भू-आकृतिक कारक के रूप में नदी की भूमिका

प्रश्न: नदी प्रवाह के दौरान निर्मित होने वाली भू-आकृतियों के उपयुक्त उदाहरणों सहित भू-आकृतिक कारक के रूप में नदी की भूमिका की व्याख्या कीजिए।

दृष्टिकोण

  • तल-संतुलन के लिए उत्तरदायी कारक के रूप में प्रवाहित जल की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  • अपने विभिन्न चरणों (युवा, प्रौढ़ावस्था और जीर्णावस्था) में भू-आकृतिक कारक के रूप में नदी की भूमिका पर चर्चा कीजिए, इसके द्वारा निर्मित विभिन्न भू-आकृतियों को उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए।

उत्तर

प्रवाहित जल, तल-संतुलन (ग्रेडेशन) का मुख्य कारक है और यह अपरदनात्मक एवं निक्षेपात्मक दोनों प्रकार की भू-आकृतियों का निर्माण करता है। अधिकांश अपरदन जनित भू-आकृतियां तीव्र ढालों पर प्रवाहित होने वाली नदियों की युवावस्था से सम्बन्धित हैं। समय के साथ, नदी चैनल खड़े ढालों को निरंतर अपरदन के कारण समतल करना शुरू कर देते हैं, और परिणामस्वरूप नदियों का वेग कम हो जाता है, जिससे निक्षेपण आरंभ होता है। एक नदी को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ऊपरी भाग, मध्य भाग और निचला भाग।

  • ऊपरी भाग (upper course)
  • मुख्यतः अपरदन (predominantly erosion)
  • उर्ध्वाधर अपरदन (vertical erosion)
  •  मध्य भाग (middle course) घाटी का चौड़ा होना  (कुछ मात्रा में निक्षेपण)(valley wideninig (some deposition)
  • निचला भाग (lower course)
  • निक्षेपण (deposition)
  • जलोढ़ निक्षेप (alluvium deposition)

अपरदनात्मक भू-आकृतियाँ (ऊपरी भाग)

  •  घाटियां – गॉर्ज, कैनियन
  • गॉर्ज एक गहरी घाटी है जिसके दोनों पार्श्व तीव्र ढाल वाले होते हैं। गॉर्ज, कठोर चट्टानी क्षेत्र में निर्मित होता है, इसके शीर्ष तथा आधार भाग की चौड़ाई लगभग समान होती है।
  • कैनियन की विशेषता इसका तीव्र पार्श्विक ढाल होता है तथा यह गॉर्ज जितना ही विस्तृत हो सकता है। कैनियन, अपने तल की तुलना में शीर्ष पर चौड़ा होता है और इनका निर्माण क्षैतिज संस्तरित अवसादी चट्टानों में होता है।
  • जल गर्तिका (Pot holes), अवनमित कुंड (Plunge pools)
  • नदी की धारा की जलगतिक क्रिया और अपरदनकारी शक्ति के कारण पर्वतों की चट्टानी संस्तर पर निर्मित लगभग वृत्ताकार गर्गों को जल गर्तिका कहते हैं।
  • अवनमित कुंड बड़े, गहरे गर्त होते हैं जो सामान्यतः एक जल प्रपात के तल पर पाए जाते हैं।

प्रपात गर्त सहित जल प्रपात (A waterfall with plunge pool)

  • नदी(stream)
  • जल-प्रपात( waterfall)
  • कठोर शैल( hard rock)
  • मुलायम शैल( soft rock)
  • अपरदित मलबा( eroded debris)
  • अवनमित कुंड(plunge pool)

अधःकर्तित विसर्प या गभीरीभूत विसर्प (Incised or Entrenched Meanders)

  • ये अत्यंत गहरे चौड़े विसर्प (लूप-जैसे चैनल) हैं जो कठोर चट्टानों में कटाव के द्वारा निर्मित होते हैं।

नदी वेदिकाएं (River Terraces) 

  • ये पुराने घाटी तल या बाढ़ के मैदानों को चिन्हित करने वाली सतह हैं, जो नदी धारा के द्वारा होने वाले लंबवत अपरदन का परिणाम हैं।
  • जब वेदिकाओं की ऊंचाई, नदी के दोनों ओर समान होती है, तो उन्हें युग्मित वेदिका कहा जाता है।
  • जब वेदिकाएं केवल एक तरफ दिखाई देती है और दूसरी तरफ कोई वेदिका नहीं होती है या भिन्न ऊँचाई पर होती है, तब उन्हें अयुग्मित वेदिका कहा जाता है।

युग्मित वेदिका का उदाहरण 

  • वेदिका(Terrace)
  • नदी( River)

निक्षेपात्मक भू-आकृतियाँ (नदी का मध्य और निचला भाग)

  •  जलोढ़ पंख – नदी जब पर्वतीय ढाल के सहारे नीचे उतर कर मंद ढाल के मैदानों में प्रवेश करती है, तब उसकी भार वहन क्षमता में कमी आती है। इस कारण नदी स्वयं के द्वारा बहाकर लाये गए अवसादों को निक्षेपित करती है, फलस्वरूप बड़ी एवं छोटी शंक्वाकार आकृतियों का निर्माण होता है, जिन्हें जलोढ़ पंख कहा जाता है। यह अवसाद या तलछट पूर्णतः पृथक्कृत नहीं होता है।
  • डेल्टा -डेल्टा एक जलोढ़ पंख की ही तरह होते हैं, लेकिन इसके विकसित होने का स्थान भिन्न होता है। ये नदी के मुहाने पर पाए जाते हैं, जो किसी नदी की निक्षेपात्मक गतिविधि का अंतिम स्थान होता है। ० जलोढ़ पंख के विपरीत, डेल्टा का निक्षेप पृथक्कृत और स्तरीकृत होता है।
  • बाढ़ के मैदान, प्राकृतिक तटबंध – नदी के निक्षेपों से निर्मित नदी तल सक्रिय बाढ़ के मैदान है और नदी तट के ऊपर निर्मित बाढ़ का मैदान निष्क्रिय बाढ़ का मैदान है। बड़ी नदियों के किनारे प्राकृतिक तटबंध पाए जाते हैं। ये नदी के किनारे निक्षेपित निम्न ऊंचाई वाले, रैखिक और समानांतर कटक हैं।
  • गुम्फित चैनल – जब नदी द्वारा प्रवाहित स्थूल पदार्थों का निक्षेपण उसके मध्य में लंबी रोधिका के रूप में होता है तो नदी धारा दो शाखाओं में विभाजित हो जाती है और यह प्रवाह किनारों पर पार्श्व अपरदन में वृद्धि करता है। जब अधिक संख्या में ऐसी रोधिका बनती हैं, तब गुम्फित चैनल का निर्माण होता है। नदीय द्वीप, गुम्फित चैनलों के परिणामस्वरूप निर्मित होते हैं।

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