केस स्टडीज: विभिन्न हितधारक और उनके हित
प्रश्न: आप, एक राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC) के अध्यक्ष हैं। आपको ज्ञात होता है कि SPSC द्वारा हाल ही में आयोजित एक प्रतियोगिता परीक्षा में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की घटनाएं हुई थीं। आपकी बेटी ने भी इस परीक्षा में भाग लिया था और वह इसमें उत्तीर्ण होने के प्रति आश्वस्त है, वह भी इन घटनाओं की पुष्टि करती है। हालांकि, वह स्वयं ऐसी किसी प्रकार की गतिविधि में संलग्न होने से इनकार करती है। आयोग जो भी निर्णय लेगा, उससे परीक्षा में भाग लेने वाले बहुसंख्यक उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित होना तय है, जिसमें आपकी बेटी भी सम्मिलित है।
(a) उपर्युक्त मामले में विभिन्न हितधारकों और उनके हितों की पहचान कीजिए।
(b) वर्तमान परिस्थिति से निपटने के लिए आप अपने पास उपलब्ध विकल्पों को सूचीबद्ध कीजिए। आप किस विकल्प का चयन करेंगे और क्यों?
(c) ऐसे उपायों का सुझाव दीजिए जो आप यह सुनिश्चित करने के लिए अपनाएंगे कि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति पुनः उत्पन्न न हो।
दृष्टिकोण
- विभिन्न हितधारकों और उनके हितों की पहचान कीजिए।
- उपलब्ध विकल्पों को सूचीबद्ध कीजिए और सबसे उपयुक्त विकल्प के पक्ष में तर्क दीजिए।
- ऐसे उपायों का सुझाव दीजिए जिससे यह सुनिश्चित हो सकता हो कि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति से बचा जा सके।
उत्तर
(a) उपर्युक्त दी गई स्थिति राज्य लोक सेवा आयोग के लिए एक प्रशासनिक संकट है, जबकि अध्यक्ष के लिए यह पेशेवर कर्तव्य और व्यक्तिगत जीवन में नैतिक आचरण की अपेक्षा करती है। भ्रष्ट प्रथाओं से निपटना, SPSC की छवि को बनाए रखना और आयोग के प्रति छात्रों के विश्वास को पुनर्बहाल करना उसके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए। परीक्षा की प्रक्रिया को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना अपनी बेटी सहित सभी छात्रों की भविष्य की संभावनाओं के लिए बेहतर है।
विभिन्न हितधारकों और उनके हितों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- SPSC, जिसका प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष द्वारा किया जाता है- जो यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक जानकारी में लाए गए किसी भी अनुचित मामले की विधिवत जांच की जाए और प्रक्रिया की निष्पक्षता में छात्रों और लोगों के विश्वास को पुनर्बहाल करने के लिए शीघ्र ही कार्रवाई की जाए।
- राज्य की प्रशासनिक मशीनरी, जो परीक्षा को उचित प्रकार से संपन्न कराने और इसकी निगरानी करने के लिए उत्तरदायी है। पूर्ववर्ती कार्यवाहियों में उनके विफल रहने के कारण उनकी विश्वसनीयता संदेह में है।
- सामान्य लोग और राज्य के प्रशासन हेतु अधिकारियों का चयन करने वाले संवैधानिक निकाय में उनके विश्वास में कमी।
- छात्र समुदाय जोकि प्रत्यक्ष रूप से भ्रष्ट प्रथाओं से प्रभावित होते हैं। इसमें अध्यक्ष की बेटी भी शामिल है।
(b) वर्तमान परिस्थिति से निपटने के लिए उपलब्ध विकल्प निम्नलिखित हैं:
विकल्प 1: धोखाधड़ी की शिकायतों को अनदेखा करना
गुण
- धोखाधड़ी किसी भी परीक्षा का एक अपरिहार्य पहलू है परन्तु इसे नियंत्रित किया जा सकता है। चूंकि पुनः परीक्षा के दौरान भी सख्त सतर्कता को सभी स्थानों पर नहीं बनाए रखा जा सकता है, इसलिए वर्तमान में परीक्षा रद्द करने से कोई उद्देश्य सिद्ध नहीं होता है। यह
- संगठन के भीतर यथा स्थिति को बनाए रखेगा।
- यह उम्मीद की जा सकती है कि धोखाधड़ी में केवल कुछ ही छात्र शामिल होंगे, जबकि अधिकांश छात्र मेहनती और ईमानदार होंगे।
दोष
- परीक्षा में होने वाली धोखाधड़ी ने उस प्रतियोगिता का मजाक बनाकर रख दिया है जिसका उपयोग भविष्य के नेतृत्व और निर्णय निर्माताओं की क्षमताओं का आकलन करने के लिए किया जा रहा है।
- इसके कारण सैकड़ों योग्य उम्मीदवार इस अवसर से वंचित हो जाएंगे।
- अयोग्य और नैतिक रूप से भ्रष्ट उम्मीदवार अधिकारी बन जायेंगे, जो प्रशासनिक प्रणाली को अवनति की ओर ले जायेंगे।
विकल्प 2 : एक आंतरिक जांच की व्यवस्था करें, लेकिन हाल ही में सम्पन्न हुई परीक्षा प्रक्रिया को पूर्ण होने दें
गुण
- आंतरिक जांच परीक्षा में धोखाधड़ी की सूचना की प्रमाणिकता जांचने में सहयता करेगी।
- यह भविष्य में इस प्रकार की प्रथाओं को रोकने में सहायता करेगी।
- उन छात्रों को राहत प्रदान करेगी जो इस वर्ष उत्तीर्ण हुए हैं।
दोष
- जांच अधिक समय लेने वाली प्रक्रिया है। यदि धोखाधड़ी की घटनाएं वास्तविक हुईं तब इसका तात्पर्य गैर-मेधावी उम्मीदवारों की भर्ती है।
- आंतरिक जांच में हेर-फेर की जा सकती है क्योंकि इस बात की संभावना है कि आयोग का कोई भी व्यक्ति इसमें शामिल हो सकता है।
विकल्प 3: अस्थायी रूप से परीक्षा प्रक्रिया को निलंबित कर दें और बाह्य जांच की मांग करें।
गुण
- यह सुनिश्चित करेगा कि अनुचित साधनों का उपयोग करने वाले लोग चयनित नहीं होंगे।
- लोगों के मध्य यह संदेश प्रेषित होगा कि अध्यक्ष ईमानदार है और वह अपने व्यक्तिगत हितों की अपेक्षा सार्वजनिक हित को वरीयता देता है।
- आयोग के प्रति सामान्य लोगों और उम्मीदवारों का विश्वास पुनर्बहाल होगा।
- यह जांच प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के आंतरिक हस्तक्षेप को रोकेगा।
दोष
- कुछ वर्गों द्वारा राज्य आयोग द्वारा निष्पक्ष परीक्षा आयोजित कराने और अनियमितताओं के मामलों की जांच करने की क्षमता पर संदेह किया जाएगा।
- विलंब, योग्य उम्मीदवारों को अनिश्चितता में रखेगा।
- परीक्षा प्रक्रिया रद्द करने से पूर्व, धोखाधड़ी के आरोपों की सत्यता का पता लगाना महत्वपूर्ण है।
- यह अध्यक्ष की बेटी के चयन में भी अवरोध उत्पन्न कर सकता है।
अधिमान्य कार्रवाई
यह मुद्दा SPSC की संस्थागत अखंडता से सम्बंधित है और ‘किसी प्रकार का समझौता नहीं करना’ अधिमान्य कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि सार्वजनिक विश्वास, पारदर्शिता और सिविल सेवा की भर्ती की प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य का एक बड़ा आधार है।
- पहला कदम यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की घटना हुई है या नहीं। इसे जांच के बिना भी किया जा सकता है ताकि त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके।
- यदि धोखाधड़ी कुछ केंद्रों तक ही सीमित थी तो इन केंद्रों पर परीक्षा को पुनः आयोजित करने पर विचार किया जा सकता है।
- यदि धोखाधड़ी पूरे राज्य में की गई थी तब परीक्षा को रद्द करना ही सही विकल्प है।
- कमीशन के भीतर आंतरिक जांच आरम्भ करने के अतिरिक्त, अध्यक्ष को CBI से बाह्य जांच आरम्भ करने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध करना चाहिए। इन अनियमितताओं में शामिल लोगों और उनके सहयोगियों के साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए। इससे इस मुद्दे की गंभीरता के बारे में एक मजबूत संदेश प्रेषित होगा और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित होगा।
(c) लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना, पक्षपात की आशंकाओं को समाप्त करना और कदाचार को रोकना महत्वपूर्ण है। इसे प्राप्त करने के लिए, निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है:
- पारदर्शिता और अग्रसक्रियता: समय-समय पर उम्मीदवारों के साथ परीक्षा स्कोर साझा करना, प्रश्नपत्र पर प्रतिक्रिया की मांग करना आदि।
- वन-टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR): OTR को आधार जैसी गवर्नमेंट आईडी से जोड़ा जाना चाहिए। उम्मीदवारों के आधार से जुड़े बॉयोमीट्रिक विवरण को परीक्षा के समय सत्यापित किया जा सकता है जिससे उम्मीदवारों के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठने से रोका जा सके। इससे भविष्य में भर्ती के बाद उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद से निपटा सकता है। यह प्रक्रिया महंगी और बोझिल हो सकती है लेकिन इससे पारदर्शिता में वृद्धि होगी।
- CCTVs का उपयोग: परीक्षा केंद्रों में कैमरे लगाए जाने चाहिए और वीडियो फुटेज को अनियमितता की किसी भी घटना के मामले में साक्ष्य के लिए एकत्रित किया जा सकता है।
- सुरक्षा व्यवस्था: उम्मीदवारों के पास से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की तलाशी के लिए राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों का उपयोग किया जाना चाहिए। केंद्रीय बलों का उपयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि स्थानीय पुलिस पर दबाव बनाया जा सकता है।
- जाँच दल (Squads): परीक्षा केन्द्रों पर सुरक्षा बलों और SPSC के सदस्यों को मिलाकर गठित जाँच दल द्वारा औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए।
- सख्त दंडात्मक कार्रवाई: सभी दोषी उम्मीदवारों को जीवन भर के लिए प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, आयोग में से शामिल व्यक्तियों सहित धोखाधड़ी घोटाले में सम्मिलित सभी लोगों को सख्त दंड दिया जाना चाहिए।
- उचित जांच: परीक्षा के किसी भी चरण में निजी अभिकर्ताओं के शामिल होने के पूर्ववृत्तों को उचित रूप से सत्यापित किया जाना चाहिए और पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए।
- कार्य की गंभीरता के प्रति निरीक्षकों (invigilators) को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए।
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