भारत की कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति की संक्षिप्त व्याख्या : भारत की कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति की संक्षिप्त व्याख्या

प्रश्न: भारत की कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति के उद्दश्यों को प्राप्त करने में हुई प्रगति और बाधाओं की चर्चा कीजिए। इन बाधाओं को दूर करने के उपाय भी सुझाइए।

दृष्टिकोण

  • भारत की कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति की संक्षिप्त व्याख्या कीजिये।
  • इसके संदर्भ में अभी तक हुई प्रगति का उल्लेख कीजिये।
  • इसके उद्देश्यों को प्राप्त करने में आने वाली बाधाओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  • इन बाधाओं को दूर करने के उपायों का सुझाव देते हुए निष्कर्ष दीजिए।

उत्तर

भारत, मध्य एशियाई क्षेत्रों के साथ दीर्घकालिक सांस्कृतिक एवं सभ्यता संबंधी सम्बद्धताएँ साझा करता है। वर्तमान परिदृश्य में, यह क्षेत्र बाजार अवसरों, ऊर्जा सुरक्षा, अफगानिस्तान में स्थिरता तथा अंतर-क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए अति महत्वपूर्ण है। अतः वर्ष 2012 में, सरकार ने मध्य एशियाई गणराज्यों के साथ संबंधों को बढ़ावा देने के लिए ‘कनेक्ट सेंट्रल एशिया नीति’ की घोषणा की। इसका उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के लोगों के मध्य पारस्परिक संबद्धता (people to people ties), क्षमता निर्माण सहयोग, व्यापार सहयोग एवं कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना है। अभी तक इस संदर्भ में निम्नलिखित प्रगति हुई है:

  • उच्चस्तरीय यात्राओं के नियमित आदान-प्रदान एवं सभी पांच देशों में राजनयिक मिशनों की स्थापना के माध्यम से सुदृढ़ एवं जीवंत राजनीतिक संबंधों की स्थापना।
  • भारत तथा मध्य एशियाई देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों का सुदृढीकरण और सूचना एवं कौशल के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन।
  • वस्त्र, हाइड्रोकार्बन, खनिज प्रसंस्करण, निर्माण और औद्योगिक उत्पादन संबंधी क्षेत्रकों में औद्योगिक संबंधों की स्थापना।
  • भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (Indian Technical and Economic Coorporation: ITEC) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से मध्य एशिया से अत्यधिक संख्या में छात्र उच्च अध्ययन के लिए भारत आते हैं। इसके कारण दोनों क्षेत्रों के लोगों के मध्य पारस्परिक संबंधों (people to people ties) में वृद्धि हुई है।
  • इसके अतिरिक्त भारत ने अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण आर्थिक गलियारा (International North-South Economic Corridor: INSTC) और अश्गाबात समझौते के साथ-साथ TAPI (ताजिकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, भारत) पाइपलाइन जैसी कनेक्टिविटी संबंधी पहलों में भागीदारी की है। साथ ही क्षेत्र की कुछ राजधानियों के मध्य सीधी हवाई उड़ानों को भी आरंभ किया गया है।
  • वर्ष 2017 में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थायी सदस्यता की प्राप्ति भी क्षेत्र के साथ संबंधों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उपर्युक्त महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बावजूद, नीति अभी भी निम्नलिखित बाधाओं के कारण अपेक्षित लाभों को प्राप्त करने में असफल रही है:

  • भारत और मध्य एशियाई देशों के मध्य निम्नस्तरीय क्षेत्रीय कनेक्टिविटी तथा मध्य एशियाई देशों की स्थल रुद्ध अवस्थिति के कारण द्विपक्षीय व्यापार में गिरावट हुई है।
  • चाबहार बंदरगाह एवं INSTC जैसे कार्यक्रम अभी तक अपना इष्टतम स्तर प्राप्त करने में सफल नहीं हो पाए हैं।
  • सुदृढ़ सामरिक नीति के अभाव एवं चीन के बढ़ते प्रभाव ने इस क्षेत्र में भारत द्वारा एक प्रमुख भूमिका के निर्वहन में बाधा उत्पन्न की है।
  • चीन ने इस क्षेत्र में कई तेल एवं गैस क्षेत्रों को प्राप्त किया है जबकि भारत ने आयनी एयरबेस (ताजिकिस्तान स्थित भारत का एकमात्र विदेशी एयरबेस) के उपयोग की सुविधा भी गँवा दी है।
  • अफगानिस्तान में अस्थिरता, पाकिस्तान द्वारा चीन के सहयोग और भारत के विरोध के कारण विकास परियोजनाओं में बाधाएं उत्पन्न हुई हैं। वर्तमान में TAPI गैस पाइपलाइन परियोजना केवल एक दिवास्वप्न बन कर रह गई है।

बाधाओं से निपटने हेतु उपाय:

  •  भारत को मध्य एशियाई क्षेत्र में आतंकवाद की सामान्य समझ विकसित करने के साथ ही इस क्षेत्र में चीनी प्रभाव को संतुलित करने के लिए SCO मंच का उपयोग करना चाहिए।
  • ईरान जैसे समान विचारधारा वाले (विभिन्न विषयों पर) देशों के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
  • मध्य एशियाई देशों को हार्ट ऑफ एशिया प्रोसेस एवं TAPI परियोजना जैसे मंचों के उपयोग द्वारा अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के लिए एकजुट होना आवश्यक है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन तथा रूस सहित अन्य प्रमुख शक्तियों के साथ आर्थिक और रणनीतिक हितों की पूर्ति के लिए सावधानीपूर्ण गठबंधन करना होगा।
  • सूचना एवं प्रौद्योगिकी (IT), सॉफ्ट स्किल ट्रेनिग, वस्त्र एवं जल विद्युत इत्यादि क्षेत्रों में क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करना तथा संयुक्त उद्यमों की स्थापना हेतु अवसरों की खोज करना। इस क्षेत्र के साथ सुदृढ़ संबंधों की स्थापना में बॉलीवुड फिल्में, संगीत एवं कला इत्यादि जैसे सॉफ्ट पावर का भी उपयोग किया जा सकता है।
  • सीधी हवाई उड़ानों के अभाव के कारण कई सेवाओं के परिचालन को वाणिज्यिक कारणों से बंद करना पड़ा। लोगों के मध्य परस्पर संबद्धता को बढ़ावा देने के लिए इस समस्या का समाधान करने की आवश्यकता है।

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