वियतनाम युद्ध का एक संक्षिप्त इतिहास

प्रश्न: वियतनाम युद्ध उत्तरोत्तर बढ़ते हुए छोटे-छोटे कारकों से प्रारम्भ होकर कई राष्ट्रपतियों के कार्यकाल तक जारी रहा, जोकि अनेक मोर्चों पर संयुक्त राज्य अमेरिका की विफलता में परिणत हुआ। परीक्षण कीजिये।

दृष्टिकोण:

  • वियतनाम युद्ध का एक संक्षिप्त इतिहास प्रस्तुत कीजिए तथा इसमें युक्त राज्य अमेरिका (USA) की भागीदारी के कारणों पर संक्षेप में चर्चा कीजिए।
  • तत्पश्चात विभिन्न राष्ट्रपतियों के शासन काल में अपनायी गयी विभिन्न नीतियों तथा उन नीतियों की विफलता के कारणों के सन्दर्भ में चर्चा कीजिए।
  • इसके पश्चात, वियतनाम युद्ध में USA की विफलता के कुछ सामान्य कारणों का उल्लेख करते हुए विवरण दीजिए।

उत्तरः

द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् अमेरिका ने धीरे-धीरे वियतनाम में अपनी संलिप्तता बढ़ाई। वियतनाम में फ्रांस की पराजय के उपरांत इसे 1954 के जेनेवा समझौते द्वारा उत्तर और दक्षिण वियतनाम में विभाजित किया गया। इसके लिए यह भी आवश्यक था कि स्वतंत्र चुनाव के आधार पर देश दो वर्ष में एकीकृत हो जाए। उत्तर में, हो ची मिन्ह (Ho Chi Minh) ने साम्यवादी शासन की स्थापना की जबकि दक्षिण में नेगू दींह दीम (Ngo Dinh Diem) के नेतृत्व में एक गैर-साम्यवादी सरकार ने नियंत्रण स्थापित किया।

हालाँकि चुनावों का समय निकट आते-आते यह स्पष्ट हो गया कि राष्ट्रपति नेगू दींह दीम की निरंकुश नीतियों के कारण उसे उत्तरी वियतनाम के वियतकोंग या साम्यवादियों द्वारा समर्थित स्थानीय गुरिल्लाओं द्वारा अपदस्थ किया जा सकता है। ऐसे में संयुक्त राज्य अमेरिका ने यह निर्णय किया कि वियतनाम को साम्यवादी बनने देने की तुलना में दीम शासन को बचाना बेहतर है। यही आने वाले सभी राष्ट्रपतियों द्वारा उठाये जाने वाले क़दमों का आधार था:

  • आइजनहावर (1953-61): आइजनहावर, डोमिनो थ्योरी (यदि एक देश में साम्यवाद आता है, तो वह अपने सभी पड़ोसियों को साम्यवादी बनने के लिए प्रोत्साहित करेगा) से अत्यधिक प्रभावित थे। इस कारण, अमेरिका वियतनाम के मामले में शामिल हो गया और सहायता प्रदान की।
  • जॉन एफ. कैनेडी (1961-63): इस दौर में दक्षिण वियतनाम को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता में सैन्य सलाहकार, हेलीकॉप्टर और हथियार भी सम्मिलित थे। फिर भी युद्ध की बागडोर दक्षिण वियतनाम के हाथों में रही। कैनेडी ने सेफ विलेज पॉलिसी प्रस्तुत की जिसके तहत ग्रामीणों को दुर्गीकृत गाँवों में ले जाकर वियतकोंग (गुरिल्लोओं) को अलग-थलग कर दिया गया। हालांकि, इस रणनीति ने ग्रामीण वियतनामियों को अलगाव की ओर धकेल दिया।
  • लिंडन जॉनसन (1963-69): उन्होंने शुरू में समर्थन जारी रखने का वायदा किया लेकिन यह सुनिश्चित किया कि अमेरिका एशियाई युद्ध भूमि में शामिल नहीं होगा। हालांकि, 1965 तक दक्षिणी वियतनाम की सेना पराजय के कगार पर थी। अतः, जॉनसन ने अधिक भागीदारी का आदेश दिया, इसमें पहली बार, जमीनी स्तर परअमेरिकी सैन्य बलों का प्रयोग किया गया था। धीरे-धीरे अमेरिकी सैनिकों की संख्या 400,000 से अधिक हो गई। इसके बावजूद भी, वियतकोंग फरवरी 1968 में एक आक्रामक हमले में सफल रहे और 80% कस्बों और गांवों पर कब्जा कर लिया। इससे USA में एक आम राय बनी कि उसे युद्ध से बाहर निकल जाना चाहिए।
  • रिचर्ड निक्सन (1969 -74): निक्सन ने वियतनामीकरण की शुरुआत की, जिसके तहत अमेरिकी सेना द्वारा दक्षिण वियतनामी सेना का पुनःशस्त्रीकरण तथा उसे प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इसके अलावा, उन्होंने उत्तर वियतनाम पर भारी बमबारी की और साथ ही हो ची मिन्ह की खोज भी शुरू की, जो लाओस और कंबोडिया में कहीं छिपा हुआ था। परन्तु, अमेरिका पूर्णतः विफल रहा क्योंकि 1972 के अंत तक वियतकोंग ने देश के आधे पश्चिमी हिस्से पर नियंत्रण स्थापित कर लिया। अंत में, दबाव में आकर जनवरी 1973 में एक युद्धविराम घोषित किया गया।

संयुक्त राज्य अमेरिका की विफलता के लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे:

  • वियतकोंग और NLF को लोगों के बीच व्यापक समर्थन प्राप्त था तथा चीन एवं रूस से सहायक आपूर्ति भी प्राप्त थी।
  • वियतकोंग गुरिल्ला युद्ध के विशेषज्ञ थे तथा परिचित क्षेत्र पर लड़ रहे थे।

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