क्लाउड कंप्यूटिंग की परिभाषा : इसके द्वारा व्युत्पन्न कुछ चुनौतियों की चर्चा, समाधान हेतु आवश्यक उपाय

प्रश्न: क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है? उदाहरणों के साथ, पहचान कीजिए कि यह शासन की गुणवत्ता कैसे सुधार सकता है। साथ ही, इसके द्वारा व्युत्पन्न हो सकने वाले सुरक्षा जोखिमों का सामना करने के लिए अपनाये जाने वाले कुछ उपाय सुझाइए।

दृष्टिकोण

  • क्लाउड कंप्यूटिंग की परिभाषा के साथ उत्तर प्रारंभ कीजिए।
  • शासन की गुणवत्ता में सुधार करने की इसकी क्षमता पर चर्चा कीजिए। 
  • इसके द्वारा व्युत्पन्न कुछ चुनौतियों की चर्चा करते हुए उनके समाधान हेतु आवश्यक उपाय सुझाइए।

उत्तर

क्लाउड कंप्यूटिंग (CC) एक गणना आधारित प्रक्रिया है। इसके तहत, केंद्रीकृत डेटा संग्रहण और कंप्यूटर सेवाओं एवं संसाधनों तक ऑनलाइन पहुंच प्रदान करने हेतु रिमोट सर्वर के बड़े समूहों को संबद्ध (Networked) किया जाता है। क्लाउड कंप्यूटिंग के अनेक लाभ हैं जैसे- फ्लेक्सिबिलिटी, आपदा रिकवरी, स्वचालित सॉफ़्टवेयर अपडेट, किसी भी स्थान से कार्य संचालन, पर्यावरण अनुकूलता, कम लागत तथा प्रौद्योगिकी पर व्यय में कमी आदि।

शासन की गुणवत्ता में सुधार की क्षमता

  • इसमें मांग के आधार पर किसी भी प्रकार के कार्यभार के लिए अंतिम उपयोगकर्ता तक संसाधनों की पहुंच स्थापित हो सकती है। इसके साथ ही यह कंप्यूटर संसाधनों की व्यवस्था और प्रबंधन हेतु पारंपरिक IT एडमिनिस्ट्रेटर की आवश्यकता को समाप्त करती है।
  • एक सार्वजनिक एजेंसी कंप्यूटिंग की मांग के अनुरूप अपने आकार में वृद्धि या कमी कर सकती है।
  • इससे स्थानीय अवसंरचना में तात्कालिक और दीर्घावधि के लिए अत्यधिक निवेश की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
  • सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर का उन्नयन (upgrades) सेवा प्रदाताओं के स्तर पर किए जाने के कारण, प्रौद्योगिकी के अप्रचलित होने तथा दक्षता और क्षमता की हानि से संबंधित जोखिमों को अब क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से आउटसोर्स कर दिया जाता है। इन जोखिमों का वहन पहले सरकार द्वारा किया जाता था।
  • अत्यधिक समय और मानव संसाधनों की बचत के माध्यम से क्लाउड कंप्यूटिंग सॉल्यूशन, सरकारों को अपनी सेवाओं के रोस्टर में वृद्धि और वितरण में सुधार पर ध्यान केन्द्रित करने में सक्षम बना सकते हैं।
  • किसी भी डिवाइस के माध्यम से सूचना संसाधन को कहीं से भी एक्सेस किए जा सकने के कारण क्लाउड सेवाओं का उपयोग घर पर भी किया जा सकता है।
  • यह देश के विभिन्न भागों में स्थित सार्वजनिक एजेंसियों को रियल टाइम आधारित डेटाबेस तक पहुंच प्राप्त करने और कंप्यूटिंग सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सक्षम बनाती है। उदाहरण के लिए, विभिन्न एजेंसियों द्वारा एक साथ आधार प्रमाणीकरण।

इन लाभों को ध्यान में रखते हुए, ई-गवर्नेस या डिजिटल इंडिया मिशन का मूल विचार क्लाउड कंप्यूटिंग पर आधारित है। क्लाउड कंप्यूटिंग पर आधारित सरकार की कुछ प्रमुख परियोजनाएं- आधार परियोजना, मनरेगा, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन आदि हैं।

क्लाउड कंप्यूटिंग की चुनौतियां और उनके समाधान:

  • चूंकि अधिकांश क्लाउड सर्वर देश के बाहर स्थित हैं जिससे डेटा चोरी होने का खतरा बना रहता है, इसलिए, यह रक्षा परियोजनाओं या गोपनीयता संबंधी परियोजनाओं के लिए चुनौतीपूर्ण है। इस मुद्दे का समाधान उचित तर्कसंगत विनियमों के अंतर्गत राष्ट्र की क्षेत्रीय सीमा के भीतर क्लाउड सर्वर्स की स्थापना के माध्यम से किया जा सकता है।
  • क्लाउड कंप्यूटिंग के साथ सूचना संप्रभुता (information sovereignty) की हानि होती है क्योंकि क्लाउड पर संग्रहित सूचनाओं पर सार्वजनिक एजेंसियों का नियंत्रण नहीं होता है। महत्वपूर्ण सूचनाओं के दुरुपयोग से बचाने हेतु एक व्यापक कानून (compressive legislation) को लागू किया जाना चाहिए।
  • क्लाउड सर्वर के विफल होने पर महत्वपूर्ण डेटा की हानि की संभावना होती है। इस समस्या के समाधान हेतु, पर्याप्त बैकअप इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है जो आवधिक रूप से महत्वपूर्ण डेटा को संग्रहीत कर सके।

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