1. भारत के केंद्र-राज्य संबंध प्रभावित होते हैं-
1. संविधान के प्रावधानों से
2. नियोजन प्रक्रिया से
3. राजनीतिक हितों के अंतर्विरोध से
4. हुक्म चलाने की इच्छा प्रवलता से
नीचे दिए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) 1 और 2
(b) 2, 3 और 4
(c) 2, 4 और 5
(d) 1, 2, 3 और 4
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर-(d) 1, 2, 3 और 4
- केंद्र और राज्यों के मध्य बेहतर संबंधों की स्थापना के लिए उनके मध्य विधायी, प्रशासनिक एवं वित्तीय संबंधों का वर्णन संविधान के भाग 11 एवं 12 में किया गया है।
- भारत में केंद्रीय नियोजन प्रणाली को अपनाया गया है।
- व्यवहार में यह देखने में आया है कि केंद्र एवं राज्यों में एक दलीय सरकारों के होने या विपरीत दलों की सरकारों के होने पर दोनों के मध्य संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, यद्यपि ये राष्ट्र के विकास में बाधक हैं।
|
2. भारत में केंद्र-राज्य संबंध निर्भर करते हैं-
1. संवैधानिक प्रावधानों पर
2. परंपराओं तथा व्यवहारों पर
3. न्यायिक व्याख्याओं पर
4. बातचीत के लिए यंत्र विन्यास पर
कूट :
(a) 1 1 और 2
(b) 1,2 और 3
(c) 2,3 और 4
(d) सभी चारों
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर-(d) सभी चारों
- भारत में केंद्र-राज्य संबंध संवैधानिक प्रावधानों, परंपराओं और व्यवहारों, न्यायिक व्याख्याओं तथा बातचीत के लिए यंत्र विन्यास (Mechanisms for Dialogue) इन चारों पर निर्भर करते हैं।
|
3. एक संघीय राज्य व्यवस्था में सम्मिलित हैं-
1. संघ और राज्यों के बीच संबंध
2. राज्यों के मध्य संबंध
3. समन्वय के लिए तंत्र
4. विवादों को सुलझाने के लिए तंत्र
अपना सही उत्तर दिए गए कूट से चुनिए
(a) 1, 2, 3 और 4
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 2, 3 और 4
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(a) 1, 2, 3 और 4
- संघीय राज्य व्यवस्था में संघ और राज्यों के बीच संबंध, राज्यों के मध्य आपस में संबंध, पारस्परिक समन्दय के लिए तंत्र और विवादों को सुलझाने के लिए तंत्र ये चारों ही सम्मिलित हैं।
|
4. केंद्र-राज्य संबंधों को विशेष रूप से किस प्रसंग में ‘म्युनिसिपल संबंध कहा गया है?
(a) विधायन के क्षेत्र में राज्य पर केंद्र के नियंत्रण के प्रसंग में
(b) वित्तीय मामलों में राज्य पर केंद्र के नियंत्रण के प्रसंग में
(c) प्रशासनिक क्षेत्र में राज्य पर केंद्र के नियंत्रण के प्रसंग में
(d) योजना प्रक्रम में राज्य पर केंद्र के नियंत्रण के प्रसंग में
[IA.S. (Pre) 1994]
उत्तर-(d) योजना प्रक्रम में राज्य पर केंद्र के नियंत्रण के प्रसंग में
- म्यूनिसिपल संबंध का आशय सरकार की सभी स्तरों (केंद्र, राज्य, स्थानीय आदि) में आपसी भागीदारी और परस्पर सहयोग से है।
- भारत में पंचायतीराज अधिनियम लागू होने के बाद स्थानीय विकास के लिए योजना निर्माण, वित्तीय स्वायत्तता तथा संसाधनों के संग्रह एवं प्रबंधन में केंद्र राज्य तथा स्थानीय निकायों (सभी की) मागीदारी सुनिश्चित की गई।
- इससे योजना निर्माण में राज्यों पर केंद्र का नियंत्रण अत्यंत सीमित हो गया तथा केंद्र-राज्य संबंधों में नया आयाम जुड़ा।
|
5. भारतीय राजकोषीय संघवादी व्यवस्था में संसाधनों का केंद्र द्वारा राज्यों को आवंटन किया जाता है. वर्तमान में निम्न में से कौन-सा संसाधनों के आवंटन का एक माध्यम नहीं
(a) सहायक अनुदलन
(b) केंद्र प्रायोजित योजनाएं
(c) गाडगिल सूत्र के अंतर्गत योजना कार्यान्वयन के लिए स्थानांतरण
(d) कर-सहभाजन
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(c) गाडगिल सूत्र के अंतर्गत योजना कार्यान्वयन के लिए स्थानांतरण
- गाडगिल सूत्र के अंतर्गत योजना कार्यान्वयन के लिए राज्यों को स्थानांतरण पंचवर्षीय योजनाओं के संदर्भ में किया जाता था।
- योजना आयोग तथा पंचवर्षीय योजनाओं के समाप्त होने के साथ ही गाडगिल सूत्र आधारित अनुदान भी अब राज्यों को संसाधनों के आवंटन কা माध्यम नहीं है।
|
6. भारतीय संविधान के किस नाग में केंद्र-राज्य विधायी संबंध दिए गए हैं?
(a) भाग X में
(b) भाग XI में
(c) भाग XII में
(d) भाग XIII में
[U.P. P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004 U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]
उत्तर-(b) भाग XI में
- भारतीय संविधान के भाग XI के अध्याय 1 में केंद्र राज्य विधायी संबंध अनु. 245-255 के माध्यम से निरूपित किए गए हैं और साथ ही विभिन्न विधायी विषयों को संविधान की सातवीं अनुसूची की तीन सूचियों-संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची में विभाजित किया गया है।
- नोट: (i) संघ सूची में अंतिम प्रविष्टि का संख्यांक 97 है, लेकिन प्रविष्टि 2क (42वें संशोधन से), 92क (छठें संशोधन से) और 92ख (46वें संशोधन से) को जोड़ा गया है तथा प्रविष्टि 33 (7वें संशोधन से) एवं 92 (101वें संशोधन से) का लोप कर दिया गया है, जिससे इस सूची में प्रविष्टियों की कुल संख्या 98 है।
- (ii) राज्य सूची में अंतिम प्रविष्टि का संख्यांक 66 है, लेकिन सातवें संशोधन द्वारा प्रविष्टि 36, 42वें संशोधन द्वारा प्रविष्टि 11, 19, 20 और 29 तथा 101 वें संशोधन द्वारा प्रविष्टि 52 एवं 55 का लोप किया गया, जिससे इसमें प्रविष्टियों की कुल संख्या 59 है।
- (iii) समवर्ती सूची में अंतिम प्रविष्टि का संख्यांक 47 है।
- 42वें संशोधन द्वारा 5 प्रविष्टियां (11क, 17क, 17ख, 20 क और 33क) जोड़ी गई, जिससे इसमें कुल प्रविष्टियां 52 हैं।
|
7. केंद्र तथा राज्यों के मध्य शक्तियों के वितरण के लिए भारत का संविधान तीन सूचियों को प्रस्तुत करता है, निम्न में से कौन-से दो अनुच्छेद शक्तियों के वितरण को विनियमित करते हैं?
(a) अनुच्छेद 4 तथा 5
(b) अनुच्छेद 56 तथा 57
(c) अनुच्छेद 141 तथा 142
(d) अनुच्छेद 245 तथा 246
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर-(d) अनुच्छेद 245 तथा 246
- अनु. 4- पहली एवं चौथी अनुसूची के संशोधन; अनुच्छेद 5- संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता, अनु. 56 एवं 57 राष्ट्रपति की पदावधि और पुनर्निर्वाचन हेतु पात्रता; तथा अनु. 141 एवं 142- उच्चतम न्यायालय की शक्तियों के बारे में उपबंधों से संबंधित हैं, जबकि अनुच्छेद 245, संसद और राज्य विधानमंडलों द्वारा बनाई जाने वाली विधियों के विस्तार की राज्यक्षेत्रीय सीमा को निश्चित करता है।
- अनुच्छेद 246 सातवीं अनुसूची की सूची । (संघ सूची) में शामिल किसी भी विषय पर केंद्र को तथा सूची 2 (राज्य सूची) में शामिल विषयों पर राज्यों को कानून बनाने की इजाजत देता है, वहीं सूची 3 (समवर्ती सूची) के विषयों पर केंद्र और राज्य दोनों ही कानून बना सकते हैं।
- इस प्रकार अनुच्छेद 245 तथा अनुच्छेद 246 केंद्र और राज्यों के मध्य विधायी शक्तियों के वितरण को विनियमित करते हैं।
|
8. केंद्र-राज्य संबंध किस अनुसूची में हैं?
(a) 7वीं
(b) 8वीं
(c) 6वीं
(d) 9वीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर-(a) 7वीं
- संविधान के अनुच्छेद 246 के तहत केंद्र एवं राज्यों के मध्य विधायी शक्तियों के बंटवारे के लिए तीन सूचियों संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची की व्यवस्था है, जिन्हें संविधान की 7वीं अनुसूची में वर्णित किया गया है।
|
9. वे विषय जिन पर केंद्र व राज्य सरकारें दोनों कानून बना सकती हैं. उल्लिखित हैं-
(a) संघ सूची में
(b) राज्य सूची में
(c) समवर्ती सूची में
(d) अवशिष्ट सूची में
[U.P.U.D.A/L.D.A. (Pre) 2006]
उत्तर-(c) समवर्ती सूची में
- समवर्ती सूची पर संघ और राज्य दोनों कानून बना सकते हैं, परंतु यदि संघ व राज्य के कानूनों में अंतर्विरोध होता है, तो संघ का कानून मान्य होता है।
|
10. भारत में निम्नलिखित में से किसे शिशुओं और अवयस्कों के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक योजनाओं के लिए विधि-निर्माण की शक्तियां प्रदत्त है?
(a) केवल केंद्रीय सरकार को
(b) केवल राज्य सरकारों को
(c) केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारों को
(d) केवल स्थानीय सरकारों को
[U.P. B.E.O. (Pre) 2019]
उत्तर-(c) केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारों को
- संविधान के अनुच्छेद 246 के उपबंधों के तहत सातवीं अनुसूची में केंद्र और राज्य के बीच विधायी विषयों के संबंध में त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है-सूची-1 (संघ सूची), सूची-II (राज्य सूची) और सूची-III (समवर्ती सूची)।
- शिशु और अवयस्क (प्रविष्टि 5 के तहत) तथा आर्थिक एवं सामाजिक योजना (प्रविष्टि 20 के तहत) समवर्ती सूची के विषय है।
- अतः इन विषयों के संबंध में कानून बनाने का अधिकार केंद्र एवं राज्य दोनों को है।
- अतः संविधान में शिशुओं एवं अल्पवयस्कों के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक योजनाओं के लिए विधि-निर्माण की शक्तियां केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारों को प्रदत्त हैं।
|
11. भारतीय संविधान में अवशिष्ट शक्तियां किसमें सन्निहित हैं?
(a) राष्ट्रपति
(b) राज्य
(c) केंद्रीय मंत्रिमंडल
(d) संसद
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर-(d) संसद
- संविधान के अनुच्छेद 248(1) के अनुसार, संसद को किसी ऐसे विषय के संबंध में, जो समवर्ती सूची या राज्य सूची में प्रगणित नहीं है, विधि बनाने की अनन्य शक्ति है।
- जबकि पूर्णतः संघीय व्यवस्था में अवशिष्ट विधायी शक्तियां प्रायः राज्यों को प्रदान की जाती हैं, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय प्रणाली में अवशिष्ट विधायी शक्तियां राज्यों को सौंपी गई हैं।
|
12. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 249 संबंधित है-
(a) राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों से।
(b) लोक सभा के विघटन से।
(c) संसद की प्रशासनिक शक्तियों से।
(d) राज्य सूची के विषयों के संबंध में संसद की विधायी शक्तियों से।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर-(d) राज्य सूची के विषयों के संबंध में संसद की विधायी शक्तियों से।
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 249 राज्य सूची के विषयों के संबंध में संसद की विधायी शक्तियों से संबंधित है।
- इस अनुच्छेद के खंड (1) के अनुसार, यदि राज्य सभा ने उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों में से कम-से-कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा समर्थित संकल्प से यह घोषित किया है कि राष्ट्रीय हित में यह आवश्यक और समीचीन है कि संसद राज्य सूची के ऐसे विषय (या माल और सेवा कर) के संबंध में, जो उस संकल्प में विनिर्दिष्ट है, विधि बनाए तो संसद उस विषय के संबंध में भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बना सकती है।
|
13. अनुच्छेद 249 के खंड (1) के अंतर्गत पारित प्रस्ताव निम्नलिखित में से किससे अधिक समय के लिए प्रवृत्त नहीं रहेगा?
(a) एक माह
(b) तीन माह
(c) छः माह
(d) एक वर्ष
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(d) एक वर्ष
- अनुच्छेद 249 के खंड (2) के अनुसार खंड (1) के अंतर्गत पारित प्रस्ताव एक वर्ष से अधिक समय के लिए प्रवृत्त नहीं रहेगा।
- परंतु यदि और जितनी बार किसी ऐसे संकल्य को बनाए रखने का अनुमोदन करने वाला संकल्प खंड (1) में उपबंधित रीति से पारित हो जाता है।
- तो और उतनी बार ऐसा संकल्प उस तारीख से, जिसको वह इस खंड के अधीन अन्यथा प्रवृत्त नहीं रहता, एक वर्ष की और अवधि तक प्रवृत्त रहेगा।
|
14. निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के अनुसार भारतीय संविधान अंतरराज्यीय परिषद के संबंध में प्रावधान करता है?
(a) अनुच्छेद 262 के अनुसार
(b) अनुच्छेद 263 के अनुसार
(c) अनुच्छेद 264 के अनुसार
(d) अनुच्छेद 265 के अनुसार
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]
उत्तर-(b) अनुच्छेद 263 के अनुसार
- अनुच्छेद 263 केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति को एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना करने की शक्ति प्रदान करता है, यदि उसे यह प्रतीत हो कि उसकी स्थापना से लोक हितों की सिद्धि होगी।
- इनकी स्थापना राज्यों के बीच विवादों की जांच करने और उन पर सलाह देने, कुछ या सभी राज्यों के अथवा संघ और एक या अधिक राज्यों के सामान्य हित से संबंधित विषयों के अन्वेषण और उन पर विचार करने, या ऐसे किसी विषय पर सिफारिश करने और विशेष रूप से उस विषय के संबंध में नीति और कार्यवाही के अधिक अच्छे समन्वय के लिए सिफारिश करने के लिए, राष्ट्रपति के आदेश द्वारा की जाती है।
- अतः अंतरराज्यीय परिषदों कা निर्माण स्रोत संवैधानिक है। संविधान में उल्लिखित प्रावधानों के तहत इसकी स्थापना होती है।
|
15. भारत में राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित संस्थाओं में कौन-सी संविधानेत्तर और विधितर संस्था/ संस्थाएं हैं?
1. राष्ट्रीय विकास परिषद
2. राज्यपाल सम्मेलन
3. आंचलिक परिषदें
4. अंतरराज्यीय परिषद
नीचे दिए हुए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट:
(a) 1 और 2
(b) 1 और 3
(c) 3 और 4
(d) केवल 4
[IA.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(a) 1 और 2
- अंतरराज्यीय परिषद का उल्लेख संविधान के अनु. 263 में किया गया है अतः यह एक संवैधानिक संस्था है।
- आंचलिक या क्षेत्रीय परिषदें संसद के अधिनियम के प्रावधानों के तहत गठित की गई हैं, अतः ये विधिक संस्थाएं हैं, जबकि राष्ट्रीय विकास परिषद एवं राज्यपाल सम्मेलन संविधानेत्तर और विधित्तर संस्थाएं हैं।
|
16. क्षेत्रीय परिषदों का सृजन हुआ है
(a) संविधान द्वारा
(b) संसदीय कानून द्वारा
(c) सरकारी संकल्प द्वारा
(d) राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर-(b) संसदीय कानून द्वारा
- 1956 के संसद के अधिनियम के माध्यम में पांच क्षेत्रीय परिषदों-उत्तर, दक्षिण, केंद्रीय, पूर्वी और पश्चिमी का गठन किया गया।
- वर्ष 1971 में पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए पूर्वोत्तर परिषद का गठन उत्तर-पूर्वी परिषद अधिनियम, 1972 के तहत किया गया। गृह मंत्री प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद का अध्यक्ष होता है।
|
17. निम्नांकित में से कौन-सा एक क्षेत्रीय परिषदों का लक्षण नहीं है?
(a) यह एक संवैधानिक संस्था है।
(b) पांच क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना राज्यों के पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के अंतर्गत की गई है।
(c) यद्यपि चंडीगढ़ राज्य नहीं है, फिर भी एक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किया गया है।
(d) यह एक परामर्शदात्री संस्था है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) यह एक संवैधानिक संस्था है।
- क्षेत्रीय परिषद एक सांविधिक (Statutory) निकाय है (न कि सवैधानिक संस्था)।
- पांच क्षेत्रीय परिषदों का गठन राज्यों के बीच अंतर-राज्य सहयोग और समन्वय बढ़ाने के लिए राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत किया गया था।
- चंडीगढ़ राज्य न होते हुए मी उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में शामिल है।
- इसके अतिरिक्त दिल्ली, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव तथा पुडुचेरी संघ राज्यक्षेत्र होते हुए भी क्षेत्रीय परिषद में शामिल किए गए हैं।
- इन क्षेत्रीय परिषदों का कार्य विभिन्न क्षेत्रों में आपसी हित के मामलों पर चर्चा तथा सिफारिशें करना है।
- यह एक परामर्शदात्री संस्था है।
|
18. भारत में क्षेत्रीय परिषदों के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा कथन सही है/हैं?
1. परिषदें भारतीय संघ व्यवस्था के ‘उपसंघीय सूत्र’ के रूप में कार्य करती हैं।
2. परिषदें नारतीय संघ व्यवस्था में, राज्यों के मध्य सहयोग एवं एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करती हैं
सही उत्तर का चयन नीचे दिए गए कूट से कीजिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 तथा 2
(d) न तो 1 और न 2
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर-(c) दोनों 1 तथा 2
- क्षेत्रीय परिषदें भारतीय संघ व्यवस्था के उपसंघीय सूत्र के रूप में कार्य करती हैं।
- ये एक बेहतर मंच प्रदान करती है, जहां पर केंद्र एवं राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच पारस्परिक अमान्यताओं को स्वतंत्र एवं निश्पक्ष विचार-विमर्शी तथा परामर्शों के माध्यम से सुलझाया जा सकता है।
- ये आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े राज्यों के लिए सहयोगात्मक प्रयास के क्षेत्रीय मंच है।
- यह राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय पहलुओं को शामिल कर विशिष्ट मामलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सक्षम है।
- इस प्रकार ये क्षेत्रीय परिषद भारतीय संघ व्यवस्था में, राज्यों के मध्य सहयोग एवं एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
|
19. झारखंड क्षेत्र स्वायत्त परिषद का गठन कब हुआ?
(a) 8 अगस्त, 1993
(b) 8 अगस्त, 1994
(c) 8 अगस्त, 1995
(d) 8 अगस्त, 1996
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(c) 8 अगस्त, 1995
- झारखंड क्षेत्र स्वायत्त परिषद (Jharkhand Area Autonomous Council) का गठन 8 अगस्त, 1995 को संथाल परगना और छोटानागपुर क्षेत्र के 18 जिलों को शामिल करते हुए किया गया था तथा शिबू सोरेन इस परिषद के अध्यक्ष नामित किए गए थे।
|
20. निम्न में से कौन-सा एक सही सुमेलित नहीं है?
(a) अंतरराज्यीय पानी के झगड़ों में केंद्रीय संसद के अधिनिर्णय की शक्ति भारतीय संविधान का अनुच्छेद 262
(b) अंतरराज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956
(c) नदी बोर्ड्स एक्ट, 1970
(d) राष्ट्रीय जल नीति, 1987
[U.P. P.C.S. (SpL.) (Mains) 2004]
उत्तर-(c) नदी बोर्ड्स एक्ट, 1970
- नदी बोर्ड्स एक्ट 1970 में नहीं बल्कि 1956 में लागू हुआ था।
- अन्य सभी विकल्प सही सुमेलित हैं।
|
21. सरकारिया आयोग निम्नलिखित संबंधों में से किसकी समीक्षा हेतु स्थापित किया गया था?
(a) प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति के मध्य
(b) विधायिका तथा कार्यपालिका के मध्य
(c) केंद्र तथा राज्यों के मध्य
(d) कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के मध्य
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016, U.P.P.C.S. (Pre) 2008, U.P.P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर-(c) केंद्र तथा राज्यों के मध्य
- केंद्र-राज्य संबंधों पर विचार करने तथा उनको सुदृढ़ करने हेतु सुझाव देने के लिए न्यायमूर्ति आर. एस. सरकारिया की अध्यक्षता में जून, 1983 में एक आयोग का गठन किया गया था।
- बी. शिवरामन तथा एस.आर. सेन इसके अन्य दो सदस्य थे।
- आयोग ने जनवरी, 1988 में अपनी रिपोर्ट सौंपी।
- लगभग 1600 पृष्ठों की इस रिपोर्ट में आयोग द्वारा 19 अध्यायों के तहत कुल 247 अनुशंसाएं की गई थीं।
|
22. नीचे दो कथन दिए गए हैं. एक को अभिकथन (A) और दूसरे को कारण (R) का नाम दिया गया है।
अभिकथन (A): सरकारिया कमीशन की सिफारिश के अनुसार अनुच्छेद 356 का प्रयोग कम-से-कम होना चाहिए।
कारण (R): जिन राजनीतिक दलों ने केंद्र में सरकार बनाई उन्होंने अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया।
कूट:
(a) (R) सत्य है, किंतु (A) असत्य है।
(b) (A) और (R) सत्य हैं किंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(d) (A) सत्य है, किंतु (R) असत्य है।
[R.A.S/R.T.S. (Pre) (Re-Exam) 2013]
उत्तर-(c) (A) और (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
- केंद्र-राज्य संबंधों पर विचार करने के लिए सरकारिया आयोग का गठन 1983 में किया गया था।
- सरकारिया आयोग ने अपनी सिफारिश में अनुच्छेद 356 को कम-से-कम प्रयोग में लाने पर बल दिया।
- कई बार अनुच्छेद 356 का केंद्र में सत्तारूढ़ दलों द्वारा दुरुपयोग हुआ है तथा अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राष्ट्रपति शासन की घोषणा अन्य प्रावधानों पर विचार किए बिना जल्दबाजी में कर दी जाती है।
- इस प्रकार कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कचन की व्याख्या कर रहा है।
|
23. किस आयोग ने स्थायी अंतरराज्यीय परिषद, जो ‘अंतर-सरकारी परिषद’ के नाम से जानी जाती है, की स्थापना का समर्थन किया?
(a) पुंछी आयोग
(b) सरकारिया आयोग
(c) राधाकृष्णन आयोग
(d) मोइली आयोग
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(b) सरकारिया आयोग
- सरकारिया आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्थायी अंतरराज्य परिषद की स्थापना की अनुशंसा की थी।
- इसी के अनुसरण में मई, 1990 में संविधान के अनुच्छेद 263 के तहत राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में अंतरराज्य परिषद का गठन किया गया।
|
24. निम्नलिखित में से कौन भारत में संघ-राज्य संबंध से संबंधित नहीं है?
(a) सरकारिया आयोग
(b) राजमन्नार समिति
(c) इंद्रजीत गुप्ता समिति
(d) पुंछी आयोग
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) इंद्रजीत गुप्ता समिति
- इंद्रजीत गुप्ता समिति का गठन वर्ष 1998 में चुनाव सुधार एवं जनप्रतिनिधि कानून 1951 में संशोधन के लिए सुझाव देने हेतु किया गया था।
- इस समिति का मुख्य उद्देश्य चुनाव कार्यों में राज्य की ओर से धन उपलब्ध कराए जाने की व्यवहार्यता का विशेष अध्ययन करना और उस पर अपना निष्कर्ष देना था।
- शेष तीनों संघ-राज्य संबंध से संबंधित हैं।
|
25. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं-
कथन (A): केंद्र-राज्य संबंधों पर पुनर्विचार की मांगें बढ़ती रही हैं।
कारण (R): राज्यों के पास विकास कार्यों के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं।
ऊपर दिए गए दोनों वक्तव्यों के दृष्टिगत, निम्न में से कौन-सा सही है?
(a) (A) और (R) दोनों अपनी जगह सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों अपनी जगह सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों अपनी जगह सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- भारतीय संघ में केंद्र की स्थिति और भूमिका शक्तिशाली है तथा इस संबंध में राज्यों पर केंद्र का वर्चस्व है।
- यद्यपि वित्तीय विषयों का बंटवारा दोनों के मध्य किया गया है, किंतु वित्तीय स्रोतों का आवंटन केंद्र के पक्ष में अधिक है।
- राज्यों के पास विकास कार्यों के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
- यही कारण है कि केंद्र-राज्य संबंधों पर पुनर्विचार की मांगें बढ़ती जा रही हैं।
- इस प्रकार कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या कर रहा है।
|
26. नीचे दो कथन दिए गए हैं, इनमें से एक अमिकथन (A) तथा दूसरा कारण (R) है –
अभिकथन (A): राज्य की कार्यपालिका शक्ति का प्रयोग, संसद के कानूनों तथा राज्यों में लागू कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु होता है।
कारण (R): अपनी कार्यपालिका शक्तियों का प्रयोग करके भारत सरकार राज्यों को आवश्यक निर्देश दे सकती है।
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए।
कूट :
(a) दोनों (A) तथा (R) सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) दोनों (A) तथा (R) सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सत्य है, किंतु (R) असत्य है।
(d) (A) असत्य है, किंतु (R) सत्य है।
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) (Re-Exam) 2016]
उत्तर-(a) दोनों (A) तथा (R) सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- संविधान का अनुच्छेद 256 स्पष्ट करता है कि प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा, जिससे संसद द्वारा बनाई गई विधियों का और ऐसी विद्यमान विधियों का, जो उस राज्य में लागू हैं, अनुपालन सुनिश्चित रहे और संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार किसी राज्य को ऐसे निदेश देने तक होगा, जो भारत सरकार को इस प्रयोजन के लिए आवश्यक प्रतीत हो।
- अतः स्पष्ट है कि कथन और कारण दोनों सही है तथा कारण, कथन की सही व्याख्या है।
|
27. भारत के संविधान के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से किसके अनुसार, प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा जिससे संघ की कार्यपालिका शक्ति के प्रयोग में कोई अड़चन न हो या उस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े?
(a) अनुच्छेद 257
(b) अनुच्छेद 258
(c) अनुच्छेद 355
(d) अनुच्छेद 356
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(a) अनुच्छेद 257
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 257 के खंड (1) के अनुसार, प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा, जिससे संघ की कार्यपालिका शक्ति के प्रयोग में कोई अड़चन न हो या उस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े और संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार किसी राज्य को ऐसे निदेश देने तक होगा, जो भारत सरकार को इस प्रयोजन के लिए आवश्यक प्रतीत हों।
|
28. भारतीय संविधान का कौन-सा भाग केंद्र और राज्यों के मध्य वित्तीय संबंधों का विवरण प्रस्तुत करता है?
(a) भाग 10
(b) भाग 11
(c) भाग 12
(d) भाग 13
[U.P. B.E.O. (Pre) 2019]
उत्तर-(c) भाग 12
- केंद्र और राज्यों के मध्य वित्तीय संबंधों का विवरण संविधान के भाग 12 में प्रस्तुत किया गया है। भारतीय संविधान के प्रश्नगत भाग इस प्रकार हैं-
- भाग-10 – अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र
- भाग-11 संघ एवं राज्यों के बीच (विधायी और प्रशासनिक) संबंध
- भाग-12 – वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद
- भाग-13 भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर, व्यापार, वाणिज्य एवं समागम
|
29. केंद्र सरकार तथा राज्यों के मध्य आर्थिक संबंधों की विवेचना की गई है-
(a) अनुच्छेद 168-171 के अंतर्गत
(b) अनुच्छेद 268-281 के अंतर्गत
(c) अनुच्छेद 278-291 के अंतर्गत
(d) अनुच्छेद 289-295 के अंतर्गत
[U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर-(b) अनुच्छेद 268-281 के अंतर्गत
- केंद्र सरकार तथा राज्यों के मध्य आर्थिक या वित्तीय संबंधों की विवेचना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 268-281 (संघ और राज्यों के मध्य राजस्वों का वितरण) के अंतर्गत की गई है।
- इनमें वित्तीय आगम स्रोतों का वितरण साम्यपूर्ण बनाने के लिए एक जटिल तंत्र की रचना की गई है, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि यह विभाजन स्थायी न हो तथा निश्चित अंतरालों पर उसका पुनर्विलोकन हो और समायोजन किया जाए।
|
30. भारत के संविधान में किस अनुच्छेद में करों को केंद्र द्वारा लगाया तथा एकत्रित किया जाता है, लेकिन केंद्र और राज्यों के बीच वितरित किया जाता है?
(a) अनुच्छेद 268
(b) अनुच्छेद 269
(c) अनुच्छेद 270
(d) अनुच्छेद 271
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(c) अनुच्छेद 270
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 270 के तहत प्रावधानित है कि संघ सूची में निर्दिष्ट सभी कर और शुल्क (अनुच्छेद 268, अनुच्छेद 269 और अनुच्छेद 269 क में निर्दिष्ट करों एवं शुल्कों को छोड़कर), भारत सरकार द्वारा लगाए और एकत्रित किए जाएंगे तथा इन्हें संघ और राज्यों के मध्य वितरित किया जाएगा।
|
31. निम्न कथनों पर विचार कीजिए:
भारत में वित्तीय सौदों पर स्टाम्प शुल्क-
1. राज्य सरकार द्वारा लगाया व वसूल किया जाता है
2. का विनियोजन संघ सरकार द्वारा किया जाता है
इन कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 तथा 2
(d) दोनों में से कोई नहीं
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर-(d) दोनों में से कोई नहीं
- अनुच्छेद 268 के अनुसार, ऐसे स्टाम्प शुल्क जो संघ सूची में वर्णित हैं (यथा- संघ सूची की प्रविष्टि 91 में वर्णित वित्तीय सौदों पर स्टाम्प शुल्क), उन्हें संघ द्वारा लगाया या उद्गृहीत किया (levied) जाता है, किंतु उन्हें राज्य सरकार द्वारा संगृहीत (collected) और विनियोजित (appropriated) किया जाता है।
|
32. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
भारत में, शेयर बाजार तथा फ्यूचर्स बाजार में हुए लेन-देन पर कर
1. संघ द्वारा लगाए जाते हैं।
2. राज्यों द्वारा एकत्रित किए जाते हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
[U.P.P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर-(a) केवल 1
- संविधान की सातवीं अनुसूची में केंद्र एवं राज्यों के मध्य शक्तियों के बंटवारे के बारे में दिया गया है।
- इसके अंतर्गत तीन सूचियां हैं-संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची।
- प्रश्नानुसार शेयर बाजार तथा फ्यूचर्स बाजार में हुए लेन-देन पर कर संघ सूची के अंतर्गत आता है।
- तदनुसार, इसे संविधान के अनुच्छेद 270 के तहत संघ द्वारा लगाया (उद्गृहीत किया) जाता है और इसे संघ द्वारा ही एकत्रित (संग्रहीत) किया जाता है।
- भारत में प्रतिभूति हस्तांतरण कर (STT) वर्ष 2004 में लागू किया गया था।
|
33. भारत में कर निर्दिष्टीकरण के सवैधानिक प्रावधानों के तहत निम्न में से कौन-सा कर है, जो पूरी तरह से राज्यों द्वारा लगाया और वसूला जाता है?
(a) आय कर
(b) भू-राजस्व
(c) निगम कर
(d) जी.एस.टी.
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(b) भू-राजस्व
- प्रश्नगत करों में से भू-राजस्व संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची 2 (राज्य सूची) की प्रविष्टि 45 (भू-राजस्व, जिसके अंतर्गत राजस्व का निर्धारण और संग्रहण, भू-अभिलेख रखना, राजस्व के प्रयोजनों के लिए और प्राधिकारों के अभिलेखों के लिए सर्वेक्षण और राजस्व का अन्यसंक्रामण है) के तहत राज्यों के अधिकार क्षेत्र की विषयवस्तु है तथा इसे पूरी तरह से राज्यों द्वारा लगाया और वसूला जाता है।
|
34. क्या संविधान के अंतर्गत भारतीय संघ के राज्य विदेशी ऋण सीधे लेने की शक्ति रखते हैं?
(a) हां
(b) नहीं
(c) हां, पर केवल अंतरराष्ट्रीय संगठनों से
(d) हां, पर केवल भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से
[U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(b) नहीं
- संविधान के अनुच्छेद 293 (1) के तहत राज्यों की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार, उस राज्य की संचित निधि की प्रतिभूति पर ऐसी सीमाओं के भीतर, यदि कोई हो, जिन्हें ऐसे राज्य का विधानमंडल समय-समय पर विधि द्वारा नियत करे, भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर उधार लेने तक और ऐसी सीमाओं के भीतर प्रत्याभूति देने तक ही है।
- अतः स्पष्ट है कि संविधान के अंतर्गत भारतीय संघ के राज्य विदेशी ऋण सीधे नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
- राज्यों द्वारा विदेशी ऋण संघ (केंद्र) सरकार के माध्यम से (भारत सरकार की प्रत्याभूति पर) ही प्राप्त किया जा सकता है।
|
35. राज्य सरकारों को कृषि आय कर कौन समनुदेशित करता है?
(a) वित्त आयोग
(b) राष्ट्रीय विकास परिषद
(c) अंतर्राज्य परिषद
(d) भारत का संविधान
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(d) भारत का संविधान
- संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य सूची में प्रविष्टि 46 के तहत कृषि आय पर कर का उल्लेख है, अर्थात यह विषय राज्यों के अधिकार क्षेत्र में है।
- साथ ही संविधान के अनुच्छेद 274 में कृषि आय कर या ऐसे कराधान जिनमें राज्य हितबद्ध है, हेतु प्रावधान नियत किए गए हैं।
|
36. केंद्र एवं राज्य के बीच वित्तीय (Fiscal) विवादों के निपटारे हेतु मुख्य एजेंसी है-
(a) सर्वोच्च न्यायालय
(b) न्याय मंत्री
(c) वित्त मंत्री
(d) वित्त आयोग
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(a) सर्वोच्च न्यायालय
- केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय विवादों के निपटारे हेतु मुख्य एजेंसी सर्वोच्च न्यायालय है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत वह उपर्युक्त मामलों का निपटारा करता है।
- जबकि वित्त आयोग संघ और राज्यों के मध्य वित्त के बंटवारे के संदर्भ में सिफारिश करता है।
|
37. निम्नलिखित करों में से किसके अंतर्गत व्यक्ति द्वारा देय पूर्ण धनराशि संविधान द्वारा सीमित कर दी गई है?
(a) निगम कर
(b) (मरणोपरांत) संपदा शुल्क
(c) उत्तराधिकार शुल्क
(d) व्यापार, व्यवसाय एवं वृत्ति कर
[U.P. P.C.S. (Mains) 2002, 2004]
उत्तर-(d) व्यापार, व्यवसाय एवं वृत्ति कर
- अनु. 276(2) के तहत राज्य को या उस राज्य में किसी एक नगरपालिका, जिला बोर्ड, स्थानीय बोर्ड या अन्य स्थानीय प्राधिकारी को किसी एक व्यक्ति के बारे में वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर करों के रूप में संदेय कुल रकम 2500 रु. (60वें संविधान संशोधन, 1988 द्वारा 250 रु. के स्थान पर) प्रतिवर्ष तक सीमित कर दी गई है।
|
38. भारतीय संविधान के निम्नलिखित किस/किन अनुच्छेद/अनुच्छेदों द्वारा अंतर्राज्यीय व्यापार एवं व्यवसाय की स्वतंत्रता प्रदान की गई है?
(a) 19 (1)
(b) 301
(c) 301 से 307
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर-(b) 301
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 301 के अनुसार भाग 13 के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र व्यापार, वाणिज्य और समागम अबाध होगा।
|