राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान

प्रश्न: नेताजी सुभाष चंद्र बोस उत्कृष्ट राजनयिक और सैन्य कौशल रखने वाले एक दूरदर्शी यथार्थवादी नेता थे। राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष में उनके योगदान के संदर्भ में इस पर चर्चा कीजिए।

दृष्टिकोण

  • भूमिका में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रकृति और सुभाष चंद्र बोस के संबंध में संक्षिप्त वर्णन दीजिए।
  • नेताजी के दृष्टिकोण में यथार्थवाद और दूरदर्शिता को रेखांकित कीजिए।
  • नेताजी के उत्कृष्ट राजनयिक और सैन्य कौशल को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन विभिन्न तरीकों और दृष्टिकोणों परन्तु स्वतंत्रता प्राप्ति का समान लक्ष्य रखने वाले महान नेताओं का एक जन-आंदोलन था। यथार्थवाद, कूटनीति और सैन्य कौशल का मिश्रण सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व की पहचान थी। यह निम्नलिखित उदाहरणों से स्पष्ट हो जाता है:

यथार्थवाद और दूरदर्शिता

  • उन्होंने वर्साय संधि की विफलता के तुरंत पश्चात् भावी युद्ध की संभावना का अनुभव किया। इस संबंध में उनका मत था कि भारत को इंग्लैंड के शत्रुओं से सहायता प्राप्त करके इस परिस्थिति का लाभ उठाना चाहिए।
  • उन्होंने एक अस्थायी सरकार का गठन किया और ब्रिटेन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा की। राजनीतिक सामंजस्य स्थापित करने के लिए उन्होंने कांग्रेस के तिरंगे झंडे और नए राष्ट्रगान को अपनाया।
  • बेहतर संगठन प्रदान करने हेतु उन्होंने आज़ाद हिंद दल, रानी झांसी रेजिमेंट, भारतीय स्वतंत्रता लीग, बालक सेना और नेशनल बैंक ऑफ़ आज़ाद हिंद (INA) जैसे नवीन संस्थानों की स्थापना की।
  • उनका यह दृष्टिकोण यथार्थवादी था कि आज़ाद हिंद फ़ौज की गतिविधियाँ ब्रिटिश सेना के भारतीय सैनिकों को राजनीतिक रूप से जागृत करेंगी।
  • उन्होंने धर्मनिरपेक्ष भारत की परिकल्पना की। यह आज़ाद हिंद फ़ौज में धार्मिक विभेदों की अनुपस्थिति से स्पष्ट है।

कूटनीति और सैन्य कौशल

  • वे जर्मनी और उसकी सैन्य विजयों से प्रभावित थे। वे जानते थे कि भारत को तब तक आजाद नहीं कराया जा सकता जब तक कि भारत के बाहर से कोई सैन्य अभियान आरंभ नहीं किया जाता।
  • अपने सैन्य और राजनयिक कौशल के साथ वे जापान से सहायता प्राप्त करने में सफल रहे तथा पूर्वी एशिया में रहने वाले भारतीयों के साथ आज़ाद हिंद फ़ौज का गठन किया। इसके सभी संसाधन, प्रशिक्षण और कमान पूर्णत: भारतीय थे।
  • नेताजी एक महान वक्ता थे और उन्होंने लोगों की उदीयमान देशभक्ति की भावना को आकर्षित कर INA का गठन करने हेतु उनकी भर्ती की।
  • बोस ने अपनी पार्टी- फारवर्ड ब्लॉक का गठन किया, जो व्यवहारिक रूप से कांग्रेस में बनी रही। इस पार्टी ने साझा उद्देश्य की प्राप्ति हेतु वामपंथी और दक्षिणपंथी गुटों को एक साथ लाने का प्रयास किया।

2018 में, सुभाष चंद्र बोस द्वारा तिरंगा फहराये जाने की 75वीं वर्षगांठ मनाते हुए भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में उनके योगदान और उनकी विरासत का स्मरण किया गया।

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