अशोक के स्तंभों की प्रमुख विशेषताएं
प्रश्न: सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हुए अशोक के स्तंभों की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं? साथ ही, अशोक के अभिलेखों में निहित महत्वपूर्ण संदेशों का भी उल्लेख कीजिए।
दृष्टिकोण
- सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में विस्तृत अशोक के स्तंभों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- अशोक के अभिलेखों पर उत्कीर्ण महत्वपूर्ण संदेशों का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर
अशोक के स्तंभ, मौर्य काल में राजकीय कला के महत्वपूर्ण भाग थे। चंपारण का लौरिया नंदनगढ़ स्तंभ, वाराणसी के निकट सारनाथ स्तंभ आदि कुछ प्रमुख अशोक स्तंभ हैं। इनकी कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- एकाश्म (Monoliths): ईरानी स्तंभ (जिनका निर्माण पत्थर के अलग-अलग टुकड़ों से किया जाता था) के विपरीत अशोक के स्तंभ एकाश्म अथवा केवल एक ही पत्थर से निर्मित थे।
- यष्टि (Shaft): यष्टि सदैव सपाट और चिकने होते हैं, ये अनुप्रस्थ काट में गोलाकार और ऊपर की ओर क्रमशः पतले होते जाते हैं।
- शिखर (Capital): यह लंबे यष्टि (जो आधार निर्मित करता है) के ऊपर स्थित होता है। शिखर घंटे या कमल के आकार का होता है।
- अबेकस एवं पशु आकृति: शिखर के शीर्ष भाग पर, एक गोलाकार या आयताकार आधार होता है जिसे अबेकस के रूप में जाना जाता है, जिसके ऊपर एक पशु आकृति स्थापित होती है। उदाहरण – सारनाथ स्तंभ के शीर्ष पर स्थापित चार सिंहों की आकृति।
- आयाम (dimensions): ये चुनार के बलुआ पत्थर से निर्मित हैं, इनकी औसत ऊँचाई 40 से 50 फीट है और प्रत्येक का वजन 50 टन तक है।
इन स्तंभों के साथ-साथ अशोक के साम्राज्य के दौरान निर्मित गुफाओं में भी अभिलेख उत्कीर्ण किए गए हैं। ये अभिलेख मुख्य रूप से अशोक की धम्म नीति और अशोक के बौद्ध होने की उसकी प्रतिबद्धता से संबंधित हैं। धम्म की नीति के माध्यम से, अशोक ने समाज के विभिन्न वर्गों के मध्य सामाजिक उत्तरदायित्व और सहिष्णुता का संदेश प्रसारित करने का प्रयास किया। उसने निम्नलिखित मूल्यों पर बल दिया-
- दोहरी सहनशीलता, अर्थात लोगों की स्वयं की मान्यताओं के साथ-साथ अन्य प्रचलित विभिन्न मान्यताओं और विचारों के प्रति सहनशीलता।
- अहिंसा: अहिंसा का तात्पर्य युद्ध और आक्रमण की नीति के त्याग तथा पशुओं की हत्या पर प्रतिबंध से था।
- कल्याणकारी उपाय जैसे वृक्षारोपण, कुओं की खुदाई संबंधी कार्य इत्यादि।
अशोक का उद्देश्य अपने सुधारों के संबंध में लोगों को अवगत कराना और उन्हें नैतिक जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना था। अभिलेख, अपनी रणनीतिक अवस्थिति और उत्कीर्ण किए गए बौद्ध धर्म के उद्देश्यों के माध्यम से अशोक की प्रशासनिक भूमिका और एक सहिष्णु शासक के रूप में उसके व्यक्तित्व को रेखांकित करते हैं।
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