भारत में विज्ञान की शिक्षा तक महिलाओं की पहुंच के मार्ग में आने वाली बाधाओं पर चर्चा

प्रश्न: भारत में विज्ञान की शिक्षा तक महिलाओं की पहुंच के मार्ग में आने वाली बाधाओं पर चर्चा कीजिए और इन बाधाओं को दूर करने के लिए उपचारात्मक उपाय भी सुझाइए।

दृष्टिकोण

  • भारत में विज्ञान की शिक्षा तक महिलाओं की पहुंच के मार्ग में आने वाली बाधाओं का उल्लेख कीजिए।
  • उपचारात्मक उपायों पर चर्चा कीजिए।

उत्तर

परंपरागत रूप से, भारत में विज्ञान की शिक्षा पुरुष प्रधान रही है। सरकार द्वारा छात्रवृत्ति कार्यक्रम जैसे विभिन्न कदम उठाए जाने के बावजूद, विज्ञान की शिक्षा तक महिलाओं की पहुंच में सुधार न हो पाने के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं:

  • छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान की शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूलों और कॉलेजों का सामान्यतः अभाव है।
  • आवासीय सुविधा और लंबी दूरी की परिवहन प्रणालियों का अभाव एक अवरोध के रूप में कार्य करता है।
  • विज्ञान की शिक्षा प्राप्त करना अत्यधिक महँगा है।
  • इसके अतिरिक्त, सामाजिक-सांस्कृतिक पूर्वाग्रहों का पुरुषों के प्रति झुकाव, महिलाओं के विज्ञान के क्षेत्र में करियर निर्माण के मामले में एक हतोत्साहित करने वाला कारक बनता है।
  • लैंगिक रूढ़िवादिता, समाज में लिंग विशिष्ट भूमिकाओं के वर्गीकरण का प्रमुख कारण है जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं को कम अवसर प्राप्त होते हैं। उदाहरण के लिए, जो महिलाएं विज्ञान में करियर का चयन करती हैं, वे सामान्यतया अध्यापन संबंधी रोजगार तक ही सीमित रह जाती हैं।
  • महिलाओं के रोजगार और परिवार के मध्य संतुलन स्थापित करने के संघर्ष के कारण उनके शिक्षा और करियर पर विराम लग जाता है।
  • शैक्षणिक अवसर, करियर में प्रगति और वेतन के संदर्भ में लैंगिक अंतराल निरंतर उच्च बना हुआ है।
  • भारत में विज्ञान की शिक्षा तक महिलाओं की पहुंच में वृद्धि हेतु समर्पित नीतियों और कार्यक्रमों का अभाव है।
  • तकनीकी क्षेत्र में व्याप्त सामाजिक पूर्वाग्रह, इस क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने में अवरोध उत्पन्न करते है।

उपचारात्मक उपाय:

  • कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान की शिक्षा के अतिरिक्त, सरकार द्वारा छात्रावास और परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ ही महिलाओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  • विज्ञान की शिक्षा तक महिलाओं की पहुंच के महत्व को उजागर करना, परामर्श प्रदान करके महिलाओं को प्रेरित करना तथा इससे संबंधित पूर्वागृहों का निवारण किया जाना आवश्यक है।
  • अनुकूल एवं सक्षम परिवेश के निर्माण हेतु अधिक धनराशि का आवंटन और लिंग-विशिष्ट पहलों की रूपरेखा का निर्माण किया जाना चाहिए।
  • इसके साथ ही, राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति जैसी विज्ञान संबंधी लिंग-विशिष्ट योजनाओं को प्रारंभ किया जाना भी एक सहायक कदम होगा।
  • संगठनात्मक स्तर पर परिवर्तन करना, जहां व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण तकनीकी नौकरियों में महिलाओं के प्रवेश और प्रोन्नति के साथ समझौता नहीं किया जाये।
  • शिक्षा में महिलाओं के संदर्भ में ज्ञान को समृद्ध करना, जिससे महिलाओं को विज्ञान के क्षेत्र में करियर संबंधी एक सुविज्ञ निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
  • इसके साथ ही संस्थागत स्तर पर तकनीकी शिक्षा में महिलाओं की सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए UDAN जैसी योजनाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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