केस स्टडीज- सामाजिक बुराई एवम समस्या से निपटने के उपाय

प्रश्न: एक चिंतित नागरिक के रूप में आप हाथ से मैला उठाने (मैन्युअल स्कैवेंजिंग) में नियोजित लोगों के मुद्दे से जुड़े हुए है। आप पाते हैं कि देश के कानून और उच्चतम न्यायालय की कटु आलोचना के बावजूद सीवर साफ करने हेतु मानव श्रम नियोजित करने की प्रथा जारी है। जहां प्रशासन को शहरी क्षेत्रो की सफाई सुनिश्चित करनी है, वहीं जो लोग नियोजित है उन्हें अपना और अपने परिवारों का भरण पोषण करने के लिए रोजी रोटी भी कमानी है। हाल ही में सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय श्वासावरोधन के कारण कुछ कर्मचारियों की मृत्यु ने आपके क्षेत्र में अत्यधिक संत्रास पैदा किया है। आप प्रशासन को लिखकर इस स्थिति से जुड़ना है, जिसके लिए आपको निम्नलिखित का उत्तर ढूंढ़ना होगा:

(a) इसमें सम्मिलित हितधारको की पहचान कीजिए और उनके परस्पर विरोधी हितों का वर्णन कीजिए।

(b) इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाने में प्रशासन को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा हैं?

(c) इस समस्या से निपटने के उपायों को सूचीबद्ध कीजिए।

दृष्टिकोण

  • केस स्टडी के संदर्भ में संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  • हितधारकों और उनके परस्पर विरोधी हितों को चिह्नित कीजिए।
  • इस पर अंकुश लगाने में प्रशासन द्वारा अनुभव की जाने वाली चुनौतियों का उल्लेख कीजिए
  • समस्या से निपटने के उपाय बताइए।

उत्तर

हाथ से मैला उठाने (मैन्युअल स्कैवेंजिंग) की प्रथा भारत के विकासात्मक इतिहास पर एक कलंक के रूप में निरंतर विद्यमान है। निषेधात्मक विधेयकों के अधिनियमन और न्यायालयी आदेशों के लागू होने के बावजूद यह प्रथा अभी भी जारी है। जनगणना 2011 के अनुसार, लगभग 7,50,000 परिवार अभी भी मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में कार्य करते हैं।

मुख्य हितधारक : मैन्युअल स्कैवेंजर; मैन्युअल स्कैवेंजर्स के नियोक्ता; नगरपालिका प्राधिकरण, समाज कल्याण विभाग जैसे सरकारी विभाग, सिविल सोसायटी, मीडिया और वृहद स्तर पर समाज।

इस सन्दर्भ में मैन्युअल स्कैवेंजर्स के हितों की दृष्टि से एक सम्मानजनक आजीविका का अधिकार, स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ और शोषण से स्वतंत्रता सम्मिलित हैं, जबकि उनके नियोक्ता प्रायः परंपरा के नाम पर, सस्ते श्रम के कारण एवं उनकी आर्थिक आवश्यकताओं का शोषण करने के लिए इस प्रथा को जारी रखते हैं। यहां, मानव जीवन को अलग-अलग महत्व दिया जाता है। वहीं सरकार के संदर्भ में संघर्ष इस प्रथा के उन्मूलन में निहित वित्तीय बोझ और सामाजिक संरचनाओं में लागू किए गए परिवर्तनों के कारण सामाजिक तनाव बढ़ने की संभावना को लेकर होता है। यहाँ तक कि कई लोग वर्ग विभाजन एवं आधिपत्य को बनाए रखने के लिए एक साधन के रूप में इस प्रथा को मौन स्वीकृति देते हैं।

इस सामाजिक बुराई के उन्मूलन में प्रशासन द्वारा अनुभव की जाने वाली चुनौतियां

  • परंपरा एवं आदत के नाम पर इस प्रथा की स्वीकार्यता तथा परिवर्तन का प्रतिरोध।
  • समुदाय के भीतर इससे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के संदर्भ में जागरूकता का अभाव।
  • शोषण के शिकार मैन्युअल स्कैवेंजर्स जिन्होंने पीढ़ीगत सामाजिक बहिष्कार, कलंक और भेदभाव का सामना किया है; में आत्म-सम्मान का समावेश करना।
  • मैन्युअल स्कैवेंजर्स के लिए किसी भी पुनर्वास मॉडल की अनुपस्थिति और इसके वित्तीय निहितार्थ।
  • सीवर सफाई प्रक्रिया के मशीनीकरण, सुरक्षात्मक उपकरणों की खरीद एवं फ्लश शौचालयों का निर्माण के लिए विशेष फण्ड का अभाव।
  • सरकारी अधिकारियों के मध्य उत्साह की कमी और आधिकारिक तौर पर इस प्रथा का अस्तित्व स्वीकार करने की अनिच्छा।

समस्या से निपटने के लिए आवश्यक कदम:

मैन्युअल स्कैवेंजिंग के मुद्दे का समाधान करना जटिल है, क्योंकि इसमें जाति एवं लिंग, स्वास्थ्य और व्यवसाय, मानव गरिमा और स्वतंत्रता तथा मानवाधिकार तथा सामाजिक न्याय के मद्दों का समाधान करना सम्मिलित है। इसके उन्मूलन के लिए अग्र सक्रिय जिला प्रशासन और मैन्युअल स्कैवेंजिंग को सुदृढ़ बनाने वाले कारकों का समाधान करने वाले प्रयासों के अभिसरण की आवश्यकता है:

  • जमीनी स्तर पर किसी भी कार्रवाई से पहले जिला प्रशासन को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण जैसे संबंधित विभागों से जिला, तहसील, ब्लॉक और ग्रामीण स्तर के कार्यकर्ताओं की बैठकों और प्रशिक्षण की आवश्यकता है। यह वास्तविक कार्यान्वयन करने के लिए एक व्यापक टीम का निर्माण करेगा।
  • गृह स्वामियों को शुष्क शौचालयों को फ्लश शौचालयों में परिवर्तित करने एवं सीवर सफाई प्रक्रिया आदि का मशीनीकरण करने के लिए नियोक्ताओ को प्रोत्साहित करने आदि के लिए एक बहु-कार्यात्मक कार्यान्वयन रणनीति तैयार की जानी चाहिए।
  • समुदाय के साथ पारस्परिक रूप से संबद्ध होकर इस प्रथा को छोड़ने के लिए मैन्युअल स्कैवेंजर्स को प्रोत्साहित करना। इसके लिए स्वास्थ्य शिविर, रैलियों,स्वछता अभियानों और दीवारों पर लेखन के माध्यम से एक सुनियोजित सूचना, शिक्षा और संचार अभियान की सहायता ली जा सकती है। इसके लिए, सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान से धन का उपयोग किया जा सकता है।
  • प्रोत्साहन के अतिरिक्त, बार-बार कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध प्रोहिबिशन ऑफ़ एम्प्लोयमेंट एज मैनुअल स्कैवेंजर्स एंड देयर रिहैबेलेशन एक्ट 2013 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
  • मुक्ति और पुनर्वास के अंतर्गत उन्हें केवल आजीविका प्रदान नहीं की जानी चाहिए अपितु उनका सामाजिक पुनर्वास किया जाना चाहिए। इसके साथ ही गरीबी रेखा से नीचे और अंत्योदय कार्ड, पेंशन योजनाएं, छात्रवृत्ति, ऋण, कौशल विकास इत्यादि जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं से प्राप्त होने वाले लाभ प्राप्त करने हेतु उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
  • इस समुदाय को मुख्यधारा में स्थायी रूप से आत्मसात करने और वर्षों से सामना किये जाने वाले भेदभाव को समाप्त करने के लिए उनके बच्चों की शिक्षा को सुनिश्चित करना।
  • बच्चों को इस प्रथा के सन्दर्भ में जागरूक करना, स्कूलों और अतिरिक्त पाठ्यचर्या गतिविधियों के माध्यम से समाज में स्वच्छता और सफाई का एक मूल्य के रूप में समावेश करना।

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