1 . निम्नलिखित में से किस/किन का उपयोग जैव उर्वरता के रूप में किया जाता है?
1. एजोला
2. नील हरित शैवाल
3. अल्फाल्फा
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 2
(b) 1 और 2
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (b) 1 और 2
- जैव उर्वरकों (Bio Fertilizers) को निम्नलिखित चार भागों में बांटा जा सकता है-
1. नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जैव उर्वरक राइजोबियम, एजोटोबैक्टर, एजोस्पिरिलम, एसेटोबैक्टर, नील हरित शैवाल (बीजीए) और एजोला
2. फॉस्फोरस घुलाने वाले जैव उर्वरक – बैसिलस, स्यूडोमोनास, एस्परजिलस
3. कंपोस्टिंग एक्सीलेरेटर- सेलुलोलिटिक (ट्राइकोडर्मा), लिग्नोलिटिक (ह्यूमीकोला)
4. पौधों की वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाले राइजोबैक्टीरिया- स्यूडोमोनास की प्रजाति
- इस प्रकार नील हरित शैवाल (Blue green Algae) और एजोला जैव उर्वरक हैं, जबकि अल्फाल्फा एक प्रकार का फलीदार पौधा है।
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2. निम्न में से कौन जैव उर्वरक के रूप में उपयोग होता है?
(a) राइजोबियम
(b) नील हरित शैवाल
(c) एजोला
(d) उपरोक्त सभी
[Chhattisgarch P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (d) उपरोक्त सभी
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जैव उर्वरक राइजोबियम, एजोटोबैक्टर, एजोस्पिरिलम, एसेटोबैक्टर, नील हरित शैवाल (बीजीए) और एजोला है।
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3. निम्नलिखित में से कौन एक जैव उर्वरक का स्रोत है?
(a) यीस्ट
(b) क्लोरेला
(c) एजोला
(d) मोल्ड
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008, U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर – (c) एजोला
- एजोला एक जैव उर्वरक का स्रोत है।
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4. निम्नलिखित में से कौन जैव उर्वरक के रूप में प्रयुक्त होता है/होते हैं?
1. एजोला
2. नील हरित शैवाल
3. अल्फा-अल्फा
4. नाइट्रोलीन
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए :
कूट :
(a) 2 तथा 4
(b) 1, 2 तथा 4
(c) 2, 3 तथा 4
(d) 1, 2 तथा 3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2001, 2002]
उत्तर – (b) 1, 2 तथा 4
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जैव उर्वरक राइजोबियम, एजोटोबैक्टर, एजोस्पिरिलम, एसेटोबैक्टर, नील हरित शैवाल (बीजीए) और एजोला है।
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5. निम्नलिखित में से कौन-सा एक नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीव नहीं है?
(a) नोस्टॉक
(b) एनाबिना
(c) एजोटोबैक्टर
(d) माइकोराइजा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर – (d) माइकोराइजा
- प्रश्नगत विकल्पों में नोस्टॉक, एनाबिना तथा एजोटोबैक्टर नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीव हैं, जबकि माइकोराइजा नाइट्रोजन स्थिरीकरण नहीं करता है।
- माइकोराइजा उच्च वर्गीय पादपों की जड़ों एवं कवकों के बीच सहजीवी संबंध प्रदर्शित करता है।
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6. नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु किस पौधे की जड़ के साथ संयोजन करते हैं?
(a) दालें
(b) चावल
(c) गेहूं
(d) गन्ना
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (a) दालें
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु दलहनी फसलों (दालों) की जड़ों के साथ सहजीवी संयोजन करते हैं।
- ये वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर उसे अमोनिया में बदलते हैं, जो कि अमोनियम आयनों के रूप में नाइट्रीकारक जीवाणुओं द्वारा ग्रहण कर नाइट्राइट एवं फिर नाइट्रेट आयनों में परिवर्तित कर दी जाती है, जिसे मृदा के माध्यम से पादप ग्रहण करते हैं।
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7. पौधों के द्वारा ली जाने वाली नत्रजन का रूप है:
(a) नाइट्रेट
(b) नाइट्रिक अम्ल
(c) क्लोराइड
(d) ऑक्साइड
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (a) नाइट्रेट
- पौधों के द्वारा ली जाने वाली नत्रजन का रूप नाइट्रेट है।
- नाइट्रेट नाइट्रोजन का वह रूप है, जो पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिए सर्वाधिक उपयोगी है।
- यह जल में आसानी से घुल जाता है।
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8. पशुओं, विशेषतः दुधारू-गो, के अनुपूरक भोजन के रूप में प्रयुक्त जैव उर्वरक है-
(a) अजोस्पाइरीलियम
(b) एजोला
(c) एजोटोबैक्टर
(d) राइजोबियम
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (b) एजोला
- दुधारू पशुओं पर किए गए प्रयोगों से साबित हुआ है कि जब इन पशुओं को उनके दैनिक आहार के साथ 1.5 से 2 किग्रा. एजोला प्रतिदिन दिया जाता है, तो दुग्ध उत्पादन में 15-20 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की जाती है।
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9. निम्नांकित में से कौन सुमेलित नहीं है?
(a) नील हरित शैवाल |
जैव उर्वरक |
(b) क्रायोसोपा |
माहो नियंत्रण |
(c) बायो 902 |
सरसों का कायक्लोन |
(d) एजोटोबैक्टर |
जैव कीटनाशी |
[U.P.Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2002, 2003]
उत्तर – (d) एजोटोबैक्टर – जैव कीटनाशी
- ‘एजोटोबैक्टर’ (Azotobacter) एक जीवाणु है।
- इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य नाइट्रोजन उपलब्धता के संदर्भ में है, क्योंकि यह मृदा में स्वतंत्र रूप से रहकर असहजीवी नाइट्रोजन यौगिकीकरण (Non Symbiotic Nitrogen Fixation) करता है, जिसका उपयोग पौधे अपनी वृद्धि एवं विकास (Development) के लिए करते हैं।
- ध्यातव्य है कि एजोटोबैक्टर जीवाणु (वायुवीय) स्वतंत्र रूप से रहकर मुख्य नाइट्रोजन यौगिकीकरण करने वाले जीवाणु होते हैं।
- अन्य प्रश्नगत युग्म सुमेलित हैं।
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10. निम्नलिखित किस फसल में नील हरित शैवाल, मुख्यतः जैव उर्वरक के रूप में प्रयोग होते हैं?
(a) गेहूं
(b) चना
(c) धान
(d) सरसों
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर – (c) धान
- विभिन्न फसलों में जैव उर्वरक (Biofertilizer) के रूप में सूक्ष्मजीवों, जैसे एजोटोबैक्टर (Azotobacter), एजोस्पिरिलम (Azospirillum), राइजोबियम (Rhizobium), नील हरित शैवाल (Blue green Algae) और फॉस्फेट सोलूबिलाइजिंग बैक्टीरिया (Phosphate Solubilizing bacteria) का प्रयोग किया जाता है।
- ये सभी सूक्ष्म जीव विभिन्न प्रक्रियाओं यथा नाइट्रोजन निर्धारण, फॉस्फेट सोल्यूबिलाइजर एवं पौध वृद्धि तत्वों के उत्पादन द्वारा पौधों के वर्धन को प्रोत्साहित करते हैं।
- नील हरित शैवाल का उपयोग जैव उर्वरक के रूप में नत्रजन आपूर्ति हेतु मुख्यतः धान की फसल में किया जाता है।
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11. नील हरित शैवाल का उपयोग नत्रजन आपूर्ति हेतु किया जाता है-
(a) बाजरा को
(b) मक्का को
(c) धान को
(d) गेहूं को
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (c) धान को
- नील हरित शैवाल का उपयोग जैव उर्वरक के रूप में नत्रजन आपूर्ति हेतु मुख्यतः धान की फसल में किया जाता है।
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12. निम्न के साथ मिलाने से एजोला एक अच्छा उर्वरक होता है :
(a) नील हरित शैवाल
(b) हड्डी का चूरा
(c) गोबर
(d) यूरिया
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (a) नील हरित शैवाल
- नील हरित शैवाल (सायनो बैक्टीरिया) एजोला का सहचारी है और इसे साथ में मिलाने से अच्छी उर्वरकता प्राप्त होती है।
- नील हरित शैवाल (Blue Green Algae) एक अति सूक्ष्म प्रोकैरियाटिक शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) होते हैं, जबकि एजोला (Azolla) एक जलीय फर्न (Aquatic Fern) है, जिसकी पत्तियों की पृष्ठीय सतह पर पाई जाने वाली गुहिकाओं में रहने वाले जीवाणु एनाबीना एजोली की मदद से यह नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर उपज क्षमता की वृद्धि में सहायक होते हैं।
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13. एज़ोला बहुधा जैव उर्वरक के रूप में प्रयोग किया जाता है, क्योंकि इसका सहचारी है-
(a) नील हरित शैवाल
(b) लाल शैवाल
(c) फफूंद
(d) मॉस
[U.P.P.C.S (Mains) 2011]
उत्तर – (a) नील हरित शैवाल
- नील हरित शैवाल (सायनो बैक्टीरिया) एजोला का सहचारी है और इसे साथ में मिलाने से अच्छी उर्वरकता प्राप्त होती है।
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14. एजोला है, एक-
(a) जलीय फर्न
(b) जलीय एल्गी
(c) जलीय बैक्टीरिया
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010]
उत्तर – (a) जलीय फर्न
- एजोला (Azolla) एक जलीय फर्न (Aquatic Fern) है, जिसकी पत्तियों की पृष्ठीय सतह पर पाई जाने वाली गुहिकाओं में रहने वाले जीवाणु एनाबीना एजोली की मदद से यह नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर उपज क्षमता की वृद्धि में सहायक होते हैं।
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15. जलीय फर्न, जिसे जैव उर्वरक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, वह है –
(a) साल्विनिया
(b) एजोला
(c) मार्सिलिया
(d) टेरिडियम
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]
उत्तर – (b) साल्विनिया
- एजोला (Azolla) एक जलीय फर्न (Aquatic Fern) है।
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16. निम्नलिखित में से कौन-से सूक्ष्मजीवी, जैव उर्वरक के रूप में प्रयोग होते हैं?
(a) सायनो बैक्टीरिया
(b) प्रोटोजोआ
(c) विषाणु
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर – (a) सायनो बैक्टीरिया
- नील हरित शैवाल (सायनो बैक्टीरिया) एजोला का सहचारी है और इसे साथ में मिलाने से अच्छी उर्वरकता प्राप्त होती है।
- नील हरित शैवाल (Blue Green Algae) एक अति सूक्ष्म प्रोकैरियाटिक शैवाल (सायनोबैक्टीरिया) होते हैं।
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17. निम्नलिखित में से कौन-से सूक्ष्म जीव, जैव उर्वरक के रूप में प्रयोग होते हैं?
(a) विषाणु
(b) कवक
(c) प्रोटोजोआ
(d) सायनो बैक्टीरिया
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर – (d) सायनो बैक्टीरिया
- सायनो बैक्टीरिया जैव उर्वरक के रूप में प्रयोग होते हैं।
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18. फसलोत्पादन में ‘नत्रजन उपयोग क्षमता’ की वृद्धि की जा सकती है-
(a) उर्वरक की मात्रा के बार-बार प्रयोग द्वारा
(b) नत्रजन अवरोधक के प्रयोग द्वारा
(c) नत्रजन धीरे छोड़ने वाले उर्वरकों के प्रयोग द्वारा
(d) उपरोक्त सभी के द्वारा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर – (d) उपरोक्त सभी के द्वारा
- फसलोत्पादन में ‘नत्रजन उपयोग क्षमता’ (Nitrogen Use Efficiency NUE) में वृद्धि उर्वरक की मात्रा के बार-बार प्रयोग (Split Application), नत्रजन अवरोधक (Nitrogen Inhibitors) के प्रयोग, नत्रजन धीरे छोड़ने (Slow release) वाले उर्वरकों के प्रयोग आदि के द्वारा की जा सकती है।
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19. सोयाबीन में नत्रजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation) के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया है:
(a) राइजोबियम लैग्यूमिनोसैरम
(b) राइजोबियम जैपोनिकम
(c) राइजोबियम फैजियोलाई
(d) राइजोबियम ट्राईफोलाई
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर – (b) राइजोबियम जैपोनिकम
- कुछ बैक्टीरिया एवं नील हरित शैवाल (Blue-green Algae) वायुमंडलीय नाइट्रोजन को अमोनिया में अपचयित (Reduce) करने का कार्य करते हैं।
- उनमें से कुछ हरे पौधों के साथ सहयोगी अथवा सहजीवी (Symbiosis) के रूप में जीवित रहते हैं।
- लेगूमाचोसे ग्रंथित बैक्टीरिया (Nodule Bacteria) राइजोबियम (Rhizobium) है, जो झुंड विशेष में प्राप्त होते हैं।
- विभिन्न फसलों में अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो नत्रजन स्थिरीकरण के लिए उत्तरदायी होते हैं –
सोयाबीन (Soyabeans) japonicum) – राइजोबियम जैपोनिकम (Rhizobium)
तिनपतिया घास (Clover) – राइजोबियम ट्राइफोली (Rhizobium trifolii)
लुसर्न (Lucerne) – राइजोबियम मेलिलोति (Rhizobium meliloti)
जलीय फर्न (Aquatic fern) – एनाबीना एजोली (Anabaena azollae)
गुन्नेरा मैक्रोफाइला (Gunnera macrophylla) -नोस्टोक मस्कोरम(Nostoc muscorum)
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20.खेती में बायोचार का क्या उपयोग है?
1. बायोचार ऊर्ध्वाधर खेती (vertical farming) में वृद्धिकर माध्यम के अंश के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।
2. जब बायोचार वृद्धिकर माध्यम के अंश के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, तो वह नाइट्रोजन यौगिकीकारी सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को बढ़ावा देता है।
3. जब बायोचार वृद्धिकर माध्यम के अंश के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, तब वह उस वृद्धिकर माध्यम की जलधारण क्षमता को अधिक लंबे समय तक बनाए रखने में सहायक होता है। उपर्युक कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर – (d) 1, 2 और 3
- बायोचार (Biochar) उच्च कार्बन युक्त चारकोल का एक रूप है, जो मृदा में प्रयुक्त होता है।
- इसे प्रायः कृषि अपशिष्ट (धान, गेहूं, ज्वार की भूसी, कुक्कुट अपशिष्ट इत्यादि) के पायरोलिसिस द्वारा तैयार किया जाता है।
- इसके उपयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति व जलधारण क्षमता तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि होती है।
- बायोचार पर्यावरण अनुकूल पदार्थ होता है तथा मृदा से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में सहायक होता है।
- जब बायोचार वृद्धिकर माध्यम के अंश के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, तो वह नाइट्रोजन यौगिकीकारी सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को बढ़ावा देता है।
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21. इनमें से कौन-सा पौधा नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक नहीं है?
(a) चना
(b) मटर
(c) सेम
(d) धान
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर – (d) धान
- दलहनी फसलों यथा-चना, मटर, सेम एवं अरहर आदि की मूल ग्रंथिकाओं में विभिन्न प्रकार के जीवाणु पाए जाते हैं, जो कि नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक होते हैं।
- घान के खेत में प्रायः नाइट्रोजन की कमी हो जाती है, जिसकी पूर्ति हेतु मुख्यतः यूरिया, नील हरित शैवाल, एजोला आदि का प्रयोग किया जाता है।
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22. 2, 4-D है-
(a) एक कीटनाशक
(b) एक विस्फोटक
(c) एक कवकनाशी
(d) एक खरपतवारनाशी
[U.P. P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (d) एक खरपतवारनाशी
- 2,4-D (2,4-Dichlorolphenoxyacetic Acid) ऑक्सिन एक पादप हॉर्मोन है, जिसका उपयोग खरपतवारनाशी (Weedicide) के रूप में फसलों में किया जाता है।
- ध्यातव्य है कि खरपतवार (Weeds) खेतों में फसलों के साथ अनावश्यक रूप में उगकर जल, प्रकाश, खनिज, लवण इत्यादि के लिए फसलों से प्रतियोगिता करने लगते हैं, जिसके परिणामस्वरूप फसल की अच्छी वृद्धि नहीं हो पाती है।
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23. निम्नलिखित में से कौन सा कथन कंपोस्ट के संदर्भ में सही नहीं है?
(a) इसमें जैव-निम्नीकरण कचरे का अपघटन गड्ढे में होता है।
(b) इसमें कार्बनिक पदार्थ तथा पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं।
(c) गड्ढों में अपशिष्ट पदाथों की निम्नीकरण प्रक्रिया को केंचुए धीमा कर देते हैं।
(d) निम्नीकृत होने वाले पदार्थों में कृषि अपशिष्ट पदार्थ जैसे पशुओं का मल-मूत्र (गोबर), सब्जियों के अपशिष्ट आदि होते हैं।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (c) गड्ढों में अपशिष्ट पदाथों की निम्नीकरण प्रक्रिया को केंचुए धीमा कर देते हैं।
- कंपोस्ट निर्माण के समय गड्ढों में अपशिष्ट पदार्थों की निम्नीकरण प्रक्रिया को केंचुए व अन्य सूक्ष्म जीव जैसे कवक, जीवाणु आदि तेज करने में सहायक होते हैं, न कि धीमा करने में। प्रश्नगत अन्य विकल्प सही हैं।
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