ब्लू वाटर क्षमता : भारतीय नौसेना की क्षमता संवर्द्धन पर आधारित सामुद्रिक क्षमता परिप्रेक्ष्य योजना

प्रश्न: ब्लू वाटर क्षमताएँ पद का क्या अर्थ है? इस प्रसंग में भारतीय नौसेना की ब्लू वाटर क्षमताओं का संवर्धन करने के लिए किए गए प्रमुख उपायों की पहचान कीजिए। (150 शब्द)

दृष्टिकोण

  • ब्लू वाटर क्षमता को विभिन्न वैचारिक विभिन्नताओं के आधार पर परिभाषित कीजिए।
  • भारतीय नौसेना की क्षमता संवर्द्धन पर आधारित सामुद्रिक क्षमता परिप्रेक्ष्य योजना का उल्लेख कीजिए।
  • भारतीय नौसेना द्वारा स्वयं को इस क्षेत्र में सक्षम, प्रतिस्पर्धी बनाने के क्रम में विशिष्ट क्षमताओं के अभिग्रहण और संवर्द्धन हेतु उठाए गए कदमों का उल्लेख कीजिए।
  • आगे किये जा सकने वाले उपायों का सुझाव देते हुए निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर

सामुद्रिक अभियान के सामर्थ्य (maritime expeditionary capabilities) से युक्त नौसेना की खुले महासागर के गहरे जलीय क्षेत्रों (deep waters) में परिचालन करने की क्षमता को ब्लू वॉटर क्षमता कहा जाता है। हालांकि विशिष्टताएं अलग-अलग देशों के लिए भिन्न-भिन्न होती हैं किन्तु अधिकांश नौसेनाओं का यह मानना है कि एक ब्लू-वाटर नौसेना खुले महासागरों में लंबे समय तक और निरंतर अभियानों का संचालन करने में सक्षम होती है। ऐसी नौसेना सुदूर सामुद्रिक क्षेत्रों में विश्वसनीय शक्ति प्रदर्शित करने में सक्षम होती है।

ब्लू वाटर नौसेना की विशेषताएं

  • ब्लू वाटर सक्षम नौसेना के ऑपरेशन समुद्रवर्ती या तटीय क्षेत्र के बजाय वैश्विक होते हैं। इस क्षमता के कारण कोई देश अपनी घरेलू सीमा से कहीं दूर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने में सक्षम होता है।
  • यह प्रमुख सामरिक जहाजों जैसे युद्धपोत/युद्धक क्रूजर, विमान वाहक पोतों और परमाणु पनडुब्बियों से लैस होता है।

भारत ने 2007 के मेरीटाइम कैपेबिलिटीज़ पर्सपेक्टिव प्लान (समुद्री क्षमता परिप्रेक्ष्य योजना, 2007) के अंतर्गत ब्लू वाटर क्षमताओं को विकसित करने की अपनी आकांक्षा को रेखांकित किया था। भारतीय नौसेना को ‘ब्लू-वॉटर सक्षम’ बनाने हेतु किए गए विभिन्न उपाय निम्नलिखित हैं:

  • भारतीय नौसेना सिंगल करियर टास्क फोर्स जैसे विमान वाहक INS विक्रमादित्य, और कई अन्य सतह एवं उप-सतह युद्धक पोतों जैसे वृहद बेड़े द्वारा संचालित हैं।
  • रूस से एक अकुला-श्रेणी की परमाणु चालित युद्धक पनडुब्बी को लीज पर लेने के साथ ही भारतीय नौसेना वर्तमान में स्वदेशी रूप से विकसित परमाणु चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी, INS अरिहंत का संचालन कर रही है।
  • यह नौसेनाओं के संयुक्त अभ्यास (जैसे-भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य त्रिपक्षीय नौसैन्य अभ्यास मालाबार- 2018) के माध्यम से अन्य देशों की नौसेना के साथ संबद्ध होने और उनसे मित्रतापूर्ण संबंधों को विकसित करने एवं उन्हें बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना का प्रयास है।
  • अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाहों के उपयोग के लिए सहयोग जैसे सिंगापुर में चांगी पोर्ट और ओमान में डुक्म पोर्ट।
  • भारतीय नौसेना अपनी निगरानी और महत्वपूर्ण विमानन क्षमताओं को सशक्त करने के लिए अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों को भी शामिल करने की प्रक्रिया में है। जैसे जापान के साथ यूएस -21 एम्फीबियन प्लेन्स के अधिग्रहण के लिए वार्ता चल रही है।

हालांकि, कुछ ऐसे मुद्दे भी हैं जिनका समाधान ब्लू वाटर क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए निर्माण के समय को कम करने और नौसेना के लिए अनुसंधान एवं उत्पादन में सहायता करने के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड की क्षमता और विशेषज्ञता को बढ़ाने के लिए भी निजी क्षेत्र को शामिल किए जाने की आवश्यकता है।

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