आतंकवाद-रोधी प्रयास : विद्रोह के वित्तीय पहलू

प्रश्न: संपत्ति और नकद के रूप में विशाल परिसंपत्तियां एकत्रित करने वाले माओवादी नेताओं की हालिया रिपोर्टों ने आतंकवाद-रोधी प्रयासों के भाग के रूप में वित्त पोषण नेटवर्क की जांच करने के महत्व को रेखांकित किया है। चर्चा कीजिए।

दृष्टिकोण

  • विद्रोह के वित्तीय पहलुओं से सम्बंधित इस मुद्दे को संक्षेप में संदर्भित कीजिए।
  • इस मुद्दे से निपटने के लिए हालिया कार्रवाइयों और पहलों का वर्णन कीजिए।
  • इन स्रोतों को प्रतिबंधित करने संबंधी उपायों का सुझाव दीजिए।

उत्तर

वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism: LWE) को देश के लिए सबसे गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती के रूप में परिभाषित किया गया है। इस संदर्भ में, वित्त इसको रोकने के साथ-साथ खतरे का विश्वनीय तरीके से उन्मूलन करने का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बिहार में शीर्ष नक्सली (माओवादी) नेताओं के करोड़ों रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है।

माओवादियों के लिए आय के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं:

  • खनन उद्योग, PWD कार्य और तेंदू पत्तियों का एकत्रण।
  • इसके अतिरिक्त, माओवादियों द्वारा नियमित रूप से बलपूर्वक धन वसूल करने का एक सुव्यवस्थित तंत्र स्थापित किया गया है तथा धन को संग्रहीत एवं इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु निपुण तरीकों को विकसित किया गया है।
  • अनुमान है कि माओवादियों द्वारा वार्षिक रूप से 140 करोड़ रुपये से अधिक धन एकत्रित किया जाता है।

वित्त पोषण नेटवर्क की जांच की गंभीरता को बहु-अनुशासनात्मक समूह (इंटेलिजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व खुफिया निदेशालय आदि के प्रतिनिधियों सहित) के गठन द्वारा प्रमाणित किया जाता है ताकि माओवादियों के वित्त पोषण स्रोतों को अवरुद्ध करने और आतंकवाद-रोधी प्रयासों में सफलता प्राप्त करने हेतु कार्रवाई आरंभ की जा सके।

इस संदर्भ में निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है:

  • वित्त के ज्ञात स्रोतों के साथ-साथ इसके चैनल/प्रमुख नेताओं पर सूक्ष्म निगरानी रखना। इसके लिए विशिष्ट रूप से वित्त के प्रवाह पर निगरानी रखने हेतु प्रत्येक राज्य में खुफिया तंत्र के भीतर एक अलग विंग के गठन की आवश्यकता है।
  • उनकी सामाजिक-आर्थिक प्रस्थिति पर विचार किए बिना वित्त के स्रोतों के विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज करना।
  • जब माओवादियों द्वारा धन वसूली का नोटिस जारी किया जा रहा हो तब पीड़ित को सुरक्षा बलों को सूचित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए तथा उदाहरण के माध्यम से, राज्य मशीनरी में विश्वास उत्पन्न करना चाहिए।
  • अवैध खनन, लकड़ी काटने आदि पर रोक लगाना।
  • खानों, वनों, भू-राजस्व अभिलेखों को संशोधित और अद्यतन करना।
  • विकास कार्यों के पूर्ण होने और उसी स्थान का निरीक्षण करने हेतु फोटोग्राफिक साक्ष्य सुनिश्चित करना।
  • सामाजिक लेखा परीक्षा तंत्र को सुदृढ़ बनाना और माओवादियों की ओर रिसाव को रोकने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को सुदृढ़ बनाना।
  • जनजातियों के मध्य उद्यमिता को बढ़ावा देना ताकि उन्हें माओवादियों से दूर रखा जा सके।

इस प्रकार, इनके वित्त पोषण के स्रोतों की गहराई से जांच करने और रोकने के लिए एक अग्रसक्रिय बहु-आयामी रणनीति को अपनाकर LWE के धन के प्रवाह को सीमित किया जा सकता है। इस प्रकार इस खतरे से निपटने हेतु एक लंबा रास्ता तय करना होगा।

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