1. किस कांग्रेस सत्र में कार्यकारी कमेटी को सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने का अधिकार दिया गया था?
(a) बंबई सत्र
(b) लाहौर सत्र
(c) लखनऊ सन्त्र
(d) त्रिपुरी सन्त्र
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (b) लाहौर सत्र
- 1929 में लाहौर अधिवेशन में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कांग्रेस कार्य समिति को सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने की अनुमति दी।
- फरवरी 1930 में साबरमती आश्रम में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में महात्मा गांधी को आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था।
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2. दांडी यात्रा के साथ निम्नलिखित में से क्या प्रारंभ हुआ?
(a) होमरूल आंदोलन
(b) असहयोग आंदोलन
(c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(d) भारत छोड़ो आंदोलन
[U.P.P.C.S (Pre) 2000]
उत्तर- (c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
- महात्मा गांधी और उनके स्वयंसेवकों ने 12 मार्च 1930 को साबरमती में अपने आश्रम से 241 मील की दूरी पर स्थित तटीय गांव दांडी तक अपनी लंबी यात्रा शुरू की।
- उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में 24 दिन लगे, और एक बार जब वे पहुंच गए, तो गांधी ने नमक कानून की अवज्ञा की और सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करते हुए, समुद्री जल को उबालकर अपना नमक बनाया।
- यह आंदोलन तेजी से पूरे भारत में फैल गया और सी. जैसे अन्य नेता भी शामिल हो गये।
- राजगोपालाचारी ने गांधीजी के नेतृत्व का अनुसरण किया और तमिलनाडु में त्रिचिनोपोली से वेदारण्यम तक मार्च किया।
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3. दांडी यात्रा की गई-
(a) 1932 में
(c) 1929 में
(b) 1931 में
(d) 1930 में
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर- (d) 1930 में
- 12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी अपने साबरमती आश्रम से स्वयंसेवकों के एक समूह के साथ दांडी मार्च पर निकले।
- यह यात्रा 241 मील लंबी थी और गुजरात के तटीय गाँव दांडी तक पहुँचने में उन्हें 24 दिन लगे।
- वहां पहुंचकर गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करके नमक बनाने के लिए समुद्री पानी को उबालकर नमक कानून तोड़ा।
- यह आंदोलन पूरे भारत में फैल गया और सी.
- राजगोपालाचारी ने तमिलनाडु में त्रिचिनोपोली से वेदारण्यम तक नमक मार्च का भी नेतृत्व किया।
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4. महात्मा गांधी ने “दाण्डी यात्रा’ किस आश्रम से प्रारंभ की थी?
(a) साबरमती
(b) पवनार
(c) सेवाग्राम
(d) रामानंदिया
[M.P.P.C.S. (Pre), 2021]
उत्तर- (a) साबरमती
- महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से अपने कुछ सबसे भरोसेमंद अनुयायियों के साथ अपना प्रसिद्ध दांडी मार्च शुरू किया।
- उन्होंने गुजरात के तटीय गांव दांडी तक 241 मील तक मार्च किया।
- यात्रा 24 दिनों तक चली।
- जब वे 6 अप्रैल, 1930 को पहुंचे, तो गांधीजी ने उबलते समुद्री पानी से नमक बनाकर नमक कानून तोड़ दिया, जिससे सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई।
- सी जैसे नेताओं के साथ यह आंदोलन तेजी से पूरे भारत में फैल गया।
- राजगोपालाचारी ने तमिलनाडु में त्रिचिनोपोली से वेदारण्यम तक इसी तरह के मार्च का आयोजन किया।
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5. निम्नलिखित प्रांतों में से किस प्रांत के सत्याग्रहियों की संख्या महात्मा गांधी के दांडी कूच में सर्वाधिक थी?
(a) बिहार
(b) गुजरात
(c) महाराष्ट्र
(d) बंगाल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (b) गुजरात
- महात्मा गांधी और उनके स्वयंसेवकों ने 12 मार्च 1930 को गुजरात के दांडी के समुद्री तट पर नमक कानून तोड़ने के लिए साबरमती आश्रम से मार्च किया था।
- गुजरात से 31, महाराष्ट्र से 13, उत्तर प्रदेश से 8, कच्छ से 6, केरल से 4, पंजाब से 3, राजपूताना से 3, बॉम्बे से 2, सिंध, नेपाल, तमिलनाडु, आंध्र, उत्कल से 1-1 लोग थे। कर्नाटक, बिहार और बंगाल.
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6. गांधीजी के नमक सत्याग्रह का उद्देश्य क्या था?
(a) नमक कानून को निरस्त करना
(b) सरकार के सत्ता की कटौती
(c) आम लोगों के लिए आर्थिक सहत
(d) भारत के लिए ‘पूर्ण स्वराज’
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63rd B.P.S.C (Pre.) 2017]
उत्तर- (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
- 1882 में, ब्रिटिश सरकार ने एक कानून पारित किया जिसमें कहा गया कि भारतीयों को नमक इकट्ठा करने या बेचने की अनुमति नहीं है, जिससे उन्हें इसे कीमत पर खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा।
- इस कानून को चुनौती देने के लिए गांधीजी ने नमक सत्याग्रह किया, जिसका उद्देश्य सरकार के अधिकार को सीमित करना और कानून को खत्म करने पर जोर देना था, न कि पुराण स्वराज के लक्ष्य के लिए।
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7. निम्नलिखित में से किसने गांधीजी के नमक आंदोलन में भाग लिया?
(a) सरोजिनी नायडू
(b) राजकुमारी अमृत कौर
(c) कमलादेवी चट्टोपाध्याय
(d) उपर्युक्त में से सभी
[Jharkhand P.C.S (Pre) 2016]
उत्तर- (d) उपर्युक्त में से सभी
- 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी और लगभग 80 लोग नमक बनाने के लिए साबरमती आश्रम से दांडी समुद्र तट की ओर निकले।
- वे 6 अप्रैल को दांडी पहुंचे और गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत करते हुए नमक कानून की अवज्ञा की।
- गांधीजी के नमक सत्याग्रह में सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर और कमलादेवी चट्टोपाध्याय सहित महिलाएँ सक्रिय रूप से शामिल थीं।
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8. निम्नलिखित में से किस आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी सर्वाधिक मानी जाती है?
(a) असहयोग आंदोलन
(b) नमक सत्याग्रह
(c) बारदोली कूच
(d) भारत छोड़ो आंदोलन
[U.P.P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर- (b) नमक सत्याग्रह
- नमक सत्याग्रह – नमक सत्याग्रह आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी सर्वाधिक मानी जाती है।
- सरोजिनी नायडू प्रारंभ से आजादी के संघर्ष में सक्रिय रहीं थी।
- उन्होंने धरसाना नमक सत्याग्रह के दौरान गाँधीजी व सभी अन्य नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सत्याग्रहियों का नेतृत्व किया था।
- कमलादेवी चट्टोपाध्याय नमक सत्याग्रह तथा सविनय अवज्ञा आन्दोलन से ही राजनीति में सक्रिय रही थी।
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9. महात्मा गांधी ने 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ किया था-
(a) सेवाग्राम से
(b) दांडी से
(c) साबरमती से
(d) वर्धा से
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (b) दांडी से
- 12 मार्च 1930 को, महात्मा गांधी और उनके लगभग 80 लोगों के समूह ने साबरमती आश्रम से दांडी (गुजरात में) तक अपना प्रसिद्ध दांडी मार्च शुरू किया।
- 24 दिन में 390 किलोमीटर चलने के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को नमक कानून तोड़ा।
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10. ऐतिहासिक ‘दांडी मार्च’ का संबंध है-
(a) निर्वाचन के बहिष्कार से
(b) ‘नमक कानून’ को तोड़ने से
(c) हिंदू-मुस्लिम एकता से
(d) छुआछूत को दूर करने से
[U.P. P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (b) ‘नमक कानून’ को तोड़ने से
- मदन मोहन मालवीय, देवदास गांधी, केएम मुंसी, बीजी खेर, महादेव देसाई, सी.
- राजगोपालाचारी और विट्ठलभाई पटेल सभी को नमक कानून तोड़ने का दोषी पाया गया और गांधीजी को 6 अप्रैल, 1930 को गिरफ्तार कर लिया गया।
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11. दांडी यात्रा कितने दिन चली थी?
(a) 10 दिन
(b) 20 दिन
(c) 24 दिन
(d) 30 दिन
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66 B.P.S.C (Pre) 2020]
उत्तर- (c) 24 दिन
- 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी और उनके लगभग 80 समर्थकों ने साबरमती आश्रम से गुजरात के दांडी क्षेत्र तक अपना प्रसिद्ध दांडी मार्च शुरू किया।
- 24 दिन में 390 किलोमीटर चलने के बाद उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को नमक कानून तोड़ा।
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12. सबसे पहले कौन-सी घटना घटी?
(a) दांडी मार्च
(b) भारत छोड़ो आंदोलन
(c) साइमन कमीशन का आगमन
(d) गांधी-इर्विन समझौता
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर- (c) साइमन कमीशन का आगमन
आयोजन |
तारीख |
दांडी मार्च |
12 मार्च, 1930 |
भारत छोड़ो आंदोलन |
9 अगस्त, 1942 |
साइमन कमीशन का आगमन |
3 फरवरी, 1928 |
गांधी-इरविन समझौता |
5 मार्च, 1931 |
13. भारतीय इतिहास में 6 अप्रैल, 1930 की तिथि जानी जाती है-
(a) महात्मा गांधी द्वारा दांडी मार्च हेतु
(b) प्रथम गोलमेज सम्मेलन हेतु
(c) गांधी-इरविन समझौता हेतु
(d) जलियांवाला बाग हत्याकांड हेतु
[U.P. P.C.S. (Pre) 2002, U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर- (a) महात्मा गांधी द्वारा दांडी मार्च हेतु
- महात्मा गांधी ने 6 अप्रैल, 1930 को दांडी से थोड़ी मात्रा में नमक प्राप्त करके सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया।
- सुभाष चंद्र बोस ने इस आंदोलन की तुलना नेपोलियन के एल्बा से पेरिस तक के आंदोलन से की।
- एक अंग्रेजी समाचार रिपोर्टर ने आंदोलन का मज़ाक उड़ाया और पूछा कि क्या एक बर्तन में पानी उबालकर किसी सम्राट को हराना संभव है।
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14. कथन (A): महात्मा गांधी द्वारा नमक आंदोलन वर्ष 1930 में चलाया गया था।
कारण (R): महात्मा गांधी का उद्देश्य था कि गरीबों को नमक मुफ्त उपलब्ध हो।
उपर्युक्त वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002, U.P. P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर- (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- 6 अप्रैल, 1930 को महात्मा गांधी ने नमक का कानून तोड़कर सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया।
- उन्होंने वायसराय से 11 अनुरोध किये थे, जिनमें नमक पर कर से मुक्ति और नमक पर सरकार का नियंत्रण समाप्त करना भी शामिल था।
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15. सविनय अवज्ञा आंदोलन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. महात्मा गांधी को नमक कानून तोड़ने के विरोध में सजा नहीं दी गई थी।
2. मदन मोहन मालवीय, देवदास गांधी और के.एम. मुंशी को नमक कानून तोड़ने पर सजा दी गई थी।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
[U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर- (b) केवल 2
- मदन मोहन मालवीय, देवदास गांधी, केएम मुंसी, बीजी खेर, महादेव देसाई, सी।
- राजगोपालाचारी और विट्ठलभाई पटेल सभी को नमक कानून तोड़ने का दोषी पाया गया।
- इस बीच, 6 अप्रैल, 1930 को दांडी में नमक कानून तोड़ने के आरोप में गांधीजी को गिरफ्तार कर लिया गया।
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16. “शक्ति के विरुद्ध अधिकार की इस लड़ाई में मैं विश्व की सहानुभूति चाहता हूं।” यह कथन किससे सम्बद्ध है?
(a) असहयोग आंदोलन से
(b) गांधी की दांडी यात्रा से
(c) वैयक्तिक सत्याग्रह से
(d) भारत छोड़ो आंदोलन से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (b) गांधी की दांडी यात्रा से
- 6 अप्रैल 1930 को महात्मा गांधी अपने नमक सत्याग्रह अभियान के लिए दांडी गांव पहुंचे।
- उन्होंने भारत और विदेश के पत्रकारों से बात की और क्या सही है और क्या शक्तिशाली है के बीच अपने संघर्ष में उनका समर्थन मांगा।
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17. गांधी के दांडी मार्च के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) यह साबरमती आश्रम से दांडी ग्राम तक का मार्च था।
(b) नमक कर का विरोध करना इसका विशेष प्रयोजन था।
(c) समुद्र के किनारे पहुंचकर गांधी ने नमक बनाया था।
(d) यह पूरी तरह से पैदल मार्च था।
[U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2004, U.P. P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर- (c) समुद्र के किनारे पहुंचकर गांधी ने नमक बनाया था।
- दांडी तट पर नमक कानून तोड़ने के बाद महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया।
- यह आंदोलन का एक केंद्रीय हिस्सा था क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने नमक बेचने को अवैध बना दिया था और उस पर कर वसूला था, जिसका गरीबों पर बहुत प्रभाव पड़ा।
- उन्होंने अपने 78-80 समर्पित अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम से गुजरात के तटीय शहर दांडी तक 241 मील की पदयात्रा शुरू की।
- मार्च 24 दिनों तक चला और 6 अप्रैल, 1930 को वह दांडी पहुंचे और जानबूझकर नमक कानून के खिलाफ चले गए।
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18. नमक सत्याग्रह के समय गांधीजी के गिरफ्तार हो जाने के बाद आंदोलन के नेता के रूप में उनका स्थान किसने लिया?
(a) अब्बास तैयबजी
(b) अबुल कलाम आजाद
(c) जवाहरलाल नेहरू
(d) वल्लभभाई पटेल
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006, U.P. P.C.S. (Pre) 2002, U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर- (a) अब्बास तैयबजी
- गांधीजी को शोलापुर में जेल ले जाने के बाद, अब्बास तैयबजी ने आंदोलन की कमान संभाली।
- आंदोलन में महिलाओं का भी बड़ा प्रभाव था।
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19. महात्मा गांधी धरसना नमक गोदाम पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के धावे के समय कहां थे?
(a) यरवदा जेल में
(b) साबरमती जेल में
(c) आगा खां पैलेस पूना में
(d) अहमदनगर फोर्ट जेल में
[U.P. P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) यरवदा जेल में
- 5 मई, 1930 को कांग्रेस स्वयंसेवकों द्वारा धरसाना नमक डिपो पर छापा मारने के बाद महात्मा गांधी को हिरासत में ले लिया गया और यरवदा जेल भेज दिया गया।
- उनकी गिरफ्तारी के बाद अब्बास तैयबजी ने आंदोलन की कमान संभाली।
- अब्बास तैयबजी की गिरफ्तारी के बाद 21 मई 1930 को सरोजिनी नायडू ने डिपो पर छापे का नेतृत्व किया।
- अमेरिकी पत्रकार वेब मिलर ने इस ऐतिहासिक घटना का विवरण दिया।
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20. आचार्य विनोबा भावे किस आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रथम बार गिरफ्तार हुए थे?
(a) बारदोली आंदोलन
(b) चंपारन सत्याग्रह
(c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(d) असहयोग आंदोलन
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर- (c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
- आचार्य विनोबा भावे महात्मा गांधी के घनिष्ठ मित्र थे और उन्होंने उनके कई आंदोलनों में भाग लिया था।
- सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें पहली बार 1930 में गिरफ्तार किया गया था।
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21. गांधीजी ने जिस विदेशी पत्रकार को दांडी मार्च के समय अपने साबरमती आश्रम में ठहराया, वह था-
(a) रिचर्ड ग्रेग
(b) वेब मिलर
(c) किरबाई पेज
(d) लुई फिशर
[U.P. P.C.S. (Pre) 2002, U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2003]
उत्तर- (b) वेब मिलर
- वेब मिलर एक अमेरिकी पत्रकार थे जो दांडी मार्च के दौरान गांधीजी के साथ उनके साबरमती आश्रम में रहते थे।
- उन्होंने धरसाना में पुलिस द्वारा किए गए भयानक कामों के बारे में लिखते हुए कहा कि एक रिपोर्टर के रूप में अपने पूरे 18 वर्षों में, उन्होंने कभी भी ऐसा कुछ नहीं देखा था।
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22. इनमें से किसने अप्रैल, 1930 में नमक कानून तोड़ने के लिए तंजौर तट पर एक अभियान संगठित किया था?
(a) वी.ओ. चिदंबरम पिल्लै
(b) सी. राजगोपालाचारी
(c) के. कामराज
(d) एनी बेसेंट
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (b) सी. राजगोपालाचारी
- अप्रैल 1930 में, सी द्वारा वेदारण्यम मार्च या वेदारण्यम सत्याग्रह के नाम से जाना जाने वाला एक मार्च आयोजित किया गया था।
- राजगोपालाचारी और स्वयंसेवकों के एक समूह ने ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा भारत पर लगाए गए नमक कर का विरोध किया।
- महात्मा गांधी के नेतृत्व में दांडी मार्च के बाद यह अपनी तरह का दूसरा मार्च था और सविनय अवज्ञा आंदोलन का हिस्सा था।
- इसकी शुरुआत त्रिचिनोपोली (अब तिरुचिरापल्ली) में हुई और तंजौर जिले के वेदारण्यम नामक एक छोटे से तटीय शहर में समाप्त हुई।
- मार्च करने वालों ने सीधे समुद्र से नमक इकट्ठा करके नमक कानून तोड़ा।
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23. भारतीय स्वाधीनता संघर्ष के दौरान रेड शर्ट्स के नाम से भी पहचाने जाने वाले खुदाई खिदमतगारों ने आह्वान किया-
(a) उत्तर-पश्चिमी के पख्तून जनजातीय क्षेत्रों को अफगानिस्तान के साथ मिलाकर एक करने का
(b) उपनिवेशीय शासकों को आतंकित करने और अंत में उन्हें हटा देने के • लिए आतंकवादी युक्तियों और तरीकों को अपनाने का
(c) राजनैतिक और सामाजिक सुधार के लिए साम्यवादी क्रांतिवादी विचारधारा अपनाने का
(d) पठान क्षेत्रीय राष्ट्रवादी एकता का और उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष का
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (d) पठान क्षेत्रीय राष्ट्रवादी एकता का और उपनिवेशवाद के विरुद्ध संघर्ष का
- खुदाई खिदमतगार, जिसे ‘रेड शर्ट्स’ के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में खान अब्दुल गफ्फार खान द्वारा बनाया गया एक समूह था।
- वह चाहते थे कि पठान लोग उपनिवेशवाद के खिलाफ एक साथ खड़े हों और कम वेतन पाने वाले लोगों के जीवन में भी सुधार करें।
- उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत के मुसलमानों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया, जबकि अन्य प्रांतों के लोग सत्याग्रह आंदोलन से दूर रहे।
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24. लाल कुर्ती दल संगठित किया गया था-
(a) स्वतंत्र पख्तूनिस्तान बनाने के लिए
(b) पाकिस्तान का सृजन निश्चित करने के लिए
(c) अंग्रेजों को निकालने के लिए
(d) स्वतंत्रता के पश्चात भारत को एक साम्यवादी देश बनाने के लिए
[U.P. P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (c) अंग्रेजों को निकालने के लिए
- खान अब्दुल गफ्फार खान ने उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में ‘खुदाई खिदमतगार’ की शुरुआत की, जिसे अक्सर ‘रेड शर्ट्स’ कहा जाता है।
- यह स्थानीय राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने और उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ने के लिए था।
- इसके अतिरिक्त, वे श्रमिकों के जीवन में सुधार लाना चाहते थे।
- उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत के मुसलमान सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे, जबकि अन्य प्रांतों के मुसलमान दूर रहे।
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25. ‘लाल कुर्ती’ आंदोलन के नेता थे-
(a) मौलाना आजाद
(b) खान अब्दुल गफ्फार खाँ
(c) मोहम्मद अली जिन्ना
(d) इक़बाल
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007, U.P. Lower Sub.(Pre) 2009]
उत्तर- (b) खान अब्दुल गफ्फार खाँ
- खुदाई खिदमतगार, या रेड शर्ट्स, उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में खान अब्दुल गफ्फार खान द्वारा बनाया गया स्वयंसेवकों का एक समूह था।
- वह चाहते थे कि क्षेत्र के लोग उपनिवेशवाद से लड़ने के लिए एक साथ आएं और श्रमिकों को बेहतर मजदूरी मिले।
- उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत के मुसलमानों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया, जबकि अन्य क्षेत्रों के मुसलमान दूर रहे।
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26. गढ़वाल रेजीमेंट के सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से इंकार कर दिया था-
(a) खिलाफत आंदोलन में
(b) असहयोग आंदोलन में
(c) सविनय अवज्ञा आंदोलन में
(d) भारत छोड़ो आंदोलन में
[U.P. P.C.S. (Spl) (Pre) 2004]
उत्तर- (c) सविनय अवज्ञा आंदोलन में
- चंद्र सिंह गढ़वाली के निर्देशन में, गढ़वाल रेजिमेंट के सैनिकों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान पेशावर के निहत्थे लोगों पर गोली नहीं चलाने का फैसला किया।
- खान अब्दुल गफ्फार खान यहां बहुत सक्रिय थे और उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप खुदाई खिदमतगार संगठन, या ‘रेड शर्ट’ का निर्माण हुआ।
- वे सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक बड़ा हिस्सा थे।
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27. सन् 1930 में अंग्रेज सरकार के विरुद्ध, प्रसिद्ध ‘पेशावर कांड’ का नायक कौन था?
(a) जनरल बी.सी. जोशी
(b) मेजर धनसिंह थापा
(c) वीर चंद्रसिंह गढ़वाली
(d) प्रेमसिंह नेगी
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2007, Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर- (c) वीर चंद्रसिंह गढ़वाली
- चंद्र सिंह गढ़वाली गढ़वाल सैनिकों के एक समूह के प्रभारी थे जिन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान पेशावर में निहत्थे लोगों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया था।
- खान अब्दुल गफ्फार खान इस क्षेत्र में बहुत सक्रिय थे और उनके काम से खुदाई खिदमतगार संगठन का निर्माण हुआ, जिसे “रेड शर्ट” के नाम से भी जाना जाता है।
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन में इस संगठन की बड़ी भूमिका थी।
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28. जियातरंग आंदोलन कहां प्रारंभ हुआ?
(a) नगालैंड में
(b) त्रिपुरा में
(c) मणिपुर में
(d) मिजोरम में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) मणिपुर में
- नागा आदिवासी महिला गाइदिन्ल्यू ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में मणिपुर की जनजातियों का नेतृत्व किया, जिसे ‘जियात्रंग आंदोलन’ कहा जाता है।
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29. बेगूसराय के चौकीदारी टैक्स के विरुद्ध आंदोलन, एक हिस्सा था-
(a) असहयोग आंदोलन का
(b) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(c) भारत छोड़ो आंदोलन का
(d) खिलाफत आंदोलन का
[42 B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर- (b) सविनय अवज्ञा आंदोलन
- बेगुसराय में लोगों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत चौकीदारी टैक्स का विरोध किया।
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30. भागलपुर में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किसने किया था?
(a) श्रीकृष्ण सिंह
(b) महादेवलाल सराफ
(c) कुमार मिश्रा
(d) सत्यनारायण
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[65 B.P.S.C. (Pre) 2019]
उत्तर- (b) महादेवलाल सराफ
- महादेव लाल सर्राफ, दीप नारायण सिंह, रामेश्वर नारायण अग्रवाल, कैलाश बिहारी लाल और ज़हरुल हसन हाशमी ने नमक सत्याग्रह नामक एक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
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31. सविनय अवज्ञा आंदोलन (Civil Disobedience Movement) की असफलता के बाद गांधीजी ने महत्व दिया-
(a) रचनात्मक कार्यक्रम को
(b) हिंसा के सीमित उपयोग को
(c) अंग्रेजों से समझौते पर
(d) उपर्युक्त में कोई भी नहीं
[41 B.P.S.C. (Pre) 1996]
उत्तर- (a) रचनात्मक कार्यक्रम को
- सविनय अवज्ञा आंदोलन असफल होने के बाद गांधी जी ने रचनात्मक कार्यक्रमों पर बहुत जोर दिया।
- अक्टूबर 1934 में गांधीजी ने राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेना बंद कर दिया और इसके बजाय अपना सारा समय हरिजनों की मदद करने में लगा दिया।
- सितंबर 1932 में, महात्मा गांधी ने हरिजनों का समर्थन करने के लिए अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग बनाई और ‘हरिजन’ नामक एक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया।
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32. द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन में जुलूस का नेतृत्व करते हुए डॉ. राधाबाई को कब गिरफ्तार किया गया?
(a) 12 फरवरी, 1932
(b) 16 मार्च, 1932
(c) 19 अप्रैल, 1932
(d) 13 जून, 1932
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre), 2021]
उत्तर- (d) 13 जून, 1932
- डॉ. राधाबाई को दूसरे सविनय अवज्ञा आंदोलन में एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए 13 जून, 1932 को गिरफ्तार किया गया था।
- महात्मा गांधी के सभी आंदोलनों में राधाबाई आगे रहीं।
- स्वदेशी नारी जागरण, अस्पृश्यता विरोधी, शराबबंदी जैसे आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं।
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33. प्रभावती देवी किस क्षेत्र की स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थीं?
(a) चंपारन
(b) पटना
(c) भागलपुर
(d) शाहाबाद
[48 to 52 B.P.S.C. (Pre) 2008]
उत्तर- (b) पटना
- बिहार की प्रभावती देवी, राजवंशी देवी, सुनीति देवी और राधिका देवी जैसी महिलाएं आजादी की लड़ाई में शामिल थीं।
- प्रभावती देवी पटना की स्वतंत्रता सेनानी थीं।
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