रेखाचित्र के माध्यम से आय के प्रवाह के विभिन्न चरण
प्रश्न: एक रेखाचित्र की सहायता से, सरल अर्थव्यवस्था में आय के वर्तुल प्रवाह (सर्कुलर फ्लो ऑफ़ इनकम) को स्पष्ट कीजिए।
दृष्टिकोण:
- आय के वर्तुल प्रवाह की अवधारणा को संक्षेप में रेखांकित कीजिए।
- रेखाचित्र के माध्यम से आय के प्रवाह के विभिन्न चरणों को वर्णित कीजिए।
- रेखाचित्र की सहायता से सरल अर्थव्यवस्था में आय के वर्तुल प्रवाह की अवधारणा की विस्तृत व्याख्या कीजिए और तदनुसार निष्कर्ष प्रदान करते हुए उत्तर समाप्त कीजिए।
उत्तरः
आय का वर्तुल प्रवाह एक आर्थिक मॉडल है, जो किसी अर्थव्यवस्था में विभिन्न अभिकर्ताओं के मध्य होने वाले आदान-प्रदान को मुद्रा, सेवाओं आदि के प्रवाह के रूप में दर्शाता है। यह मूल रूप से यह दर्शाता है कि धन/कारक सेवाएँ, उत्पादकों से उपभोक्ताओं की ओर तथा पुनः एक अंतहीन लूप में किस प्रकार प्रवाहित होती हैं।
आय के वर्तुल प्रवाह के चरण:
- उत्पादन चरण: फर्मे, कारक सेवाओं अर्थात भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमशीलता की सहायता से वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती हैं।
- आय चरण: इसमें फर्मों से परिवारों को होने वाली कारक आय (किराया, मजदूरी, ब्याज, लाभ) का प्रवाह सम्मिलित होता
- व्यय चरण: उत्पादन के कारकों द्वारा प्राप्त आय फर्मों द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं पर व्यय की जाती है।
एक सरल अर्थव्यवस्था में आय का वर्तुल प्रवाहः
एक सरल अर्थव्यवस्था में केवल दो क्षेत्रक होते हैं अर्थात ‘परिवार’ और ‘फर्म’ तथा ‘परिवारों’ द्वारा कोई सरकारी, बाह्य व्यापार या कोई बचत नहीं की जाती है। इस प्रकार घरेलू व्यय के अन्य सभी चैनलों अर्थात कर या वस्तुओं का आयात बंद हो जाता है। परिणामस्वरूप वे केवल घरेलू फर्मों द्वारा उत्पादित उन वस्तुओं और सेवाओं पर अपनी आय खर्च कर सकते हैं, जिनके उत्पादन में उन्होंने स्वयं सहायता प्रदान की होती है। अतः परिवारों द्वारा कुल उपभोग अर्थव्यवस्था में फर्मों द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं पर कुल व्यय के समान होता है। इस प्रकार अर्थव्यवस्था की संपूर्ण आय उत्पादकों/फर्मों को बिक्री राजस्व के रूप में पुनः प्राप्त हो जाती है और कोई रिसाव (leakage) नहीं होता है।
आगामी अवधि में, फर्मे पुन: वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करेंगी और उत्पादन के कारकों अर्थात परिवारों को पारिश्रमिक का भुगतान करेंगी, जिनका उपयोग एक बार पुन: वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जाएगा। इसलिए प्रत्येक वर्ष अर्थव्यवस्था की कुल आय दो क्षेत्रकों यथा- फर्मों और परिवारों के माध्यम से वर्तुल रूप से गतिमान होती है।
हालांकि, उपर्युक्त उदाहरण एक सरलीकृत मॉडल है, जो वास्तविक अर्थव्यवस्था का विस्तार से वर्णन नहीं करता है। उदाहरण के लिए, वास्तविक अर्थव्यवस्था में परिवार बचत करते हैं, इसमें सरकार सम्मिलित होती है तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार आदि भी शामिल होते हैं।