बहुपक्षीय अधिमान्य व्यापार समझौते : WTO का MFN सिद्धांत

प्रश्न: बहुपक्षीय अधिमान्य व्यापार समझौतों के तीव्र वृद्धि के पीछे निहित कारणों पर प्रकाश डालिए। क्या वे WTO के MFN सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं? क्या आपको ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रकार के व्यापार समूह, WTO के समक्ष अस्तित्वपरक खतरा प्रस्तुत करते हैं?

दृष्टिकोण

  • बढ़ते हुए द्विपक्षीय/बहुपक्षीय व्यापार समझौतों का वर्णन करते हुए अपने उत्तर प्रारंभ कीजिए।
  • इनकी वृद्धि हेतु उत्तरदायी कारणों की चर्चा कीजिए।
  • मूल्यांकन कीजिए कि क्या व्यापार समझौते MFN सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं। 
  • चर्चा कीजिए कि किस प्रकार यह परिवर्तन विश्व व्यापार संगठन के लिए एक अस्तित्वपरक खतरा हो सकता है।

उत्तर

बहुपक्षीय अधिमान्य व्यापार समझौतों (PTAs) में होने वाली तीव्र वृद्धि हालिया समय में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति की एक प्रमुख विशेषता रही है। PTAs को क्षेत्रीय व्यापार समझौतों (RTAs) के रूप में भी संदर्भित किया जाता है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) के लगभग सभी सदस्य कम से कम एक PTA का भाग हैं। PTAs के दायरे में लगभग सभी विकसित एवं विकासशील देश शामिल हैं।

व्यापक-क्षेत्रीय PTAs के हालिया उदाहरणों में कॉम्प्रेहेंसिव एंड प्रोग्रेसिव अग्रीमेंट फॉर ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (CPTPP) तथा विचाराधीन क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) शामिल हैं। इस प्रकार की पहलों को विभिन्न द्विपक्षीय PTAS (जिसमें यूरोपीय संघ द्वारा किए गए समझौतों का एक बड़ा नेटवर्क भी शामिल है) द्वारा अनुपूरित किया जाता है।

PTAs की संख्या तथा औसत गहनता में विस्तार, विश्व भर की सरकारों की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सहयोग में निरंतर बनी हुई सुदृढ़ रुचि को दर्शाता है। ये समझौते निम्नलिखित कारणों से सर्वव्यापी हो गए हैं:

  • भागीदार देशों के मध्य भौगोलिक निकटता।
  • भागीदार देशों के मध्य व्यापार संपूरकता।
  • विश्व व्यापार संगठन के तहत संचालित बहुपक्षीय वार्ताओं की सीमाएं, जहाँ सर्वसम्मति बनाने में अनेक वर्षों का समय लग जाता है।
  • US जैसे वर्चस्वशाली देशों द्वारा किए गए एकपक्षीय उपायों से निपटने में विश्व व्यापार संगठन की दुर्बलता।
  • हाल ही में WTO के विवाद समाधान तंत्र (dispute resolution mechanism) का क्रमिक रूप से कमजोर होना।

WTO के मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) संबंधी सामान्य प्रावधान के लिए PTAs अपवाद के रूप में कार्य करते हैं। प्रथम दृष्टया ऐसा लग सकता है कि क्षेत्रीय व्यापार समझौते (RTAs) विश्व व्यापार संगठन के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं अथवा सभी WTO सदस्यों के प्रति गैर-भेदभाव के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं, परंतु वास्तव में उनके द्वारा विश्व व्यापार संगठन की बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का समर्थन किया जाता है। WTO के सदस्यों को RTA सम्पन्न करने की अनुमति होती है, हालांकि अपवादस्वरूप कुछ निर्धारित कठोर मापदंडों को पूरा करना आवश्यक होता है।

WTO की तुलना में PTAs व्यापार को अधिक उदार स्वरूप प्रदान करते हैं। उदाहरणार्थ: भागीदार देशों के मध्य सभी प्रकार के व्यापारों पर आरोपित प्रशुल्क को सैद्धांतिक रूप से शून्य तक कम किया जाना चाहिए (हालांकि विकासशील देशों के मध्य PTAs हेतु WTO के नियमों की आवश्यकता नहीं है)। WTO के अंतर्गत शामिल न होने वाले मामलों को सम्मिलित करने हेतु PTAs सीमा संबंधी अवरोधों की समाप्ति से आगे जाते हुए कार्य कर रहे हैं। विदेशी निवेश तक पहुँच को शासित करने वाले नियम, सीमा-पार डेटा प्रवाह, डिजिटल अर्थव्यवस्था और घरेलू विनियमन के आयाम (जैसे- प्रतिस्पर्धा नीति, सार्वजनिक खरीद, विनियामक सहयोग) इत्यादि इसके प्रमुख उदाहरण हैं। उत्तर अमेरिका (NAFTA), यूरोप एवं पूर्वी एशिया (जैसेआसियान और संबंधित व्यापार तथा सहयोग समझौते) में PTAS ने विशेषज्ञता के प्रतिरूपों और घरेलू स्तर पर उत्पादित ‘विदेशी’ सामग्री में वृद्धि करने में सहयोग प्रदान किया है।

RTA को WTO में दो या दो से अधिक साझेदारों के मध्य पारस्परिक अधिमान्य व्यापार समझौते के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह देशों को बहुपक्षीय रूप से संभावित नियमों एवं दायित्वों से भी परे जाकर वार्ता करने की अनुमति प्रदान करता है। परिणामस्वरूप, इनमें से कुछ नियमों ने सेवाओं, बौद्धिक संपदा, पर्यावरण मानकों, निवेश एवं प्रतिस्पर्धा नीतियों सहित अन्य मुद्दों पर WTO में चर्चा तथा समझौतों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। हालांकि, RTAs स्वयं एक सुदृढ़ बहुपक्षीय नियम आधारित व्यापार प्रणाली को सुनिश्चित करने में अक्षम हैं, अतः इसे केवल WTO द्वारा ही सुनिश्चित किया जा सकता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में प्रचलित संरक्षणवादी अवधारणाओं के चलते एक नियम-आधारित और निष्पक्ष बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए विश्व व्यापार संगठन की नीतियों तथा इसके विवाद निपटान तंत्र का अनुपालन किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्व व्यापार संगठन में सुधार करने की आवश्यकता को अनेक देशों द्वारा समर्थन प्रदान किया गया है। बहुपक्षीय PTAs भी इन सुधारों की आवश्यकता पर बल देते हैं। यदि सुधारों को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जाता है, तो ये वास्तव में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं।

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