भारत और इसके डायस्पोरा के बीच सहभागिता : भारत की विदेशी नीति

प्रश्न: भारत और इसके डायस्पोरा के बीच सहभागिता बीते वर्षों के दौरान किस तरह विकसित हुई है? भारत की विदेशी नीति के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और आकार देने में भारतीय डायस्पोरा क्या भूमिका निभा सकते हैं?

दृष्टिकोण

  • भारतीय डायस्पोरा के संबंध में कुछ तथ्यों एवं आंकड़ों के साथ उत्तर को आरम्भ कीजिए।
  • उत्तरवर्ती सरकारों के दौरान डायस्पोरा नीति किस प्रकार विकसित हुई, उल्लेख कीजिए।
  • भारत की विदेश नीति के लक्ष्यों में भारतीय डायस्पोरा द्वारा निभाई गई भूमिका का उल्लेख कीजिए।
  • तदनुसार निष्कर्ष दीजिए।

उत्तर

इंटरनेशनल माइग्रेशन रिपोर्ट, 2017 का अनुमान है कि 17 मिलियन भारतीय विदेशों में निवास कर रहे हैं, जो इसे विश्व का सबसे बड़ा डायस्पोरा बनाता है। बीते वर्षों के दौरान डायस्पोरा नीति निम्नलिखित रूप से विकसित हुई है:

  • भारत की स्वतंत्रता के प्रारंभिक वर्षों में डायस्पोरा नीति, सांस्कृतिक एवं मानवीय आयामों तक ही सीमित थी।
  • इसके पश्चात् हिंदुजा जैसे भारतीय व्यापारिक समूहों के प्रभाव का उपयोग विशिष्ट कूटनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किया गया।
  • जब भारत 80 के दशक के उत्तरार्ध और 1990 के दशक के प्रारंभ में उदारीकरण, वैश्वीकरण एवं निजीकरण सुधारों को अपना रहा था, उसी समय प्रवासी भारतीयों के बढ़ते प्रभाव और भारत की विदेश नीति के उद्देश्यों को बढ़ावा देने में उनके संभावित उपयोग की पहचान की गई तथा इस प्रकार स्थायी आधार पर उन्हें संलग्न करने के प्रयास आरम्भ किये गए।
  • प्रवासी भारतीय दिवस, भारत को जानो कार्यक्रम (KIP) और स्टडी इंडिया प्रोग्राम (SIP) जैसी पहलों की शुरुआत की गई। साथ ही, वर्ष 2004 में प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय की भी स्थापना की गई।
  • वर्तमान में, प्रवासी समुदायों हेतु वीज़ा मानदंडों में रियायत, OCI (प्रवासी भारतीय नागरिक) एवं PIO (भारतीय मूल के व्यक्ति) कार्यों का विलय, भौतिक कनेक्टिविटी में सुधार और ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस इत्यादि जैसे उपाय डायस्पोरा तक अधिक गहन पहंच स्थापित करने के नीतिगत परिणाम हैं।

भारतीय विदेश नीति के लक्ष्यों में डायस्पोरा द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका निम्नलिखित है:

  • अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का निर्माण: डायस्पोरा न केवल भावनात्मक बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक एवं राजनीतिक संबंधों की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरणार्थ आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वरदकर तथा पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा भारतीय मूल के हैं।
  • विप्रेषण: वर्ष 2017 में भारत को कुल 69 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विप्रेषण प्राप्त हुआ था, जो सम्पूर्ण विश्व में सर्वाधिक था। यह प्रवृत्ति विगत कुछ वर्षों से निरंतर बनी हई है। पूंजी तथा निवेश का स्रोत: डायस्पोरा द्वारा देश में पूंजी और निवेश के प्रवाह में वृद्धि होती है जो आर्थिक विकास के एक प्रमुख चालक हैं।
  • भारत हेतु लॉबिंग: शिक्षित भारतीय डायस्पोरा अपने निवास के देश में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली होते हैं तथा ये भारत के पक्ष में अनुकूल नीतियों हेतु समर्थन जुटा सकते हैं। उदाहरणार्थ, संयुक्त राज्य अमेरिका में निवास कर रहे भारतीय डायस्पोरा ने ही भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के लिए भारत के पक्ष में लॉबिंग की थी।
  • रक्षा एवं सुरक्षा के लक्ष्य: यूनाइटेड स्टेट्स इंडिया पॉलिटिकल एक्शन कमिटी (USINPAC), फ्रेंड्स ऑफ इंडिया, कनाडा इंडिया फाउंडेशन (CIF) और कनाडा इंडिया बिजनेस काउंसिल (CIBC) जैसे समूह सक्रिय रूप से भारत के हितों की पूर्ति हेतु प्रयासरत हैं।
  • भारत के सॉफ्ट पॉवर के प्रचारक: योग, बॉलीवुड, भारतीय व्यंजन इत्यादि विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। जिसमें डायस्पोरा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • चोरी हुई प्राचीन कलाकृतियों की वापसी: इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट ने ऑस्ट्रेलिया से प्रसिद्ध नटराज की प्रतिमा तथा संयुक्त राज्य अमेरिका से बलुआ पत्थर से निर्मित यक्षी की मूर्ति को वापस लाने हेतु सफलतापूर्वक लॉबिंग की है।

हालांकि, डायस्पोरा नौकरशाही प्रक्रियाओं तथा आर्थिक सुधारों की मंद गति की आलोचना करता रहा है। अत: डायस्पोरा की क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए इन मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है। साथ ही, डायस्पोरा के लिए दोहरी नागरिकता की मांगों पर भी गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।

Read More

 

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.