आचार संहिता का संक्षिप्त परिचय : आचार संहिता को अपनाने से स्वस्थ कार्य संस्कृति का निर्माण
प्रश्न:किसी संगठन में एक स्वस्थ कार्य संस्कृति के सृजन हेतु आचार संहिता को अपनाने के महत्व का विश्लेषण कीजिए।
दृष्टिकोण
- आचार संहिता का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- आचार संहिता को अपनाने से स्वस्थ कार्य संस्कृति का निर्माण होता है, विवेचना कीजिए।
- संहिता को कार्यान्वित करने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष दीजिए।
उत्तर
आचार संहिता व्यवसाय या संगठन के ध्येय और मूल्यों को रेखांकित करने वाली एक रूपरेखा है और संगठन के मूलभूत मूल्यों के आधार पर नैतिक सिद्धांतों पर प्रकाश डालती है। आचार संहिता किसी संगठन के चरित्र और विशिष्टता का प्रतिनिधित्व करती है और इस प्रकार उसकी कार्य संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है। इसका अंगीकरण संगठन में स्वस्थ कार्य संस्कृति के सृजन में सहायता करता है क्योंकि:
- यह वह नैतिक रूपरेखा प्रदान करती है, जिस पर सभी निर्णय संस्थापित होते हैं और साथ ही एक रणनीतिक नियोजन व नैतिक परिपेक्ष्य से प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों को रेखांकित करने में सक्षम साझा मूल्यों की पहचान करने में भी सहायता करती है।
- यह कार्यस्थल पर कार्य संस्कृति का संवर्धन करने वाले सहयोग, पारदर्शिता और अखंडता जैसे कुछ लक्षणों को प्रोत्साहित करती है।
- यह कंपनी के लिए दिशा-निर्देश और कर्मचारियों सहित इसके हितधारकों के प्रति संगठन के नैतिक उत्तरदायित्वों को पर्ण करने का मार्ग सुनिश्चित करती है, जिससे उनके अधिकारों, वेतन, पदोन्नति, प्रबंधन द्वारा उचित व्यवहार आदि के संबंध में उनके कार्य-संचालन परिवेश में सुधार होता है। यह संगठन के प्रति कर्मचारियों के विश्वास में भी वर्धन करती है।
- यह किसी संगठन के सभी स्तरों पर अस्पष्टता कम करके और नैतिक मानकों में व्यक्तिगत दृष्टिकोण के विचारणों द्वारा निर्णय-निर्माण प्रक्रिया सरल बनाती है। जिससे, कार्य-स्थल पर मनमानी के साथ-साथ नैतिक स्तरों पर संघर्ष भी कम होता है।
- यह नैतिक विचारणों के अनुपालन के संबंध में कार्यस्थल में जवाबदेही स्थापित करने में सहायता करती है, जो स्वस्थ कार्य संस्कृति के लिए अपरिहार्य है।
- यह सभी कर्मचारियों के प्रति समान व्यवहार सुनिश्चित करती है चाहे वह महिला हो या पुरुष या चाहे किसी भी जाति या धर्म से संबंधित हो। इस प्रकार उत्पीड़न, पूर्वाग्रह, लिंग-भेद आदि से संबंधित मुद्दों को निपटाती है, जिससे समावेशी और नैतिक कार्य संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
हालांकि, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आचार संहिता केवल कागज पर ही आलेखित न रहे बल्कि सभी गतिविधियों और निर्णयों का मार्गदर्शन करने वाला जीवित दस्तावेज बना रहे। आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले लोगों को परिणाम भुगतने के प्रति सचेत करने के माध्यम से आचार संहिता का नियमित प्रवर्तन आवश्यक है। इससे कर्मचारियों द्वारा सम्मान प्राप्त करने में सहायता मिलेगी क्योंकि उन्हें इस सत्यता का ज्ञान होगा कि यदि वे आचार संहिता का उल्लंघन करेंगे, तो भविष्य में उनसे इसी प्रकार से व्यवहार किया जाएगा। इससे कार्यस्थल पर साझा मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही, आचार संहिता अपनाने के अतिरिक्त, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, लैंगिक संवेदनशीलता, मुक्त संचार, नैतिक नेतृत्व और क्षमता निर्माण जैसे घटक भी मौजूद हैं, जिनपर किसी भी संगठन में स्वस्थ कार्य संस्कृति के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
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