भारत और यूरोपीय संघ के बीच BTIA का संक्षिप्त विवरण

प्रश्न: भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच व्यापक आधार वाले व्यापार और निवेश समझौते (ब्रॉडबेस्ड ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट अग्रीमेंट: BTIA) हेतु सुदृढ़ परिस्थितियां होने के बावजूद कई कारकों के चलते वार्ता लम्बे समय से अटकी हुयी है। विश्लेषण कीजिए।

दृष्टिकोण

  • भारत और यूरोपीय संघ के बीच BTIA का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  • वार्ताओं के उन बिन्दुओं को सूचीबद्ध कीजिए जिन्होंने BTIA की प्रगति को अवरुद्ध किया है।
  • विश्लेषण कीजिए कि BTIA हेतु सुदृढ़ परिस्थितियां क्यों हैं।
  • आगे की राह के साथ उत्तर समाप्त कीजिए।

उत्तर

2004 में यूरोपीय संघ ने भारत को अपने रणनीतिक साझेदार के रूप में पहचान की है और यह भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार एवं FDI का सबसे बड़ा स्रोत भी है। BTIA को भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते के रूप में भी जाना जाता है। इसके अंतर्गत उत्पाद, सेवाओं और निवेश में व्यापार व बाजार तक पहुंच सम्मिलित है। यह समझौता द्विपक्षीय लेन-देन को सुगम बनाएगा। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के पारस्परिक हित के बावजूद, BTIA वार्ताओं में भारत और यूरोपीय संघ के अलग-अलग हित हैं। BTIA वार्ता 2007 में प्रारंभ हुई परंतु 2013 से इसकी प्रगति निम्नलिखित कारणों से अवरुद्ध है:

भारत के संदर्भ में EU की चिंताएं:

  • ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भारत का संरक्षणवाद।
  • यूरोपीय वाइन, स्पिरिट्स और डेयरी उत्पादों पर प्रशुल्क।
  • निवेशक-राज्य विवाद निपटान तंत्र।
  • अपने नए मॉडल BIT को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा द्विपक्षीय निवेश संधि को एकतरफा रूप से समाप्त कर दिया गया है।

नए मॉडल BIT के साथ विवादित मुद्दा एक परिष्कृत निवेशक-राज्य विवाद निपटान (ISDS) प्रावधान का है जो अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से पहले निवेशकों को सभी घरेलू प्रक्रियाओं का सामना करने की आवश्यकता पर बल देता है। यूरोपीय संघ भी उस नए ISDS प्रावधान का विरोध करता है जो मध्यस्थ न्यायाधिकरण की शक्ति को केवल मौद्रिक क्षतिपूर्ति का निर्णय देने तक सीमित करता है।

यूरोपीय संघ के संदर्भ में भारत की चिंताएं :

  • यूरोपीय संघ के अत्यधिक सब्सिडी प्राप्त कृषि उद्योग।
  • भारत को ‘डेटा सुरक्षित राष्ट्र के रूप में मान्यता न देना जो भारतीय IT/BPO/KPO सेवाओं (GATS के तहत मोड 1 सेवाएं जिसमें सीमा-पार गतिविधियां सम्मिलित हैं) को प्रभावित करता है।
  • कुशल पेशेवरों के आवागमन के लिए वीज़ा व्यवस्था और बाधाएं (GATS के अंतर्गत मोड 4 सेवाएं)। BTIA हेतु सुदृढ़ परिस्थितियां:
  • यूरोपीय संघ में वस्त्र और चमड़ा क्षेत्र गिरावट का सामना कर रहे हैं- इन क्षेत्रों द्वारा बाजारों तक पहुंच की मांग की गई है।
  • यूरोपीय संघ के विभिन्न देशों जैसे जर्मनी आदि के पूंजी, प्रौद्योगिकी और जनसांख्यिकीय घाटे को भारत की आवश्यकताओं और जेनसांख्यिकीय क्षमताओं द्वारा पूरा किया जा सकता है।
  • यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) द्वारा दवाओं की बिक्री का आवधिक निलंबन, भारतीय जेनेरिक दवा विनिर्माताओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है, इस स्थिति का समाधान किया जा सकता है।
  • भारत द्वारा उठाए गए कदम जैसे विभिन्न क्षेत्रों में FDI का उदारीकरण, GST, और मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को प्राथमिकता इत्यादि।

पूर्व में, ब्रेक्सिट पर अनिश्चितता ने भी वार्ता की प्रगति को अवरुद्ध करने में योगदान दिया है। हालांकि, परिवर्तित होती परिस्थितियों यथा ब्रेक्सिट की निश्चितता, संयुक्त राज्य अमेरिका के संरक्षणवादी उपायों और खुले व्यापार के भविष्य पर प्रश्न चिह्न के कारण भारत और यूरोपीय संघ दोनों ने संवाद प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के प्रति उत्सुकता दिखाई है। इस विषय को 2017 में 14वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में और उसके बाद भी पुनः दोहराया गया है।

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