1. 9वीं शताब्दी ई. में निम्नलिखित में से किसके द्वारा चोल साम्राज्य की नींव डाली गई ?
(a) कृष्ण I
(b) राजराज चोल
(c) विजयालय
(d) परांतक
[R.A.S./R.T.S (Pre) 2016]
उत्तर-(c) विजयालय
- संगम साहित्य में लिखी गई पहले चोल राजवंश की कहानियाँ, और जब चोल साम्राज्य समाप्त हुआ और जब मध्यकालीन चोल 850 ईस्वी में विजयालय के तहत फिर से शुरू हुआ, तब के बीच की अवधि।
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2.निम्नलिखित में से किस मंदिर परिसर में एक भारी-भरकम नंदी की मूर्ति है, जिसे भारत की विशालतम नंदी मूर्ति माना जाता है?
(a) वृहदीश्वर मंदिर
(b) लिंगराज मंदिर
(c) कंदरिया महादेव मंदिर
(d) लेपाक्षी मंदिर
[U.P.P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (a) वृहदीश्वर मंदिर
- बृहदेश्वर मंदिर राजराज-प्रथम के शासनकाल के दौरान वास्तुकला की द्रविड़ शैली का एक शानदार उदाहरण है।
- यह भारत का सबसे बड़ा और ऊंचा मंदिर है, जिसका क्षेत्रफल 500′ x 250′ है।
- मुख्य मंदिर के बाहर रक्षकों की दो मूर्तियाँ हैं।
- एक ही चट्टान से बनी विशाल ‘नंदी’ प्रतिमा मंदिर के बाहर स्थित है और माना जाता है कि यह भारत में सबसे ऊंची नंदी प्रतिमा है।
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3. चोलों का राज्य किस क्षेत्र में फैला था?
(a) विजयनगर क्षेत्र
(b) मालाबार तट
(c) होयसल
(d) कोरोमंडल तट, दक्कन के कुछ भाग
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर-(d) कोरोमंडल तट और दक्कन के कुछ भाग
- चोल राजवंश के शासन का क्षेत्र दक्षिण से उत्तर तक, तुंगभद्रा नदी से लेकर कृष्णा नदी तक था।
- चोल साम्राज्य ने कोरोमंडल तट और दक्कन के कुछ हिस्सों, जैसे उरैयुर, कावेरीपट्टिनम और तंजावुर को भी नियंत्रित किया।
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4. चोलों की राजधानी थी-
(a) कावेरीपत्तन
(b) महाबलीपुरम्
(c) कांची
(d) तंजौर
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]
उत्तर-(d) तंजौर
- तंजौर शहर चोल राजवंश की मूल राजधानी थी।
- बाद में गंगैकोण्डचोलपुरम भी चोलों की राजधानी बन गया।
- संगम युग में, उरैयुर चोल की राजधानी थी।
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5. निम्नलिखित में कौन चोल प्रशासन की विशेषता थी?
(a) साम्राज्य का मंडलम में विभाजन
(b) ग्राम प्रशासन की स्वायत्तता
(c) राज्य के मंत्रियों को समस्त अधिकार
(d) कर संग्रह प्रणाली का सस्ता व उचित होना
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(b) ग्राम प्रशासन की स्वायत्तता
- चोल राजवंश इस मायने में अद्वितीय था कि इसमें बहुत संगठित और उन्नत ग्राम प्रशासन था जो केवल उनके शासनकाल के दौरान ही अस्तित्व में था।
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6. चोलों के अधीन ग्राम प्रशासन के बहुत से ब्यौरे जिन शिलालेखों में हैं, वे कहां हैं?
(a) तंजावुर
(b) उरैयूर
(c) कांचीपुरम
(d) उत्तर मेरूर
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर-(d) उत्तर मेरूर
- उत्तरमेरुर शिलालेख के अभिलेख इस बात की गहन व्याख्या प्रदान करते हैं कि ग्राम सभा (ग्राम सभा) की कार्यकारी समिति ने चोल ग्राम प्रशासन में कैसे काम किया।
- प्रत्येक गाँव की अपनी समिति होती थी, जो आम तौर पर मध्य कमान से स्वतंत्र होती थी, जो गाँव के मामलों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होती थी।
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7. चोल शासकों के शासनकाल में निम्नलिखित में से कौन-सा वारियम् उद्यान प्रशासन का कार्य देखता था?
(a) पोन वारियम्
(b) एरि वारियम्
(c) टोट्ट वारियम्
(d) सम्वत्सर वारियम्
[U.P.R.O/A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर-(c) टोट्ट वारियम्
- चोल काल के दौरान गाँवों के संचालन की देखरेख करने वाले समूह को वरियाम कहा जाता था।
- टोट्ट वरियाम बागवानी बोर्ड के प्रभारी थे, संवत्सर वरियाम वार्षिक समूह थे, एरी वरियाम टैंक और जल स्रोतों का प्रबंधन करते थे, और पान वरियाम स्वर्ण/वित्त समिति के प्रभारी थे।
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8. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1. चोलों ने पाण्ड्य तथा चेर शासकों को पराजित कर प्रायद्वीपीय भारत पर प्रारंभिक मध्यकालीन समय में अपना प्रभुत्व स्थापित किया।
2. चोलों ने दक्षिण-पूर्वी एशिया के शैलेंद्र साम्राज्य के विरुद्ध सैन्य चढ़ाई की तथा कुछ क्षेत्रों को जीता।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 और 2
(d) दोनों में से कोई भी नहीं
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर-(c) दोनों 1 और 2
- चोल राजवंश की शुरुआत दक्षिणी भारत में परान्तक-I के तहत हुई।
- उसने मदुरा राजा को हराया और खुद को “मदुरै-कोंड” कहा।
- तंजावुर के अभिलेखों से पता चलता है कि राजराज-प्रथम ने कंडाल्लूर में चेरों की नौसैनिक सेना को हराया था।
- उन्होंने और उनके बेटे राजेंद्र-प्रथम ने तब दक्षिण पूर्व एशिया के शैलेन्द्र साम्राज्य पर हमला किया क्योंकि उन्हें चीन के साथ व्यापार करने में परेशानी हो रही थी।
- वे सफल रहे और क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा कर लिया।
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9. चोल काल में निर्मित नटराज की कांस्य प्रतिमाओं में देवाकृति प्रायः –
(a) अष्टभुज है
(b) षड्भुज है
(c) चतुर्भुज है
(d) द्विभुज है
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(c) चतुर्भुज है
- चोल कलाकार, जिन्हें स्थापति के नाम से जाना जाता था, नक्काशी कला में बहुत कुशल थे।
- उन्होंने बहुत सारी पत्थर और धातु की मूर्तियाँ बनाईं।
- उन्होंने पत्थर की तुलना में कांस्य की अधिक मूर्तियां बनाईं।
- नटराज (शिव) की कई खूबसूरत मूर्तियाँ मौजूद हैं, और उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मूर्तियों में से एक माना जाता है।
- इन मूर्तियों की चार भुजाएं हैं।
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10. शिव की ‘दक्षिणामूर्ति’ प्रतिमा उन्हें किस रूप में प्रदर्शित करती है?
(a) शिक्षक
(b) नृत्य करते हुए
(c) विश्राम करते हुए
(d) ध्यानमग्न
[U.P. P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) शिक्षक
- शिव की दक्षिणामूर्ति नामक मूर्ति उन्हें एक शिक्षक के रूप में दर्शाती है।
- लोग शिव को उनकी पूजा करने वालों को ज्ञान देने वाले के रूप में देखते हैं।
- दक्षिणामूर्ति की मूर्ति दक्षिण की ओर मुख करके रखी गई है।
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11. ‘नटराज नृत्य के भगवान’ की मूर्ति के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. यह मूर्ति नृत्य करते हुए चार हाथों वाले शिव का प्रतिनिधित्व करती है।
2. अपने दाएं कान में, वह एक पुरुष का कुंडल पहने हैं, बाएं में एक महिला का।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 और 2
(d) न तो 1 और ना ही 2
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2021]
उत्तर-(c) दोनों 1 और 2
- भगवान शिव की नटराज मुद्रा की मूर्ति नृत्य करते हुए चार हाथों वाले शिव का प्रतिनिधित्व करती है।
- इस मूर्ति में उनके ऊपरी दाएं हाथ में डमरू (सृजन का प्रतीक) और ऊपरी बाएं हाथ में अग्नि (विनाश का प्रतीक) प्रदर्शित है।
- उनका दूसरा दाहिना हाथ अभय मुद्रा प्रदर्शित कर रहा है, जबकि दूसरा बायां हाथ उनके उठे हुए बाएं पैर की ओर इशारा कर रहा है, जो कि मोक्ष मार्ग का प्रतीक है।
- नटराज की इस मूर्ति में शिव को ‘अर्द्धनारीश्वर’ के रूप में दाहिने कान में पुरुष का कुंडल और बाएं कान में महिला का कुंडल पहने प्रदर्शित किया गया है।
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12. 72 व्यापारी, चीन में किसके कार्यकाल में भेजे गए थे?
(a) कुलोत्तुंग-1
(c) राजराज-1
(b) राजेंद्र-1
(d) राजाधिराज-1
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (a) कुलोत्तुंग-1
- 1077 में, चोल वंश के राजा कुलोत्तुंगा-प्रथम ने सद्भावना के संकेत के रूप में 72 व्यापारियों के एक समूह को चीन भेजा।
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13. निम्न में से दक्षिण भारत का कौन-सा राजवंश अपनी नौसैनिक शक्ति के लिए प्रसिद्ध था?
(a) चोल
(b) चेर
(c) पल्लव
(d) राष्ट्रकूट
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993, U.P. P.C.S. (Pre) 1992, U.P. P.C.S. (Pre) 2004]
उत्तर- (a) चोल
- चोल राजाओं के पास एक बड़ी, अच्छी तरह से प्रशिक्षित सेना और नौसेना थी।
- चोल नौसेना चोल साम्राज्य के विस्तार में मदद करने में बहुत महत्वपूर्ण थी, जिसमें सीलोन (श्रीलंका) पर कब्ज़ा करना और श्रीविजय, सिंहल और मालदीव पर हमला करना शामिल था।
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14. निम्नांकित राजवंशों में से किसके शासक अपने शासनकाल में ही अपना उत्तराधिकारी घोषित कर देते थे?
(a) चालुक्य
(b) चोल
(c) कदंब
(d) कलचुरि
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर-(b) चोल
- चोल सम्राट आमतौर पर अपने शासनकाल के दौरान एक “युवराज” (क्राउन प्रिंस) को चुनते थे जो उनके बाद साम्राज्य संभालेगा।
- अन्य शासकों ने भी इस भूमिका के लिए एक राजकुमार को नियुक्त किया।
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15.निम्नलिखित चोल शासकों में जिसने बंगाल की खाड़ी को ‘चोल झील’ का स्वरूप प्रदान कर दिया, वह कौन था?
(a) राजराज प्रथम
(b) राजेंद्र प्रथम
(c) अधिराज
(d) कुलोत्तुंग
[U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]
उत्तर-(b) राजेंद्र प्रथम
- राजेंद्र चोल-प्रथम भारत के एक शक्तिशाली राजा और महान सैन्य नेता थे।
- उन्होंने अपने पिता राजराजा चोल-प्रथम से गद्दी संभाली।
- राजेंद्र-प्रथम ने श्रीलंका पर विजय प्राप्त की और फिर महिपाल को हराकर गंगईकोंडा की उपाधि अर्जित की।
- उन्होंने अपने सम्मान में गंगईकोंडा चोलपुरम नामक एक नया शहर बसाया।
- चोल नौसेना इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली थी और उन्होंने बंगाल की खाड़ी को ‘चोल झील’ में बदल दिया।
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16. किस चोल राजा ने जत सेना प्रारंभ की थी?
(a) राजेंद्र चोल
(b) परांतक चोल
(c) राजराज प्रथम
(d) राजराज द्वितीय
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर-(c) राजराज प्रथम
- चोल साम्राज्य की महत्ता का वास्तविक संस्थापक परांतक द्वितीय (सुंदर चोल) का पुत्र अरिमोलिवर्मन था, जो 985 ई. में ‘राजराज के नाम से गद्दी पर बैठा।
- यह विजेता के साथ-साथ कुशल प्रशासक तथा महान निर्माता भी था।
- राजराज प्रथम ने एक स्थायी सेना तथा विशाल नौसेना का गठन किया।
- उसने समस्त भूमि की नाप कराई।
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17. चोल शासक का नाम बताइए, जिसने श्रीलंका के उत्तरी भाग पर विजय प्राप्त की।
(a) राजराज प्रथम
(b) राजेंद्र प्रथम
(c) पर्यंतक प्रथम
(d) आदित्य प्रथम
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (a) राजराज प्रथम
- राजराज-प्रथम ने श्रीलंका पर आक्रमण किया और अनुराधापुर को नष्ट कर दिया।
- उसने केवल उत्तरी भाग पर कब्ज़ा किया जबकि दक्षिण स्वतंत्र रहा।
- उसके पुत्र राजेंद्र-प्रथम ने फिर दक्षिण पर विजय प्राप्त की, जिससे वह पूरे देश का शासक बन गया।
- वह इस प्रक्रिया में महेंद्र वी को हराने में सक्षम थे।
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18. चोल राजाओं में किस एक ने सीलोन (Ceylon) पर विजय प्राप्त की थी?
(a) आदित्य I
(b) राजराज I
(c) राजेंद्र I
(d) विजयालय
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर-(c) राजेंद्र I
- राजराज-प्रथम ने श्रीलंका में जाकर अनुराधापुर को नष्ट कर दिया।
- उसने केवल उत्तरी भाग पर कब्ज़ा किया जबकि दक्षिण अलग रहा।
- उनके बेटे, राजेंद्र-प्रथम ने तब दक्षिणी द्वीप पर कब्ज़ा कर लिया, जिससे उन्हें पूरे श्रीलंका (सीलोन) पर नियंत्रण करने की अनुमति मिल गई।
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19.वह चोल राजा कौन था, जिसने श्रीलंका को पूर्ण स्वतंत्रता दी और सिंहल राजकुमार के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर दिया था?
(a) कुलोत्तुंग 1
(b) राजेंद्र 1
(c) अधिराजेंद्र
(d) राजाधिराज 1
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) कुलोत्तुंग 1
- सीलोन के राजा विजयबाहु ने कुलोत्तुंगा-प्रथम के समय में सिंहल द्वीप को स्वतंत्र घोषित कर दिया, लेकिन कुलोत्तुंगा ने अमित्रतापूर्ण व्यवहार नहीं किया और इसके बजाय अपनी बेटी से विवाह कर लिया।
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20. नीचे दो कथन दिए गए हैं, जिनमें से एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है-
कथन (A): हमें चोलों के विषय में उनके पूर्ववर्ती राजवंशों की अपेक्षा अधिक जानकारी है।
कारण (R): चोल शासकों ने मंदिरों की दीवारों पर अभिलेख उत्कीर्ण करने का चलन प्रारंभ किया, जिनमें उनकी विजयों के ऐतिहासिक विवरण दिए जाते थे।
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R). (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सत्य है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- हम चोलों के बारे में उनसे पहले के लोगों की तुलना में अधिक जानते हैं।
- राजराज प्रथम और राजेंद्र प्रथम ने मंदिर की दीवारों पर संदेश लिखे।
- राजराज प्रथम ने अपने पूर्वजों की विजयों की कहानियाँ लिखने और संग्रहित करने की परंपरा शुरू की।
- उनके बाद के राजाओं ने भी इस परंपरा को कायम रखा।
- इसका मतलब यह है कि कथन और कारण दोनों सत्य हैं, इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।
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21. भारत के इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
शब्द |
विवरण |
1. एरिपत्ति |
भूमि, जिससे मिलने वाला राजस्व अलग से ग्राम जलाशय के रख-रखाव के लिए निर्धारित कर दिया जाता था। |
2. तनियूर |
एक अकेले ब्राह्मण अथवा एक ब्राह्मण समूह को दान में दिए गए ग्राम |
3. घटिका |
प्रायः मंदिरों के साथ संबद्ध विद्यालय |
उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) केवल 3
(c) 2 और 3
(d) 1 और 3
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(d) 1 और 3
- यहां वह सूची है जो सही ढंग से मेल खाती है:
- एरीपट्टी: वह भूमि जिसका उपयोग गाँव के तालाबों की देखभाल के लिए किया जाता था
- तनियूर: बहुत बड़े गाँव जो एक इकाई के रूप में चलाए जाते थे
- घटिका: स्कूल आमतौर पर मंदिरों के पास होते हैं
- अतः, (1) और (3) सही उत्तर हैं।
|
22. निम्न में से कौन-सी संस्था विदेशी व्यापार से संबंधित थी?
(a) श्रेणी
(b) नगरम
(c) नानादेशि
(d) मणिग्राम
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(c & d) नानादेशि & मणिग्राम
- प्राचीन भारत में, सरेनी व्यापारियों, व्यापारियों और कारीगरों सहित लोगों का एक समूह था।
- व्यापारी नगरम नगर में व्यापार करते थे।
- नानाडेसिस और मणिग्रामा, व्यापारियों के दो संघ, होयसला साम्राज्य के सबसे बड़े व्यापारिक संघों में से एक थे।
- उनके अन्य देशों सहित कई स्थानों से मजबूत संबंध थे।
|
23. प्राचीन भारत का निम्नलिखित में से कौन-सा महत्वपूर्ण व्यापार केंद्र उस व्यापार मार्ग पर था, जो कल्याण को वेंगी से जोड़ता था?
(a) तगर
(b) श्रीपुर
(c) त्रिपुरी
(d) ताम्रलिप्ति
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (a) तगर
- तगारा कल्याण और वेंगी के बीच स्थित एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था।
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24. चालुक्य वंश का सबसे महान शासक कौन था?
(a) विक्रमादित्य
(b) मंगलेश
(c) पुलकेशिन द्वितीय
(d) पुलकेशिन प्रथम
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (c) पुलकेशिन द्वितीय
- पुलकेशिन द्वितीय चालुक्यों का बहुत शक्तिशाली नेता था जिसने 610 से 642 ई. तक शासन किया।
- ऐहोल शिलालेख उसकी सफलताओं की कहानी कहता है।
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25. निम्नलिखित में से किस वंश द्वारा प्रायः महिलाओं को प्रशासन में उच्च पद प्रदान किए जाते थे?
(a) चोल
(b) चालुक्य
(c) पाल
(d) सेन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर-(b) चालुक्य
- चालुक्य शासन में महिलाओं को महत्वपूर्ण भूमिका दी गई।
- रानी चंद्रादित्य की बहन विजया भट्टारिका ने अपने नाम से दो ताम्रपत्र भी जारी किये थे और वह एक महान कवयित्री थीं।
- उनके भाई विजयादित्य ने अपनी बहन कुमकुम देवी के सुझाव पर एक विद्वान ब्राह्मण को एक गाँव दे दिया।
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26. चालुक्यों की राजधानी कहां थी?
(a) वातापी
(b) श्रावस्ती
(c) कांची
(d) कन्नौज
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (a) वातापी
- वर्तमान में बीजापुर जिले (कर्नाटक) के वातापी के पुराने शहर को बादामी कहा जाता है।
- छठी से सातवीं शताब्दी के दौरान यह चालुक्यों का शहर था।
- वातापी में चालुक्य वंश का पहला नेता पुलकेशिन था।
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27.कवि कालिदास के नाम का उल्लेख किसमें हुआ है?
(a) इलाहाबाद स्तंभ लेख में
(b) ऐहोल के उत्कीर्ण लेख में
(c) अलपादुदान लेख में
(d) हनुमकोंडा उत्कीर्ण लेख में
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर-(b) ऐहोल के उत्कीर्ण लेख में
- एहोल शिलालेख राजा पुलकेशिन द्वितीय के बारे में जानने का एक विश्वसनीय तरीका है।
- इसे रविकीर्ति ने संस्कृत और दक्षिणी ब्राह्मी में लिखा था।
- अंत में, लेखक ने कहा कि इसे लिखने के कारण वह कवि कालिदास और भारवि जितने प्रसिद्ध थे।
- एहोल शिलालेख में कालिदास का नाम उल्लेखित है।
|
28. किस शासक ने सिंहल द्वीप के विरुद्ध 642 ई. में दो समुद्री अभियान भेजा था?
(a) राजाराम
(b) नरसिंह वर्मन 1
(c) कीर्ति वर्मन 1
(d) जयसिंह 1
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर-(b) नरसिंह वर्मन 1
- नरसिम्हा वर्मन प्रथम एक राजा थे जिन्होंने 630-668 ईस्वी तक दक्षिणी भारत में शासन किया था।
- उन्हें महामल्ल (महान पहलवान) कहा जाता था।
- उनके शासनकाल के दौरान, प्रसिद्ध पंच रथ मंदिरों का निर्माण किया गया था।
- उसने चालुक्य साम्राज्य की राजधानी (वातापी) पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दिया और वातापीकोंडा की उपाधि धारण की।
- 642 ई. में, उसने एक राजकुमार की सहायता के लिए दो जहाज सीलोन (जिसे अब श्रीलंका के नाम से जाना जाता है) भेजा।
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29. प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में प्राप्य ‘यवनप्रिय’ शब्द द्योतक था-
(a) एक प्रकार के उत्कृष्ट भारतीय मलमल का
(b) हाथी दांत का
(c) नृत्य के लिए यवन राजसभा में भेजी जाने वाली नर्तकियों का
(d) काली मिर्च का
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(d) काली मिर्च का
- भारतीय काली मिर्च सबसे महंगे रोमन रसोइयों के बीच बहुत लोकप्रिय थी।
- इसीलिए इसे संस्कृत में ‘यवनप्रिय’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह यूनानियों का पसंदीदा था।
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30. ‘हल्बी’ किस भाषा परिवार से संबद्ध है?
(a) आर्य
(b) द्रविड़
(c) मुंडारी
(d) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (a) आर्य
- हल्बी पूर्वी भारत में बोली जाने वाली एक प्रकार की भाषा है जो उड़िया और मराठी का मिश्रण है।
- यह उड़िया और देवनागरी दोनों लिपियों का उपयोग करके लिखा गया है।
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31. तोल्काप्पियम ग्रंथ संबंधित है-
(a) प्रशासन से
(b) विधि से
(c) व्याकरण और काव्य से
(d) उपर्युक्त सभी से
[U.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर-(c) व्याकरण और काव्य से
- तोलकाप्पियम द्वितीय संगम काल का एक पुराना पाठ है और यह तमिल साहित्य का सबसे पुराना ज्ञात पाठ है।
- इसे टोलकाप्पियार ने लिखा था, जो संत अगस्त्य के छात्र थे।
- यह व्याकरण और काव्य के बारे में एक पुस्तक है और यह एक विशिष्ट शैली में लिखी गई है।
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32. शिलप्पादिकारम का लेखक था-
(a) इलंगो
(b) परणर
(c) करिकाल
(d) विष्णुस्वामिन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर- (a) इलंगो
- इलंगो आदिगल, जो चोल राजा करिकाल के पोते थे, ने तमिल साहित्य सिलप्पादिकारम लिखा था।
- यह महाकाव्य कन्नगी और उसके पति कोवलन की दुखद कहानी कहता है।
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33. सूची-1 के पदों को सूची-11 के पदों के साथ सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए कूटों से सही उत्तर चुनिए:
सूची-I |
सूची-II |
A. तिरुक्कुरल |
1. प्रेम कथा |
B. तोल्काप्पियम |
2. दर्शन |
C. शिल्पादिकारम |
3. वणिक कथा |
D. मणिमेकलै |
4. व्याकरण |
कूट :
A B C D
(a) 1 2 4 3
(b) 2 3 4 1
(c) 4 2 3 1
(d) 2 4 1 3
[U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]
उत्तर-(d) 2 4 1 3
- सूची-I और सूची-II का सही सुमेलन है –
सूची-I |
सूची-II |
तिरुक्कुरल |
दर्शन |
तोल्काप्पियम |
व्याकरण |
शिल्पादिकारम |
प्रेम कथा |
मणिमेकले |
वणिक कथा |
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34.शैव संतों के लेखन के संग्रह को पांचवां वेद भी समझा जाता है। उपर्युक्त संग्रह का नया नाम है?
(a) तोल्कापियम
(b) शिल्पादिकारम
(c) मणिमेकलै
(d) तिरुमुराय
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(d) तिरुमुराय
- तिरुमुराय 6वीं से 11वीं शताब्दी के दौरान तमिल में लिखी गई शिव को समर्पित गीतों की बारह पुस्तकों का संग्रह है।
- यह विभिन्न लेखकों के कार्यों से बना है।
- तिरुमुराय, वेदों और शैव आगमों के साथ, भारत के दक्षिण में शैव सिद्धांत दर्शन का मुख्य आधार हैं।
|
35.प्राचीन दक्षिण भारत में संगम साहित्य के बारे में, निम्नलिखित कथनों में कौन-सा एक सही है?
(a) संगम कविताओं में भौतिक संस्कृति का कोई संदर्भ नहीं है।
(b) वर्ण का सामाजिक वर्गीकरण संगम कवियों को ज्ञात था।
(c) संगम कविताओं में समर शौर्य का कोई संदर्भ नहीं है।
(d) संगम साहित्य में जादुई ताकतों को असंगत बताया गया है।
[I.A.S. (Pre) 2022]
उत्तर-(b) वर्ण का सामाजिक वर्गीकरण संगम कवियों को ज्ञात था।
- संगम साहित्य, तमिल साहित्य का सबसे प्राचीन उपलब्ध अंश है।
- संगम काल में रचित कविताओं से तत्कालीन दक्षिण भारत की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक आदि दशाओं का ज्ञान होता है।
- संगम कविताओं के माध्यम से हमें तत्कालीन दक्षिण भारत की भौतिक संस्कृति का भी ज्ञान होता है।
- वर्ण का सामाजिक वर्गीकरण संगम कवियों को ज्ञात था।
- तमिल समाज उत्तर भारतीय समाज की भांति वर्गभेद पर आधारित था, जबकि संगम कविताओं में समर शौर्य के वर्णन के साथ-साथ जादुई ताकतों में भी विश्वास व्यक्त किया गया है।
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36. ईसा की प्रारंभिक शताब्दियों में भारत तथा रोम के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंधों की सूचना किस पुरास्थल की खुदाइयों से प्राप्त होती है?
(a) मदुरै
(b) ताम्रलिप्ति
(c) तोंडी
(d) अरिकामेड
[U.P.P.C.S. (Pre) 2001, U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002, U.P.P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर-(d) अरिकामेड
- भारत में अरीकेमेडु में, पांडिचेरी के करीब, एक पुरातात्विक स्थल पर एक आदमी की पत्थर की नक्काशी पाई गई थी जिसे बाद में ऑगस्टस सीज़र के रूप में पहचाना गया था।
- इसके अलावा, मोतियों और रत्नों की खोज की गई, जिससे यह निष्कर्ष निकला कि पुरावशेष रोमन साम्राज्य के थे।
- डबरुइल ने अरिकामेडु को “सच्चे रोमन शहर” के रूप में संदर्भित किया और पेरिप्लस में इसका नाम पोडुके रखा गया।
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37. एम्फोरा जार होता है, एक-
(a) छिद्रयुक्त जार
(b) लंबा एवं दोनों तरफ हत्थेदार जार
(c) चित्रित घूसर जार
(d) काला और लाल मिट्टी का जार
[U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]
उत्तर-(b) लंबा एवं दोनों तरफ हत्थेदार जार
- एम्फोरा जार एक पुराना कंटेनर है जिसमें लंबी, पतली गर्दन और दोनों तरफ दो हैंडल होते हैं।
- इसका उपयोग प्राचीन रोम में शराब और तेल को संग्रहित करने के लिए किया जाता था।
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38. निम्नलिखित राजवंशों में किसका उल्लेख संगम साहित्य में नहीं हुआ है?
(a) कदंब
(b) चेर
(e) चोल
(d) पाण्ड्य
[41st B.P.S.C. (Pre) 1996]
उत्तर- (a) कदंब
- संगम साहित्य चोल, चेर और पांड्य राजवंशों की शुरुआत और सफलताओं के बारे में बात करता है।
- कदम्ब वंश का उल्लेख साहित्य में नहीं मिलता।
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39. धार्मिक कविताओं का संकलन ‘कुरल’ किस भाषा में है?
(a) ग्रीक
(b) तमिल
(c) तेलुगू
(d) पालि
[M.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर-(b) तमिल
- तिरुवल्लुवर, एक प्रसिद्ध कवि, ने कुरल लिखा, जिसे व्यापक रूप से तमिल साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली टुकड़ा माना जाता है, जिसे ‘मुप्पल’ के नाम से भी जाना जाता है।
- ऐसा कहा जाता है कि तिरुवल्लुवर को भगवान ब्रह्मा ने भेजा था।
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40. निम्नलिखित में से कौन तमिल रामायणम या रामावतारम का लेखक था?
(a) कंबन
(b) कुट्टन
(c) नन्नय
(d) टिक्कण
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर-(a) कंबन
- कम्बन ने 12वीं शताब्दी में रामावतारम की कहानी लिखी, जिसे तमिल रामायणम भी कहा जाता है।
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41.मध्यकालीन भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. तमिल क्षेत्र के सिद्ध (सित्तर) एकेश्वरवादी थे तथा मूर्तिपूजा की निंदा करते थे।
2. कन्नड़ क्षेत्र के लिंगायत पुनर्जन्म के सिद्धांत पर प्रश्नचिह्न लगाते थे तथा जाति अधिक्रम को अस्वीकार करते थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) 1 और 2 दोनों
- सिद्धों का उल्लेख संगम काल से किया गया है, लेकिन सिद्ध शब्द संगम साहित्य में नहीं मिलता है।
- यह दक्षिण भारत में शैव धर्म, सिद्धांत दर्शन और तंत्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शुरुआत और विकास से जुड़ा है।
- सिद्ध परिष्कृत एकेश्वरवाद के पक्षधर हैं और मूर्ति पूजा का विरोध करते हैं।
- इस प्रकार, कथन (1) सटीक है।
- कन्नड़ क्षेत्र के लिंगायत ने जाति की अवधारणा को चुनौती दी जो कुछ ब्राह्मण समूहों से जुड़ी थी।
- उन्होंने पुनर्जन्म के विचार पर भी सवाल उठाया।
- उन्होंने विधवाओं के पुनर्विवाह का समर्थन किया और युवावस्था से पहले विवाह को मंजूरी नहीं दी।
- इस प्रकार, कथन (2) भी सही है।
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42.सूची-I और सूची-II को सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए हुए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए-
सूची-I |
सूची-II |
A. गुप्त |
1. बादामी |
B. चंदेल |
2. पनमलै |
C. चालुक्य |
3. खजुराहो |
D. पल्लव |
4. देवगढ़ |
कूट :
(a) A-4, B-3, C-1, D-2
(b) A-4. B-2, C-3, D-1
(c) A-2, B-3, C-4, D-1
(d)A-3, B-4, C-1, D-2
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर-(a) A-4, B-3, C-1, D-2
- सूची-I और सूची-II का सही सुमेलन है –
सूची-I |
सूची-II |
गुप्त |
देवगढ़ |
चंदेल |
खजुराहो |
चालुक्य |
बादामी |
पल्लव |
पनमलै |
- दशावतार मंदिर उत्तर प्रदेश के देवगढ़ में स्थित है और गुप्त काल का है।
- खजुराहो क्षेत्र अपनी खूबसूरत चंदेल कला के लिए जाना जाता है, जिसमें विष्णु, शिव और जैन देवताओं को समर्पित लगभग 25 मंदिर शामिल हैं।
- सबसे प्रसिद्ध मंदिर कंदरिया महादेव है।
- चालुक्यों की राजधानी बादामी, कर्नाटक और पनामालाई में थी।
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43. निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्राचीन भारत में व्यापारियों का निगम था?
(a) चतुर्वेदीमंगलम्
(b) परिषद
(c) अष्टदिग्गज
(d) मणिग्रामम्
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर-(d) मणिग्रामम्
- दक्षिण भारत के मणिग्रामम, नंदेसी और वलंजियार जैसे शहरों में, अलग-अलग संघ थे जो वाणिज्य और उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए बनाए गए थे।
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44. दक्षिणी भारत का प्रसिद्ध ‘तक्कोलम का युद्ध’ हुआ था-
(a) चोल एवं उत्तर चालुक्यों के मध्य
(b) चोल एवं राष्ट्रकूटों के मध्य
(c) चोल एवं होयसल के मध्य
(d) चोल एवं पाण्ड्यों के मध्य
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर-(b) चोल एवं राष्ट्रकूटों के मध्य
- चोल राजा परांतक-प्रथम के पुत्र राजादित्य ने पश्चिमी गंगा और वैदुनबास के एक समूह के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसका नेतृत्व राष्ट्रकूट राजा कृष्ण-तृतीय ने ताक्कोलम की लड़ाई नामक लड़ाई में किया था।
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45. चोल साम्राज्य को अंततः किसने समाप्त किया?
(a) महमूद गजनवी ने
(b) बख्तियार खिलजी ने
(c) मुहम्मद गौरी ने
(d) मलिक काफूर ने
[U. P. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर- (d) मलिक काफूर ने
- 1250 ई. के आसपास, होयसल और पांड्य साम्राज्यों ने चोल राजा राजेंद्र तृतीय पर विजय प्राप्त की, जिससे 1279 ई. तक चोल राजवंश का अंत हो गया।
- फिर 1310 ई. में मलिक काफ़ूर ने दक्षिण भारत पर आक्रमण किया और यादवों पर कब्ज़ा कर लिया।
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46. संगम युग में ‘उरैयूर’ किसलिए विख्यात था?
(a) मसालों के व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र
(b) कपास के व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र
(c) विदेशी व्यापार का महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र
(d) आंतरिक व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर-(b) कपास के व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र
- संगम काल के दौरान उरैयूर एक महत्वपूर्ण शहर था, जो तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) में कावेरी नदी के पास स्थित था।
- इसे कोली और वरनम कहा जाता था और यह कपास का मुख्य उत्पादक था।
- इसका उल्लेख “पेरिप्लस ऑफ़ द एरिथ्रेन सी” में मिलता है।
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47. उदियंजीरल किस वंश से संबंधित था?
(a) चेर वंश
(b) पाण्ड्य वंश
(c) चोल वंश
(d) सातवाहन वंश
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (a) चेर वंश
- उदियंजीरल चेर वंश से संबंधित था।
- चेर राज्य आधुनिक केरल प्रांत में स्थित था।
- यह संगम युग का प्रथम ऐतिहासिक शासक था।
- अनुश्रुतियों के अनुसार इसने महाभारत के युद्ध में भाग लेने वाले सभी योद्धाओं को भोजन कराया था।
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48. पाण्ड्य राज्य की जीवन रेखा कौन-सी नदी थी?
(a) गोदावरी
(b) कृष्णा
(c) तुंगभद्रा
(d) वेंगी
[U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2010]
उत्तर-(d) वेंगी
- वेंगी नदी पांड्य राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी।
- इसकी शुरुआत तमिलनाडा के मदुरै के पास हुई। पंड्या कावेरी नदी के दक्षिण में स्थित था और इसमें आधुनिक मदुरा और त्रावणकोर के कुछ हिस्से शामिल थे।
- इसका मुख्य नगर मदुरा था।
- वेंगी नदी के पास की भूमि अत्यधिक उपजाऊ होने के लिए प्रसिद्ध थी।
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49. निम्नलिखित में से कौन-से संगम पत्तन पश्चिमी तट पर स्थित थे? नीचे दिए कूट से सही उत्तर चुनिए-
1. कोरकै
2. पुहार
3. तोंडी
4. मुशिरि
कूट :
(a) केवल 1 एवं 2
(b) केवल 2 एवं 3
(c) केवल 3 एवं 4
(d) केवल 4 एवं 1
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर-(c) केवल 3 एवं 4
- एक अज्ञात यूनानी नाविक द्वारा लिखी गई प्रसिद्ध पुस्तक ‘पेरिप्लस ऑफ द एरिथ्रियन सी’ में कई अलग-अलग बंदरगाहों की सूची है।
- पश्चिमी तट के मुख्य बंदरगाह नौरा, टोंडी, मुशिरी और नेलिसंडा थे।
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50. संगम कालीन साहित्य में ‘कोन’, ‘को’ एवं ‘मन्नन’ किसके लिए प्रयुक्त होते थे?
(a) प्रधानमंत्री
(b) राजस्व मंत्री
(c) सेनाधिकारी
(d) राजा
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(d) राजा
- संगम पाठ में कहा गया है कि राजा को कोन, को और मन्नान कहा जाता था।
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51. तृतीय संगम हुआ था –
(a) अरिकामेड में
(b) इरनाकुलम में
(c) मदुरई में
(d) तूकोरिन में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर-(c) मदुरई में
- संगम कवियों या विद्वानों का एक सम्मेलन है।
- इस सभा के दौरान विद्वानों द्वारा लिखी गई कोई भी बात ‘संगम साहित्य’ कहलाती है।
- इनमें से तीन बैठकें भारत के दक्षिण में हुईं और इन्हें पांड्य राजाओं का समर्थन प्राप्त था।
- प्रथम संगम
- स्थान – मदुरई
- अध्यक्षता – अगस्त्य ऋषि
- द्वितीय संगम
- स्थान – कपाटपुरम (अलैवाई)
- अध्यक्षता – अगस्त्य ऋषि बाद में तोल्काप्पियर
- तृतीय संगम
- स्थान – मदुरई
- अध्यक्षता – नक्कीरर
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52.किस ऋषि के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने दक्षिण भारत का आर्यकरण किया, उन्हें आर्य बनाया?
(a) विश्वामिन्त्र
(b) अगस्त्य
(c) वशिष्ठ
(d) सांभर
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(b) अगस्त्य
- अगस्त्य एक बुद्धिमान व्यक्ति थे जिनके बारे में कहा जाता है कि वे आर्य संस्कृति को दक्षिणी भारत में लाए थे।
- ऐसा माना जाता है कि देवताओं के कहने पर वह दक्षिण की ओर चले गये और वहीं रहने लगे।
- उन्हें तमिल साहित्य के निर्माता के रूप में भी जाना जाता है।
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53. सूची-I और सूची-11 को सुमेलित कीजिए और नीचे दिए हुए कूट से सही उत्तर चुनिए-
सूची-I |
सूची-II |
A. चालुक्य |
1. मदुरई |
B. पल्लव |
2. कन्नौज |
C. हर्ष |
3. बादामी |
D. पाण्ड्य |
4. कांचीपुरम् |
कूट :
A B C D
(a) 3 4 2 1
(b) 4 3 2 1
(c) 1 4 2 3
(d) 1 3 2 4
[U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2004]
उत्तर- (a) 3 4 2 1
- सही सुमेलित शासक राजवंश और उनकी राजधानियाँ इस प्रकार हैं –
सूची- I |
सूची- II |
A. चालुक्य |
बादामी |
B. पल्लव |
कांचीपुरम |
C. हर्ष |
कन्नौज |
D. पंड्या |
मदुरै |
- बादामी वह शहर था जहां चालुक्यों ने शासन किया था और पुलकेशिन-द्वितीय उनका सबसे प्रसिद्ध राजा था।
- उनके बारे में विवरण रविकीर्ति द्वारा लिखित एहोल शिलालेख में मिलता है।
- कांचीपुरम पल्लवों की राजधानी थी और हर्ष और उसकी बहन राज्यश्री ने मिलकर कन्नौज पर शासन किया था।
- अंत में, मदुरै शहर बहुत पुराना है और इस पर पांड्यों का शासन रहा है।
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54. भारत के इतिहास में निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिए-
1. राजा भोज के अधीन प्रतिहारों का उदय
2. महेंद्रवर्मन -। के अधीन पल्लव सत्ता की स्थापना
3. परांतक -। द्वारा चोल सत्ता की स्थापना
4. गोपाल द्वारा पाल राजवंश की संस्थापना
उपर्युक्त घटनाओं का, प्राचीन काल से आरंभ कर, सही कालानुक्रम क्या है?
(a) 2-1-4-3
(b) 3-1-4-2
(c) 2-4-1-3
(d) 3-4-1-2
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(c) 2-4-1-3
- महेंद्रवर्मन ने 600-630 ई. में पल्लव साम्राज्य की शुरुआत की।
- गोपाल ने 750 ई. में पाल वंश की शुरुआत की।
- मिहिरा भोज (या भोज प्रथम) ने 836-885 ई. में गुर्जर प्रतिहार वंश पर शासन किया।
- परांतक प्रथम 907-953 तक तमिलनाडु में चोल साम्राज्य का राजा था।
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55.निम्नलिखित में से कौन-सी जोड़ी (6वीं से 12वीं शताब्दी तक दक्षिण भारत का राज्य एवं उसकी राजधानी) सुमेलित नहीं है?
(a) पल्लव – कांचीपुरम्
(b) पाण्ड्य – मदुरै
(c) चेर – पुडुचेरी
(d) चोल – तंजौर
(e) होयसल – द्वारसमुद्र
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) चेर – पुडुचेरी
- चेर दक्षिण भारत में स्थित एक क्षेत्र था, जिसकी राजधानी वांची थी।
- यह क्षेत्र वर्तमान केरल राज्य में था और कुछ भाग तमिलनाडु में था।
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56. निम्नलिखित पल्लव शासकों का नाम उनके राज्यकाल को दृष्टिगत रखते हुए सही कालानुक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए और नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए
1. परमेश्वरवर्मन I
2. नरसिंहवर्मन I
3. नन्दिवर्मन II
4. महेंद्रवर्मन I
कूट :
(a) 4, 2, 1, 3
(b) 4, 3, 1, 2
(c) 1,3, 2, 4
(d) 3, 2, 1, 4
[U.P.B.E.O. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) 4, 2, 1, 3
- प्रश्नानुसार पल्लव राजा के शासनकाल का कालक्रम इस प्रकार है –
- महेंद्रवर्मन प्रथम – (600-630 ई.)
- नरसिंहवर्मन प्रथम – (630-668 ई.)
- परमेश्वरवर्मन प्रथम – (लगभग 670-700 ई.)
- नंदिवर्मन द्वितीय – (731-795 ई.)
- अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
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57. निम्न में से किस चीनी यात्री ने चालुक्यों के शासनकाल में चीन एवं भारत के संबंधों का विवरण दिया है?
(a) फाह्यान
(b) ब्रेनसांग
(c) इसिग
(d) मात्वालिन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर-(d) मात्वालिन
- मात्वालिन एक चीनी खोजकर्ता थे जिन्होंने चालुक्यों के शासन के दौरान चीन और भारत के बीच संबंधों के बारे में लिखा था।
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58. किस राजवंश ने उत्तर भारत पर शासन नहीं किया है?
(a) चालुक्य
(b) राजपूत
(c) गुप्त
(d) मौर्य
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) चालुक्य
- चालुक्य राजवंश ने मुख्य रूप से दक्कन और दक्षिणी भारत पर शासन किया और उनकी राजधानी बादामी (वातापी) में स्थित थी।
- पुलकेशिन-द्वितीय इस वंश का पहला शासक था और उसने 618 ई. में हर्षवर्द्धन को हराया था।
- इसके अतिरिक्त, चालुक्य राजवंश की छोटी शाखाएँ भी थीं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध कल्याणी के चालुक्य थे।
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59. निम्नलिखित में से किस राजा ने अपने मंत्रियों को पशुओं पर क्रूरता पर प्रतिबंध लगाने के लिए काशी क्षेत्र भेजा था?
(a) चालुक्य राजा सिद्धराज जयसिंह
(b) चालुक्य राजा कुमारपाल
(c) चोल राजा कुलोत्तुंग I
(d) कश्मीरी राजा जयसिंह
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर-(b) चालुक्य राजा कुमारपाल
- कुमारबाला चालुक्य वंश के राजा थे जिन्होंने 29 वर्षों तक शासन किया।
- वह जैन थे और जैन विद्वान रामचन्द्र के शिष्य थे।
- कई जैन इतिहासकारों ने उनके जीवन के बारे में लिखा।
- वह जैन रीति-रिवाजों का पालन करते थे और पशु क्रूरता के खिलाफ थे, इसलिए उन्होंने काशी क्षेत्र में जानवरों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए अपने मंत्री को भेजा।
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60. कदंब राजाओं की राजधानी थी-
(a) तंजौर
(b) वनवासी
(c) कांची
(d) बादामी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर-(b) वनवासी
- वनवासी कदम्ब शासकों की राजधानी थी।
- कदंब वंश की शुरुआत मयूरशर्मन ने की थी।
- अंततः पुलकेशिन-द्वितीय ने कदंब राज्य पर कब्ज़ा कर लिया।
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61. निम्नलिखित में से कौन-सा एक काकतीय राज्य में अति महत्वपूर्ण समुद्र पत्तन था?
(a) काकीनाडा
(b) मोटुपल्ली
(c) मछलीपत्तनम (मसूलीपत्तनम)
(d) नेल्लुरु
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(b) मोटुपल्ली
- मोटुपल्ली काकतीय राज्य में एक अति महत्वपूर्ण समुद्र पत्तन था।
- यह समुद्र पत्तन वर्तमान में आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है।
- इटली यात्री मार्कोपोलो ने इस स्थान का दौरा किया था।
- मार्कोपोलो ने काकतीय राजाओं के शासनकाल के दौरान के आंध्र प्रदेश की समृद्धि और शक्ति के बारे में उल्लेख किया है।
- तेरहवीं शताब्दी के मध्य के गणपति राजाओं द्वारा जारी मोटुपल्ली शिलालेख से यह ज्ञात होता है कि इस पत्तन से कपूर, गुलाब जल, हाथी दांत, मोती, मूंगा, रेशम, काली मिर्च आदि वस्तुओं का आयात-निर्यात किया जाता था।
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62. दक्षिण भारत के किस वंश के राजा ने रोम राज्य में एक दूत 26 ई.पू. में भेजा था?
(a) चोल
(b) चेर
(c) पाण्ड्य
(d) चालुक्य
[M.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर-(c) पाण्ड्य
- 26 ईसा पूर्व में, दक्षिण भारत के पांड्य राजा ने रोमन साम्राज्य में एक प्रतिनिधि भेजा।
- दक्षिण भारतीय क्षेत्र में पांड्य राजवंश लंबे समय तक सत्ता में था और उनकी राजधानी मदुरै थी।
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63. रोमन साम्राज्य से व्यापारिक संबंध किसने स्थापित किए?
(a) कुषाण
(b) चेर
(c) पश्चिमी शक
(d) वाकाटक
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[67 B.P.S.C. (Re. Exam) (Pre) 2022]
उत्तर-(b) चेर
- रोम साम्राज्य के साथ भारत के व्यापार का आरंभ संगम काल में चेर राज्य के साथ आरंभ हुआ था।
- अरिकामेडु से कई रोमन वस्तुएं प्राप्त हुई हैं।
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64. मीनाक्षी मंदिर स्थित है-
(a) मदुरई में
(b) पुदुकोट्टै में
(c) श्री रंगम में
(d) तंजावुर में
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992, U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर- (a) मदुरई में
- मीनाक्षी मंदिर मदुरै में स्थित है, जो पांड्यों की राजधानी हुआ करती थी।
- प्राचीन काल में, दो बैठकें, जिन्हें प्रथम और तृतीय संगम के नाम से जाना जाता है, यहां आयोजित की गईं और उनकी अध्यक्षता आचार्य अगस्त्य ने की थी।
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65. सुमेलित कीजिए-
A. मीनाक्षी मंदिर |
1. तिरुमाल (आंध्र प्रदेश) |
B. वेंकटेश्वर मंदिर |
2. मदुरई (बालाजी विश्वनाथ) |
C. महाकाल मंदिर |
3. हावड़ा (प. बंगाल) |
D. बेलूर मठ |
4. उज्जैन |
कूट :
A B C D
(a) 1 2 3 4
(b) 2 1 4 3
(c) 4 3 1 2
(d) 3 4 2 1
[M.P. P.C.S. (Pre) 1994]
उत्तर-(b) 2 1 4 3
- सही मिलान वाली सूची इस प्रकार है –
A. मीनाक्षी मंदिर |
मदुरै (बालाजी विश्वनाथ) |
B. वेंकटेश्वर मंदिर |
तिरुमाला (आंध्र प्रदेश) |
C. महाकाल मंदिर |
उज्जैन |
D. वेल्लोर मठ |
हावड़ा (पश्चिम बंगाल) |
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66. दक्षिण भारत के मंदिरों के आकर्षक द्वार क्या कहलाते हैं?
(a) शिखर
(b) गोपुरम्
(c) देवालय
(d) मंडपम्
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर-(b) गोपुरम्
- दक्षिण के मंदिरों के आकर्षक द्वार को ‘गोपुरम्’ कहते हैं।
- पाण्ड्यों तथा चोलों के राज्यकाल में द्रविड़ शैली पनपती रही।
- पाण्ड्य काल में मंदिर छोटे होते थे, किंतु उनके प्रांगण के चारों ओर अनेक प्राचीर बनाए जाते थे।
- इनके प्रवेश द्वार, जिन्हें ‘गोपुरम्’ कहा जाता था, मव्य विशाल और प्रचुर मात्रा में शिल्पकारिता से अलंकृत होते थे।
- चोल कालीन वास्तुकला की विशेषता मंदिर नहीं, अपितु गोपुरम् है।
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