हिन्दी निबंध: भारत विकास के पथ पर

‘विकास’ का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है। कुछ लोगों के लिए इसका मतलब ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ हो सकता है, जबकि बाकी लोगों के लिए काफी कुछ और – रोटी का अर्थ खाद्य सुरक्षा, कपड़ा से आशय अपनी पहचान को बताने का तरीका और मकान का मतलब न सिर्फ सर पर छत बल्कि खेलने के लिए जगह और जिम जैसी सुविधा वाला बेहतर आशियाना हो सकता है।

बहरहाल, जब हम खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में रोटी की बात करते हैं तो खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सबसे अहम भूमिका किसान की है। खाद्य आपूर्ति की इस बेहद अहम श्रृंखला में वह पहला शख्स है। हालांकि, किसान का हित न तो लोगों और न ही नीति निर्माताओं के एजेंडे में प्रमुख रहा है। इस स्थिति को दूर करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इसके तहत किसानों के कल्याण को उचित प्राथमिकता देने की बात है और इसमें साल 2022 तक उनकी आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य सबसे अहम है। इसके अलावा, सॉयल हेल्थ कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी पहल के जरिए आपदाओं से किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है, जिसका सामना उन्हें बार-बार करना पड़ता है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना फ्लैगशिप कार्यक्रम है, जो विपणन संबंधी सहयोग के साथ प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की सुविधाएं मुहैया कराता है। साथ ही, ई-नैम  के जरिए किसानों को उनकी फसल की सही कीमत दिलाई जाती है। लिहाजा, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि उचित नीतियों, व्यावहारिक कार्यक्रमों और इस हिसाब से बजटीय आवंटन के माध्यम से किसानों के हितों का खयाल रखा जाए।

‘मकान‘ का मामला सब के लिए सस्ते घर से जुड़े अभियान में बदल गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) फ्लैगशिप कार्यक्रम है, जिसके तहत साल 2022 तक सबके लिए घर का इंतजाम करने की कोशिश की जा रही है। इस योजना को इस तरह से तैयार किया गया है कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने तक हर परिवार के पास पानी का कनेक्शन, शौचालय की सुविधा और बिजली की आपूर्ति वाला पक्का घर उपलब्ध हो सके।

संपर्क और सुगम रास्ते भी विकास के लिए जरूरी है। हर नागरिक चाहता है कि जब वह हर सुबह काम पर निकले तो वह बिना गड्ढे वाली अच्छी सड़कों से ही सफर करे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मार्च 2019 तक पूरा करने के लिए । तकरीबन 300 परियोजनाओं की पहचान की है। एनएचएआई की 127 और मंत्रालय की 153 परियोजनाओं को जून 2019 तक पूरा होना है, जिन्हें अब और तेजी से अंजाम देने के लक्ष्य के तहत मार्च 2019 तक पूरा करने की बात कही गई है। इसके अलावा, 100 ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनको दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाना है।

साल 2018-19 के लिए एनएचएआई का निर्माण लक्ष्य 5,058 किलोमीटर से संशोधित कर 6,000 किलोमीटर कर दिया गया है। हवाई यात्रा कार्यक्रम ‘उड़ान‘ के जरिए देश के छोटे शहरों को जोड़ने की सरकार की इनोवेटिव स्कीम का मकसद छोटे शहरों के लिए सुगम रूट मुहैया कराना और उन्हें मुख्यधारा में लाना है।

प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से एलान किया था कि अगले 1,000 दिनों के भीतर प्रत्येक गांव में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। ऊर्जा मंत्रालय ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम शुरू किया और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) की शुरुआत की गई। इस एलान के 1,000 दिनों के भीतर 18,000 गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है।

विकास की राह में युवाओं की ताकत का इस्तेमाल करना किसी भी देश के लिए प्रमुख मुद्दा होना चाहिए। अपनी जनांकिक ताकत के साथ भारत विकास की प्रक्रिया में युवा शक्ति को भागीदार बनाने को तैयार है। नेहरू युवा केंद्र और राष्ट्रीय सेवा योजना के जरिए सरकार सामुदायिक कल्याण से युवाओं से जोड़ने में सक्रिय रही है। इन गतिविधियों का मकसद उपयोगी कार्यबल तैयार करना है, जो सामुदायिक संबंधी गतिविधियों के जरिए देश के आर्थिक विकास में सतत योगदान कर सके। स्किल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, राष्ट्रीय युवा नेतृत्व कार्यक्रम, मुद्रा आदि तमाम अभियानों का मकसद देश की युवा आबादी को आगे बढ़ने के लिए मौका मुहैया कराना है।

किसी देश के विकास एजेंडे में अलग-अलग मानक शामिल होते हैं। हर पहलू और मानक अपने-आप में अहम होता है और समग्र विकास के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अक्सर इन पहलुओं को एक-दूसरे के साथ जोड़ना पड़ता है। सरकार के हालिया कदमों में समग्र विकास के इस लक्ष्य को हासिल करने की बात है।

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