सुशासन (गुड गवर्नेस) : सरकार द्वारा प्रारंभ महत्वपूर्ण पहलों का वर्णन
प्रश्न: सुशासन (गुड गवर्नेस) शब्द से आप क्या समझते हैं? भारत के संदर्भ में, सुशासन को बढ़ावा देने के लिए हाल के वर्षों में आरंभ किए गए प्रमुख पहलों की पहचान कीजिए।
दृष्टिकोण
- ‘सुशासन’ शब्द की व्याख्या कीजिए।
- इस संदर्भ में सरकार द्वारा प्रारंभ महत्वपूर्ण पहलों का वर्णन कीजिए।
- भारतीय संदर्भ में सुशासन क्यों महत्वपूर्ण है? चर्चा कीजिए।
उत्तर
शासन शक्ति और नीतियों के प्रबंधन की गत्यात्मक क्रियाविधि है जबकि सरकार इस क्रियाविधि को संचालित करने वाला उपकरण है। सुशासन, शासन की गुणवत्ता से संबंधित सकारात्मक गुणों एवं मूल्यों को स्पष्ट करता है। इस प्रकार यह एक गत्यात्मक अवधारणा है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार इसमें 8 प्रमुख लक्षण होते हैं:
- भागीदारी
- सर्वसम्मति के प्रति उन्मुखता
- जवाबदेही
- पारदर्शिता
- प्रतिक्रियात्मकता
- प्रभाविता एवं दक्षता
- न्यायसंगतता और समावेशिता
- विधि के शासन का अनुपालन
यह सुनिश्चित करता है कि भ्रष्टाचार में कमी हो, अल्पसंख्यकों के विचारों को महत्व प्रदान किया जाए तथा नीति निर्माण में समाज के सर्वाधिक वंचित लोगों की आवाज़ सुनी जाए। यह समाज की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के प्रति भी प्रतिक्रियात्मक होता है। \
सरकार द्वारा प्रारंभ की गई प्रमुख पहले:
शासन को नागरिक केंद्रित बनाने के लिए, सरकार द्वारा अनेक पहलें प्रारंभ की गयी हैं। इनमें से प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं:
- सूचना का अधिकार अधिनियम और ई-गवर्नेस द्वारा शासन में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस: इसका उद्देश्य व्यवसाय प्रारंभ करने एवं संचालित करने में आने वाली प्रक्रियात्मक बाधाओं को दूर करना है।
- डिजिटल इंडिया: इसकी प्रकृति रूपांतरणकारी है और यह नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से सरकारी सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। साथ ही, यह इलेक्ट्रॉनिक रूप से सरकारी सेवाओं के अनिवार्य वितरण के माध्यम से अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
- सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit): सामाजिक अंकेक्षण किसी संगठन के सामाजिक और नैतिक प्रदर्शन को मापने, समझने, रिपोर्ट करने और अंततः इसमें सुधार लाने की एक विधि है।
- प्रगति (PRAGATI), सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य और जिला स्तर पर निगरानी समितियों की स्थापना आदि जैसी पहले।
- इसके अतिरिक्त लोगों को सरकार के साथ जुड़ने और सुशासन में प्रतिभागी बनाने के लिए सरकार द्वारा दो नागरिक केंद्रित पोर्टलों mygov@nic.in और india.gov.in को आरंभ किया गया है।
इन पहलों का महत्व
- सुशासन सम्पूर्ण प्रणाली द्वारा एक निष्पक्ष और समावेशी रीति से कार्य का संचालन सुनिश्चित करता है। वास्तव में वंचित समूहों, विशेष रूप से अनुसूचित जातियों (SCs), अनुसूचित जनजातियों (STs), अल्पसंख्यकों आदि को भी शासन एवं निर्णय निर्माण प्रक्रिया में समान भागीदारी की अनुभूति होनी चाहिए।
- सुशासन सरकार की वैधता में मतदाताओं के विश्वास को बनाए रखता है। यह देश में विधि के शासन को बनाये रखने में सहायक होता है।
विगत कुछ वर्षों में भारत ने एक जीवंत और कार्यात्मक लोकतंत्र के साथ महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक प्रगति प्राप्त की है। हालांकि अभी भी भ्रष्टाचार, अनावश्यक विवेकाधिकार जैसी कुछ चुनौतियां विद्यमान हैं। इनके कारण भारतीय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और इसका विकास करने हेतु सुशासन पर अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
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