सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु भारत की आवश्यकताओं के बारे में संक्षिप्त परिचय

प्रश्न: सीमा चौकसी की पारम्परिक विधियों का संवर्द्धन करने हेतु तकनीकी समाधान आवश्यक हैं। इस संदर्भ में, व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम: CIBMS) के विभिन्न घटकों का उल्लेख करते हुए, चर्चा कीजिए कि सीमा सुरक्षा की वर्तमान व्यवस्था में विद्यमान कमियों को दूर करने में यह कैसे सहायता कर सकता है।

दृष्टिकोण

  • सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु भारत की आवश्यकताओं के बारे में संक्षिप्त परिचय दीजिए। 
  • CIBMS के विभिन्न घटकों का उल्लेख कीजिए।
  • सीमा सुरक्षा की वर्तमान प्रणाली में विद्यमान कमियों का उल्लेख करते हुए यह बताइए कि किस प्रकार CIBMS इन कमियों को दूर करने में सहायता कर सकता है।
  • उपर्युक्त बिन्दुओं के आधार पर निष्कर्ष दीजिए।

उत्तर

भारत की लम्बी सीमाओं तथा अवैध गतिविधियों जैसे कि आतंकवाद तथा तस्करी को रोकने में प्रभावशाली सीमा प्रबंधन के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा एक व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) के क्रियान्वयन को आवश्यक माना गया है। CIBMS को अधिक सुदृढ़ तथा एकीकृत प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया गया है जो मानव संसाधन, हथियारों तथा उच्च तकनीकी निगरानी उपकरणों के समेकित रूप से एकीकरण द्वारा सीमा सुरक्षा की वर्तमान प्रणाली में विद्यमान कमियों का समाधान करेगी।

CIBMS के घटक:

  • उन्नत उच्च-तकनीकी निगरानी उपकरण जैसे कि सेंसरों, डिटेक्टरों, कैमरों, भू-आधारित रडार प्रणालियों, माइक्रो एयरोस्टैट्स व लेज़र के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा की चौबीस घंटे निगरानी हेतु पहले से विद्यमान उपकरण;
  • इन विविध उच्च तकनीकी निगरानी एवं खोजी उपकरणों द्वारा एकत्रित डेटा के प्रेषण हेतु फाइबर-ऑप्टिक केबल्स और उपग्रह संचार सहित सक्षम तथा समर्पित संचार नेटवर्क; एवं
  • डेटा के एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रेषण और विश्लेषण हेतु एक कमान एवं नियंत्रण केंद्र (कमांड एंड कंट्रोल सेंटर)। यहाँ डेटा को प्रेषित करने से स्थल पर होने वाली घटनाओं के बारे में वरिष्ठ कमांडरों को अवगत कराया जा सकेगा। इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय सीमा की एक समग्र तस्वीर उपलब्ध कराई जायेगी जो खतरों को विश्लेषित एवं वर्गीकृत करने में वरिष्ठ कमांडरों की सहायता करेगी तथा साथ ही फील्ड कमांडर को उसकी प्रतिक्रिया में सहायता प्रदान करने के लिए तदनुसार संसाधनों को गतिशील बनाने में भी सहयोग प्राप्त हो सकेगा।

CIBMS विद्यमान सीमा प्रबंधन प्रणाली की निम्नलिखित कमियों का समाधान करने में भी सक्षम होगा:

  • सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने में व्याप्त दोष।
  • प्रतिकूल जलवायवीय परिस्थितियों में कार्य करने में अक्षमता।
  • बाड़ों के साथ प्रवाहित होने वाली नदियों व नालों पर विद्यमान महत्वपूर्ण अंतरालों के कारण सुरक्षा में चूक।
  • सीमा पर थकानग्रस्त एवं गहन मानव-शक्ति पर आश्रित BSF सैन्य-दल। 
  • सभी स्तरों पर साझा रूप से परिचालित एकीकृत परिदृश्य की अनुपस्थिति।

CIBMS का उद्देश्य अंततः अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की मानवकृत निगरानी/गश्त को इलेक्ट्रानिक निगरानी द्वारा प्रतिस्थापित करना तथा BSF सैनिकों को, उनकी संसूचन और भेदन क्षमताओं को बढ़ाने हेतु, त्वरित प्रतिक्रिया दलों में संगठित करना है, जो निश्चित रूप से भारत के सीमा सुरक्षा प्रबंधन में निर्णायक सिद्ध हो सकता है।

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