मानव भूगोल के मूल सिद्धांत टेस्ट 5
मानव भूगोल के मूल सिद्धांत टेस्ट 5
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न कक्षा 12 की पुस्तक मानव भूगोल के मूल सिद्धांत (एन.सी.ई.आर.टी.) पर आधारित है| यदि आप ‘मानव भूगोल के मूल सिद्धांत’ विषय की अधिक जानकारी नहीं रखते है तो इस टेस्ट को देने से पहले आप पुस्तक का रिविजन अवश्य करें|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित में कौन-सा एक उद्योग अन्य उद्योगों के लिये कच्चे माल का उत्पादन करता है?
Correct
व्याख्याः आधारभूत उद्योग अन्य उद्योगों के कच्चे माल का उत्पादन करते हैं। जैसे मशीनों और औज़ारों के निर्माण में लौह इस्पात का प्रयोग कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
Incorrect
व्याख्याः आधारभूत उद्योग अन्य उद्योगों के कच्चे माल का उत्पादन करते हैं। जैसे मशीनों और औज़ारों के निर्माण में लौह इस्पात का प्रयोग कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsपरंपरागत बड़े पैमाने वाले औद्योगिक प्रदेश के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. ये भारी उद्योग के क्षेत्र होते हैं।
2. इस प्रकार के उद्योगों में रोज़गार का अनुपात निम्न होता है।
3. इस प्रदेश के उद्योगों से प्रदूषण अधिक होता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
परंपरागत बड़े पैमाने वाले औद्योगिक प्रदेश-
- ये भारी उद्योग के क्षेत्र होते हैं जिनमें कोयला खदानों के समीप स्थित धातु पिघलाने वाले उद्योग, भारी इंजीनियरिंग, रसायन निर्माण, वस्त्र उत्पादन इत्यादि का कार्य किया जाता है। इन्हें धुएँ की चिमनी वाले उद्योग भी कहते हैं।
परंपरागत औद्योगिक प्रदेशों के निम्नलिखित पहचान बिंदु हैं-
- निर्माण उद्योगों में रोज़गार का अनुपात ऊँचा होता है |इसमें उच्च गृहघनत्व जिसमें घर घटिया प्रकार के होते हैं एवं सेवाएँ अपर्याप्त होती हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- इस प्रकार के औद्योगिक प्रदेशों में वातावरण अनाकर्षक होता है, जिसमें गंदगी के ढेर व प्रदूषण होता है।
- बेरोज़गारी की समस्या, उत्प्रवास, विश्वव्यापी मांग कम होने से कारखाने बंद होने के कारण परित्यक्त भूमि का क्षेत्र।
Incorrect
व्याख्याः
परंपरागत बड़े पैमाने वाले औद्योगिक प्रदेश-
- ये भारी उद्योग के क्षेत्र होते हैं जिनमें कोयला खदानों के समीप स्थित धातु पिघलाने वाले उद्योग, भारी इंजीनियरिंग, रसायन निर्माण, वस्त्र उत्पादन इत्यादि का कार्य किया जाता है। इन्हें धुएँ की चिमनी वाले उद्योग भी कहते हैं।
परंपरागत औद्योगिक प्रदेशों के निम्नलिखित पहचान बिंदु हैं-
- निर्माण उद्योगों में रोज़गार का अनुपात ऊँचा होता है |इसमें उच्च गृहघनत्व जिसमें घर घटिया प्रकार के होते हैं एवं सेवाएँ अपर्याप्त होती हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- इस प्रकार के औद्योगिक प्रदेशों में वातावरण अनाकर्षक होता है, जिसमें गंदगी के ढेर व प्रदूषण होता है।
- बेरोज़गारी की समस्या, उत्प्रवास, विश्वव्यापी मांग कम होने से कारखाने बंद होने के कारण परित्यक्त भूमि का क्षेत्र।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. परंपरागत बड़े पैमाने के उद्योग मुख्यतः विकसित देशों में हैं।
2. खनिज आधारित उद्योगों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रासायनिक खनिजों का उपयोग होता है।
3. संयुक्त क्षेत्र के उद्योगों का स्वामित्व व्यक्तिगत निवेशकों के पास होता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- बड़े पैमाने के उद्योगों का विकास पिछले 200 वर्षों में हुआ। ये उद्योग ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी भाग एवं यूरोप में लगाए गए थे परंतु वर्तमान में इनका विस्तार विश्व के सभी भागों में हो गया है।
- हालाँकि, परंपरागत बड़े पैमाने के उद्योग समूह मुख्यतः विकसित देशों में हैं। अतः कथन (1) सही है।
- संयुक्त क्षेत्र के उद्योगों का संचालन संयुक्त कंपनी के द्वारा या किसी निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के संयुक्त प्रयासों द्वारा किया जाता है। इसका स्वामित्व सिर्फ व्यक्तिगत या निजी हाथों में नहीं होता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- खनिज आधारित उद्योगों में खनिजों को कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है। कुछ खनिज आधारित उद्योग लौह अंश वाले धात्विक खनिजों का उपयोग करते हैं और कुछ अलौह धात्विक खनिजों का उपयोग करते हैं।
- रासायनिक खनिजों का उपयोग रसायन आधारित उद्योगों में किया जाता है। अतः कथन( 2) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- बड़े पैमाने के उद्योगों का विकास पिछले 200 वर्षों में हुआ। ये उद्योग ग्रेट ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी भाग एवं यूरोप में लगाए गए थे परंतु वर्तमान में इनका विस्तार विश्व के सभी भागों में हो गया है।
- हालाँकि, परंपरागत बड़े पैमाने के उद्योग समूह मुख्यतः विकसित देशों में हैं। अतः कथन (1) सही है।
- संयुक्त क्षेत्र के उद्योगों का संचालन संयुक्त कंपनी के द्वारा या किसी निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के संयुक्त प्रयासों द्वारा किया जाता है। इसका स्वामित्व सिर्फ व्यक्तिगत या निजी हाथों में नहीं होता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- खनिज आधारित उद्योगों में खनिजों को कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है। कुछ खनिज आधारित उद्योग लौह अंश वाले धात्विक खनिजों का उपयोग करते हैं और कुछ अलौह धात्विक खनिजों का उपयोग करते हैं।
- रासायनिक खनिजों का उपयोग रसायन आधारित उद्योगों में किया जाता है। अतः कथन( 2) सही नहीं है।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsरुहर (Ruhr) कोयला क्षेत्र विश्व के किस देश से संबंधित रहा है?
Correct
व्याख्याः
- रुहर कोयला क्षेत्र जर्मनी में है तथा लम्बे समय से यूरोप का प्रमुख औद्योगिक प्रदेश रहा है।
- कोयला, लोहा एवं इस्पात यहाँ अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार रहे हैं, पर कोयले की मांग में कमी आने के कारण उद्योग संकुचित होने लगा। यहाँ लौह अयस्क समाप्त होने पर भी जलमार्ग से आयातित अयस्क का प्रयोग करके उद्योग कार्यशील रहा है।
- जर्मनी के इस्पात उत्पादन का 80% रुहर से प्राप्त होता है।
Incorrect
व्याख्याः
- रुहर कोयला क्षेत्र जर्मनी में है तथा लम्बे समय से यूरोप का प्रमुख औद्योगिक प्रदेश रहा है।
- कोयला, लोहा एवं इस्पात यहाँ अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार रहे हैं, पर कोयले की मांग में कमी आने के कारण उद्योग संकुचित होने लगा। यहाँ लौह अयस्क समाप्त होने पर भी जलमार्ग से आयातित अयस्क का प्रयोग करके उद्योग कार्यशील रहा है।
- जर्मनी के इस्पात उत्पादन का 80% रुहर से प्राप्त होता है।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. लौह इस्पात उद्योग सभी उद्योगों का आधार है।
2. उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग जो प्रादेशिक संकेंद्रित हैं, आत्मनिर्भरता एवं उच्च विशिष्टता लिये हुए हैं, प्रौद्योगिक ध्रुव कहलाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- लौह इस्पात उद्योग सभी उद्योगों का आधार है इसलिये इसे आधारभूत उद्योग भी कहा जाता है। यह आधारभूत इसलिये है क्योंकि यह अन्य उद्योगों, जैसे कि मशीन और औज़ार जो आगे उत्पादों के लिये प्रयोग किये जाते हैं को कच्चा माल प्रदान करता है।
- निर्माण क्रियाओं में उच्च प्रौद्योगिकी नवीनतम पीढ़ी है।
- इसमें उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्माण गहन शोध एवं विकास के प्रयोग द्वारा किया गया है।
- उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग जो प्रादेशिक संकेंद्रित हैं, आत्मनिर्भर एवं उच्च विशिष्टता लिये होते हैं, उन्हें प्रौद्योगिक ध्रुव कहते हैं। सेन फ्रांसिस्को के समीप सिलिकन घाटी एवं सियटल के समीप सिलिकन वन प्रौद्योगिक ध्रुव के उदाहरण हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- लौह इस्पात उद्योग सभी उद्योगों का आधार है इसलिये इसे आधारभूत उद्योग भी कहा जाता है। यह आधारभूत इसलिये है क्योंकि यह अन्य उद्योगों, जैसे कि मशीन और औज़ार जो आगे उत्पादों के लिये प्रयोग किये जाते हैं को कच्चा माल प्रदान करता है।
- निर्माण क्रियाओं में उच्च प्रौद्योगिकी नवीनतम पीढ़ी है।
- इसमें उन्नत वैज्ञानिक एवं इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्माण गहन शोध एवं विकास के प्रयोग द्वारा किया गया है।
- उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग जो प्रादेशिक संकेंद्रित हैं, आत्मनिर्भर एवं उच्च विशिष्टता लिये होते हैं, उन्हें प्रौद्योगिक ध्रुव कहते हैं। सेन फ्रांसिस्को के समीप सिलिकन घाटी एवं सियटल के समीप सिलिकन वन प्रौद्योगिक ध्रुव के उदाहरण हैं।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsलौह इस्पात उद्योग के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. परंपरागत रूप से बड़े इस्पात उद्योग की स्थिति कच्चे माल के स्रोत से दूर रही है।
2. लौह इस्पात का उत्पादन करने वाला क्षेत्र पिट्सबर्ग वर्तमान में “जंग का कटोरा” नाम से जाना जाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- परंपरागत रूप से बड़े इस्पात उद्योग की स्थिति कच्चे माल के स्रोत के समीप ही रही है जहाँ लौह-अयस्क, कोयला, मैंगनीज़ एवं चूना-पत्थर आसानी से उपलब्ध हो जाते हों या यह ऐसे स्थान पर भी अवस्थित हो सकता है जहाँ कच्चा माल आसानी से पहुँचाया जा सके। जैसे पत्तन के समीप। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- लौह इस्पात उद्योगों का केन्द्रीकरण अमेरिका, यूरोप व एशिया के विकसित देशों में है।
- अमेरिका में लौह इस्पात का उत्पादन करने वाले प्रमुख क्षेत्र पिट्सबर्ग का महत्त्व अब घट रहा है तथा इस क्षेत्र को वर्तमान में “जंग का कटोरा” नाम से पुकारा जाता है।
Incorrect
व्याख्याः
- परंपरागत रूप से बड़े इस्पात उद्योग की स्थिति कच्चे माल के स्रोत के समीप ही रही है जहाँ लौह-अयस्क, कोयला, मैंगनीज़ एवं चूना-पत्थर आसानी से उपलब्ध हो जाते हों या यह ऐसे स्थान पर भी अवस्थित हो सकता है जहाँ कच्चा माल आसानी से पहुँचाया जा सके। जैसे पत्तन के समीप। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- लौह इस्पात उद्योगों का केन्द्रीकरण अमेरिका, यूरोप व एशिया के विकसित देशों में है।
- अमेरिका में लौह इस्पात का उत्पादन करने वाले प्रमुख क्षेत्र पिट्सबर्ग का महत्त्व अब घट रहा है तथा इस क्षेत्र को वर्तमान में “जंग का कटोरा” नाम से पुकारा जाता है।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsनिम्नलिखित में कौन-सा एक द्वितीयक सेक्टर का क्रियाकलाप नहीं है?
Correct
व्याख्याः बीमा द्वितीयक नहीं बल्कि तृतीयक सेक्टर का क्रियाकलाप है। बीमा सेवा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और सेवा क्षेत्र तृतीयक क्रियाकलाप से संबंधित है।
Incorrect
व्याख्याः बीमा द्वितीयक नहीं बल्कि तृतीयक सेक्टर का क्रियाकलाप है। बीमा सेवा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और सेवा क्षेत्र तृतीयक क्रियाकलाप से संबंधित है।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. प्राथमिक क्रियाएँ प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर हैं।
2. द्वितीयक क्रियाओं के अंतर्गत परिवहन तथा अन्य क्षेत्र शामिल हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
मानव के वे कार्यकलाप जिनसे आय प्राप्त होती है उन्हें आर्थिक क्रिया कहा जाता है। आर्थिक क्रियाओं को चार वर्गों में विभाजित किया जाता है।प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुर्थ क्रियाएँ।
- प्राथमिक क्रियाएँ प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर हैं क्योंकि ये पृथ्वी के संसाधनों, जैसे- भूमि, जल, वनस्पति, भवन निर्माण एवं खनिजों के उपयोग के विषय में बतलाती हैं। इस तरह इनके अंतर्गत आखेट, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, कृषि एवं खनन कार्य सम्मिलित हैं।
- द्वितीयक क्रियाओं के अंतर्गत विनिर्माण शामिल है न कि सेवा क्षेत्र। अतः कथन (2) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
मानव के वे कार्यकलाप जिनसे आय प्राप्त होती है उन्हें आर्थिक क्रिया कहा जाता है। आर्थिक क्रियाओं को चार वर्गों में विभाजित किया जाता है।प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुर्थ क्रियाएँ।
- प्राथमिक क्रियाएँ प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर हैं क्योंकि ये पृथ्वी के संसाधनों, जैसे- भूमि, जल, वनस्पति, भवन निर्माण एवं खनिजों के उपयोग के विषय में बतलाती हैं। इस तरह इनके अंतर्गत आखेट, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, कृषि एवं खनन कार्य सम्मिलित हैं।
- द्वितीयक क्रियाओं के अंतर्गत विनिर्माण शामिल है न कि सेवा क्षेत्र। अतः कथन (2) सही नहीं है।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsपशुचारण के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. चलवासी पशुचारण के अंतर्गत पशुचारक ऋतु- प्रवास करते हैं।
2. वाणिज्य पशुधन पालन के अंतर्गत केवल एक ही प्रकार के पशु पाले जाते हैं।
3. चलवासी पशुचारण, वाणिज्य पशुधन की अपेक्षा अधिक व्यवस्थित एवं पूंजी-प्रधान है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- चलवासी पशुचारण एक प्राचीन जीवन-निर्वाह व्यवस्था रही है जिसमें पशुचारक अपने भोजन, वस्त्र, शरण, औज़ार एवं यातायात के लिये पशुओं पर ही निर्भर रहते हैं।
- वे अपने पालतू पशुओं के साथ पानी एवं चारागाह की उपलब्धता एवं गुणवत्ता के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते रहते हैं। इस प्रकार चलवासी पशुचारण व्यवस्थित एवं पूंजी- प्रधान नहीं है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- चलवासी पशुचारण की अपेक्षा वाणिज्य पशुधन पालन अधिक व्यवस्थित एवं पूंजी प्रधान है। वाणिज्य पशुधन पालन पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित है एवं फार्म भी स्थायी होते हैं।
- वाणिज्य पशुधन पालन एक विशिष्ट गतिविधि है जिसमें केवल एक ही प्रकार के पशु पाले जाते हैं। प्रमुख पशुओं में भेड़, बकरी, गाय, बैल एवं घोड़े हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- चलवासी पशुचारण एक प्राचीन जीवन-निर्वाह व्यवस्था रही है जिसमें पशुचारक अपने भोजन, वस्त्र, शरण, औज़ार एवं यातायात के लिये पशुओं पर ही निर्भर रहते हैं।
- वे अपने पालतू पशुओं के साथ पानी एवं चारागाह की उपलब्धता एवं गुणवत्ता के अनुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होते रहते हैं। इस प्रकार चलवासी पशुचारण व्यवस्थित एवं पूंजी- प्रधान नहीं है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- चलवासी पशुचारण की अपेक्षा वाणिज्य पशुधन पालन अधिक व्यवस्थित एवं पूंजी प्रधान है। वाणिज्य पशुधन पालन पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित है एवं फार्म भी स्थायी होते हैं।
- वाणिज्य पशुधन पालन एक विशिष्ट गतिविधि है जिसमें केवल एक ही प्रकार के पशु पाले जाते हैं। प्रमुख पशुओं में भेड़, बकरी, गाय, बैल एवं घोड़े हैं।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsनिम्नलिखित में कौन-सी एक रोपण फसल नहीं है?
Correct
व्याख्याः
- रोपण कृषि के अंतर्गत चाय, कॉफी, रबड़, कपास, गन्ना, केले एवं अनानास की पौध लगाई जाती है। मक्का रोपण फसल नहीं है। यह खरीफ की फसल है जो छीटकर बोई जाती है | अतः विकल्प (c) सही है|
- रोपण कृषि की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है। इसमें अधिक पूंजी निवेश, उच्च प्रबंध तथा तकनीकी आधार एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है।
Incorrect
व्याख्याः
- रोपण कृषि के अंतर्गत चाय, कॉफी, रबड़, कपास, गन्ना, केले एवं अनानास की पौध लगाई जाती है। मक्का रोपण फसल नहीं है। यह खरीफ की फसल है जो छीटकर बोई जाती है | अतः विकल्प (c) सही है|
- रोपण कृषि की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है। इसमें अधिक पूंजी निवेश, उच्च प्रबंध तथा तकनीकी आधार एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. भारत में सिंधु-गंगा के मैदान के पश्चिमी भाग में मुख्यतः चावल की खेती की जाती है।
2. रोपण कृषि का विकास औपनिवेशिक समूहों द्वारा किया गया था।
3. रोपण कृषि में किसी एक फसल के उत्पादन पर ही संकेंद्रण किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः भारत में सिंधु-गंगा के मैदान के पश्चिमी भाग में मुख्यतः गेहूँ की खेती की जाती है, चावल की नहीं। अतः कथन (1) सही नहीं है |
Incorrect
व्याख्याः भारत में सिंधु-गंगा के मैदान के पश्चिमी भाग में मुख्यतः गेहूँ की खेती की जाती है, चावल की नहीं। अतः कथन (1) सही नहीं है |
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsडेरी कृषि के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये?1. डेरी कृषि का कार्य नगरीय एवं औद्योगिक केंद्रों के समीप किया जाता है।
2. इसमें अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं होती है।
3. वाणिज्य डेरी कृषि का सबसे बड़ा प्रदेश उत्तरी-पश्चिमी यूरोप का क्षेत्र है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- डेरी कृषि में पूंजी की अधिक आवश्यकता होती है। पशुओं के लिये छप्पर, घास संचित करने के भंडार एवं दुग्ध उत्पादन में अधिक यंत्रों के प्रयोग के लिये पूंजी भी अधिक चाहिये। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- डेरी कृषि का कार्य नगरीय एवं औद्योगिक केंद्रों के समीप किया जाता है, क्योंकि ये क्षेत्र ताज़ा दूध एवं अन्य डेरी उत्पाद के अच्छे बाज़ार होते हैं।
वाणिज्य डेरी कृषि के तीन प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार हैं-
1. सबसे बड़ा प्रदेश (उत्तरी-पश्चिमी यूरोप का क्षेत्र)
2. कनाडा
3. न्यूज़ीलैंड, दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया एवं तस्मानिया।Incorrect
व्याख्याः
- डेरी कृषि में पूंजी की अधिक आवश्यकता होती है। पशुओं के लिये छप्पर, घास संचित करने के भंडार एवं दुग्ध उत्पादन में अधिक यंत्रों के प्रयोग के लिये पूंजी भी अधिक चाहिये। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- डेरी कृषि का कार्य नगरीय एवं औद्योगिक केंद्रों के समीप किया जाता है, क्योंकि ये क्षेत्र ताज़ा दूध एवं अन्य डेरी उत्पाद के अच्छे बाज़ार होते हैं।
वाणिज्य डेरी कृषि के तीन प्रमुख क्षेत्र इस प्रकार हैं-
1. सबसे बड़ा प्रदेश (उत्तरी-पश्चिमी यूरोप का क्षेत्र)
2. कनाडा
3. न्यूज़ीलैंड, दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया एवं तस्मानिया। -
Question 13 of 20
13. Question
1 pointsखट्टे फलों की कृषि निम्नलिखित में से किस प्रकार की कृषि के अंतर्गत की जाती है?
Correct
व्याख्याः
- खट्टे फलों की कृषि भूमध्यसागरीय कृषि के अंतर्गत की जाती है। भूमध्यसागरीय कृषि में सर्वाधिक अंगूर की कृषि की जाती है और अच्छे किस्म के अंगूरों से उच्च गुणवत्ता वाली मदिरा का उत्पादन किया जाता है।
- इस कृषि का विस्तार भूमध्यसागर के समीपवर्ती क्षेत्र जो दक्षिणी यूरोप से उत्तरी अफ्रीका में ट्यूनीशिया से एटलांटिक तट तक फैला है दक्षिणी कैलिफोर्निया, मध्यवर्ती चिली, दक्षिण अफ्रीका का दक्षिणी-पश्चिमी भाग एवं ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम भाग में है।
Incorrect
व्याख्याः
- खट्टे फलों की कृषि भूमध्यसागरीय कृषि के अंतर्गत की जाती है। भूमध्यसागरीय कृषि में सर्वाधिक अंगूर की कृषि की जाती है और अच्छे किस्म के अंगूरों से उच्च गुणवत्ता वाली मदिरा का उत्पादन किया जाता है।
- इस कृषि का विस्तार भूमध्यसागर के समीपवर्ती क्षेत्र जो दक्षिणी यूरोप से उत्तरी अफ्रीका में ट्यूनीशिया से एटलांटिक तट तक फैला है दक्षिणी कैलिफोर्निया, मध्यवर्ती चिली, दक्षिण अफ्रीका का दक्षिणी-पश्चिमी भाग एवं ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण व दक्षिण-पश्चिम भाग में है।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsकृषि की प्रमुख प्रणालियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. निर्वाह कृषि में कृषि क्षेत्र में रहने वाले लोग पूर्णतः कृषि से होने वाली आय पर निर्भर नहीं रहते हैं।
2. आदिकालीन निर्वाह कृषि शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है।
3. आदिकालीन निर्वाह कृषि मलेशिया व इंडोनेशिया में मिल्पा कहलाती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- निर्वाह कृषि में कृषि क्षेत्र में रहने वाले पूर्णतः कृषि पर ही निर्भर रहते हैं। वे स्थानीय उत्पादों का संपूर्ण अथवा लगभग का उपयोग करते हैं। इसे दो भागों में बाँटा गया है-
1. आदिकालीन निर्वाह कृषि अथवा स्थानांतरणशील कृषि
2. गहन निर्वाह कृषि- आदिकालीन निर्वाह कृषि शीतोष्ण नहीं बल्कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। यहाँ आदिम जाति के लोग यह कृषि करते हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है। इसका क्षेत्र अफ्रीका, दक्षिण एवं मध्य अमेरिका का उष्णकटिबंधीय भाग एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया है।
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जो निम्नलिखित है-
1. भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में इसे झूमिंग कृषि कहते हैं।
2. मध्य अमेरिका एवं मैक्सिको में मिल्पा कहते हैं।
3. मलेशिया व इंडोनेशिया में लादांग कहा जाता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।Incorrect
व्याख्याः
- निर्वाह कृषि में कृषि क्षेत्र में रहने वाले पूर्णतः कृषि पर ही निर्भर रहते हैं। वे स्थानीय उत्पादों का संपूर्ण अथवा लगभग का उपयोग करते हैं। इसे दो भागों में बाँटा गया है-
1. आदिकालीन निर्वाह कृषि अथवा स्थानांतरणशील कृषि
2. गहन निर्वाह कृषि- आदिकालीन निर्वाह कृषि शीतोष्ण नहीं बल्कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। यहाँ आदिम जाति के लोग यह कृषि करते हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है। इसका क्षेत्र अफ्रीका, दक्षिण एवं मध्य अमेरिका का उष्णकटिबंधीय भाग एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया है।
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जो निम्नलिखित है-
1. भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में इसे झूमिंग कृषि कहते हैं।
2. मध्य अमेरिका एवं मैक्सिको में मिल्पा कहते हैं।
3. मलेशिया व इंडोनेशिया में लादांग कहा जाता है। अतः कथन (3) सही नहीं है। -
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsगहन निर्वाह कृषि निम्नलिखित में से विश्व के किस क्षेत्र में की जाती है?
Correct
व्याख्याः
- गहन निर्वाह कृषि मानसून एशिया के घने बसे देशों में की जाती है। अतः विकल्प (a) सही है। इसके दो प्रकार हैं-
1. चावल प्रधान गहन निर्वाह कृषिः इसमें चावल प्रमुख फसल होती है। अधिक जनसंख्या घनत्व के कारण खेतों का आकार छोटा होता है। कृषि कार्य में कृषक का संपूर्ण परिवार लगा होता है। एवं यंत्रों की अपेक्षा मानव श्रम का अधिक महत्त्व है।
2. चावल रहित गहन निर्वाह कृषिः मानसून एशिया के अनेक भागों में उच्चावच, जलवायु, मृदा तथा अन्य भौगोलिक कारकों की भिन्नता के कारण धान की फसल उगाना प्रायः संभव नहीं है। उत्तरी चीन, मंचूरिया, उत्तरी कोरिया एवं उत्तरी जापान में गेहूँ, सोयाबीन, जौ एवं सोरपम बोया जाता है। भारत में सिंधु-गंगा मैदान के पश्चिमी भाग में गेहूँ एवं दक्षिणी व पश्चिमी शुष्क प्रदेश में ज्वार-बाजरा को प्रमुख रूप से उगाया जाता है।Incorrect
व्याख्याः
- गहन निर्वाह कृषि मानसून एशिया के घने बसे देशों में की जाती है। अतः विकल्प (a) सही है। इसके दो प्रकार हैं-
1. चावल प्रधान गहन निर्वाह कृषिः इसमें चावल प्रमुख फसल होती है। अधिक जनसंख्या घनत्व के कारण खेतों का आकार छोटा होता है। कृषि कार्य में कृषक का संपूर्ण परिवार लगा होता है। एवं यंत्रों की अपेक्षा मानव श्रम का अधिक महत्त्व है।
2. चावल रहित गहन निर्वाह कृषिः मानसून एशिया के अनेक भागों में उच्चावच, जलवायु, मृदा तथा अन्य भौगोलिक कारकों की भिन्नता के कारण धान की फसल उगाना प्रायः संभव नहीं है। उत्तरी चीन, मंचूरिया, उत्तरी कोरिया एवं उत्तरी जापान में गेहूँ, सोयाबीन, जौ एवं सोरपम बोया जाता है। भारत में सिंधु-गंगा मैदान के पश्चिमी भाग में गेहूँ एवं दक्षिणी व पश्चिमी शुष्क प्रदेश में ज्वार-बाजरा को प्रमुख रूप से उगाया जाता है। -
Question 16 of 20
16. Question
1 pointsविस्तृत अनाज कृषि के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. यह कृषि मध्य अक्षांशों के आंतरिक अर्द्धशुष्क प्रदेशों में की जाती है।
2. इसकी मुख्य फसल चावल है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि मध्य अक्षांशों के आंतरिक अर्द्धशुष्क प्रदेशों में की कृषि जाती है।
- अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में चावल की कृषि के लिये पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं होता है जिसके कारण यहाँ चावल की खेती नहीं होती है।
- इसकी मुख्य फसल गेहूँ है। यद्यपि अन्य फसलें, जैसे- मक्का, जौ, राई व जई भी बोई जाती हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि मध्य अक्षांशों के आंतरिक अर्द्धशुष्क प्रदेशों में की कृषि जाती है।
- अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में चावल की कृषि के लिये पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं होता है जिसके कारण यहाँ चावल की खेती नहीं होती है।
- इसकी मुख्य फसल गेहूँ है। यद्यपि अन्य फसलें, जैसे- मक्का, जौ, राई व जई भी बोई जाती हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. मिश्रित कृषि विश्व के अल्पविकसित भागों में की जाती है।
2. विस्तृत वाणिज्य के मुख्य क्षेत्र यूरेशिया के स्टेपीज़, उत्तरी अमेरिका के प्रेयरीज़व अर्जेंटीना के पंपास क्षेत्र हैं।
3. चारे की फसलें मिश्रित कृषि की मुख्य घटक हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- मिश्रित कृषि विश्व के अल्पविकसित नहीं बल्कि विश्व के अत्यधिक विकसित भागों में की जाती है।
- इस कृषि का उत्तरी-पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका का पूर्वी भाग, यूरेशिया के कुछ भाग एवं दक्षिणी महाद्वीपों के समशीतोष्ण अक्षांश वाले भागों में विस्तार है।
- मिश्रित कृषि में खेतों का आकार मध्य होता है। इसमें बोई जाने वाली फसलें गेहूँ, राई, मक्का, चारे की फसल एवं कंदमूल प्रमुख हैं।
- चारे की फसलें मिश्रित कृषि के मुख्य घटक हैं। फसल उत्पादन एवं पशुपालन दोनों को इसमें समान महत्त्व दिया जाता है। फसलों के साथ पशुधन जैसे- मवेशी, भेड़, सूअर एवं कुक्कुर आय के मुख्य स्रोत हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- मिश्रित कृषि विश्व के अल्पविकसित नहीं बल्कि विश्व के अत्यधिक विकसित भागों में की जाती है।
- इस कृषि का उत्तरी-पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका का पूर्वी भाग, यूरेशिया के कुछ भाग एवं दक्षिणी महाद्वीपों के समशीतोष्ण अक्षांश वाले भागों में विस्तार है।
- मिश्रित कृषि में खेतों का आकार मध्य होता है। इसमें बोई जाने वाली फसलें गेहूँ, राई, मक्का, चारे की फसल एवं कंदमूल प्रमुख हैं।
- चारे की फसलें मिश्रित कृषि के मुख्य घटक हैं। फसल उत्पादन एवं पशुपालन दोनों को इसमें समान महत्त्व दिया जाता है। फसलों के साथ पशुधन जैसे- मवेशी, भेड़, सूअर एवं कुक्कुर आय के मुख्य स्रोत हैं।
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsट्रक कृषि का संबंध निम्नलिखित में से किस एक से है?
Correct
व्याख्याः
- जिन प्रदेशों में कृषक केवल सब्ज़ियों पैदा करते हैं, वहाँ इसके ‘ट्रक कृषि’ का नाम दिया जाता है। ट्रक फार्म एवं बाज़ार के मध्य की दूरी, जो एक ट्रक रात भर में तय करता है, उसी आधार पर इसका नाम ट्रक कृषि रखा गया है। यह बाज़ार के लिये सब्ज़ी, खेती एवं उद्यान कृषि के अंतर्गत आता है।
- इस प्रकार की कृषि उत्तरी-पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी भाग एवं भूमध्यसागरीय प्रदेश में अधिक विकसित है जहाँ औद्योगिक क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक है।
Incorrect
व्याख्याः
- जिन प्रदेशों में कृषक केवल सब्ज़ियों पैदा करते हैं, वहाँ इसके ‘ट्रक कृषि’ का नाम दिया जाता है। ट्रक फार्म एवं बाज़ार के मध्य की दूरी, जो एक ट्रक रात भर में तय करता है, उसी आधार पर इसका नाम ट्रक कृषि रखा गया है। यह बाज़ार के लिये सब्ज़ी, खेती एवं उद्यान कृषि के अंतर्गत आता है।
- इस प्रकार की कृषि उत्तरी-पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी भाग एवं भूमध्यसागरीय प्रदेश में अधिक विकसित है जहाँ औद्योगिक क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक है।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsसहकारी कृषि के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. यह कर्तन या दहन कृषि भी कहलाती है।
2. इसमें व्यक्तिगत फार्म अक्षुण्ण रहते हुए सहकारी रूप में कृषि की जाती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- आदिकालीन निर्वाह कृषि या स्थानांतरणशील कृषि कर्तन एवं दहन कृषि कहलाती है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- जब कृषकों का एक समूह अपनी कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिये स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि कार्य संपन्न करे उसे सहकारी कृषि कहते हैं। इसमें व्यक्तिगत फार्म अक्षुण्ण रहते हुए सहकारी रूप में कृषि की जाती है।
- सहकारी संस्था कृषकों की सभी रूप में सहायता करती है।
- यह सहायता कृषि कार्य में आने वाली सभी चीज़ो की खरीद करने, कृषि उत्पाद को उचित मूल्य पर बेचने एवं सस्ती दरों पर प्रसंस्कृत साधनों को जुटाने के लिये होती है। अतः कथन (2) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- आदिकालीन निर्वाह कृषि या स्थानांतरणशील कृषि कर्तन एवं दहन कृषि कहलाती है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- जब कृषकों का एक समूह अपनी कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिये स्वेच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि कार्य संपन्न करे उसे सहकारी कृषि कहते हैं। इसमें व्यक्तिगत फार्म अक्षुण्ण रहते हुए सहकारी रूप में कृषि की जाती है।
- सहकारी संस्था कृषकों की सभी रूप में सहायता करती है।
- यह सहायता कृषि कार्य में आने वाली सभी चीज़ो की खरीद करने, कृषि उत्पाद को उचित मूल्य पर बेचने एवं सस्ती दरों पर प्रसंस्कृत साधनों को जुटाने के लिये होती है। अतः कथन (2) सही है।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsकोलखहोज़ का संबंध किस प्रकार की कृषि से है?
Correct
व्याख्याः
- कोलखहोज़ का संबंध सामूहिक कृषि से है।
- सोवियत संघ में सामूहिक कृषि को कोलखहोज़ का नाम दिया गया।
- सामूहिक कृषि का आधारभूत सिद्धांत यह होता है कि इसमें उत्पादन के साधनों का स्वामित्व संपूर्ण समाज एवं सामूहिक श्रम पर आधारित होता है।
- कृषि का यह प्रकार पूर्व सोवियत संघ में प्रारंभ हुआ था, जहाँ कृषि की दशा सुधारने एवं उत्पादन में वृद्धि व आत्मनिर्भरता प्राप्ति के लिये सामूहिक कृषि प्रारंभ की गई।
Incorrect
व्याख्याः
- कोलखहोज़ का संबंध सामूहिक कृषि से है।
- सोवियत संघ में सामूहिक कृषि को कोलखहोज़ का नाम दिया गया।
- सामूहिक कृषि का आधारभूत सिद्धांत यह होता है कि इसमें उत्पादन के साधनों का स्वामित्व संपूर्ण समाज एवं सामूहिक श्रम पर आधारित होता है।
- कृषि का यह प्रकार पूर्व सोवियत संघ में प्रारंभ हुआ था, जहाँ कृषि की दशा सुधारने एवं उत्पादन में वृद्धि व आत्मनिर्भरता प्राप्ति के लिये सामूहिक कृषि प्रारंभ की गई।
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