॉयलसीमा, तमिलनाडु में सक्रिय रहता है।
- यही तमिलनाडु की मुख्य वर्षा वाली अवधि होती है।
- उल्लेखनीय है कि इसी मानसून के समय 26 दिसंबर, 2004 को तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में सुनामी आई थी।
- इस प्रकार सही उत्तर विकल्प (d) होगा।
|
13. भारतीय मानसून मौसमी विस्थापन से इंगित है जिसका कारण है-
(a) स्थल तथा समुद्र का विभेदी तापन
(b) मध्य एशिया की ठंडी हवा
(c) तापमान की अति एकसमानता
(d) उपर्युक्त में कोई नहीं
[39 B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर- (a) स्थल तथा समुद्र का विभेदी तापन
- भारतीय मानसून मौसमी विस्थापन वाला है।
- जिसकी दिशा छः माह तक (जाड़े में) उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तथा शेष छः मास तक (ग्रीष्म में) दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व रहती है।
- इन मानसूनी हवाओं की उत्पत्ति तापक्रम में भिन्नता के कारण होती है या अन्य किसी कारण से इस पर पर्याप्त मतभेद है।
- इसके लिए दो संकल्पनाओं का प्रतिपादन किया गया है-
(1) तापीय संकल्पना अर्थात मानसून की उत्पत्ति स्थल एवं जल के जसमान संगठन तथा उनके गर्म एवं ठण्डा होने के विरोधी स्वभाव के कारण होती है अर्थात इस पर सूर्य के उत्तरायण एवं दक्षिणायन होने का पर्याप्त प्रभाव है।
(2) नवीन संकल्पना के अनुसार, मानसूनी हवाओं की उत्पत्ति वायुदाब और हवाओं की पेटियों के खिसकाव के कारण होती है। इस संकल्पना का पहली बार प्रतिपादन फ्लोन नामक विद्वान ने किया।
|
14. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. दक्षिणी भारत से उत्तरी भारत की और मानसून की अवधि घटती है।
2. उत्तरी भारत के मैदानों में वार्षिक वृष्टि की मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर घटती है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/है?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) 1 और 2 दोनों
- दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत में मानसून की अवधि कम होती है।
- दक्षिण भारत में मानसून जून के प्रथम सप्ताह में प्रवेश करता है, जबकि उत्तर भारत में प्रवेश करने में दक्षिण की अपेक्षा अधिक समय लगता है।
- इसी प्रकार वापसी में भी मानसूनी हवाएं दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत से जल्दी पलायन करती हैं।
- उत्तर भारत के मैदानों में वार्षिक वृष्टि की मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर घटती जाती है।
|
15. भारतीय मानसून का पूर्वानुमान करते समय कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित ‘इंडियन ओशन डाइपोल’ (IOD) के संदर्भ में, निम्नलिखित कचनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. IOD परिघटना, उष्णकटिबंधीय पश्चिमी हिंद महासागर एवं उष्णकटिबंधीय पूर्वी प्रशांत महासागर के बीच सागर-पृष्ठ तापमान के अंतर से विशेषित होती है।
2. IOD परिघटना मानसून पर एलनीनो के असर को प्रभावित कर सकती है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) केवल 2
- इंडियन ओशन डाइपोल को भारतीय नीनो (Indian Nino) के नाम से भी जाना जाता है।
- यह समुद्री सतह के तापमान के अनियमित दोलन का परिणाम है, जिसमें पश्चिमी हिंद महासागर का तापमान प्रकारांतरेण पूर्वी हिंद महासागर की अपेक्षा गर्म एवं ठंडा हो जाता है।
- अतः कथन 1 गलत है।
- यह गरिघटना मानसून गर एलनीनो के असर को प्रभावित कर सकती है।
- इस प्रकार कथन 2 सही है।
- अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
|
16. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं, एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है।
अभिकथन (A): आगरा और दार्जिलिंग एक ही अक्षांश पर स्थित हैं; किंतु जनवरी में आगरा का तापमान 16° सेल्सियस तथा दार्जिलिंग का 4° सेल्सियस होता है।
कारण (R): ऊंचाई के साथ तापमान घटता है तथा विरल वायु के कारण मैदानी प्रदेशों की तुलना में पर्वतीय प्रदेश अधिक ठण्डे होते हैं।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए –
कूट :
(a) (A) सही है; परंतु (R) गलत है
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है
(c) (A) गलत है; परंतु (R) सही है
(d) (A) तथा (R) दोनों सही हैं; परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है
[U.P.P.C.S. (Pre) 2022]
उत्तर- (b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है
- ऊंचाई के साथ तापमान में कमी आती है तथा बिरल वायु के कारण मैदानी प्रदेशों की तुलना में पर्वतीय प्रदेश अधिक ठंडे होते हैं।
- आगरा और बार्जिलिंग एक ही अक्षांश पर स्थित हैं; किंतु जनवरी में आगरा का तापमान 16° सेल्सियस तथा दार्जिलिंग का 4° सेल्सियस होता है।
- अतः (A) और (R) दोनो सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
|
17. अमृतसर एवं शिमला लगभग एक ही अक्षांश पर स्थित हैं, परंतु उनकी जलवायु में भिन्नता का कारण है-
(a) उनकी ऊंचाई में भिन्नता
(b) उनकी समुद्र से दूरी
(c) शिमला में बर्फबारी
(d) अमृतसर में प्रदूषण
[53 to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर- (a) उनकी ऊंचाई में भिन्नता
- अमृतसर (31°29′ 32°03’N) एवं शिमला (30°45′ 31°44′ N) जिले लगभग एक ही अक्षांश पर स्थित हैं, परंतु उनकी जलवायु में भिन्नता का कारण उनकी ऊंचाई में भिन्नता का होना है।
- अमृतसर की समुद्र तल से ऊंचाई 175-200 मीटर है, जबकि शिमला की समुद्र तल से ऊंचाई 300-6000 मीटर है।
- क्षोभमंडल में ऊंचाई बढ़ने के साथ ही तापमान में गिरावट आती जाती है।
|
18. निम्नांकित में कौन-सी एक प्रकार की जलवायु का छत्तीसगढ़ राज्य में फैलाव पाया जाता है?
(a) आर्द्र-दक्षिण-पूर्व
(b) उपार्द्र संक्रमणीय
(c) उपार्द्र तटीय
(d) उपार्द्र महाद्वीपीय
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (a) आर्द्र-दक्षिण-पूर्व
- भारत में विस्तृत विभिन्न जलवायु क्षेत्रों में आर्द्र-दक्षिण-पूर्व के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, छोटानागपुर, ओडिशा पठार, दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उत्तर-पूर्वी आंध्र प्रदेश सम्मिलित हैं।
- उपाई संक्रमणीय के अंतर्गत मध्य गंगा मैदान (पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार) का भाग आता है।
- उपाद्र तटीय के अंतर्गत कोरोमंडल तट का क्षेत्र आता है।
- उपार्द्र महाद्वीपीय जलवायु क्षेत्र का विस्तार ऊपरी गंगा मैदान में है।
|
19. निम्नांकित क्षेत्रों में कौन-सा क्षेत्र मानसून की अरब सागर शाखा से अधिक प्रभावित नहीं होता?
(a) पश्चिमी घाट
(b) दक्कन पठार
(c) मध्य प्रदेश
(d) छत्तीसगढ़ बेसिन
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) छत्तीसगढ़ बेसिन
- छत्तीसगढ़ बेसिन मानसून की अरब सागर शाखा से अधिक प्रभावित नहीं होता है, क्योंकि अरब सागर से उठने वाला मानसून पश्चिमी घाट से टकराने के बाद दो शाखाओं में विभक्त हो जाता है।
- पहली शाखा, अरावली पर्वत के समांतर चलते हुए उत्तर भारत तक चली जाती है।
- तथा दूसरी शाखा, विंध्य पर्वत से टकराने के बाद गुजरात, मध्य प्रदेश तथा पश्चिमी छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों में वर्षा करती है।
- अतः स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ बेसिन अरब सागर मानसून से अधिक प्रभावित नहीं होता है।
|
20. निम्नलिखित स्थानों में से कहां पर आर्द्र जलवायु का अनुभव होता है?
1. अहमदाबाद
2. कोच्चि
3. लुधियाना
4. तेजपुर
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
कूट :
(a) केवल 1 तथा 2
(b) केवल 1 तथा 3
(c) केवल 2 तथा 3
(d) केवल 2 तथा 4
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010]
उत्तर- (d) केवल 2 तथा 4
- कोच्चि और तेजपुर में अधिक आर्द्र जलवायु का अनुभव होता है, क्योंकि यहां वर्षा अधिक होती है।
- वर्ष 2021 में कोच्चि में 3931.9 मिमी. (एर्नाकुलम), अहमदाबाद में 598.8 मिमी., लुधियाना में 724.7 मिमी. तथा तेजपुर में 1402.7 मिमी. (सोनितपुर) वर्षा हुई थी।
- अतः स्पष्ट है कि कोच्वि एवं तेजपुर में अन्य दोनों स्थानों की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है।
- यहां वर्षा वर्ष के कई महीनों में होती है।
- अतः आर्द्र जलवायु का यहां अनुभव किया जा सकता है।
|
21. मानसून का निवर्तन इंगित होता है-
(i) साफ आकाश से
(ii) बंगाल की खाड़ी में अधिक दाब परिस्थिति से
(iii) स्थल पर तापमान के बढ़ने से
निम्नांकित कूटों से अपना उत्तर चुनें-
(a) केवल (i)
(b) (i) एवं (ii) दोनों
(c) (i), (ii) एवं (iii)
(d) (ii) एवं (iii) दोनों
[40th B.P.S.C. (Pre) 1995]
उत्तर- (c) (i), (ii) एवं (iii)
- उत्तरी भाग से जब मानसून लौटने लगता है, तो प्रारंभ में तापमान में थोड़ी-सी वृद्धि होती है।
- मानसून के लौटने के साथ-साथ उत्तर पश्चिम में विस्तृत निम्न दाब का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने लगता है।
- इस समय आकाश स्वच्छ हो जाता है।
|
22. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
(1) पूरे वर्ष 30°N और 60S अक्षांशों के बीच बहने वाली हवाएं पछुआ हवाएं (वेस्टरलीज) कहलाती है।
(2) भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में शीतकालीन वर्षा लाने वाली आर्द्र वायु संहतियां (मॉइस्ट एयर मासेज) पछुआ हवाओं के भाग हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल (1)
(b) केवल (2)
(c) (1) केवल (2) दोनों
(d) न तो (1) और न ही (2)
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (b) केवल (2)
- सामान्यतः 30°-60° अक्षांशों के मध्य दोनों गोलाद्धों में पछुआ पवनें चलती हैं।
- उपोष्ण वायुदाब कटिबंध से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब कटिबंध की ओर चलने वाली पश्चिमी पवनों को पछुआ पवन कहते हैं।
- पछुआ पवनों का सर्वश्रेष्ठ विकास दक्षिणी गोलार्द्ध में 40°-65° अक्षांश के मध्य होता है, जबकि भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में शीतकालीन वर्षा पश्चिमी विक्षोम के कारण होती है।
- पश्चिमी विक्षोम पछुआ हवाओं के ही भाग हैं, जो उपोष्ण पछुआ जेटस्ट्रीम के सहारे यहां प्रवाहित होते हैं एवं वर्षा करते हैं।
|
23. इंटरट्रॉपिकल कंवरजेंस जोन (आई.टी.सी. जेड), एक निम्न वायुदाब पेटी, स्थित है
(a) व्यापारिक एवं पछुआ हवाओं की पेटी के मध्य
(b) पछुआ एवं ध्रुवीय हवाओं की पेटी के मध्य
(c) ध्रुवों के समीपवर्ती क्षेत्र में
(d) भूमध्य रेखा पर
[M.P.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर- (d) भूमध्य रेखा पर
- इंटरट्रॉपिकल कंवरजेंस जोन (ITCZ) या अंतः उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र विषुवतीय (भूमध्यरेखीय) अक्षांशों में विस्तृत गर्न एवं निम्न दाब का क्षेत्र होता है।
- यहीं पर उत्तर-पूर्वी एवं दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनें आपस में मिलती हैं।
- यह अभिसरण क्षेत्र विषुवत वृत्त या भूमध्यरेखा के लगभग समानांतर होता है, लेकिन सूर्य की आभासी गति के साथ-साथ यह उत्तर या दक्षिण की ओर खिसकता है।
- अतः विकल्प (d) भूमध्य रेखा पर सही उत्तर है।
|
24. राजस्थान में मई-जून महीनों में उत्पन्न होने वाली धूलभरी आंधियों के लिए उत्तरदायी है-
(i) कुछ स्थानों पर संवहनीय धाराओं की उत्पत्ति
(ii) अरावली पहाड़ियां दक्षिण-पश्चिम हवाओं के समांतर हैं।
(iii) अति तीव्रगामी पूर्वी हवाओं की उत्पत्ति
(a) (i) एवं (iii)
(b) (i), (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (ii)
(d) केवल (i)
[R.A.S/R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (d) केवल (i)
- मई-जून माह में पश्चिम की तरफ से गर्म हवाएं चलती हैं, जिन्हें लू कहते हैं।
- इस लू के कारण यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है।
- इस निम्न वायुदाब की पूर्ति हेतु उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से तेजी से हवा उठकर आती है, जो अपने साथ धूल भरी आंधियां लाती हैं।
- अतः कुछ स्थानों पर संवहनीय धाराओं की उत्पत्ति, राजस्थान में मई-जून माह में उत्पन्न होने वाली धूलभरी जांधियों के लिए उत्तरदायी है।
- अरावली पर्वत श्रेणियां दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं के चलने की दिशा के अनुरूप होने के कारण मार्ग में बाधक नहीं बन पाती।
- अतः मानसून पवन सीधी निकल जाती हैं।
|
25. राजस्थान में बहुत कम वर्षा होती है, क्योंकि –
(a) मॉनसून इस क्षेत्र में पहुंचने में असफल रहता है
(b) यहां बहुत गर्मी होती है
(c) यहां जल उपलब्ध नहीं है और इस प्रकार हवाएं शुष्क रहती
(d) हवाएं किसी प्रकार की बाधाओं को पार नहीं करती हैं, जिसके कारण ठण्डा होने के लिए आवश्यक ऊंचाई नहीं प्राप्त होती है
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[67 B.P.S.C. Re. Exam (Pre) 2022]
उत्तर- (d) हवाएं किसी प्रकार की बाधाओं को पार नहीं करती हैं, जिसके कारण ठण्डा होने के लिए आवश्यक ऊंचाई नहीं प्राप्त होती है।
- राजस्थान में बहुत कम वर्षा होती है, क्योंकि हवाएं किसी प्रकार की बाधाओं को पार नहीं करती है, जिसके कारण ठंडा होने के लिए आवश्यक ऊंचाई नहीं प्राप्त होती है।
- अरावली पर्वत श्रेणियां दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं के चलने की दिशा के अनुरूप होने के कारण मार्ग में बाधक नहीं बन पाती।
- अतः मानसून पवन सीधी निकल जाती है।
|
26. निम्न ऋतुओं को भारतीय कैलेंडर के अनुसार कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए-
(i) शरद
(ii) ग्रीष्म
(iii) बसंत
(iv) वर्षा
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही कीजिए-
(a) (ii), (iv), (iii) और (i)
(b) (iii), (ii), (iv) और (i)
(c) (iv), (ii), (i) और (iii)
(d) (i), (iv), (ii) और (भा)
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर- (b) (iii), (ii), (iv) और (i)
- NCERT के अनुसार भारतीय परंपरा के अनुसार वर्ष को द्विमासिक 6 ऋतुओं में बांटा जाता है।
- ये इस प्रकार है-
ऋतु |
भारतीय कैलेंडर के अनुसार महीने |
बसंत |
चैत्र – वैशाख |
ग्रीष्म |
ज्येष्ठ आषाढ़ |
वर्षा |
श्रावण भाद्र |
शरद |
आश्विन कार्तिक |
हेमंत |
मार्गशीष पौष |
शिशिर |
माघ फाल्गुन |
|
27. कोपेन ने भारत के विशाल मैदान की जलवायु के लिए निम्नलिखित में से कौन-से शब्दों का प्रयोग किया था?
(a) Amw
(b) As
(c) Cwg
(d) Aw
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (c) Cwg
- कोपेन ने भारत के विशाल मैदान की जलवायु के लिए Cwg शब्द का प्रयोग किया है।
- इसका तात्पर्य शुष्क शीत वाला मानसूनी प्रकार की जलवायु होता है।
|
28. कोपेन के जलवायु वार्गीकरण के अनुसार निम्न में से कौन-सा उत्तरी बंगाल सहित उत्तर-पूर्वी भारत का उपर्युक्त वर्णन है?
(a) उष्ण कटिबंधीय मानसून वर्षा वन (Amw)
(b) उपोष्ण कटिबंधीय मानसून वर्षा वन (Am)
(c) उष्ण कटिबंधीय आर्द्र एवं शुष्क जलवायु (मानसून सवाना) (Aw)
(d) शुष्क सर्दी सहित आर्द्र उपोष्ण जलवायु (Cwg)
[Utarakhand P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) शुष्क सर्दी सहित आर्द्र उपोष्ण जलवायु (Cwg)
- कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, उत्तरी बंगाल सहित उत्तर-
- पूर्वी भारत का वर्णन शुष्क सर्दी सहित आर्द्र उपोष्ण जलवायु (Cwg) करता है।
|
29. कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार उत्तर बिहार की जलवायु किससे प्रदर्शित की जा सकती है?
(a) Cwg
(b) Aw
(c) CA’w
(d) CB’w
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63 B.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) Cwg
- कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार उत्तर बिहार की जलवायु Cwg से प्रदर्शित की जा सकती है।
|
II. वर्षा
1. भारत की सर्वाधिक वर्षा मुख्यतः प्राप्त होती है-
(a) उत्तर-पूर्वी मानसून से
(b) वापस होती मानसून से
(c) दक्षिण-पश्चिम मानसून से
(d) संवाहनिक वर्षा से
[52 B.P.S.C. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) दक्षिण-पश्चिम मानसून से
- मौसम विभाग द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार दक्षिण- पश्चिम मानसून से भारत की कुल वर्षा का अधिकांश हिस्सा प्राप्त होता है।
- भारत में वास्तविक औसत वर्षण 1236.4 मिमी. होता है।
- भारत में दक्षिण पश्चिम से 971.8 मिमी. वर्षा होती है, जो कि दीर्घकालिक औसत वर्षण का 99% है।
|
2. उत्तरी-पूर्वी मानसून से सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाला राज्य है-
(a) असम
(b) पश्चिम बंगाल
(c) तमिलनाडु
(d) ओडिशा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (c) तमिलनाडु
- भारत में सितंबर महीने से मानसून का प्रत्यावर्तन शुरू हो जाता है।
- ऐसा सूर्य के दक्षिणायन होने के कारण ITCZ (Inter Tropical Convergence Zone) के दक्षिण की ओर खिसकने के कारण होता है।
- इस क्रम में उत्तर-पूर्व भारत से चलने वाली मानसून बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता ग्रहण कर तमिलनाडु विशेषतः चेन्नई में वर्षा करती है।
- उत्तर-पूर्वी मानसून से तमिलनाडु की कुल वर्षा का 50-60 प्रतिशत प्राप्त होता है।
|
3. निम्नलिखित राज्यों में से किसमें अधिकतम औसत वार्षिक वर्षा होती है?
(a) अरुणाचल प्रदेश में
(b) सिक्किम में
(c) केरल में
(d) जम्मू एवं कश्मीर में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (b) सिक्किम में
- प्रश्नकाल में इस प्रश्न का उत्तर सिक्किम था।
- वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार प्रश्नगत राज्यों का वर्षा विवरण, इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के आंकड़ों पर आधारित, इस प्रकार है-
राज्य केंद्रशासित प्रदेश |
औसत वार्षिक वर्षा (मिमी. में) |
अरुणाचल प्रदेश |
2083.8 |
सिक्किम |
3043.3 |
केरल |
3606.3 |
जम्मू और कश्मीर |
894.7 |
- उल्लेखनीय है कि देश में सर्वाधिक औसत वार्षिक वर्षा गोवा (3947.2 मिमी.) में होती है।
|
4. नीचे स्थानों के जो युग्म दिए हैं उनमें ऐसा युग्म कौन-सा है जिसके दोनों नगर लगभग एक ही अक्षांश पर अवस्थित है फिर भी उनकी वार्षिक वर्षा की कुल मात्रा का अंतर सर्वाधिक सुस्पष्ट है?
(a) बंगलुरू और चेन्नई
(b) मुंबई और विशाखापट्टनम
(c) अजमेर और शिलांग
(d) नागपुर बौर कोलकाता
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (c) अजमेर और शिलांग
- उपर्युक्त दिए गए युग्मों में अजमेर (26°27′ उत्तर) और शिलांग एक ही अक्षांश पर अवस्थित हैं, किंतु भारत के वर्षा आंकड़े, 2021 के अनुसार अजमेर की वार्षिक वर्षा 587 मिमी. है, जबकि शिलांग जो पूर्वी खासी जिले में है, में 5160.8 मिमी. वार्षिक वर्षा होती है।
|
5. एक मौसम विज्ञान केंद्र का औसत वार्षिक तापमान 26 डिग्री सेल्सियस है, इसकी औसत वार्षिक वर्षा 63 सेमी. है और इसके तापमान का वार्षिक परिसर 9 डिग्री सेल्सियस है। संदर्भित केंद्र है-
(a) इलाहाबाद
(b) चेन्नई
(c) चेरापूंजी
(d) कोलकाता
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (b) चेन्नई
- भारतीय मौसम विभाग द्वारा प्रदत्त आंकड़ों के अनुसार चेन्नई का औसत तापमान जाड़ों में 24°C तथा गर्मियों में 30°C तक रहता है तथा यहां वर्षा औसतन 60-70 सेमी. के मध्य रहती है।
- यहां वर्ष भर तापमान का औसत लगभग 26℃ रहता है।
- प्रतिदिन न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान का वार्षिक परिसर 8 से 9℃ के मध्य रहता है।
- विकल्प में दिए गए अन्य किसी नगर के तापमान का प्रश्न के तथ्यों से साम्य प्रदर्शित नहीं होता है।
|
6. नीचे दिए गए भारतीय नगरों में सामान्य वर्षा का सही अवरोही क्रम कौन-सा है?
(a) कोच्चि-कोलकाता-दिल्ली-पटना
(b) कोलकाता-कोच्चि-पटना-दिल्ली
(c) कोच्चि कोलकाता-पटना-दिल्ली
(d) कोलकाता-कोच्चि-दिल्ली-पटना
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) कोच्चि कोलकाता-पटना-दिल्ली
- प्रश्नकाल में विकल्प (c) सही उत्तर था।
- विकल्प में दिए गए भारतीय नगरों में वर्ष 2021 में सामान्य वार्षिक वर्षा का सही अवरोही क्रम इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट, के अनुसार इस प्रकार है-
स्थान |
वर्षा (मिमी.) |
कोच्चि (एर्नाकुलम जिला) |
3931.9 |
कोलकाता |
2451.5 |
पटना |
1099.6 |
दिल्ली (नई दिल्ली) |
904 (1187.1) |
- इस प्रकार भी सही उत्तर विकल्प (c) है। उल्लेखनीय है कि भारत में सर्वाधिक वर्षा मेघालय राज्य के मॉसिनराम नामक स्थान में होती है।
|
7. आम्र वर्षा (Mango Shower) संबंधित है-
(a) आमों की बौछार
(b) आम का टपकना
(c) बिहार एवं बंगाल में मार्च-अप्रैल में होने वाली वर्षा
(d) आम की फसल
[43 B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर- (d) आम की फसल
- आम्र वर्षा कर्नाटक एवं केरल में होने वाली मानसून पूर्व वर्षा फुहार है, जो आम की फसल के लिए अत्याधिक लाभकारी होती है।
- यह वर्षा बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न तूफानों के फलस्वरूप अप्रैल माह में होती है।
- इस वर्षा से आम की बौरें पेड़ से टूटकर गिरती नहीं हैं।
- अतः आम की फसल अच्छी होती है।
|
8. भारत में सबसे कम वर्षा वाला स्थान है-
(a) लेह
(b) बीकानेर
(c) जैसलमेर
(d) चेरापूंजी
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (a) लेह
- भारत के उपर्युक्त नगरों की वार्षिक वर्षा इस प्रकार है-
लेह |
4.17 सेमी. (देशभर में सबसे कम) |
बीकानेर |
32.84 सेमी. |
जैसलमेर |
31.67 सेमी. (राजस्थान राज्य में सब से कम) |
चेरापूंजी |
1100 सेमी. |
मॉसिनराम |
1148 सेमी. |
- चेरापूंजी देश ही नहीं बल्कि विश्व का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान था।
- अतः स्पष्ट है कि लेह भारत का सबसे कम वर्षा वाला स्थान है।
- 31 अक्टूबर, 2019 से लेह, केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में है।
- लेह, बीकानेर एवं जैसलमेर के आंकड़े वर्ष 2021 के अनुसार हैं।
|
9. चेरापूंजी अवस्थित है-
(a) असम राज्य में
(b) मणिपुर राज्य में
(c) मेघालय राज्य में
(d) मिजोरम राज्य में
[41 B.P.S.C. (Pre) 1996, M.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) मेघालय राज्य में
- चेरापूंजी भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय में स्थित है।
- मॉसिनराम से पहले विश्व में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान चेरापूंजी ही था।
|
10. भारतवर्ष में सर्वाधिक वर्षा क्षेत्र में होती है।
(a) पश्चिमी घाट, हिमालय क्षेत्र तथा मेघालय
(b) मध्य प्रदेश तथा बिहार
(c) उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा पंजाब
(d) आंध्र प्रदेश तथा विदर्भ
[M.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) पश्चिमी घाट, हिमालय क्षेत्र तथा मेघालय
- भारत में सर्वाधिक वर्षा प्राप्त करने वाले क्षेत्र पश्चिमी घाट, पूर्वी हिमालय तथा मेघालय हैं।
- इन क्षेत्रों में 250 सेमी. से अधिक वर्षा होती है।
- दक्षिण-पश्चिमी मानसून से इन क्षेत्रों में सर्वाधिक वर्षा होती है।
|
11. भारत में वर्षा का आधिक्य होते हुए भी यह देश प्यासी धरती समझा जाता है। इसका कारण है-
(a) वर्षा के पानी का तेजी से बह जाना
(b) वर्षा के पानी का शीघ्रता से भाप बनकर उड़ जाना
(c) वर्षा का कुछ थोड़े ही महीनों में जोर होना
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी
- भारत में होने वाली वार्षिक वर्षा का 75 प्रतिशत से अधिक भाग दक्षिण-पश्चिम मानसून से जून से सितंबर के मध्य प्राप्त होता है अर्थात मात्र चार महीने में ही अधिकांश वर्षा हो जाती है।
- साथ ही दक्षिण-पश्चिम मानसून से होने वाली वर्षा का जल या तो तेजी से बह जाता है या भाप बनकर उड़ता है।
- इस प्रकार शेष आठ महीनों में भारत को वर्षों की कमी का सामना करना पड़ता है, जबकि भारत की वार्षिक राष्ट्रीय वर्षा 1236.4 मिमी. है।
- इन्हीं कारणों से कभी-कभी यह समझा जाता है कि भारत में वर्षा का आधिक्य होते हुए भी धरती प्यासी है।
|
12. निम्नलिखित में से कौन-सी जल प्रबंधन युक्ति भारत में लागत का अधिकतम लाम देने वाली है?
(a) स्वक्षालन शौचालय व्यवस्था में सुधार
(b) अपशिष्ट जल का उपचार एवं प्रयोग
(c) वर्षा के जल का संचयन
(d) जल का पुनर्चक्रण एवं पुनः उपयोग
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (c) वर्षा के जल का संचयन
- जल प्रबंधन युक्ति द्वारा वर्षा जल का संचय आसानी से बिना अतिरिक्त खर्च के टैंक एवं बांध बनाकर किया जा सकता है।
- इसके द्वारा सतह का जलस्तर भी ऊपर आ जाएगा, जिससे जल की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी।
- तमिलनाडु इस मामले में अग्रणी राज्य है।
- अतः इस प्रकार ‘वर्षा के जल का संचयन’ जल प्रबंधन की वह युक्ति है, जिसके द्वारा भारत में लागत का अधिकतम लाभ प्राप्त हो सकता है।
|
13. निम्न में से भारत के किन क्षेत्रों में औसत दो सौ मिलीमीटर वर्षा होती है?
(a) केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक
(b) जम्मू और कश्मीर
(c) पश्चिमी बंगाल, ओडिशा, बिहार
(d) असम, मणिपुर, त्रिपुरा
[U.P.P.C.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (b) जम्मू और कश्मीर
- प्रश्नकाल में भारत में 200 मिलीमीटर (20 सेमी.) की औसत वर्षा जम्मू और कश्मीर में जास्कर श्रेणी के उत्तर तथा राजस्थान के पश्चिमी भाग पर होती थी।
- अतः विकल्प (b) सही उत्तर माना जा सकता है, परंतु समग्र राज्य के दृष्टिकोण से देखें तो उपर्युक्त में से कोई भी उत्तर सही नहीं होगा।
- भारत के वर्षा आंकड़े 2021 के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में 894.7 मिमी., असम में 2083.8 मिमी, बिहार में 1512.7 मिमी., पश्चिम बंगाल में 2202.7 मिमी., मणिपुर में 913.6 मिमी., त्रिपुरा में 1761.1 मिमी., ओडिशा में 1420.8 मिमी., केरल में 3606.3 मिमी., तमिलनाडु में 1376.7 मिमी, तथा कर्नाटक में 1450.9 मिमी. वर्षा होती है।
|
14. झारखंड में वर्षा किस मानसून से होती है?
(a) उत्तर-पूर्वी मानसून
(b) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
(c) नॉर्वेस्टर
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) दक्षिण-पश्चिमी मानसून
- झारखंड में वर्षा दक्षिण-पश्चिमी मानसून से होती है।
- यहां अधिकांश वर्षा जून से सितंबर माह में होती है।
|
15. जब पुष्कर की पहाड़ियों में भारी वर्षा होती है, तो बाढ़ कहां आती है?
(a) अजमेर
(b) सवाई माधोपुर
(c) बालोतरा
(d) सोजत
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) बालोतरा
- जब पुष्कर की पहाड़ियों में भारी वर्षा होती है, तो बालोतरा में भीषण बाढ़ आ जाती है।
- बालोतरा पंचपद्रा क्षेत्र राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र की ओर ढलान पर स्थित है।
|
16. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की परिभाषा के अनुसार वर्षा का दिन वह होता है जब किसी विशेष स्थान पर इस वर्षा की मात्रा इस प्रकार होती है-
(a) 24 घंटे में 0.5 मिमी. से 1 मिमी. तक
(b) 24 घंटे में 1.1 मिमी. से 1.5 मिमी. तक
(c) 24 घंटे में 1.6 मिमी. से 2 मिमी. तक
(d) 24 घंटे में 2.5 मिमी. से ऊपर
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (d) 24 घंटे में 2.5 मिमी. से ऊपर
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की परिभाषा के अनुसार, 24 घंटे में 2.5 मिमी. या उससे ऊपर की वर्षा को वर्षा का दिन कहा जाता है।
|
17. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं जिनमें से एक को कथन (A) और दूसरे को कारण (R) कहा गया है-
कथन (A): गंगा के मैदान में यदि कोई पश्चिम और उत्तर-पश्चिम को चले तो मानसूनी वर्षा घटती हुई मिलेगी।
कारण (R): गंगा के मैदान में कोई ज्यों-ज्यों ऊपर को बढ़ता जाएगा, आर्द्रताधारी मानसूनी पवन और ऊंची जाती मिलेगी।
ऊपर के दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (A) की सही व्याख्या (R) करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (A) की सही व्याख्या (R) नहीं करता है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (A) की सही व्याख्या (R) करता है।
- गंगा के मैदान में पश्चिम और उत्तर-पश्चिम की ओर मानसूनी वर्षा घटती जाती है अर्थात पश्चिम से पूर्व की ओर वर्षा बढ़ती जाती है।
- पश्चिम की और पंजाब के मैदानों में औसत वार्षिक वर्षा 600 मिलीमीटर होती है, वहीं पूर्व में गंगा के मैदान में यह 1500 मिलीमीटर तक होती है।
- गंगा के मैदान में ऊपर की ओर पवनों में आर्द्रता क्रमशः कम होती जाएगी फलस्वरूप ये पवनें ऊंचाई की ओर जाती मिलेंगी।
- मानसूनी पवनों की आर्द्रता वर्षा की मात्रा को प्रभावित करती है, अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (a) है।
|
18. भारत के अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में जल ढाल विकास का प्रमाणक चिह्न है-
(a) बड़े पैमाने पर ढालों की स्थापना ताकि वर्षा जल का वाष्पन न हो
(b) मृदा बंध, मू-संरक्षण उपाय और वृक्षारोपण का उपक्रम ताकि मृदा की नमी संरक्षित रहे और अंतर्भीम जल का पुनः पूरण होता रहे
(c) गहरे नलकूपों की भरपाई ताकि शैल स्तर से जल का निष्कासन हो सके
(d) मौसमी नदियों से जल का तटबंधीकरण करके जलाशयों के तंत्र की स्थापना
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (d) मौसमी नदियों से जल का तटबंधीकरण करके जलाशयों के तंत्र की स्थापना
- भारत के अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में जल ढाल वाले स्थलों में मौसमी नदियों/ वर्षा जल के एकत्रण हेतु जलाशयों एवं टैंकों का निर्माण किया गया है।
- इन क्षेत्रों में लगभग 120,000 छोटे टैंक बनाए गए हैं जिनसे 4.12 मिलियन हेक्टेयर कृषि क्षेत्र की सिंचाई संभव होती है।
- अतः भारत के अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में जल ढाल का प्रमाणक चिह्न मौसमी नदियों से जल का तटबंधीकरण करके जलाशयों के तंत्र की स्थापना है।
|
19. भारत में मरुस्थली विकास योजना अब क्रियान्वित है-
(a) 11 जिलों में
(b) 14 जिलों में
(c) 17 जिलों में
(d) 21 जिलों में
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (d) 21 जिलों में
- ‘भारत में मरुस्थलीय विकास कार्यक्रम (DDP-Desert Development Programme) राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश राज्यों में वर्ष 1977-78 में प्रारंभ की गई थी।
- वर्ष 1995- 96 में इसमें आंध्र प्रदेश और कर्नाटक को भी सम्मिलित कर लिया गया।
- वर्तमान में यह कार्यक्रम देश के कुल सात राज्यों के 40 जिलों के 235 ब्लॉकों में क्रियान्वित है।
- जबकि वर्ष 1994-95 तक यह कार्यक्रम 5 राज्यों के (कर्नाटक और आ.प्र. को सम्मिलित किए जाने के पहले) 21 जिलों के 131 ब्लॉकों में क्रियान्वित किया जा रहा था।
- अतः जब प्रश्न पूछा गया था उसके हिसाब से सही उत्तर विकल्प (d) है।
|
20. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए और नीचे दिए गए कूटों से सही उत्तर चुनिए-
कथन (A): भारत में अन्तर्देशीय जल मार्गों का पर्याप्त विकास नहीं हुआ है।
कारण (R): भारत के अधिकतर भागों में वर्षा साल के चार महीनों में ही होती है।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही है तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही है तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
- भारत में अन्तर्देशीय जल मार्गों का पर्याप्त विकास नहीं हुआ है तथा भारत के अधिकतर भागों में वर्षा साल के चार महीनों में ही होना इसका मुख्य कारण है।
- अधिकांश समय तक मौसमी नदियों में परिवहन योग्य जल का अभाव रहता है, जिससे अन्तर्देशीय जलमार्गों के विकास में बाधा उत्पन्न हो जाती है।
- अतः कथन और कारण दोनों सही है तथा, कारण कथन की सही व्याख्या कर रहा है।
|
21. चेरापूंजी स्थित है-
(a) नागा पहाड़ियां
(b) गारो पहाड़ियां
(c) खासी पहाड़ियां
(d) मिकिर पहाड़ियां
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (c) खासी पहाड़ियां
- चेरापूंजी, मेघालय राज्य में खासी पहाड़ियों पर स्थित है।
|
22. दक्षिण-पश्चिम मानसून काल में निम्नलिखित स्थानों में से सबसे कम वर्षा कहां होती है?
(a) कोलकाता
(b) मंगलौर
(c) चेन्नई
(d) दिल्ली
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (c) चेन्नई
- दक्षिण पश्चिम मानसून काल में दिए गए स्थानों में से सबसे कम वर्षा चेन्नई में होती है।
|
III. शीतकालीन वर्षा
1. भारत के उत्तरी मैदानों में शीतऋतु में वर्षा होती है-
(a) प. विक्षोभों से
(b) बंगाल की खाड़ी के मानसून से
(c) अरब सागर मानसून से
(d) लौटते मानसून से
[U.P.P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (a) प. विक्षोभों से
- भारत के उत्तरी मैदानों में शीत ऋतु में होने वाली वर्षा पश्चिमी विक्षोमों द्वारा होती है।
- ये बाह्य उष्णकटिबंधीय गर्त होते हैं।
- इनकी उत्पत्ति मुख्यतः भूमध्य सागर एवं अटलांटिक महासागर में होती है, जहां से ये आर्द्रता भी ग्रहण करते हैं।
- उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ से होने वाली वर्षा गेहूं की कृषि के लिए अत्यधिक लाभकारी होती है।
|
2. भारत में शरदकालीन वर्षा के क्षेत्र हैं-
(a) ओडिशा-कर्नाटक
(b) पंजाब-तमिलनाडु
(c) अरुणाचल प्रदेश-बिहार
(d) तमिलनाडु-कर्नाटक
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (b) पंजाब-तमिलनाडु
- भारत में शरद ऋतु काल अर्थात अक्टूबर-नवंबर में लौटते मानसून (उत्तरी-पूर्वी मानसून) से तमिलनाडु तट पर 65-75 सेमी. तक वर्षा होती है जो आन्तरिक भागों की तरफ घटती जाती है।
- इसके अतिरिक्त उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ भागों में भी पश्चिमी विक्षोभ से वर्षा प्राप्त होती है, जिनमें पंजाब सम्मिलित है।
- शरद काल में आंशिक रूप से द.पू. कर्नाटक में भी वर्षा होती है।
- अतः निकटतम उत्तर विकल्प (b) है।
|
3. निम्न राज्यों में से किस राज्य में जाड़े (Winter) के मौसम में बारिश मिलती है?
(a) केरल
(b) तमिलनाडु
(c) प. बंगाल
(d) ओडिशा
[44 B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर- (b) तमिलनाडु
- जाड़े में, दिए गए विकल्पों में से तमिलनाडु तथा दक्षिण पूर्वी केरल में वर्षा होती है।
- चूंकि केरल के आंशिक क्षेत्र में यह वर्षा होती है।
- अतः ज्यादा उपयुक्त उत्तर विकल्प (b) होगा।
|
4. भारत में निम्न में से किस तटीय प्रदेश में उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा होती है?
(a) मालाबार तट
(b) गुजरात तट
(c) कोरोमंडल तट
(d) कोंकण तट
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (c) कोरोमंडल तट
- भारत में कोरोमंडल तटीय प्रदेश में उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा होती है।
- इसके अतिरिक्त दक्षिण-पूर्वी कर्नाटक, दक्षिण-पूर्वी केरल में भी उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा होती है।
|
5. कथन (A): प्रति-चक्रवाती स्थितियां शीत ऋतु में तब बनती हैं जब वायुमंडलीय दाब उच्च होता है और वायुताप निम्न होता है।
कारण (R): उत्तर भारत में शीतकालीन वर्षा से निम्न तापों वाली प्रति-चक्रवाती स्थितियां पैदा होती हैं।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही है, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- उत्तर भारत में शीतकालीन वर्षा पश्चिमी विक्षोभ के कारण होती है।
- भारत में पहले से ही प्रति चक्रवाती दशा मौजूद रहती है जिसका शीत काल की वर्षा से संबंध नहीं होता है।
- प्रति चक्रवाती स्थितियां शीत ऋतु में तब बनती हैं, जब वायुमंडलीय दाब उच्च होता है और वायु ताप निम्न होता है।
- इस प्रकार कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है।
|
6. भारत के निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में शीतकाल में वर्षा होती है?
(a) उत्तर-पश्चिम
(b) दक्षिण-पश्चिम
(c) उत्तर-पूर्व
(d) दक्षिण-पूर्व
[U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर- (a) & (d) उत्तर-पश्चिम & दक्षिण-पूर्व
- भारत में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभों के कारण शीतकाल में वर्षा होती है।
- इसके अतिरिक्त दक्षिण-पूर्व भारत में तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में उत्तर-पूर्व मानसून के कारण शीतकाल में वर्षा होती है।
|
7. भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदान में पश्चिमी विक्षोभ से जाड़े में होने वाली वर्षा की मात्रा क्रमशः कम होती जाती है –
(a) पूर्व से पश्चिम की ओर
(b) पश्चिम से पूर्व की ओर
(c) उत्तर से दक्षिण की ओर
(d) दक्षिण से उत्तर की ओर
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (b) पश्चिम से पूर्व की ओर
- पश्चिमी विक्षोभ मूमध्य सागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं, जो कि भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में जाड़े की वर्षा का कारण बनते हैं।
- भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदान में पश्चिमी विक्षोभ से जाड़े में होने वाली वर्षा की मात्रा क्रमशः पश्चिम से पूर्व की ओर कम होती जाती है (जो कि दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी वर्षा की विपरीत स्थिति है), जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में इससे होने वाली वर्षा की मात्रा क्रमशः उत्तर से दक्षिण की ओर घटती है।
- यह वर्षा रबी की फसलों के लिए लाभदायक होती है।
|
8. निम्नलिखित में से कौन-सा कारण भारत के उत्तर-पश्चिम भाग में शीत ऋतु में होने वाली वर्षा के लिए उत्तरदायी है?
(a) मानसून की वापसी
(b) चक्रवातीय अवदाब
(c) पश्चिमी विक्षोभ
(d) दक्षिण-पश्चिम मानसून
[U.P. P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (c) पश्चिमी विक्षोभ
- भारत के उत्तर-पश्चिम भाग में शीत ऋतु में होने वाली वर्षा के लिए पश्चिमी विक्षोभ उत्तरदायी है, परंतु पश्चिमी विक्षोभ एक क्षीण चक्रवातीय विक्षोम (Cyclonic disturbance) का रूप है।
- इस रूप में यह चक्रवातीय अवदाब (Cyclonic Depression) के अंतर्गत भी आता है, परंतु विकल्पों में सर्वाधिक उपर्युक्त विकल्प के रूप में पश्चिमी विक्षोभ सही उत्तर होगा।
|