भारत की जटिल सुरक्षा चुनौतियों का संक्षिप्त परिचय

प्रश्न: भारत की जटिल सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए, UAVs में कई मोर्चों पर भारतीय सशस्त्र बलों की सहायता करने की क्षमता है। व्याख्या कीजिए।

दृष्टिकोण

  • भारत की जटिल सुरक्षा चुनौतियों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  • व्याख्या कीजिए की किस प्रकार UAVs (मानव रहित विमान) इन चुनौतियों का सामना करने में सशस्त्र बलों को सहायता प्रदान कर सकते हैं।
  • इसके नकारात्मक प्रभावों की संक्षिप्त व्याख्या करते हुए निष्कर्ष स्वरूप आगे की राह सुझाइए।

उत्तर

भारत कई मोर्चों जैसे अशांत पड़ोसी देश, सामाजिक एकजुटता का अभाव, वामपंथी अतिवाद, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा मुद्दों आदि पर जटिल आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस परिदृश्य में, मानव रहित विमान (Unmanned Aerial Vehicles: UAVs) कई मोर्चों पर भारतीय सशस्त्र बलों की सहायता करने में सक्षम हैं, जैसे:

  • किसी भी दुर्गम क्षेत्र में सरल तैनाती- उन स्थितियों में UAVS को सरलता से तैनात किया जा सकता है, जहाँ मानव पायलट विमान को भेजने का जोखिम अस्वीकार्य या अव्यवहार्य है।
  • सीमा निगरानी- नदियों और मरुस्थल जैसे प्राकृतिक विशिष्टताओं वाले क्षेत्रों, जहां सीमा पर लगायी गयी बाड़ों में अंतराल मौजूद हैं, में UAVs 24×7 की रियल टाइम निगरानी प्रदान कर सकते हैं।
  • खोज एवं बचाव अभियान- UAVs विशेषतः हमले के पश्चात् होने वाले इस प्रकार के ऑपरेशनों को त्वरित एवं कुशल बनाते हैं।
  • सुदूरवर्ती जांच एवं परीक्षण– भारत ने UAVs “रूस्तम -2” और “निशांत” को विकसित किया है। ये शत्रुओं के स्थान को ज्ञात करने, रणनीतिक सुविधाओं का पता लगाने व खुफिया जानकारी एकत्रित करने में सहायता कर सकते हैं।
  • सुदूरवर्ती हमले- ऐसी परिस्थिति में जहां सेना को युद्धक्षेत्र में भेजना मानव जीवन के संदर्भ में महंगा सिद्ध हो सकता है, वहां ड्रोन आर्थिक रूप से अधिक बेहतर होते हैं। उदाहरण- अमेरिकी सेना द्वारा पश्चिम एशियाई युद्धक्षेत्र में ड्रोन का उपयोग करना। “लक्ष्य” UAV को भी इसी उद्देश्य से एक हवाई लक्ष्य प्रणाली के साथ विकसित किया गया है।
  • सटीक कार्यवाही- सेना को आवश्यक कार्रवाई के लिए अधिक भीतर नज़दीक जाने की आवश्यकता के बिना सटीक आक्रमण करने हेतु प्नौद्योगिकी को विकसित किया जा रहा है।
  • ट्रैकिंग मिशन- अधिकारियों द्वारा मिशनों को रियल-टाइम में ट्रैक किया जा सकता है, क्योंकि UAVs रियल-टाइम वीडियो स्ट्रीम प्रदान करने में सहायता करते हैं।
  • दूरस्थ क्षेत्रों में अवसंरचना निर्माण- UAVs सीमाओं पर अवसंरचना निर्माण हेतु विभिन्न संगठनों जैसे- सीमा सड़क संगठन (Border Road Organization: BRO) की क्षमताओं में वृद्धि कर सकते हैं।
  • लॉजिस्टिक– UAVs द्वारा आवश्यकता के समय सैनिकों को कार्गो पहुँचाने में सहायता की जा सकती हैं।

इस प्रकार UAVs सशस्त्र बलों को कई तरीकों से लाभान्वित करते हैं। हालांकि उनकी क्षमता का बेहतर उपयोग करने हेतु पर्याप्त विनियमों और मानक परिचालन प्रक्रियाओं को विकसित करने की भी आवश्यकता है।

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